Friday 31 March 2023

नोनी स्वास्थ्य का महा सागर है, महा ग्रन्थ है तभी इसके ऊपर अभी भी रिसर्च चल रही हैं...**नोनी के बारे में विशेष जानें..**स्वस्थ त्वचा के लिए अमृतमयी नोनी...*ऑक्सीडेटिव तनाव, त्वचा के समय से पहले बूढ़ा होने का प्रमुख कारण है।

 *नोनी स्वास्थ्य का महा सागर है, महा ग्रन्थ है तभी इसके ऊपर अभी भी रिसर्च चल रही हैं...*
*नोनी के बारे में विशेष जानें..*
*स्वस्थ त्वचा के लिए अमृतमयी नोनी...*
ऑक्सीडेटिव तनाव, त्वचा के समय से पहले बूढ़ा होने का प्रमुख कारण है। 

इसलिए आपकी त्वचा पर मुक्त कणों के नुकसान के प्रभाव को बेअसर करने के लिए सभी एंटीऑक्सिडेंट लेने की जरूरत है।

नोनी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है क्योंकि इसमें सभी एंटीऑक्सिडेंट विटामिन, खनिज और लगभग 200 फाइटोकेमिकल्स होते हैं, इस प्रकार यह इस स्थिति में बहुत मदद करता है।

हमारा शरीर मुक्त मूलक प्रेरित कोशिका क्षति से बचाने के लिए अंतर्जात रक्षा तंत्र के साथ विकसित हुआ है।

ग्लूटाथियोन पेरोक्सीडेज, कैटेलेज और सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेस हमारे शरीर में तीन प्राथमिक एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम हैं, जो हमारे शरीर से मुक्त कणों या प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों के सीधे उन्मूलन में शामिल हैं।

उन्हें सेलेनियम, लोहा, तांबा, जस्ता, और मैंगनीज जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों को उनके गठन और इष्टतम उत्प्रेरक और प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के लिए सहकारक के रूप में आवश्यकता होती है।

नोनी में सभी ट्रेस खनिज होते हैं जो एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट रक्षा तंत्र के लिए उन तीन महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट एंजाइमों की इष्टतम उत्प्रेरक गतिविधि में मदद करते हैं।  

कई अन्य आहार एंटीऑक्सिडेंट जिन्हें फाइटोन्यूट्रिएंट्स या फाइटोकेमिकल्स के रूप में जाना जाता है, जिन्हें उनकी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के लिए तेजी से सराहा जा रहा है।

एक उदाहरण फ्लेवोनोइड्स है जो पॉलीफेनोलिक यौगिकों का एक समूह है।
वे नीले, लाल और नारंगी जैसे विभिन्न शानदार रंगों के लिए जिम्मेदार हैं।  

नोनी में सभी फ्लेवोनोइड सहित 200 से अधिक फाइटोकेमिकल्स होते हैं।

नोनी एक प्रोटीन नियामक के रूप में भी कार्य करता है और कोलेजन फाइबर के नुकसान को रोकता है जिससे त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।

हमारा नोनी जूस तो विशेषतः स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सर्वोत्तम है क्योंकि हमारे नोनी जूस के 10ml में आपको मिलता है...
2000mg नोनी
300mg अश्वगंधा
100mg गरसेनिया कम्बोजिया

: *सेंधा नमक के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ*
लोग घर पर सेंधा नमक का कई कार्यों में इस्तेमाल करते हैं।
इसके अलावा भी इस नमक के कई सौन्दर्य और स्वास्थ्य गुण हैं।

सेंधा नमक मैग्नीशियम और सल्फेट नामक कंपाउंड्स से बना हुआ है।
घर के काम, बगीचे के काम, स्वास्थ्य तथा सौंदर्य के क्षेत्र में भी सेंधा नमक नमक के कई गुण हैं।

अगर आप नहाने के दौरान सेंधा नमक का प्रयोग करते हैं तो यह आपको कई फायदे प्रदान करता है।
सेंधा में मौजूद सल्फर और मैग्नीशियम शरीर आसानी से सोख लेता है।
इससे आप स्नान करते हुए भी स्वास्थ्य में वृद्धि कर सकते हैं।
हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मैग्नीशियम काफी बड़ी भूमिका निभाता है।

यह 325 से ज्यादा एंजाइम्स को नियंत्रित करता है, सूजन से बचाता है, नसों और मांसपेशियों की कार्यशीलता में सहायता करता है तथा धमनियों को कड़ा होने से रोकता है।

इसके अलावा सल्फेट शरीर की अशुद्धियों को दूर करता है, शरीर में पोषक पदार्थों को सोखने में मदद करता है और माइग्रेन जैसे सिरदर्द से भी निपटने में सहायता करता है।

*सेंधा नमक के स्वास्थ्य लाभ*
सेंधा नमक (Epsom salt) दिल का दौरा पड़ने से रोकता है तथा शरीर का रक्त संचार सुचारू रूप से चलाकर दिल को कई अन्य समस्याओं से भी बचाता है।
यह धमनियों को लोचदार बनाता है तथा खून के थक्के को जमने से रोकता है। इस तरह ये दिल के दौरे का ख़तरा भी टाल देता है।

*पब्लिक डिमांड पर एक बार फिर...*
मुखयतः महिलाओं और बच्चों की सबसे बड़ी समस्या
*कैल्शियम की कमी.!*
एक बेहद असरदार प्रयोग, जिससे हड्डियाँ बन जाएँगी फौलाद..!
● आज के समय में अधिकतर लोग शरीर में कैल्शियम की कमी से जूझ रहे है.!
● कैल्शियम की कमी के कारण शरीर में दर्द लगातार बना रहता है.!
● महिलाओं एवं बच्चों में यह समस्या ज्यादा पायी जाती है.!
● तरह तरह की कैल्शियम की टेबलेट्स खाकर भी समस्या का समाधान नहीं होता.!
● इन्ही समस्याओं के निवारण के लिए एक बेहद असरदार प्रयोग पर आज चर्चा की जाएगी.!

*सामग्री:-*
*(1) हल्दी गाँठ 1 किलो*
*(2) बिना बुझा चूना 2 किलो*

*बनाने की विधि:–*
● सबसे पहले किसी मिट्टी के बर्तन में चूना डाल दें.!
● अब इसमें इतना पानी डाले की चूना पूरा डूब जाये.!
● पानी डालते ही इस चूने में उबाल सी उठेगी.!
●जब चूना कुछ शांत हो जाए
● तो इसमें हल्दी डाल दें
● और किसी लकड़ी की सहायता से ठीक से मिक्स कर दे..!
● इस हल्दी को लगभग
● दो माह तक इसी चूने में पड़ी रहने दे.!
● जब पानी सूखने लगे
● तो इतना पानी अवश्य मिला दिया करे जिससे यह सूखने न पाए..!
● दो माह बाद हल्दी को निकाल कर ठीक से धो लें फिर सुखाकर पीस ले और किसी कांच के बर्तन में रख लें.!

*सेवन विधि:-*
*(1). वयस्क :-*
3 ग्राम मात्रा दिन में दो बार गुनगुने दूध में मिलाकर दें।

*(2). बच्चे :–*
1 से 2 ग्राम मात्रा गुनगुने दूध में मिलाकर दिन में दो बार दें।

*इसके लाभ:-*
● कुपोषण, बीमारी या खानपान की अनियमितता के कारण शरीर में आई कैल्शियम की कमी बहुत जल्दी दूर हो जाती है और शरीर में बना रहने वाला दर्द ठीक हो जाता है।

● ये दवा बढ़ते हुये बच्चों के लिए एक अच्छा हड्डियों का टॉनिक (Bone Tonic) का काम करती है और लम्बाई बढ़ाने में बहुत ही लाभदायक है।

● टूटी हड्डी न जुड़ रही हो या घुटनों और कमर में दर्द रहता हो तो अन्य दवाओं के साथ इस हल्दी का भी प्रयोग करें। बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे।

*सावधानी:-*
*जिन व्यक्तियों को पथरी की समस्या है वो न लें।*

: *अद्भुत अश्वगंधा :*
*आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा में, अश्वगंधा का प्रयोग...*
*अश्वगंधा कई समस्याओं को,  दूर करने के लिए किया जाता है।*

*चाहे महिला हो या पुरुष दोनों के लिए,*
*अश्वगंधा  किसी वरदान से कम नहीं है।*

*अश्वगंधा में, भरपूर मात्रा में ऊर्जा, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन-सी, आयरन आदि तत्व पाए जाते हैं।*
*वहीं इसके अंदर*
*➡️ एंटी इन्फ्लेमेटरी,*
*➡️ एंटी बैक्टीरियल,*
*➡️ एंटी स्ट्रेस,*
*➡️ एंटीऑक्सीडेंट गुण भी स्थित होते हैं।*
*क्योंकि...*
*तनाव उनके हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करता है और इससे मासिक धर्म में देरी, अनियमित मासिक धर्म, मासिक धर्म क्रैम्प्स, प्रजनन संबंधी समस्याएं और चेहरे के बालों का विकास हो सकता है।*

*अश्वगंधा रक्त प्रवाह को,  उत्तेजित करता है।जो प्रजनन क्षमता में, सुधार करता है और मासिक धर्म चक्र को,  नियमित करता है।*

*अश्वगंधा तनाव से संबंधित मांसपेशियों के वजन को कम करने में, सहायता करता है।*

*इसके उपयोग से वजन नहीं बढ़ता है।*

*मांसपेशियों के विकास और शक्ति को बढ़ाने के लिए,*
*कम से कम 2 महीने तक,  500mg अश्वगंधा लेना चाहिए।*

*याददाश्त को बढ़ाने के लिए,  दिन में, 500 से 600mg अश्वगंधा लेना है।*

*इंफ्केशन को रोकने के लिए,  250mg अश्वगंधा आवश्यक है।*

*अश्वगंधा पाउडर को, घी में भूनकर, उसमें 1 खजूर या 1 चम्मच चीनी मिलाएं और सेवन करें।*
*इससे वजन बढ़ाने में,  सहायता मिल सकती है।*

*अश्वगंधा को , नाश्ते से, कम से कम 20 मिनट पहले या बाद में,  दिन में एक कप दूध के साथ, लेने से वजन बढ़ाने में सहायता मिल सकती है।*
*जबकि, अश्वगंधा को सुबह, रात या दिन में, किसी भी समय लिया जा सकता है।*

*विशेषज्ञों की मानें तो अश्वगंधा एक औषधि है।*
*लेकिन कुछ लोगों को इससे परहेज करने की आवश्यकता है, विशेषकर,  गर्भवती महिलाओं को , इसके सेवन से बचना चाहिए।*

*अगर गर्भवती महिलाएं, इसका निरंतर सेवन करती हैं, तो गर्भपात का भय हो सकता है।*
*ऐसा माना जाता है कि,*
*अश्वगंधा गर्भ निरोधक की तरह काम करता है।*

*अगर आप कब्ज समेत, पेट संबंधी किसी विकार के रोगी हैं तो, अश्वगंधा का सेवन बिल्कुल न करें।*
*इसके सेवन से उल्टी, डायरिया और पेट संबंधी रोग हो सकते हैं।* 

*रक्तचाप के मरीजों को भी,  अश्वगंधा के सेवन से दूर रहने की आवश्यकता है।* *विशेषकर, निम्न रक्तचाप के रोगी को, अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए।*
*इसके सेवन से, रक्तचाप कम होने का खतरा रहता है।*

*एक स्वस्थ व्यक्ति, अश्वगंधा की सूखी जड़ का,  3 से 6 ग्राम की मात्रा का सेवन कर सकता है।* 

: *साइलेंट किलर डायबिटीज...*
*कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती इसलिये हारिये न हिम्मत...*
सुगर का कण्ट्रोल ही नहीं जड़ से ही खत्म।
जी हां, कुदरती और आयुर्वेद तरीकों से पूरी तरह से मधुमेह का इलाज कर सकते हैं.!

*आसानी से मधुमेह का इलाज करने के दो आसान तरीके हैं:*

1.सुगर लेवल नार्मल करने के लिये
...To normalize sugar level

Take half tea spoon of Cardamom powder and mix it in half glass lukewarm water.
Take it empty stomach before brushing teeth for continuously30 days.
Your sugar level will become normal.
Check your sugar level before starting cardamom and after30 day.

दालचीनी का आधा चम्मच पाउडर को 1/2 गिलास गर्म पानी में डाल कर सुबह सुबह बिना मुँह धोये लगातार 30 दिनों तक लें।
30 दिनों में ही आपका सुगर लेवल नॉर्मल हो जायेगा।
अगर विश्वास न हो तो इसे इस्तेमाल करने के बाद अपना सुगर टेस्ट करवा लें।
100% सुगर लेवल नार्मल हो जायेगा।

2.सुगर लेवल को जड़  से खत्म करने के लिए
TO CURE DIABETES PERMANENTLY

1.मेथी का दना 
FENUGREEK SEEDS
100 ग्राम

2.तेज पत्ता
INDIAN BAY LEAVES
100 ग्राम

3.जामुन की गुठली -
JAMBUL SEEDS
(Eugenia jambolana)
150 ग्राम

4.बेलपत्र के पत्ते -
BAEL LEAVES
(Aegle marmelos)
-250 ग्राम

Dry all above under the sun.
Grind it and make powder.
Dosage
Take 1.5 tsp powder daily empty stomach before one hour for 90 days regularly.
Sugar will be cured permanently.
Then go for a check and I am sure that you will get rid of diabetes.

