Sunday, 11 May 2025

ज्योतिष के दर्पण में भारत पाकिस्तान के युद्ध का परिणाम

ज्योतिष के दर्पण में भारत पाकिस्तान के युद्ध का परिणाम -डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर 7017713978

पहलगाम हम लोग के शैतानी कृत्य और निर्दोष मारे गए 27 लोगों के जघन्य हत्याकांड को संज्ञान लेकर भारत के द्वारा एक सैन्य अभियान का प्रारंभ 7 मई को बिल्कुल भोर में 1:05 पर हवाई हमले के साथ प्रारंभ किया गया और इस वायु आक्रमण के द्वारा पाकिस्तान को भयानक क्षति भी पहुंची यह छोटा युद्ध जिसे सैया झड़प भी कह सकते हैं अभी भी चल रहा है और देश-विदेश के लोग तमाम शंकाएं व्यक्त करते हुए अपना-अपना आकलन प्रस्तुत कर रहे हैं और बहुत से लोग तो परमाणु युद्ध की आशंका से भयाक्रांत हैं लेकिन हमारे ज्योतिष के दर्पण में क्या कुछ होगा पिछले 47 वर्षों की गणना और भविष्यवाणी के अनुक्रम में लाखोंभविष्यवाणियों की तरह मैं यह बिल्कुल स्पष्ट रूप से बहुत ही गहन और सूक्ष्म गणनाओं के परिणाम स्वरूप बता रहा हूं-

जिस समय भारत का वायु आक्रमण शुरू हुआ उसे समय सिंह राशि और मकर लग्न चल रहा था सूर्य और शनि की युक्ति बहुत अच्छी और बलवान मानी जाती है उसे समय सूर्य और शुक्र उच्च दशा में थे जब के बुध और मंगल नीच दशा में थे जो तनाव को बढ़ाते हैं और युद्ध को आगे तक ले जाते हैं शुक्र की महादशा चल रही थी जिसके कारण संघर्ष विराम होने के बाद भी युद्ध कभी भी फिर प्रारंभ हो सकता है 

शुक्र में मंगल की अंतर्दशा भारत को निर्णायक बढ़त दिलाता है क्योंकि मंगल युद्ध का देवता है और सूर्य के साथ उच्च स्थान में है और सूर्य राजनीति का और सिविल सेवाओं का सर्वोच्च बिंदु माना जाता है वैशाख शुक्ल पक्ष दसवीं की तिथि थी और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र द्वितीय चरण चल रहा था स्वाभाविक बात है कि इससे चारों तरफ तनावपूर्ण विषैला वातावरण निर्मित हुआ अगर यही आक्रमण दिन में 12:50 पर हुआ होता तो भारत को निर्णायक बढ़त मिल जाती और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत में मिल जाता और बलूचिस्तान भी स्वतंत्र हो जाता लेकिन राहुकाल के चलते ऐसा संभव नहीं हो सका कुंडली में लग्न स्थान द्वितीय और खष्टम दशम एकादश और द्वादश भाव खाली है ।


जबकि पराक्रम भाव में शुक्र बुध शनि और राहु है जिसमें एक उच्च और एक निम्न है अतः युद्ध का ना कोई निर्णायक परिणाम होगा और ना उस भारत को एक इंच जमीन की प्राप्ति होगी और ना कोई लाभ होगा सूर्य चतुर्थ सुख के भाव में है और इस प्रकार इस युद्ध का अंत सुखद होगा बहुत अधिक खून खराबा भारतीय पक्ष का नहीं होगा लेकिन शत्रु पक्ष अर्थात पाकिस्तान के भीषण बर्बादी होगी बृहस्पति संतान भाव में शुक्र की राशि में है इसलिए यहां भी भारत को लाभ की स्थिति दिख रही है जबकि मंगल दशा में किया गया आक्रमण बहुत स्थाई और लाभकारी एवं प्रभावशाली नहीं होता है ।

