Friday 26 July 2024

भूख नहीं थी कल रात, कुछ भी खाने का मन नहीं था। लेकिन जब पराँठा बना तो पाँच पराँठे खा गया। और विद्वान लोग कहते हैं पराँठा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

भूख नहीं थी कल रात, कुछ भी खाने का मन नहीं था। लेकिन जब पराँठा बना तो पाँच पराँठे खा गया। 

और विद्वान लोग कहते हैं पराँठा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। 

ना जाने क्यों मुझे बचपन से ही वही सब चीजें पसंद हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है... जैसे कि पराँठा, मसालेदार तेज मिर्च वाली दाल तड़का, मसालेदार सब्जियाँ, चाय, कॉफी, चाउमीन, ब्रेड पकौड़ा, प्याज की सब्ज़ी, टमाटर की चटनी, आलू-बैंगन का भर्ता....

प्रायोजित महामारी काल के बाद से ही स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों की ऐसी बाढ़ आयी है, कि घबराहट हो रही है कि कहीं इस बाढ़ में पूरी मानव जाति ही न बह जाये और मेरे जैसे कुछ सरफिरे ही बचे रह जाएँ।

हर जगह यही बताया जा रहा है ये मत खाओ, वो मत खाओ, ये मत पीयो, वो मत पीयो। प्याज, लहसुन, मसूर की दाल, मशरूम, टमाटर, बैंगन तो पहले ही सात्विक लोगों के परहेज लिस्ट में सबसे ऊपर थी। और अभी थोड़ी देर पहले कहीं देखा कि विद्वान व्यक्ति बता रहा था कि चाय पीने से हड्डियाँ गलती हैं इसलिए चाय नहीं पीना चाहिए।

यदि चाय पीने से हड्डियाँ गलती हैं, तो चीन, जापान, आसाम के नागरिक तो हजारों वर्ष पहले ही सड़ गल गए होते ?

क्योंकि चाय पीने का चलन तो चीन में 4 हज़ार वर्ष पुराना है। 

दुनिया भर का परहेज बताया जा रहा है, लेकिन यह नहीं हो रहा कि प्रिजरवेटिव कैमिकल्स को बैन करवा दें। इन विद्वानों को यह नहीं पता कि ना तो चाय हानिकारक है, ना कॉफी, ना तेल, ना घी, ना कोई अन्य खाद्य पदार्थ। हानिकारक है तो इन्हें पैक करने में प्रयोग किया जाने वाला प्रिजर्वेटिव्स और वे कैमिकल्स जो इन्हें तैयार करने और उगाने में प्रयोग किए जाते हैं, वे पेस्टिसाइट्स (कीटनाशक) जो किसानी में प्रयोग किए जाते हैं।

और हानिकारक हैं वे एलोपैथिक दवाएं, जो पोटली भर-भर कर खाते हैं लोग प्रायोजित बीमारियों से बचने के लिए। हानिकारक हैं वे सुरक्षाकवच जो पूरे विश्व को बंधक बनाकर चेपा जाता है जबर्दस्ती चन्दा और कमीशन के लालच में सरकारों के द्वारा।

~ #विशुद्ध_चैतन्य ✍️

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