इन चारो को धूप में सुखा लें और इन सबका मिक्सी में पाउडर बना लें, बस दवा तैयार है !!
इसे सुबह शाम (खाली पेट)
एक से डेड चम्मच खाना खाने से एक घण्टा पहले गरम पानी के साथ लगातार 90 दिनों तक लगातार इसका सेवन करें !! 

(सुबह उठ कर पेट साफ करने के बाद ले लीजिये।)

सुगर जड़ से खत्म हो जायेगी।

अगर भरोसा नही होता तो सुगर लेवल टेस्ट करवा लीजिये।

मुझे विश्वास है कि आप डायबिटीज मुक्त हो जायेंगे।

स्वस्थ रहें मस्त रहें

 *अगर ऐसा है या हो रहा है तो...???*
(1). यूरिन बूंद बूंद करके आता हो या फिर ना आ रहा हो तो 50 ग्राम प्याज एक लीटर पानी में डालें और उबाल कर ठंडा होने के बाद छान ले। अब इसमें थोड़ा सा शहद डालें और दिन में तीन बार पिए। पेशाब खुलकर न आना, पेशाब में दर्द और जलन जैसी परेशानियों में इस घरेलू नुस्खे से राहत मिलेगी।
 
(2). किडनी में संक्रमण या किसी अन्य रोग की वजह से अगर पेशाब आना बंद हो जाए या पेशाब में किसी प्रकार की रुकावट आ जाये तो इसके देसी इलाज के लिए मूली के रस का सेवन करे।

(3). पेशाब पीला आ रहा हो तो थोड़ी सी शक्कर शहतूत के रस में मिलाकर पियें, इससे पेशाब का रंग साफ़ होगा।

(4). पेशाब का रुक रुक कर आना हो या फिर पेशाब की कोई और समस्या हो इसके घरेलू  ट्रीटमेंट के लिए हल्का गुनगुना पानी पीना सबसे अच्छा उपाय है।

(5). नींबू के बीज पीस कर इसे पेट की नाभि पर मलें और ऊपर से थोड़ा ठंडा पानी डाले। इस देसी तरीके से रुका हुआ पेशाब आने लगेगा।

(6). रुका हुआ पेशाब खुलकर आये इसके लिए चीनी और जीरा बराबर मात्रा में पीस ले और इसके दो चम्मच ले।

(7). खरबूजा और ककड़ी के रस का सेवन करने से पेशाब ज्यादा बनती है। जिन लोगों को पेशाब ना बनने या कम बनने की समस्या हो उन्हें इनका सेवन जरूर करना चाहिए।

(8). पेशाब की रुकावट दूर करने के लिए गरम दूध में थोड़ा सा गुड मिलाकर पिए। परेशानी जादा होने की स्थिति में ये उपाय दिन में दो बार करे।

(9). मूली और शलगम खाने से भी रुक रुक कर पेशाब का आना ठीक होता है।

(10). केले के तने का रस चार चम्मच और दो चम्मच घी मिलाकर दिन में दो बार लेने से पेशाब खुल कर आने लगता है।

: *कब्ज के लिए प्राकृतिक उपचार*
कब्ज होने का अर्थ है आपका पेट ठीक तरह से साफ नहीं हुआ है या आपके शरीर में तरल पदार्थ की कमी है।

कब्ज के दौरान व्यक्ति तरोजाता महसूस नहीं कर पाता।

अगर आपको लंबे समय से कब्ज रहता है और आपने इस बीमारी का इलाज नहीं कराया है तो ये एक भयंकर बीमारी का रूप ले सकती है।

कब्ज होने पर व्यक्ति को पेट संबंधी दिक्कते भी होती हैं, जैसे पेट दर्द होना, ठीक से फ्रेश होने में दिक्कत होना, शरीर का मल पूरी तरह से न निकलना इत्यादि।

कब्ज के लिए प्रभावी प्राकृतिक उपचार तो मौजूद है ही, साथ ही इस उपचार के माध्यम से भी कब्ज को परमानेंट दूर भी किया जा सकता है।

*आइए जानें, कब्ज के लिए कौन-कौन से प्राकृतिक उपचार उपलब्ध हैं...*

➡️ कब्ज होने पर अधिक मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है, गर्म पानी पीने से फ़ायदा होता हैं।
पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है।
इसलिये कब्ज से परेशान रोगियों के लिये सर्वोत्तम सलाह तो यह है कि मौसम के मुताबिक 24 घंटे में 3 से 5 लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये।
सुबह उठते ही सवा लिटर पानी पीयें।
फ़िर 3-4 किलोमिटर तेज चाल से भ्रमण करें।
शुरू में कुछ अनिच्छा और असुविधा महसूस होगी लेकिन धीरे धीरे आदत पड जाने पर कब्ज जड से मिट जाएगी।

➡️ कब्ज के रोगी को तरल पदार्थ व सादा भोजन जैसे दलिया, खिचड़ी इत्यादि खाना चाहिए।

➡️ कब्ज के दौरान कई बार सीने में भी जलन होने लगती हैं। ऐसे में एसीडिटी होने और कब्ज होने पर शक्कर और घी को मिलाकर खाली पेट खाना चाहिए।

➡️ हरी सब्जियों और फलों जैसे पपीता, अंगूर, गन्ना, अमरूद, टमाटर, चुकंदर, अंजीर फल, पालक का रस या कच्चा पालक, किश्मिश को पानी में भिगोकर खाने, रात को मुनक्का खाने से कब्ज दूर करने में मदद मिलती है।

➡️ दरअसल, पानी और तरल पदार्थों की कमी कब्ज का मुख्य कारण है। तरल पदार्थों की कमी से मल आंतों में सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। जिससे कब्ज रोगी को खांसी परेशानी होने लगती है।

➡️ इसबगोल की भूसी कब्ज में परम हितकारी है। दूध या पानी के साथ 2-3 चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त लेना फ़ायदे मंद है। दस्त खुलासा होने लगता है। यह एक कुदरती रेशा है और आंतों की सक्रियता बढाता है।

➡️ खाने में हरे पत्तेदार सब्जियों के अलावा रेशेदार सब्जियों का सेवन खासतौर पर करना चाहिए। इससे शरीर में तरल पदार्थों में बढ़ोत्तरी होती है।

➡️ चिकनाई वाले पदार्थ भी कब्ज के दौरान लेना अच्छा रहता है।

➡️ गर्म पानी और गर्म दूध कब्ज दूर करते हैं। रात को गर्म दूध में केस्टर यानी अरंडी का तेल डालकर पीना कब्ज को दूर करने में कारगार है।

➡️ नींबू को पानी में डालकर, दूध में घी डालकर, गर्म पानी में शहद डालकर पीने से कब्ज दूर होती है। सुबह-सुबह गर्म पानी पीने से भी कब्ज को दूर करने में बहुत मदद मिलती है।

➡️ अलसी के बीज का पाउडर पानी के साथ लेने से कब्ज में राहत मिलती है
इस तरह के प्रभावी प्राकृतिक उपचार और आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से कब्ज को स्थायी रूप से आसानी से दूर किया जा सकता है।

➡️ दो सेव प्रतिदिन खाने से कब्ज में लाभ होता है।

➡️ अमरूद और पपीता ये दोनो फ़ल कब्ज रोगी के लिये अमॄत समान है। ये फ़ल दिन मे किसी भी समय खाये जा सकते हैं। इन फ़लों में पर्याप्त रेशा होता है और आंतों को शक्ति देते हैं। मल आसानी से विसर्जित होता है।

➡️ अंगूर मे कब्ज निवारण के गुण हैं। सूखे अंगूर याने किश्मिश पानी में 3 घन्टे गलाकर खाने से आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है। जब तक बाजार मे अंगूर मिलें नियमित रूप से उपयोग करते रहें।

➡️ अंजीर कब्ज हरण फ़ल है। 3-4 अंजीर फ़ल रात भर पानी में गलावें। सुबह खाएं। आंतों को गतिमान कर कब्ज का निवारण होता है।

➡️ मुनक्का में कब्ज नष्ट करने के गुण हैं।
7 नग मुनक्का रोजाना रात को सोते वक्त लेने से कब्ज रोग का स्थाई समाधान हो जाता है।

*हाई कोलेस्ट्रॉल को जल्द कंट्रोल करने के लिए अचूक हैं ये घरेलू नुस्खे, आज से ही करें इस्तेमाल.!*
खराब कोलेस्ट्रॉल कई स्वास्थ्य समस्याओं के खतरने में डाल सकता है।

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के उपाय करना जरूरी है।

आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने के साथ कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने कारगर तरीके अपना सकते हैं।

यहां बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने के घरेलू उपाय हैं....

*खास बातें...*
हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है!
यहां हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के घरेलू नुस्खे हैं.!

रोजाना अपनी डाइट में शामिल करें ये 4 चीजें और पाएं हेल्दी कोलेस्ट्रॉल.!

दिल की बीमारी के लिए प्राकृतिक या पूरक उपचार अक्सर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, रक्तचाप को कम करने और दिल के स्वास्थ्य में सुधार करने का लक्ष्य रखते हैं.!

कुछ प्राकृतिक चीजों को कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए नैदानिक रूप से जाना जाता है.!

खराब और बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल कई स्वास्थ्य समस्याओं के खतरने में डाल सकता है.!

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के घरेलू उपचार काफी लाभकारी हो सकते हैं.!

खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोग दिल की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.!

इन्हीं बीमारियों में से एक बीमारी कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा होना भी है.!

बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की वजह से सबसे ज्यादा जिस बीमारी का खतरा रहता है वो है हार्ट अटैक.!

इसके अलावा किडनी फेल होना और किडनी स्टोन जैसी कई समस्याएं भी इसकी वजह से हो सकती हैं.!

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के उपाय करना जरूरी है.!
आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने के साथ कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने कारगर तरीके अपना सकते हैं.!

यहां हेल्दी कोलेस्ट्रॉल के लिए कुछ कमाल के घरेलू उपायों के बारे में बताया गया है... 

*कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण..*
(1). तनाव में रहना
(2). अनबैलेंस्ड डाइट लेना
(3). शराब का सेवन करना
(4). आनुवांशिक

*हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करेंगे ये घरेलू नुस्खे..*
*(1). खाली पेट खाएं लहसुन..*
लहसुन में एलीसिन नामक तत्व पाया जाता है जो हार्ट के आर्टिज्म का साफ करने के साथ ब्लड प्रेशर को भी नॉर्मल करने में मदद करते हैं.!
रोजाना 3-4 लहसुन की कली खाने से शरीर में मौजूद हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद कर सकती हैं.!

*(2). अखरोट का करें सेवन..*
अखरोट भी कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बराबर करने का काम करता है.!
इसे खाने से ब्लड वेसल्स जमा हुए कोलेस्ट्रॉल को धीरे धीरे पिघलाता है जिससे अपने आप ही कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बैलेंस होने लगती है.!
रोजाना अपनी डाइट में अखरोट को शामिल कर आप हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं.!

*(3). लाल प्याज खाएं*
अगर आप बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से परेशान हैं तो आपको लाल प्याज का सेवन करना चाहिए.!
लाल वाला प्याज भी कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करने का काम कर सकता है.!
इसके लिए बस आप एक चम्मच लाल प्याज के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर एक महीने तक लगातार खाएं.!

*(4). ओट्स भी असरदार..*
ओट्स का सेवन करने से भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।
इसमें ग्लूकॉन नाम का तत्व पाया जाता है।
यही ग्लूकॉन आंतों की सफाई करने का काम करता है। इससे शरीर कोलेस्ट्रॉल को अब्सॉर्प नहीं कर पाता.!
लगातार इसका सेवन करने से आपको असर दिखने लगेगा.!