चंद्रमा मृत्यु के स्थान पर बैठा हुआ है जो जल्दी ही फिर इस वातावरण को तनाव ग्रस्त करके और अधिक मौत को कारित करेगा सूर्य के प्रभावी होने से यहां पर भारत को फिर बढ़त मिल रही है लेकिन यहीं पर अमेरिका और रूस के साथ चीन भी दोहरा राजनीतिक और कूटनीतिक खेल-खेल कर भारत को बिना किसी लाभ के युद्ध विराम करने को विवश कर देगा जहां तक इस युद्ध के आगे चलने की बात है तो वह बहुत अधिक नहीं चल पाएगा लेकिन पाकिस्तान में सेना और सत्ता में भीषण मतभेद होगा और पाकिस्तान के दो-तीन नेताओं का अचानक निधन होना और कुछ का मर जाना नई स्थिति पैदा कर सकता है ।


राहुकाल के प्रभावी होने के कारण भारत बलूचिस्तान के विरुद्ध मिलकर पाकिस्तान के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही नहीं कर सका इसलिए पाकिस्तान का संकट एक बार फिर से टल गया है लेकिन यह युद्ध विराम स्थाई नहीं होगा आने वाले समय में एक बार फिर से भीषण आतंकवादी हमला पूरे भारत में होगा और भारत के बीच भीतर छिपे हुए तमाम सफेदपोश देशद्रोही गद्दार पकड़े जाएंगे और जिसके परिणाम स्वरूप भारत में बढ़ते जन दबाव के बीच एक बड़ा युद्ध संभव है। चार ग्रहों की स्थितियां यह बताते हैं कि पाकिस्तान को पर्दे के पीछे चार देशों का गहरा सहयोग मिल रहा है इसलिए पाकिस्तान को विशेष डर और भय नहीं है ।


ग्रह गोचर और कुंडली तथा पंचांग के दर्पण में है स्पष्ट है कि यह युद्ध किसी भी हाल में 12 से 15 में तक समाप्त हो जाएगा लेकिन पाकिस्तान कुछ समय चुप रहने के बाद अचानक भारत पर भीषण आतंकवादी हमले को अंजाम देने लगेगा और अचानक एक भीषण युद्ध छिड़ने के आसार वर्षा और जाड़े की संधि बेला में दिख रहे हैं इसलिए भारत को विशेष सावधान रहना चाहिए चतुर्ग्रही योग बताता है कि पाकिस्तान के पीछे कई दर्जन देशों का अप्रत्यक्ष सहयोग बना हुआ है इसलिए पाकिस्तान इतना कमजोर नहीं है जितना दिखता है कुंडली और ग्रहों के नेतृत्व के अनुसार पाकिस्तान का सबसे प्रबल समर्थन बांग्लादेश और भारत में बैठे कुछ लोग कर रहे हैं इस बात को भारतीयनेतृत्व को ध्यान में रखना होगा ग्रहों की स्थितियां ही मोदी जी को कोई भी लाभ लेने और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करने से रोक रहे हैं अन्यथा वे विश्व के महानायक बन सकते थे। 


राहुकाल और ग्रहों की निम्न स्थितियों और राहु केतु के वक्री होने के कारण भारत इस युद्ध से कोई लाभ की स्थिति नहीं पा सकता है और यह युद्ध 12 म ई से 15 म ई के बीच समाप्त हो जाएगा एक प्रकार से इस युद्ध का निर्णय बिना किसी निर्णय के समाप्त होगा और पाकिस्तान के भीषण विनाश के बाद भी भारत को कोई भी लाभ हासिल होता नहीं देख रहा है यह मैं बिल्कुल स्पष्ट निडर और निष्पक्ष रूप से कह रहा हूं और कुंडली में यह भी दिख रहा है कि पाकिस्तान पर लगाया गया प्रतिबंध और भारत और पाकिस्तान के बीच हर प्रकार का प्रतिबंध अधिक दिन नहीं टिक सकेगा इसके साथ कुंडली और ग्रह नक्षत्रों की स्थिति के कारण पाकिस्तान के लाखों करोड़ों लोगों को भारत का शीर्ष नेतृत्व पाकिस्तान में नहीं भेज पाएगा ऐसा दिखाई पड़ रहा है वर्ष 2025 का अंत और 2026 का प्रारंभ भारत में एक नई सुबह होने का स्पष्ट रूप से दिशा निर्देश कर रहा है इस युद्ध से भारत का मान सम्मान और यश कीर्ति बढ़ता हुआ प्रतीत नहीं हो रहा है

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