: *अवसाद कहें या डिप्रेशन, हैं दोनों एक.!*
*2021 के मंदी, कम्पटीशन और महामारी के दौर में...*
अवसाद या डिप्रेशन का तात्पर्य मनोविज्ञान के क्षेत्र में मनोभावों संबंधी दुख से होता है।
इसे रोग या सिंड्रोम की संज्ञा दी जाती है।
आयुर्विज्ञान में कोई भी व्यक्ति डिप्रेशन की अवस्था में स्वयं को लाचार और निराश महसूस करता है।
उस व्यक्तिविशेष के लिए सुख, शांति, सफलता, खुशी यहाँ तक कि संबंध तक बेमानी हो जाते हैं।
उसे सर्वत्र निराशा, तनाव, अशांति, अरुचि प्रतीत होती है।
*[1] अवसाद के भौतिक कारण भी अनेक होते हैं।*
इनमें कुपोषण, आनुवांशिकता, हार्मोन, मौसम, तनाव, बीमारी, नशा, अप्रिय स्थितियों में लंबे समय तक रहना, पीठ में तकलीफ आदि प्रमुख हैं। 
इनके अतिरिक्त अवसाद के 90% रोगियों में नींद की समस्या होती है।

मनोविश्लेषकों के अनुसार अवसाद के कई कारण हो सकते हैं। 
यह मूलत: किसी व्यक्ति की सोच की बुनावट या उसके मूल व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। 

*अवसाद लाइलाज रोग नहीं है।*
इसके पीछे जैविक, आनुवांशिक और मनोसामाजिक कारण होते हैं। 
यही नहीं जैवरासायनिक असंतुलन के कारण भी अवसाद घेर सकता है।

*[2] इसकी अधिकता के कारण रोगी आत्महत्या तक कर सकते हैं।*

*[3] इसलिए परिजनों को सजग रहना चाहिए*
और उनके परिवार का कोई सदस्य गुमसुम रहता है, अपना ज्यादातर समय अकेले में बिताता है, निराशावादी बातें करता है तो उसे तुरंत किसी अच्छे मनोचिकित्सक के पास ले जाएं। 
उसे अकेले में न रहने दें। 
हंसाने की कोशिश करें।

*[4] मनोविश्लेषकों के अनुसार* प्राकृतिक तौर पर महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा अवसाद की शिकार कम बनती हैं, लेकिन अवांछित दबावों से वह इसकी शिकार हो सकती हैं। 
*इस कारण प्रायः माना जाता है कि महिलाओं को अवसाद जल्दी आ घेरता है।*
*इसके विपरीत पुरुष अक्सर अपनी अवसाद की अवस्था को स्वीकार करने से संकोच करते हैं।*

मोटे अनुमान के अनुसार दस पुरुषों में एक जबकि दस महिलाओं में हर पांच को अवसाद की आशंका रहती है।
अवसाद का संबंध मस्तिष्क के उन्हीं क्षेत्रों द्वारा होता है, जहां से निद्रा चक्र और जागरण की अवस्था नियंत्रित होती है।
अवसाद अक्सर दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर्स की कमी के कारण भी होता है। 
न्यूरोट्रांसमीटर्स दिमाग में पाए जाने वाले रसायन होते हैं जो दिमाग और शरीर के विभिन्न हिस्सों में तारतम्यता स्थापित करते हैं। 
इनकी कमी से भी शरीर की संचार व्यवस्था में कमी आती है और व्यक्ति में अवसाद के लक्षण दिखाई देते हैं। 
इस तरह का अवसाद आनुवांशिक होता है। 
अवसाद के कारण निर्णय लेने में अड़चन, आलस्य, सामान्य मनोरंजन की चीजों में अरुचि, नींद की कमी, चिड़चिड़ापन या कुंठा व्यक्ति में दिखाई पड़ते हैं। 
अवसाद के कारणों में इसका एक पूरक चिंता (एंग्ज़ायटी) भी है।

*[5] इसके उपचार में योगासन में प्राणायाम बहुत सहायक सिद्ध हुआ है।*
कई बार अतिरिक्त चिड़चिड़ापन, अहंकार, कटुता या आक्रामकता अथवा नास्तिकता, अनास्था और अपराध अथवा एकांत की प्रवृत्ति पनपने लगती है या फिर व्यक्ति नशे की ओर उन्मुख होने लगता है।
ऐसे में जरूरी है कि हम किसी योग्य मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिये। 
व्यक्ति को खुशहाल वातावरण दें। उसे अकेला न छोड़ें तथा छिन्द्रान्वेषण कतई न करें। 
उसकी रुचियों को प्रोत्साहित कर, उसमें आत्मविश्वास जगाएँ और कारण जानने का प्रयत्न करें।

*[6] अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने गहन शोध के बाद यह दावा किया है* कि यदि कोई व्यक्ति लगातार सकारात्मक सोच का अभ्यास करता है, तो वह उसके डिप्रेशन या अवसाद की स्थिति का एकमात्र इलाज हो सकता है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ फैमेली फिजिशियन का कहना है कि लोगों को नकारात्मक नहीं सोचना चाहिए। 
न ही विफलता के भय को लेकर चिंतित होते रहना चाहिए। 
इनकी बजाय हमेशा सकारात्मक सोच दिमाग में रखना चाहिए जो होगा अच्छा होगा।

*[7] घर में अन्य सदस्यों को अवसाद की बीमारी होने से भी यह परेशानी महिलाओं को जल्दी पकड़ती है।*
क्योंकि घर से लगाव पुरुषों के मुकाबले उन्हें ज्यादा होता है। 
इसके चलते कभी कभी उनमें आत्महत्या की इच्छा जोर मारने लगती है। 
इसलिए पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का अवसाद ज्यादा खतरनाक होता है। 
हालांकि इस महामारी, मंदी और कॉम्पटीशन के दौर में डिप्रेशन अब युवाओं को भी अपना शिकार बनाने लगा है इसलिए कोशिश यह रखनी चाहिए कि आप खुशनुमा पलों की तलाश करें और सकारात्मक सोच रखें।
इससे बचने के उपायों में व्यस्त रहकर मस्त रहना, अपने लिए समय निकालना, संतुलित आहार सेवन, अपने लिए समय निकालना और सामाजिक मेलजोल बढ़ाना मूल उपाय हैं।

*अगर फिर भी समस्या का समाधान न मिले तो तुरंत सम्पर्क करें, जड़ से समस्या खत्म हो जायेगी।*

: *क्या आप इनमें से किसी भी समस्या से परेशान हो तो मुझसे जरूर सम्पर्क करें क्योंकि हो सकता है कि आपकी समस्या का निवारण बगैर किसी दवाई के हो जाये...*
*निःशुल्क परामर्श*
 1- शुगर (मधुमेह)
 2- ब्लड प्रेशर (हाई/लो)
 3- हृदय रोग
 4- कोलेस्ट्रॉल
 5- दमा (अस्थमा)
 6- लकवा (पैरालिसिस)
 7- स्वाइन फ्लू
 8- थाइराॅयड
 9- माइग्रेन
10- थकान
11- अर्थराइटिस
12- गठिया
13- जोड़ों का दर्द
14- कमर में दर्द
15- बदन दर्द
16- एकाग्रता की कमी      
17- मोटापा
18- त्वचा/चर्म रोग
19- सोराइसिस
20- बवासीर
21- एसिडिटी
22- श्वसन सम्बन्धी
23- पाचन सम्बंधित 
24- लीवर से जुडी कोई भी परेशानी
25- अनिद्रा
26- अनीमिया (खून की कमी)
27- मानसिक तनाव
28- खांसी 
29- साईनस
30- पेट में गैस बनना
31- पैरो-हाथो मे जलन
32- आखों से संबंधित
33- स्वेद प्रदर (सफेद या गाढ़ा द्रव)
34- अनियमित मासिक धर्म 
35- बांझपन 
36- नपुंसकता   
37- पथरी
38- एलर्जी 
39- किसी भी प्रकार का नशा 
40- बच्चेदानी में रसोली
41- कैंसर 
42- भूख न लगना 
43- नसों की बलौकेज
44- टी बी/ क्षयरोग
45- दांतों की कोई भी समस्या
46- फाइलेरिया
47- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस
48 - फ्रोज़न शोल्डर
49 - टेनिस एल्बो
50 - डिप्रेशन

निःशुल्क परामर्श के लिए सम्पर्क करें...
*मौसम के बदले चरित्र को तो आप देख ही रहे होंगे इसलिये अपनी इम्युनिटी पर ध्यान दें और रखें सदैव अपने साथ "पंचतुलसी ड्रॉप्स"*

*जीवन रक्षक नेचर्स पंचतुलसी अर्क...*
*तुलसी मुख्यतः रूप से पांच प्रकार की पायी जाती है...*
*श्याम तुलसी,*
*राम तुलसी,*
*श्वेत/विष्णु तुलसी,*
*वन तुलसी और*
*नींबू तुलसी।*

*इन पांच प्रकार की तुलसी का अर्क निकाल कर पंचतुलसी का निर्माण किया जाता है।*

*तुलसी संसार की एक बेहतरीन*
*एंटी-ऑक्सीडेंट,*
*एंटी- बैक्टीरियल,*
*एंटी- वायरल,*
*एंटी- फ्लू,*
*एंटी-बायोटिक,*
*एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व*
*एंटी–डिजीज है।*

*(1). पंच तुलसी अर्क के एक बून्द एक ग्लास पानी में या दो बून्द एक लीटर पानी में डाल कर पांच मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए। इससे पेयजल विष और रोगाणुओं से मुक्त होकर स्वास्थवर्धक पेय हो जाता है।*

*(2). पंच तुलसी अर्क 200 से अधिक रोगो में लाभदायक है जैसे के फ्लू, स्वाइन फ्लू, डेंगू, जुखाम, खासी, प्लेग, मलेरिया, जोड़ो का दर्द, मोटापा, ब्लड प्रेशर, शुगर, एलर्जी, पेट के कीड़ो, हेपेटाइटिस, जलन, मूत्र सम्बन्धी रोग, गठिया, दमा, मरोड़, बवासीर, अतिसार, दाद, खाज, खुजली, सर दर्द, पायरिया, नकसीर, फेफड़ो सूजन, अल्सर, हार्ट ब्लोकेज आदि।*

*(3). पंच तुलसी एक बेहतरीन विष नाशक है और शरीर से विष (toxins) को बाहर निकालती है।*

*(4). पंच तुलसी स्मरण शक्ति को बढ़ाता है और साथ ही साथ शरीर के लाल रक्त सेल्स (Haemoglobin) को बढ़ने में अत्यंत सहायक है।*

*(5). पंच तुलसी भोजन के बाद एक बूँद सेवन करने से पेट सम्बन्धी बीमारियां बहुत काम लगाती है।* 

*(6). पंच तुलसी के 4–5 बूँदे पीने से महिलाओ को गर्भावस्था में बार बार होने वाली उलटी के शिकायत ठीक हो जाती है।*

*(7). आग के जलने व किसी जहरीले कीड़े के कांटने से पंच तुलसी को लगाने से विशेष रहत मिलती है।* 

*(8). दमा व खाँसी में पंच तुलसी अर्क की दो बुँदे थोड़े से अदरक के रस और शहद के साथ मिलाकर सुबह– दोपहर– शाम सेवन करे।*

*(9). यदि मुँह में से किसी प्रकार की दुर्गन्ध आती हो तो पंच तुलसी की एक बूँद मुँह में डाल ले दुर्गन्ध तुरंत दूर हो जाएगी।*

*(10). दांत का दर्द, दांत में कीड़ा लगना, मसूड़ों में खून आना आदि में पंचतुलसी की  4–5 बूँदे पानी में डालकर कुल्ला करने से तुरन्त आराम मिलता है।*

*(11). सर दर्द, बालो का झड़ना  बाल सफ़ेद होना व सिकरी आदि समस्याओं में पंचतुलसी की 8–10 बूंदे  हर्बल हेयर आयल के साथ मिलाकर सर, माथे तथा कनपटियों पर लगाये।*

*(12). पंच तुलसी के 8–10 बूँदे नारियल तेल में  मिलाकर शरीर पर मलकर रात्रि में सोये , मच्छर नहीं काटेंगे।*

*(13). कूलर के पानी में पंचतुलसी की 8–10 बूँदे डालने से सारा घर विषाणु और रोगाणु से मुक्त हो जाता है तथा मक्खी, मच्छर भी घर से भाग जाते है।*

*(14). पंचतुलसी में सुन्दर और निरोग बनाने की शक्ति है। यह त्वचा का कायाकल्प कर देती है। यह शरीर के खून को साफ करके शरीर को चमकीला बनती है।*

*(15). पंचतुलसी की दो बूँदे एलोवेरा जैल में मिलाकर चेहरे पर सुबह व रात को सोते समय लगाने पर त्वचा सुन्दर व कोमल हो जाती है तथा चेहरे से प्रत्येक प्रकार के काले धेरे, झाइयां, कील मुँहासे व झुरिया नष्ट हो जाती है।*

*(16). पंचतुलसी के नियमित उपयोग से कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होने लगता है, रक्त के थक्के जमने कम हो जाते है व हार्ट अटैक और कोलैस्ट्रोल की रोकथाम हो जाती है।*

*(17). पंचतुलसी को एलोवेरा जेल में  मिला कर लगाने से प्रसव के बाद पेट पर बनने वाले लाइने (स्ट्रेच मार्क्स) दूर हो जाते है।*

*l *MATCHLESS FOOD SUPPLIMENT (ELIXIR) ON EARTH*
*Trust it is..!*
*धरती का अमृत नोनी...*
*बेजोड़ आहार पूरक*
एक ऐसा प्राकृतिक वरदान जो किसी बीमारी का इलाज नहीं है लेकिन ऐसी कोई बीमारी नहीं जो इससे ठीक नहीं हो सकती है किडनी को छोड़कर।

● घर का डॉक्टर सबके लिये नोनी
● एक चमत्कारिक संजीवनी फल
● नोनी बड़े से बड़े रोग के लिए रामबाण
● शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता बूस्टर
● सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद।

मधुमेह, अस्थमा, गठिया, कैंसर, दिल, शीघ्रपतन, नपुंसकता, एड्स जैसी कई बीमारियों के लिये रामबाण।

● जीवन में उमंग और उत्साह बढ़ाये।
● बोटैनिकल नाम मोरिन्डा सिट्रीफोलिया
● औषधि की क्षमता को बेहतर बनाये।

*नोनी के अनेक नाम-*
हॉग एपल, चीज फल, लेड, दर्द निवारक वृक्ष
आच, आक, आल, वेन कट्टपिटलवम,
मद्दी, मोलुगु मुलुगु, उष्ण कटिबंधीय फल,
दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र में मिलता है।
● आलू या शरीफा जैसा सफेद, पीले या हरे रंग का होता है।
● अनानास से 40 गुना ज्यादा कैंसर संहारक.!

नोनी में जेरोनाइन एन्ज़ाइम होता है, जेरोनाइन सूक्ष्म जंतुओं, पौधों, जानवरों और इंसानों की कोशिकाओं में मिलता है।

● शरीर की कोशिकायें अपना सही काम करती हैं।
● जेरोनाइन की पर्याप्त मात्रा शरीर में बहुत जरूरी।
● जेरोनाइन हमारे शरीर में प्रोटीनों को उनके कार्यों को करवाने में समर्थ।
● जेरोनाइन, मानवीय कोशिकाओं की भित्तियों के छिद्रों के आकार को बढ़ाये ताकि बढ़ते अवशोषण के लिए पौष्टिक तत्व आसानी से कोशिकाओं में प्रवेश कर सकें, जेरोनाइन की कमी से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटे।

*नोनी में व्याप्त प्रभाव-*
● एंटी-बैक्टीरियल
● एंटी-वायरल
● एंटी-फंगल
● एंटी-ट्यूमर
● एंटी-इनफ्लेमेटरी और इम्यून बूस्टर.!
● यह पोटेशियम का एक समर्थ स्रोत है।
● इम्यून बूस्टर
● संचार प्रणाली
● पाचन तंत्र
● मेटाबोलिक सिस्टम
टिशूस और कोशिकाओं,
● त्वचा और बालों की रक्षा के लिये
●परिवार के लिए सुरक्षित
सभी उम्र में लाभदायक।
● एंटी एजिंग।

*● फायदे ●*
● जोड़ों के दर्द
● अकड़न
● जोड़ों की गतिहीनता
● सांस की बीमारियों में
● मुहांसे
● एक्जीमा
● सोरियासिस
● ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक
● मधुमेह में कारगर
● हाई बीपी और माइग्रेन
● गंजेपन और बालों की समस्यायें
● कब्ज, बदहजमी, दस्त आदि मेँ लाभदायक
● इम्यून सिस्टम को शक्तिशाली बनाये।

*नोनी की उपयोगिता-*
● गठिया
● जोड़ों की जकड़न
● अकड़न
● दमा-सांस समस्यायें
● त्वचा समस्यायें जैसे खाज, मुंहासे, सोरियासिस एवं रोसासिया।
● पाचन-कब्ज
● दर्द
● अनियमित माहवारी
● इम्पोटेंसी
● मधुमेह
● हाई बीपी
● लो बीपी
● सरदर्द (माइग्रेन)
● संक्रमण एवं वाइरल अटैक

नोनी 150+ पोषक तत्वों से भरपूर एक शक्तिशाली
एंटी-ऑक्सिडेंट आहार पूरक नोनी है।

हमारी स्वयं की बनाई हुई नोनी जूस का प्रयोग करें।
ऐसा फार्मूलेशन अभी तक भारत मे नहीं है जहां 10ml जूस में..
2000mg नोनी
300mg अश्वगंधा
100mg गरसिनिया कम्बोजिया है।

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18- त्वचा/चर्म रोग
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21- एसिडिटी
22- श्वसन सम्बन्धी
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24- लीवर से जुडी कोई भी परेशानी
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28- खांसी 
29- साईनस
30- पेट में गैस बनना
31- पैरो-हाथो मे जलन
32- आखों से संबंधित
33- स्वेद प्रदर (सफेद या गाढ़ा द्रव)
34- अनियमित मासिक धर्म 
35- बांझपन 
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37- पथरी
38- एलर्जी 
39- किसी भी प्रकार का नशा 
40- बच्चेदानी में रसोली
41- कैंसर 
42- भूख न लगना 
43- नसों की बलौकेज
44- टी बी/ क्षयरोग
45- दांतों की कोई भी समस्या
46- फाइलेरिया
47- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस
48 - फ्रोज़न शोल्डर
49 - टेनिस एल्बो
50 - डिप्रेशन

घर का डॉक्टर,*
*घर की चीजों से बना...*
•••••••••••••••••••
*कायाकल्प चूर्ण*
•••••••••••••••••••
*निरोगी, स्वस्थ, सुखमय एवं सुरक्षित जीवन के लिए अपनाइये...*
*प्रोडक्ट कोड 1/10/KK*
*🤗काया कल्प चूर्ण🤗*
*_"हर उम्र के लिए"_*
*लेकिन क्यों..?*
*30 पार करते करते हवा, पानी और भोजन का प्रदूषण हमारे शरीर की इम्युनिटी को कमजोर करना शुरू कर देता है..*
*विशेषतः आज आज के माहौल की वजह से पूरी दुनियां एक अनजाने भय के बीच मे जी रही है।*
*पूरा विश्व एक ही बात पर जोर दे रहा है कि अपनी इम्युनिटी बढ़ाइये या अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाइये।*
*अभी तक कोई भी वैक्सीन नहीं बन पाई है लेकिन भारत एक प्राकृतिक धन संपदा सम्पन्न देश है जहां पर हर रोग का प्राकृतिक निदान पहले से ही हो रखा है।*
*अगर आप प्राकृतिक आपदा या कहर से बचना चाहते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं, हमारा अद्भुत जादुई काया कल्प चूर्ण पर्याप्त है क्योंकि...*
*_स्वस्थ रहना सबकी मूलभूत आवश्यकता है_*

*अगर आप डाक्टरों के चक्कर लगा लगा के परेशान हो चुके हैं तो एक बार ज़रूर पढ़ें फिर आजमा के देखें, आप मायूस नही होंगे..*

*जानिये ऐसा क्यूं होता है..?*
*हमारा शरीर, पंचतत्व...*
*✅ भूमि,*
*✅ गगन,*
*✅ वायु,*
*✅ अग्नि एवं*
*✅ जल के* *सामंजस्य एवं योग से निर्मित होकर काया कल्प चूर्ण शरीर के वात, पित्त और कफ को बैलेंस करके स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है।*

*घरल या घराट पद्धति से निर्मित चूर्ण, वो करिश्मा है जिसे आज नहीं तो कल लेना ही होगा, कारण एलोपैथी के साइड इफेक्ट। क्योंकि ये हमारी जरूरत भी है और समय की पुकार भी है।*
*😢काया कल्प चूर्ण😊*

*हज़ारों वर्ष पुराना नुस्खा आपकी जिंदगी की खुशियां दुबारा पा सकते हैं.!*

*लाख दवा की एक दवा,*
*थोड़ा जल्दी असर करने वाली,*
*हर मुश्किल का हमसफ़र,*
*जीवन वर्धक, रोग हर्ता, विघ्न विनाशक चमत्कारिक...*
*😢कायाकल्प चूर्ण😊*

*काया कल्प चूर्ण लेने से क्या होगा..??*
*रात को सोते समय एक छोटी चम्मच (सिर्फ 5 ग्राम) काया कल्प चूर्ण, हल्के गर्म पानी के साथ लेना है।*

*ये चूर्ण 10 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी ले सकता है।*

*रोज़ाना लेने से शरीर के कोने कोने में लगातार जम रही गंदगी और कचरा, मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी।*

*पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा।*

*हर प्रकार का ब्लोकेज खुल जायेगा।*

*चमड़ी की झुर्रियां अपने आप दूर हो जाएगी।*

*शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा।*

*अनिवार्य...*
*दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना है।*

*"काया कल्प चूर्ण के अद्भुत फायदे..."*
*1. गठिया तो दूर होगा ही साथ मे गठिया जैसे जिद्दी रोग भी दूर हो जाएंगे।*
*2. हड्डियां मजबूत होगी।*
*3. आंखों की रोशनी बढ़ेगी।*
*4. बालों का विकास होगा।*
*5. पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति मिलेगी।*
*6. शरीर में खून जवानों की तरह दौड़ने लगेगा।*
*7. कफ से मुक्ति मिलेगी।*
*8. हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी।*
*9. थकान जरा सी भी नहीं रहेगी, घोड़े की तरह दौड़ने लग जाएगें।*
*10. स्मरण शक्ति बढ़ेगी।*
*11. स्त्री का शरीर, शादी और बच्चों के बाद हुआ बेडोल की जगह स्लिम, ट्रिम और सुंदर बनेगा।*
*12. कानों का बहरापन दूर होगा।*
*13. पहले ली हुई एलोपैथी दवाओं के साईड इफेक्ट्स से मुक्त हो जायेंगें।*
*14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी।*
*15. शरीर की सभी खून की नलिकायें शुद्ध हो जाएगी।*
*16. दांत मजबूत बनेगें और इनेमल जींवत रहेगा।*
*17. नपुसंकता जड़ से दूर होगी।*
*18. डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है।*

*जरूरी जानकारी..*
*कायाकल्प चूर्ण का असर 30-40 दिन तक लेने के बाद दिखने लगेगा।*

*आपका जीवन... निरोग, आनंददायक, चिंता रहित, स्फूर्ति दायक और आयुष्यवर्धक बनेगा।*

*जीवन जीने योग्य बनेगा क्योंकि बुढ़ापा, बुढ़ापे की समस्याएं और टेंशन से दूर रहेगा।*

*

*
*पेट्रोल और डीज़ल के रेट बढ़ने से जड़ी बूटियों की कीमतें आसमान छू चुकी हैं और इन्हीं कारणों से इलाज़ महंगे होते जा रहे हैं।*

*
 जिंदगी मिलेगी न दोबारा इसलिए.?*
*40+ स्त्री एवं पुरुषों के लिए..*

*प्रोडक्ट कोड 4/10/JAC100*
*"जीवन अमृत कैप्सूल"*
*सुखमय जीवन की जरूरत निरोगी काया है, ढेर सारी माया नहीं.?*
*इसके लिए सिर्फ अपनी इम्युनिटी या शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढायें।*
*STAY YOUNG FOREVER*
*40+ के बाद सुखमय, मस्त एवं निरोगी जीवन के लिए.. अपनायें...*
*प्रोडक्ट कोड 4/10/JAC100*
****************
*जीवन अमृत कैप्सूल*
****************
*40+ स्त्री एवं पुरुषों के लिये अद्भुत*
*_....जीवन में हम, उम्र (एजिंग) को धीमा तो कर सकते हैं लेकिन रोक नहीं सकते, ख़ास कर आधुनिक वातावरण में।_*
*आज के माहौल में 30 पार करते करते शरीर, सामाजिक एवं पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण ओवर स्ट्रेस होना शुरू हो जाता है और हमारी इम्युनिटी कमजोर होना शुरू हो जाती है। जीवन बेरस होने लगने लगता है।*

*_मानसिक स्वास्थ्य तो उत्तम माना ही गया है किंतु शारीरिक स्वास्थ्य सर्वोत्तम आज के हालात में ज्यादा उचित लगता है।_*

*अगर आपकी उम्र साथ नहीं दे रही है या शरीर साथ नहीं दे रहा है चाहे आप पुरुष हैं या स्त्री तो..*
*जवानी में दोस्त...!*
*बुढ़ापे का हमसफ़र, प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर..!!*
*"जीवन अमृत कैप्सूल"*
*(असर 30 दिन के अंदर)*

*क्या आप...???*
*क्या आप डॉक्टरों के चक्कर लगा लगा कर लुटे हुये महसूस करते हैं.?*

*क्या आप सारा दिन थके थके रहते हैं.?*

*क्या आपकी इम्युनिटी दिन ब दिन गिरती जा रही है?*

*क्या आपका शरीर आपका साथ नही देता.?*

*क्या आपको काम करने का दिल नही करता है.?*

*क्या आप शारीरिक रूप से अंदरूनी कमजोरी महसूस करते हैं..?*

*अपनाइये..*
*जीवन अमृत कैप्सूल*
*घटक*
*(1).  शिलाजीत*
*(2).  अश्वगंधा*
*(3).  विदारीकंद*
*(4).  कौंच बीज*
*(5).  काली मूसली*
*(6).  जायफ़ल*
*(7).  स्वर्णमाक्षिक भस्म*
*(8).  शतावरी*
*(9).  सर्पगंधा*
*(10). गोखरू*
*(11). कुचला*
*(12). इलायची*
*(13). लौंग*

*ये शास्त्रोक्त है और शारीरिक कमजोरी के लिये सर्वोत्तम है।*

*रोग प्रतिरोधक क्षमता का अद्भुत बूस्टर है।*

*शरीरिक कमज़ोरी दूर करने वाला रामबाण उपाय है।*

*शरीर की इम्युनिटी को बूस्ट करके, अंदर की कमियों को जड़ से दूर करता है।*

*शारीरिक कमी या मर्दाना कमजोरी की वजह से मायूस रहते हैं क्योंकि पार्टनर के सामने इन्सल्टेड फील करते हैं।*

इन सब चीजों का प्रभाव आप किसी विद्वान से पूंछ सकते हैं।

*ये 100% स्टेरॉयड मुक्त है।*

अगर चाहें तो इन चीजों के बारे में गूगल में भी चेक कर सकते हैं।

*हमारा मकसद आपको स्वस्थ जीवन को अग्रसर करके जीवन की उन्मुक्तता को प्रदान करना है।*



*डीज़ल पेट्रोल के रेट बढ़ने पर जड़ी बूटियों की कीमत बढ़ने से जीवन अमृत की भी कीमत बढ़ सकती है।*

*डोज़ (मात्रा):-*
*सुबह शाम एक एक कैप्सूल वीकली गैप के साथ (6 दिन के बाद एक दिन का गैप), नाश्ता और डिनर के बाद।*

**पुरुषों को अधेड़ उम्र में सावधान रहने की आवश्यकता है...*
*जैसे जैसे पुरूष 35 को पार करता है, उसके मानसिक और शारिरिक बदलाव उसके जीवन में उथल पुथल या भूचाल ले आते हैं...*
*जानिये संक्षेप में..*
जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, वैसे वैसे पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन (सेक्स हार्मोन) का स्तर कम होने लग जाता है।
ऐसी स्थिति में पुरुषों में कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो दिखने लग जाते हैं।

क्या आप जानते हैं कि टेस्टोस्टेरोन अर्थात सेक्स हार्मोन की कमी से पुरुषों पर क्या असर पड़ता है?

ऐसे कौन से लक्षण हैं जो पुरुषों में सेक्स हार्मोन की कमी की वजह से दिखने लगते हैं? 

आज हम आपको इन्हीं लक्षणों के बारे में बताएंगे।
सबसे पहले तो आपको बता दें कि जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, वैसे वैसे पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन या सेक्स हार्मोन का स्तर कम होने लग जाता है।
ऐसी स्थिति में पुरुषों में कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो दिखने लग जाते हैं लेकिन खुद पुरुषों को इस बारे में पता तक नहीं लग पाता।

*आइए, सबसे पहले जानते हैं कि आखिर यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन क्या होता है...?*

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन एक सेक्स हार्मोन कहलाया जाता है, इसका निर्माण पुरुषों के शरीर में होता है।
इसी हार्मोन के कारण पुरुषों में सेक्स ड्राइव बढ़ती और घटती है।
ऐसे में जब पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में कमी लगती है तो इससे शरीर पर भी असर पड़ने लग जाता है। 

पुरुषों को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।
अगर आपके शरीर में भी इस सेक्स हार्मोन की कमी है तो आप में भी कई लक्षण दिखने लग जाएंगे जैसे...

*(1). बार-बार मूड बदल जाना...*
जब पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी होने लगती है तो इससे उनका मूड बार-बार बदलने लगता है।
इस हार्मोन की कमी के कारण पुरुषों में भावनात्मक बदलाव भी आने लग जाते हैं।
मूड का बदलना भी एक भावनात्मक बदलाव है।
जब पुरुषों के शरीर से यह हार्मोन कम होने लगता है तो पुरुषों के शरीर पर इसका बुरा असर पड़ता है।
इसकी कमी से पुरुष चिड़चिड़ा रहने लगता है, तनावग्रस्त रहने रखता है और हमेशा बेचैनी में रहता है।
लेकिन अगर पुरुष का टेस्टोस्टेरोन हार्मोन ठीक है तो पुरुष सामान्य रहता है।
अपने मूड को देखकर भी आप पता लगा सकते हैं कि आपका टेस्टोस्टेरोन लेवल ठीक है या नहीं।

*(2). ताकत महसूस ना करना...*
जब पुरुषों को अपने शरीर में ताकत महसूस नहीं होती है, तो भी हो सकता है कि उस पुरुष में टेस्टोस्टेरोन की कमी है।
ऐसी स्थिति में पुरुषों की मांसपेशियों पर बड़ा असर पड़ता है।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के कारण पुरुषों को मांसपेशियों में ताकत महसूस नहीं होती है।
जो पुरुष सामान्य स्थिति में बेहतर महसूस कर रहे होते हैं, वह टेस्टोस्टेरोन लेवल के कम होने पर ताकत महसूस नहीं करते।
ऐसी स्थिति में पुरुषों की मांसपेशियां कमजोर होने लग जाती हैं।

*(3). सहवास की इच्छा की कमी होना..*
पुरुषों में जब टेस्टोस्टेरोन की कमी होती है तो उनको सहवास करने की इच्छा नहीं होती।
इस हार्मोन की कमी के कारण पुरुष इस क्रिया से लगभग दूर होने लगते हैं। जिससे उनके रिश्ते पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
सहवास की इच्छा की कमी में पुरुष सहवास करने से दूर भागने लगता है और वह उत्तेजित भी नहीं हो पाता।

*(4). ज्यादा तनाव लेना...*
टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण पुरुष ज्यादा तनावग्रस्त रहने लग जाते हैं।
तनाव लेने से सहवास की इच्छा भी कम होती है और वो बेहतर परफॉर्म भी नहीं कर पाते हैं।
इससे स्पर्म काउंट भी घटता है और शरीर पर भी इसका बहुत बुरा असर होता है।

*(5). याददाश्त कम होना...*
जब पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी होती है तो इससे उनकी याददाश्त पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
पुरुषों की याददाश्त भी कम होने लग जाती है।
जैसे जैसे उम्र बढ़ती है तो इससे ज्यादातर पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी होने लगती है और इससे उनकी याददाश्त पर भी प्रभाव पड़ता है।

*बहुत सारे मित्र मेरे नुस्खे आजमा कर टेस्टोस्टेरोन मानिया से उभर चुके हैं और आप भी संपर्क कर सकते हैं।*

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शरीर की अन्य समस्याओं की तरह यौन संबंधी समस्याएं भी आम हैं।
इन्हें छिपाने के बजाय इनका समाधान ढूंढ़ना चाहिए।
किसी व्यक्ति के जीवन में यौन समस्याएं उसके असुखद व असंतोषजनक यौन अनुभव होने के बाद भी हो सकती हैं।
सामान्यत: जो पुरुषों में किसी भी तरह की कमजोरी नहीं हैं, उनका दांपत्य और सामाजिक जीवन हमेशा खुशहाल रहता है।
इसलिए किसी भी तरह की पौरुष कमजोरी पुरुषों में आत्मविश्वास की कमी का कारण बन सकती है।
पुरुषों में पाई जाने वाली इन कमजोरियो के कारण व्यक्ति हीनभावना, मानसिक तनाव (डिप्रेशन) का शिकार हो जाता है। ज्यादातर इसका परिणाम आत्महत्या, धोखा, डाइवोर्स, सामाजिक अवहेलना के स्वरुप मे सामने आता है।

*यौन समस्या के मुख्य कारण:*

→ हार्मोन्स एवं रक्त में टेस्टोस्टेरोन की कमी, हस्तमैथुन, भ्रामक यौन प्रदर्शन
→ शीघ्रपतन, मांसपेशियों का कमजोर होना, यौन शक्ति में कमी,
→ इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी इंद्री की मांसपेशियों का शिथिल पड़ना
→ धात रोग, स्वपन्दोष, वीर्य पतला होना, नसों की दुर्बलता या जकड़ना,
→ शरीर में सप्त धातुओं की कमी,
→ अनियमित रक्तचाप,
→ वीर्य में शुक्राणुओं (sperm) की कमी
→ धूम्रपान और अल्‍कोहल की वजह से कमजोरी आना,
→ अनियमित खानपान की वजह से शरीर में दुर्बलता आना,
→ दूषित या प्रदूषित वातावरण (Pollution) की वजह से धातुओं और शरीर का संतुलन बिगड़ना।

*हमारी लाइफ स्टाइल का इस परेशानी से सीधा संबंध होता है।*

यौन समस्या में हम कई बार दवाइयों की दुकान में मिलने वाली अंग्रेजी दवाइयों का प्रयोग कतरे हैं पर ये दवाइयां जब तक खाते हैं तब तक ही उनका फायदा मिलता हैं, अंग्रेजी दवाई यौन समस्या का जड़ से इलाज नहीं करती बल्कि शरीर में साइडइफेक्ट 100% करती है, जैसे की लीवर, किडनी, हृदय आदि को बिगाड़ना।
इनके बार बार सेवन सें आदी हो जाते हैं और बची हुइ यौन शक्ति को भी गँवा बैठते है।

हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति में सैकड़ो जड़ी बूटियों का वर्णन है जिनका सेवन करके हम किसी भी रोग को जड़ से मिटा सकते है।
धातु रोग/ हस्तमैथुन/ स्वप्नदोष/ शीघ्रपतन/ नपुंसकता/ मर्दानाकमजोरी जैसी समस्याओं से जड़ से छुटकारा पा सकते हे।
इन जड़ी बूटियों में जैसे स्वर्ण भस्म, अश्वगंधा, शतावरी, शिलाजीत कौचा, मुसली, शुद्ध कौचा, अख्ख्ल हरो, गोखरू, वन्य भष्म, कर्पुर, अबरक भष्म,
इन सारी औषधियों का सही मिश्रण करके उनका सेवन किया जाय तो सभी यौन समस्याओं का जड़ से इलाज कर सकते हैं।
स्वर्ण भस्म, अश्वगंधा, शतावरी, मुसली और शुद्ध कौचा।
ये ऐसी महान औषधियां हैं जिनमे घोड़े (अश्व) जैसी ताकत का राज छिपा है।
इनमे शिलाजीत को तो भारतीय वियाग्रा भी कहा जाता है।
शतावरी और मुसली को यौन शक्ति का रामबाण माना गया है।
इन औषधियों में कुछ औषधियों को भस्म, कुछ सार तत्व / एक्सट्रैक्ट / extract और कुछ औषधियों को रस के रूप में ग्रहण करना होता है, जिसके सही उपयोग और मात्रा से ही समस्याओं का जड़ से इलाज हो सकता है।

हमारे आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सकों ने इन औषधियों पर आविष्कार करके हर एक औषधियों को सही मात्रा और योग्य स्वरुप में मिश्रित करके अत्यंत असरकार नुस्खों का निर्माण किया है!

आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य की यौन शक्ति को बाजी (घोड़े) की तरह ही बनाने कि प्रक्रिया ही सेक्स या यौन शक्ति को बढ़ाने वाली होती है।

*जीवन अमृत का दिन में दो बार दूध के साथ सेवन करने के बाद पौरुष सम्बन्धित सभी सुखों को प्राप्त कर सकता है और इस समस्या का जड़ का हमेशा के लिये समाधान किया जा सकता है।*

संभोग मात्र एक क्रिया ही नहीं है बल्कि इसके साथ हमारी बहुत सी भावनायें जुड़ी होती है।
यह एक ऐसी जटिल प्रक्रिया से संचालित होती है जिसका अंदाजा लगाना सरल नहीं है।
कभी-कभी लोग किसी तस्वीर को देखकर ही उत्तेजित हो जाते हैं और कभी कभी इससे बिल्कुल उलट इंद्री में उत्तेजना ही खत्म  हो जाती है जिसको नपुंसकता कहते हैं।
उतेजना संभोग पूरा हो जाने के बाद यानी (स्खलन) के बाद खत्म होना चाहिए।
जिन लोगों में यह दिक्कत पाई जाती है, वे चिड़चिड़े हो सकते हैं और उनका अपने पर से विश्वास भी कम हो जाता ही।
उन के मन मे एक तरह का डर बैठ जाता है और वह मानसिक रोगी बन जाता है और इस डर कारण ही सेक्स में हर बार नाकाम रहता है दिनों दिन उस रोगी की उदासी बढ़ती जाती है।

हम सब को पता है कि पुरुष की इंद्री में उतेजना पॉजिटव विचार और वीर्य की शक्ति से ही आती है।
अगर हमारा वीर्य शुद्ध और शक्तिशाली होगा तो हमे कभी भी इस तरह की समस्या का सामना नही करना पड़ेगा।
माना जाता है के पुरुषों में 45-50 या 55-60 और कभी कभी तो 35-40 साल के बाद ही हार्मोन्स की कमी के कारण उतेजना में कमी आने लगती है लेकिन कुछ लोग 70 साल के बाद भी उसी तरह से एक्टिव रहते हैं, उसका मुख्य कारण उनके शरीर मे हार्मोन टेस्टोस्टेरोन लेवल का भरपूर मात्रा में उपलब्ध रहना है।

उत्तेजना की कमी या नपुंसकता के कई कारण हो सकते है...
नशा, शुगर और तनाव से भी हमारी सेक्सुअल ज़िन्दगी पर बहुत असर पड़ता है। इससे भी धीरे धीरे उत्तेजना में कमी आने लगती है।
अगर आप को किसी भी कारण से उतेजना में कमी आ रही है या इंद्री में बिल्कुल भी तनाव या पहले जैसे उत्साह में कमी लग रही है तो आप एक बार जीवन अमृत का कोर्स जरूर खा कर देखे।

जीवन अमृत दो प्रकार की बनती है, एक स्त्री एवं पुरुष दोनों के लिये और दूसरा स्पेशल या स्ट्रांग, सिर्फ पुरुषों के लिये।

इस के इलावा यदि आप नीचे दी गईं किसी भी समस्या से परेशान है तो आप की समस्या का समाधान यही है।

(1). सहवास की इच्छा ही न होना।

(2). सहवास करते करते बीच में ही उत्तेजना समाप्त होकर लिंग का बिना वीर्य निकले ही ढीला पड़ जाना और पत्नी का असंतुष्ट रह जाना?

(3). यौन क्रिया शुरू करते ही वीर्य निकल जाना और पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े?

(4). एक बार यदि सहवास कर लिया तो कई कई दिनों तक इंद्री में सहवास करने लायक उत्तेजना का ही न आना।

(5). वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, वीर्य पानी की तरह पतला होना?

(6). संभोग के बाद भयंकर कमजोरी महसूस होना जैसे बरसों से बीमार हों?

(7). कठोरता का न आना और इच्छा होने पर भी थोड़ा सा उत्तेजित होकर पिलपिला बना रहना?

(8). जवानी शुरू होते ही हस्तमैथुन करके वीर्य का सत्यानाश करा और इंद्री को भी बीमार बना डाला है?

(9). संभोग के दौरान दम फूलने लगना जैसे अस्थमा का दौरा पड़ गया हो?
ऐसी तमाम समस्याएं हैं जिनके कारण वैवाहिक जीवन का सत्यानाश होता रहता है और कई बार तो साथी के कदम बहक जाने से परिवार तक टूट जाते हैं।
ऐसे में पति बाजारू दवाओं का सेवन करके या नीम हकीमों के चक्कर में अपनी मेहनत का पैसा लुटाते रहते हैं लेकिन ऐसी दवाओं से स्थायी समाधान हाथ नहीं आकर बस कुछ देर के लाभ का छलावा महसूस होता है। 

ऐसे में चाहिये कि शरीर का भली प्रकार पोषण करके शक्ति प्रदान करने वाले उपचार आपके पास हों, न कि क्षणिक उत्तेजना देकर आँखों, किडनी व मस्तिष्क यानि दिमाग का नाश करे।

अगर अपने चेहरे पर सूरज जैसी चमक चाहते है तो एक बार जरूर परखे।

*जीवन अमृत कैप्सूल के घटक...*

*सफेद मूसली*
*काली मूसली*
*सालम पंजा*
*सालम मिश्री*
*अश्वगंधा*
*परिस्कृत शिलाजीत शुद्व*
*अकरकरा*
*गोखरू*
*विदारी कंद*
*जावित्री*
*जायफल*
*कौंच बीज*
*बबूल गोंद*
*मोचरस*
*तालमखाना*
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*लौह भस्म*
*अब्रक भस्म*
*स्वर्णमाक्षिक भस्म*
*विशेष :-*
*जीवन अमृत शत प्रतिशत प्राकृतिक है और वियाग्रा जैसे परिणाम की अपेक्षा रखने वाले इसे कतई न मंगवायें लेकिन एक बात की गारंटी है कि परिणाम स्थाई मतलब परमानेंट होंगे जिसे आप एक सप्ताह में महसूस करना शुरू कर देंगे।*
*100% स्टेरॉइड मुक्त*

*: *ये जानकारी आपके किसी अपने और आपके परिचित को नया जीवन देने में मदद कर सकती है।*

*प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा समय रहते हर बीमारी का उपचार सम्भव है।*

*वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनाइजेशन (WHO) का कहना हैं कि..*
*आज हमारे शरीर की जरुरत है शुद्ध हवा, शुद्ध पानी, शुद्ध भोजन और 60 से 80 मिनरल्स, 40 के 46 पोषक तत्व और एन्जाइम्स जो आज हमें पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रहे हैं।*

*क्या आप जानते हैं..?*
हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी में हमारे शरीर में कोशिकायें (Cells) व मज्जातंतु (Tissues) क्षतिग्रस्त होते रहते है और अधिकतर देखा गया है कि हम अपने भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा शरीर की जरूरत के मुताबिक नहीं ले पाते हैं।
आज के इस प्रदूषित वातावरण तथा भागदौड़ भरी जिन्दगी में मधूमेह, उच्च रक्तचाप, गठिया, दिल का दौरा बहुत ही आम समस्या है जो हमारे जीवन शैली को भी प्रभावित करती है।
रासायनिक खाद और छिड़काव के द्वारा अनाज की पैदावार और इन्जेक्शन के द्वारा दूध, फलों और सब्जियों की पैदावार को बढ़ाना यह सब हमारे शरीर के लिये बहुत हानिकारक है और जो हमारी प्रतिरोधक क्षमता, आन्तरिक बल और एनर्जी लेवल को दिन प्रति दिन कम करती जा रही है जिससे संक्रमण होने की सम्भावनायें बढ़ जाती हैंl
जैसे वायरल फीवर, सर्दी व जुकाम, बुखार, कमजोरी थकान, काम के प्रति रूचि न होना इत्यादि।

*हमने देखा कि अधिकांश समस्यायें विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन्स) से उत्पन्न होती हैं और यह विषाक्त पदार्थ प्रदूषित जल, वायु और भोजन के परिणाम हैं।*

*आज हर घर में कोई न कोई व्यक्ति किसी न किसी समस्या से परेशान है मतलब उसकी इम्युनिटी या तो खत्म हो चुकी है या बहुत कमजोर हो गई है।*

*क्या आप किसी भी ऐसे व्यक्ति को जानते हो जो कि नीचे लिखी किसी भी समस्या/बीमारी से परेशान हो (चाहे उसे डॉक्टर ने जवाब भी दे दिया हो), जैसे......*
1- शुगर (मधुमेह)
2- हाई, लो ब्लड प्रेशर
3- हृदय रोग
4- कोलेस्ट्रॉल
5- कैंसर
6- एड्स
7- दमा
8- लकवा
9- स्वाइन फ्लू
10- थाइरोइड
11- माइग्रेन
12- थकान
13- आर्थराइटिस
14- गठिया
15- जोड़ों का दर्द
16- कमर में दर्द
17- बदन दर्द
18- कमजोर हड्डियां
19- हड्डियों का पतला होना
20- ऑस्टिओपोरोसिस
21- सेक्सुअल समस्या
22- नपुसंकता
23-फर्टिलिटी
24- वीर्य संख्या में कमी
25- गैंग्रीन
26-पुराना घाव
27-सर्वाइकल
28- मोटापा
29- त्वचा / चर्म रोग
30- सोराइसिस
31-लूकोडर्मा
32- एलर्जी
33- नासूर
34- किडनी की समस्या
35- पथरी की समस्या
36- बवासीर
37- अलसर
38- एसिडिटी
39- गैस्ट्रायटिस
40- कोलाइटिस
41- श्वसन संबंधी समस्या
42- पाचन सम्बंधित रोग
43- एंटी एजिंग
44- झुर्रिया कम करना
45- एकाग्रता
46- डिटॉक्सीफिकेशन
47- ऊर्जा की कमी
48- स्वाइन फ्लू
49- यूरिक एसिड का बढ़ना
50- मिर्गी
51- लीवर से जुडी परेशानियां
52- अनिद्रा
53- अनीमिया (खून की कमी)
54- मानसिक तनाव
55- धूम्रपान/तम्बाकू लेने वाले
56- कामकाजी लोग
57- अल्ज़ाइमर
58- पार्किंसंस
59- खांसी 
60- प्रोस्टेट
61- साईनस
62- पेट में गैस बनना
63- पैर के तलवे मे जलन
64- आखों से संबंधित रोग
65- साइटिका
66- धात
67- स्वेद प्रदर
68- मासिक धर्म (M.C.) अनियमितता
69- फाइलेरिया
70- बालों का झड़ना
71- प्रजनन क्षमता
72- पागलपन
73- कमजोर याददाश्त
74- बच्चो/बुजुर्गों/महिलाओं का संपूर्ण आहार इत्यादि।

*अगर आप या आपके परिजन इनमें से किसी भी समस्या से परेशान हैं और काफी समय से दवाओं के सेवन से भी कोई फायदा नहीं हो रहा है....*
*तो दोस्तों ऐसे में जरूर हमसे बात करें।*

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*नमस्कार,*
*आज हर घर मे हर एक व्यक्ति घुटने का दर्द, संधिशूल,  आर्थराइटीस, संधिवात, आमवात, फ्रोजन शोल्डर, युरिक एसिड बढ़ना, विटामिन बी-12 की कमी, मांसपेशियों का ददॅ, स्नायु की कमजोरी, जोड़ो मे चिकनाहट की कमी, कैल्शियम की कमी वगैरह से परेशान है..??*
1-2 साल तक ऐलोपैथ दवाई खाकर थक जाते है या तो ऐलोपैथी दवाई के इतने आदी हो जाते है कि वह रोज की लाइफ स्टाइल बन जाती है जैसे रोज का खूराक ही क्यो ना हो ?
अंत मे डॉक्टर भी कहने लगता है, हम इसमे आगे कुछ भी नही कर सकते, आप ऑपरेशन करवा लो।

*लेकिन हम आपको जो इलाज बताते है वह अगर आप 1-2 महिने तक प्रयोग करें तो शायद आपको हमेशा को लिये घुटनो के या किसी भी प्रकार के दर्द से या उपर लिखे परेशानियों से मुक्ति मिल जायेगी।*

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*जीवन रक्षक नेचर्स पंचतुलसी अर्क...*
*तुलसी मुख्यतः रूप से पांच प्रकार की पायी जाती है...*
*श्याम तुलसी,*
*राम तुलसी,*
*श्वेत/विष्णु तुलसी,*
*वन तुलसी और*
*नींबू तुलसी।*

*इन पांच प्रकार की तुलसी का अर्क निकाल कर पंचतुलसी का निर्माण किया जाता है।*

*तुलसी संसार की एक बेहतरीन*
*एंटी-ऑक्सीडेंट,*
*एंटी- बैक्टीरियल,*
*एंटी- वायरल,*
*एंटी- फ्लू,*
*एंटी-बायोटिक,*
*एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व*
*एंटी–डिजीज है।*

*(1). पंच तुलसी अर्क के एक बून्द एक ग्लास पानी में या दो बून्द एक लीटर पानी में डाल कर पांच मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए। इससे पेयजल विष और रोगाणुओं से मुक्त होकर स्वास्थवर्धक पेय हो जाता है।*

*(2). पंच तुलसी अर्क 200 से अधिक रोगो में लाभदायक है जैसे के फ्लू, स्वाइन फ्लू, डेंगू, जुखाम, खासी, प्लेग, मलेरिया, जोड़ो का दर्द, मोटापा, ब्लड प्रेशर, शुगर, एलर्जी, पेट के कीड़ो, हेपेटाइटिस, जलन, मूत्र सम्बन्धी रोग, गठिया, दमा, मरोड़, बवासीर, अतिसार, दाद, खाज, खुजली, सर दर्द, पायरिया, नकसीर, फेफड़ो सूजन, अल्सर, हार्ट ब्लोकेज आदि।*

*(3). पंच तुलसी एक बेहतरीन विष नाशक है और शरीर से विष (toxins) को बाहर निकालती है।*

*(4). पंच तुलसी स्मरण शक्ति को बढ़ाता है और साथ ही साथ शरीर के लाल रक्त सेल्स (Haemoglobin) को बढ़ने में अत्यंत सहायक है।*

*(5). पंच तुलसी भोजन के बाद एक बूँद सेवन करने से पेट सम्बन्धी बीमारियां बहुत काम लगाती है।* 

*(6). पंच तुलसी के 4–5 बूँदे पीने से महिलाओ को गर्भावस्था में बार बार होने वाली उलटी के शिकायत ठीक हो जाती है।*

*(7). आग के जलने व किसी जहरीले कीड़े के कांटने से पंच तुलसी को लगाने से विशेष रहत मिलती है।* 

*(8). दमा व खाँसी में पंच तुलसी अर्क की दो बुँदे थोड़े से अदरक के रस और शहद के साथ मिलाकर सुबह– दोपहर– शाम सेवन करे।*

*(9). यदि मुँह में से किसी प्रकार की दुर्गन्ध आती हो तो पंच तुलसी की एक बूँद मुँह में डाल ले दुर्गन्ध तुरंत दूर हो जाएगी।*

*(10). दांत का दर्द, दांत में कीड़ा लगना, मसूड़ों में खून आना आदि में पंचतुलसी की  4–5 बूँदे पानी में डालकर कुल्ला करने से तुरन्त आराम मिलता है।*

*(11). सर दर्द, बालो का झड़ना  बाल सफ़ेद होना व सिकरी आदि समस्याओं में पंचतुलसी की 8–10 बूंदे  हर्बल हेयर आयल के साथ मिलाकर सर, माथे तथा कनपटियों पर लगाये।*

*(12). पंच तुलसी के 8–10 बूँदे नारियल तेल में  मिलाकर शरीर पर मलकर रात्रि में सोये , मच्छर नहीं काटेंगे।*

*(13). कूलर के पानी में पंचतुलसी की 8–10 बूँदे डालने से सारा घर विषाणु और रोगाणु से मुक्त हो जाता है तथा मक्खी, मच्छर भी घर से भाग जाते है।*

*(14). पंचतुलसी में सुन्दर और निरोग बनाने की शक्ति है। यह त्वचा का कायाकल्प कर देती है। यह शरीर के खून को साफ करके शरीर को चमकीला बनती है।*

*(15). पंचतुलसी की दो बूँदे एलोवेरा जैल में मिलाकर चेहरे पर सुबह व रात को सोते समय लगाने पर त्वचा सुन्दर व कोमल हो जाती है तथा चेहरे से प्रत्येक प्रकार के काले धेरे, झाइयां, कील मुँहासे व झुरिया नष्ट हो जाती है।*

*(16). पंचतुलसी के नियमित उपयोग से कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होने लगता है, रक्त के थक्के जमने कम हो जाते है व हार्ट अटैक और कोलैस्ट्रोल की रोकथाम हो जाती है।*

*(17). पंचतुलसी को एलोवेरा जेल में  मिला कर लगाने से प्रसव के बाद पेट पर बनने वाले लाइने (स्ट्रेच मार्क्स) दूर हो जाते है।*

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सौ बीमारियों की जड़ होती है मोटापा और उसके ऊपर लॉक डाउन जैसे हालात, इम्युनिटी तो वैसे भी कमजोर होना शुरू हो जाती है।

*कुछ बेबाक प्रश्न?*
*उत्तर स्वयं को दीजिये..*
(1). क्या आप सुंदर होने के बावजूद भी परेशान हैं.?
(2). क्या ढेर सारा खर्च करने के बावजूद परेशान हैं..?

*तो पेश है आपके लिए...*
*एकदम नेचुरल*
*वेट लॉस और इंच लॉस के लिए अद्भुत..*
*न्यूली इम्प्रूव्ड*
*फ्लैब टू फैब चूर्ण*
*Not Fat 2 Fitness*
*But newly improved*
*FLAB to FAB*
*Flabbiness to Fabulous*

*100% कुदरती स्टेरॉयड मुक्त*

*पहले समझिये कि...*
*मोटापा क्या बला होती है.?*
● मोटापा आपके शरीर में जमा हुए विषैले तत्व या टॉक्सिन्स होते हैं।
● जिसका शरीर से निकास नही हो पाता, चाहे वो बाहर का नान वेज हो या फास्ट फूड।
● ऐसे केमिकल से भरपूर भोजन को गलने मे 48 से 72 घटे लगते है।
● पर हम उसके उपर भी कुछ ना कुछ खाते रहते है। क्यों है न.?
● और ये गन्ध या टॉक्सिन्स शरीर में ही जमा होता रहता है और रिज़ल्ट या परिणाम स्वरूप वजन बढता ही चला जाता है।

*साथ ही वजन बढने के कुछ और भी कारण कारण हो सकते हैं जैसे...*
(1). शादी के बाद,
(2). बच्चा होने के बाद,
(3) किसी बीमारी के कारण,
(4). किसी गलत दवा के कारण,
(5). बैठने का काम करने की वजह से।
ऐसे ढेर सारे कारण है वजन बढ़ने के।

काफी लोग मार्केट में आ रही कई प्रकार की दवायें भी इस्तेमाल करते हैं जो ठीक नही होते है।
क्योंकि उस मे स्टेरॉयड्स भी हो सकता है जो आपका वजन तो कम कर देती है पर उसके साइड इफेक्ट बाद मे ही पता चलते हैं...
कुछ लोगों को वजन कम करने की ज्यादा जल्दी होती है, जो सही नही है।

*कारण...*
जो चीज काफ़ी मतलब चर्बी सालों से हमारे शरीर में पनप रही है उसको निकलने के लिए हमें थोड़ा समय तो देना चाहिये.?
*तो फिर... क्या करे.?*
हम आप के लिए लाये हैं बिल्कुल कुदरती तरीके से बनाया हुआ, चर्बी घटाने का एकदम कुदरती चूर्ण,
जिस से आपका वजन और आपकी चर्बी आराम से अपने आप कम हो जाएगा।

*इंग्रेडिएंट्स / घटक...*
*(1). सौंफ*
*(2). सनाया*
*(3). छोटी हरड़*
*(4). फूल गुलाब*
*(5). करी पत्ता*
*(6). अलसी*
*(7). जीरा*
*(8). देसी अजवाइन*

ये एकदम नेचुरल बिना किसी साइड इफेक्ट के घर की किचन में उपलब्ध वस्तुओं से बनाया हुआ है।

इस का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है मतलब कोई भी नुकसान नही है।
अब तक बहुत से लोगों का वजन कम किया है इस चूर्ण से।

*मात्रा*
सुबह, दोपहर
ब्रेकफास्ट, लंच से आधा घण्टे पहले और डिनर से आधा घंटे बाद, सलाह के अनुसार एक चम्मच एक गिलास गरम पानी के साथ।

*पूरा कोर्स 4 महीनें का*
*~कीमत ₹4400/~* *लेकिन अब ऑफर की कीमत सिर्फ ₹2500/-*

*कोरियर सेवा मुफ्त*

पेट्रोल और डीज़ल की कीमत बढ़ने से जड़ी बूटियों की कीमत बढ़ने से फैट-2-फिटनेस की भी कीमत बढ़ सकती है।

F2F मंगवाने के लिये
टेक्स्ट मेसेज (SMS) करें लेकिन व्हाट्सएप बिल्कुल नहीं, जिसमे
*प्रोडक्ट कोड 2/10/F2F के साथ*
*नाम*
*पता*
*पिन कोड एवं*
*मोबाइल नंबर भेजें*

सम्पर्कसूत्र
नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
9215522667
[3/26, 1:18 AM] +91 98960 76323: *फैटी लिवर चूर्ण*
*प्रोडक्ट कोड 3/10/FL*

*फैटी लिवर की समस्यायें आम हो चुकी हैं और दिन ब दिन बढ़ सकती हैं...*
*कारण हमारा जंक फूड, तले हुए खाने, निष्क्रिय रहना और चटर पटर खाते पीते रहना...*
*लीजिये...*
*100% नेचुरल*
*फैटी लिवर चूर्ण*

*निरोगी जीवन एवं निरोगी काया के लिए*
*फैटी लिवर चूर्ण*
*हेल्थ कम इम्युनिटी बूस्टर चूर्ण*
*FATTY LIVER CHURNA*
*Health cum Immunity Booster Powder*

*फैटी लिवर समस्या से सम्बंधित...*
*कुछ प्रश्न..?*
*✅ क्या आपको खाया पिया कुछ नही लगता है.?*

*✅ क्या आपको भूख नहीं लगती.?*

*✅ क्या आपका खाना हज़म नही होता.?*

*✅ क्या आपकी सेहत नही बनती है.?*

*✅ क्या आपका शरीर सुडौल नहीं है.?*

*✅ क्या जिम जाने के बाद भी आपका शरीर नहीं बन पा रहा है.?*

*✅ क्या आपको आपके जिम का इंस्ट्रक्टर महंगी महंगी प्रोटीन पॉवडर के डिब्बे खरीदने के लिये मजबूर करता है.?*

*✅क्या आप सुंदर होने के बावजूद भी परेशान हैं.?*

*✅ क्या आप अपनी फिटनेस को लेकर काफी कॉन्शियस हैं क्योंकि डॉक्टर ने आपको बोल दिया है कि आपका लिवर फैटी है..?*

*पेश है आपके फैटी लिवर को रास्ते पर लाने वाला...*
*फैटी लिवर चूर्ण*
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*100% नेचुरल घर की वस्तुओं से बनाया हुआ....*
*फैटी लिवर चूर्ण*
*● मेटाबोलिज्म बूस्टर*
*● मसल्स एक्टिवेटर*
*● इम्युनिटी बूस्टर*
*● 100% कुदरती लेकिन ज़ायकेदार*

*अब जानिये कि...*
*इम्युनिटी क्या होती है.?*
● हमारे शरीर में जमा हुए विषैले तत्व या टॉक्सिन्स कहलाते हैं।
● ऐसे टॉक्सिन्स की उत्पत्ति प्रदूषित खाद्य पदार्थ, पानी और हवा से होती है।
● जिनका हमारे शरीर से निकास अच्छे से नही हो पाता, जैसे कि जब हम कुछ भी बाहर का खाते है चाहे वो नान वेज हो या फास्ट फूड लेकिन उनमें पौष्टिकता तो होती ही नहीं और हमारा लिवर ओवरलोड हो जाता है और उस खाने को पचाने में सक्षम नहीं होता है।
● क्योंकि इस को गलने मे 48 से 72 घटे लगते है।
● पर हम उसके उपर भी कुछ ना कुछ खाते रहते है और धीरे धीरे अपने लिवर को ओवरलोड कर देते हैं।
● वो गन्ध, शरीर में ही जमा होता रहता है और पर्याप्त मेटाबॉलिज्म न होने की वजह से वजन बढता रहता है या वजन इतना सब कुछ खाने के बाद भी बढ़ ही नहीं पता और शरीर का सबसे मजबूत अंग लिवर कमजोर हो जाता है।
साथ ही इन समस्याओं के कुछ और कारण भी हैं जैसे...
● जिम जाकर वहाँ स्टेरॉयड से भरे हुए सप्लीमेंट,
● शादी के बाद भोजन की अनियमितता,
● बच्चा होने के बाद पौष्टिक भोजन की कमी,
● किसी बीमारी का सही उपचार न होने के कारण,
● किसी गलत दवा के खाने के कारण,
● डिस्टर्ब दिनचर्या या शारिरिक व्यायाम या  न होने के कारण।
ये कुछ कारण हैं हमारी फिटनेस की कमी होने के या टॉक्सिन्स के दुष्प्रभाव के।

*काफी लोग मार्केट मे आ रही कई प्रकार की दवा इस्तेमाल करते हैं जो सही नही है क्योंकिं अधिकांशतः वो प्राकृतिक नही हुआ करती।*
*क्योंकि उसमें स्टेरॉयड्स भी हो सकते हैं और उनके साइड इफेक्ट बाद मे पता चलते है।*

*कुछ लोगों को वजन बढ़ाने की ज्यादा जल्दी होती है, जो सही नही है क्यूंकि शरीर लोहे का यंत्र नहीं है बल्कि हाड़ मास का बना हुआ पुतला है।*

*कारण...???*
*इन सभी का मुख्य कारण होता है लिवर डिसऑर्डर, जिसका हम बिलकुल ध्यान नहीं देते।*
*जो चीज काफ़ी सालों से लगातार जस की तस पड़ी है उसको एक्टिवेट होने के लिए थोड़ा समय तो देना ही चाहिये।*

*तो फिर क्या होना चाहिये..?*
*आपके लिवर के लिए आपकी इम्युनिटी, सेहत और शारिरिक क्षमता बढ़ाने वाला, चर्बी आराम से बैलेंस करने वाला, वजन कम या ज्यादा करने वाला कुदरती घरल या घराट पद्धति से बनाया हुआ एकदम कुदरती चूर्ण, जिसमें घटकों की न्यूट्रिएंट्स वैल्यू जस की तस बनी रहती है और परिणाम भी मिलते हैं।*

*जिससे लिवर डिसऑर्डर ठीक होता है और जब लिवर ठीक तो हर समस्या का अंत।*
*जिससे आपको खुलकर भूंख लगना शुरू हो जायेगा, मेटाबोलिज्म बूस्ट हो जाएगा और आपका वजन और आपकी चर्बी आराम से अपने आप कुदरती तरीके से मेंटेन हो जायेगी, आपके मेटाबॉलिज्म सुधरने के कारण।*

*घटक*
*इंग्रेडिएंट्स*
*(1). अलसी*
*(2). जीरा*
*(3). अजवाइन*
*(4). सौंफ*
*(5). ऐलोवेरा*
*(6). आंवला*
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*(8). हरड़*
*(9). मोरिंगा*

*ये एकदम नेचुरल बिना किसी साइड इफेक्ट के घर की रसोई या किचन में उपलब्ध वस्तुओं से बनाया हुआ है।*

*इस का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है मतलब कोई भी नुकसान नही है।*

*अब तक बहुत से लोगों को फायदा हुआ है इस चूर्ण से।*

*मात्रा (डोज़)*
सुबह, दोपहर, शाम एक टीस्पून
ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर से आधा घंटे  पहले
एक गिलास गरम पानी के साथ,
लेकिन मुझसे सलाह करने के बाद।

*पूरा कोर्स सिर्फ 2 महीनें का ₹2000 का है।*
*डीज़ल और पेट्रोल के रेट की कीमत बढ़ने से जड़ी बूटियों की कीमत बढ़ने पर फैटी लिवर चूर्ण की कीमत कभी भी बढ़ सकती है।*

इस अदभुत चूर्ण को मंगवाने के लिये
टेक्स्ट मेसेज (SMS) करें जिसमे
*प्रोडक्ट कोड 3/10/FL के साथ*
*नाम*
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*पिन कोड एवं*
*मोबाइल नंबर भेजें।*
*व्हाट्सएप से बात चीत करना सम्भव नहीं।*

सम्पर्क करें
नेचुरोपैथ कौशल
*9896076323*
*9215522667**
[3/26, 1:18 AM] +91 98960 76323: *100% नेचुरल, नैसर्गिक प्राकृतिक शक्तियों से भरपूर पूरे परिवार के लिए "बी-पोलेन"...*
*प्रोडक्ट कोड 7/10/Bee*

*अधिकांश लोगों से अनजान अद्भुत अमृतमय मधुमक्खियों द्वारा निर्मित धरती का अमृत "पराग" या "बी-पॉलन".!*

*क्या आप मात्र एक चम्मच से 5 किलो गाय का दूध, 5 किलो हरी सब्जियां, 5 किलो फल और बहुत सारे एन्टी ऑक्सीडेंट्स चाहते हैं.?*

*बी-पॉलन में फूलों का पराग, रस, एन्ज़ाइम्स, शहद और बी सीक्रेशन का मिक्सचर होता है!*
*मधुमक्खी जब अपने छत्ते पर शहद इकठ्ठा करती है तो शहद के साथ साथ उस छत्ते पर कुछ पराग कण भी इकठ्ठा हो जाते हैं और फिर ये दानों का आकार ले लेते हैं यही दाने सूखकर बी-पॉलन (Bee-Pollen) कहलाते हैं।*

जो लोग डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ऑटो इम्यून या कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं उन्हें बी-पॉलन का सेवन ज़रूर करना चाहिये।

बी-पॉलन और उसके फायदों के बारे में अभी भी बहुत कम लोग जानते हैं।
आपको बता दें कि यह मधुमक्खियों द्वारा इकठ्ठा किया गया फूलों के परागकण का ढेर होता है जो उनके आहार के रूप में काम आता है।
इसमें लगभग 40% प्रोटीन पाया जाता है और इसके अलावा इसमें पोषक तत्वों की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है। इसका सेवन इंसानों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।

काफी समय पहले से ही बी-पॉलन को न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
ताजे बी-पॉलन में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट के अलावा लैक्टिक एसिड और फ्लेवेनॉयड जैसे यौगिक भी होते हैं।
चायनीज मेडिसन में इसके फायदों को देखते हुए जर्मन फेडरेल बोर्ड ऑफ़ हेल्थ द्वारा इसे ऑफिशियल मेडिसिन घोषित किया है।

*इन्फ्लेमेशन (सूजन) कम करने में मदद :*
साल 2010 में फार्मसूटिकल बायोलॉजी जर्नल के अनुसार बी-पॉलन में ऐसे एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिस वजह से ये जोड़ों के दर्द, एक्ने और कई इंफ्लेमेटरी डिजीज से राहत दिलाने में मदद करती है।

*मांसपेशियों की मजबूती :*
फ्रेश बी पॉलन मसल्स रिकवरी रेट को बढ़ाने में बहुत मदद करते हैं।

साल 2014 में किये शोध के अनुसार जो लोग पोषक तत्वों की कमी से होने वाले रोगों से परेशान रहते हैं उनके लिए यह बहुत ही फायदेमंद है।

अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं तो आपको बी-पोलन का सेवन बढ़ा देना चाहिये।
जो लोग डायबिटीज, हाइपरटेंशन या कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं उन्हें बी-पोलन का सेवन ज़रूर करना चाहिये।

*एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर :*
आप कैफीन युक्त ड्रिंक पीने की बजाय बी-पॉलन से निर्मित चाय का सेवन कर सकते हैं।
इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और इसी वजह से जो लोग कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों, डायबिटीज, हाइपरटेंशन या कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं उनके लिए बी-पॉलन बहुत ज्यादा फायदेमंद है।

*इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार :*
साल 2014 में एक शोध में बताया गया कि बी-पॉलन में पर्याप्त मात्रा में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी क्षमताएं होती हैं और इसके सेवन से कैंडिडा और स्टाफ इन्फेक्शन जैसी बीमारियों से बचाव होता है।

निरोगी काया के लिये बी-पॉलन की बिक्री मैं किलो में ही करता हूं क्योंकि ये महंगाई के अनुसार तो महंगा है परन्तु स्वास्थ्य की दृष्टि से एकदम सस्ता या मुफ्त जैसा है।

ये ग्रेन्युल के रूप में आता है।
₹6700/- प्रति किलो
₹3500/- का आधा किलो,
₹1800/- का 250 ग्राम
एवं
कोरियर एवं व्यक्तिगत सलाह मशविरा एकदम फ्री सम्पूर्ण भारत में।

विशुद्ध एवं फ़्रेश बी-पॉलन के लिये मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।

नेचुरोपैथ कौशल
*9896076323*
*9215522667*
[3/26, 1:18 AM] +91 98960 76323: *एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी, "अब पछताये होत का, जब चिड़ियां चुग गई खेत.!*
*हर परिवार के लिए,*
*हर व्यक्ति के लिए.!*

*इस थेरेपी को हल्के में न लें...*
*आर्टिकल नम्बर 6/10/MATT*

*आइये एक और थेरेपी के बारे में जानें जिसमें किसी भी प्रकार की, कोई भी दवाई प्रयोग नहीं की जाती है और सार्थक परिणाम भी मिलें।*
*जी हां, इसे कहते हैं ड्रगलेस थेरेपी अर्थात दवाईमुक्त चिकित्सा.!*
*क्या आप बगैर किसी भी दवाई के शत प्रतिशत रोगमुक्त होना और रहना चाहते हैं.?*

धरती माँ की अद्भुत चुम्बकीय शक्ति (भूमि तत्व), जिसे हम लगातार खोते जा रहे हैं..
परिणामस्वरूप लोग असमय काल के ग्रास बन रहे हैं..!

इस लेख के पढ़ने के पहले हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमें सबसे बड़ा सुख निरोगी काया चाहिये या बहुत सारी माया चाहिये..??

*अगर निरोगी काया चाहिये तो आपका स्वागत है.!*

300 से अधिक बीमारियों को बगैर किसी दवाई के खत्म करने में सक्षम चुम्बकीय गद्दे बनना शुरू हो गये हैं, जिसे लोगों ने 15-20 साल पहले लाखों रुपये खर्च किये थे, अब वही गद्दे अफोर्डेबल कीमत पर उपलब्ध होना शुरू हो गये हैं।
🙏🏼🌹🙏🏼🌹🙏🏼
वैसे आज हमारी या लगभग सभी की, सबसे बड़ी दो ही प्रायोरिटीज हैं...
(1). हेल्थ और (2). वेल्थ
स्वस्थ हैं तो सबसे ज्यादा पैसे वाले हैं क्योंकि खर्च सिर्फ वेलनेस के ऊपर होगा, बीमारियों के ऊपर नहीं।
वैसे भी बेशक पैसा खुदा तो नहीं है लेकिन ये खुदा से कम भी नहीं है.!

हमें स्वस्थ रहने के लिए 5 मूलभूत चीज़ों को आवश्यकता होती है या हमारा शरीर पंचतत्वों से बना होता है जो इस प्रकार हैं...
1. हवा (Air)
2. पानी (Water)
3. खाना (Food)
4. सूर्य का प्रकाश (Sun Light) एवं
5. मैग्नेटिक एनर्जी या चुम्बकीय ऊर्जा या भूमितत्व (Magnetic Energy)

लेकिन यक्ष प्रश्न ये है कि क्या हमें आज शुद्ध हवा, पानी, खाना मिल रहा है.?

✖️एकदम साफ, स्पष्ट एवं खुला उत्तर,
नहीं बिल्कुल नहीं.! क्योंकि हर जगह पॉल्युशन ही पॉल्युशन हद से ज्यादा बढ़ चुका है है.!

▪️इसी तरह आज से 50/100 साल पहले हमें प्राकृतिक चुम्बकीय ऊर्जा या शक्ति (मैग्नेटिक एनर्जी) प्रकृति से 100% मिल रही थी क्योंकि तब हमारे घर मिट्टी के थे, हमारा खेलना चलना फिरना सब मिट्टी के साथ था इसलिए हमें कुदरती (Natural) मैग्नेटिक एनर्जी 100% मिल रही थी।

▪️लेकिन आज हम जहां या जिस माहौल में रहते हैं वहां हमारे आसपास हर जगह सीमेंट और लोहे की 
बिल्डिंग्स है और लोहा (IRON), स्वयंतः इस चुम्बकीय शक्ति या मैग्नेटिक एनर्जी को अपनी तरफ खींच लेता है।
इसलिए हमें आज सिर्फ 10% से 15% ही मैग्नेटिक एनर्जी मिल रही है जो हमारे लिए पर्याप्त नही है इसलिए हमें तरह तरह की बीमारियाँ लगती जा रही हैं क्योंकि हमारे पंचतत्वों का बैलेंस बिगड़ चुका है।

▪️अगर हमे पर्याप्त मात्रा में मैग्नेटिक एनर्जी मिलेगी तभी हमारे शरीर का रक्त संचरण या ब्लड सर्क्युलेशन और ऑक्सिजन लेवल सही रह पायेगा।
▪️आज 99.999% लोगों का ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सिजन लेवल डिस्टर्ब है जो सारी बीमारियों की जड़ है और हमें आज 300+ बीमारियाँ सिर्फ हमारे ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सिजन लेवल डिस्टर्ब होने के वजह से हो रही है।
▪️मैग्नेटिक एनर्जी पृथ्वी में समाहित है इसलिए पृथ्वी पर जीव सृष्टि है क्योंकि जीवन का मतलब...
हमारे शरीर का
रक्त संचरण (BLOOD CIRCULATION) + ऑक्सीजन लेवल (OXYGEN LEVEL)

● हम खाने के बगैर 15 दिन जिंदा रह सकते है,
● पानी के बगैर 15 दिन जिंदा रह सकते है,
● लेकिन ऑक्सिजन के बगैर 3 मिनट भी जिंदा नही रह सकते.!

▪️हमारे शरीर मे जो खून है उस मे लौह या आयरन नाम का एक घटक अपने अंदर निहित चुम्बकीय ऊर्जा या शक्ति या मैग्नेटिक एनर्जी को अपनी तरफ खींचता है, जिसके कारण हमारे शरीर मे ब्लड सर्कुलेशन चलता है।

▪️हमारे शरीर की 63 खरब कोशिकाओं को स्वस्थ रहने के लिए ऑक्सिजन और न्यूट्रिशन चाहिये।
अगर शरीर की कोशिकायें स्वस्थ होंगी तो ऊतक या टिश्यू स्वस्थ होंगे,
अगर टिशू स्वस्थ होंगे तो हमारे अंग या ऑर्गन स्वस्थ होंगे,
अगर ऑर्गन या अंग हेल्थी होंगे तो सिस्टम हेल्थी होगा,
और अगर हमारे शरीर का तंत्र या सिस्टम स्वस्थ होगा तो हमारा पूरा शरीर शत प्रतिशत स्वस्थ होगा।

इसके अलावा हमारे शरीर की कोशिकाओं को जो नुकसान होता है...
वो होता है मोबाइल रेडिएशन से जो हमारे सेल्स को डैमेज करता है और हमारी एनर्जी लेवल को खत्म कर देता है, अगर विश्वास न हो तो थोड़े समय के बाद 5G आने के बाद देख लेना।

आजकल शरीर को चलाने के लिए 12 महीनें गोलियां चलती रहती हैं मतलब दवाइयों के भरोसे रहना पड़ता है।
▪️आज की तारीख में 20% से ज्यादा लोग बीमार है और उनको तो दवाइयों को खरीदना ही खरीदना है लेकिन जो 80% लोग, जो आज अपने आपको स्वस्थ समझ रहे है, ध्यान रहे कि वो भी पाइप लाइन में है।
वो कभी भी बीमार हो सकते है इसलिए बीमार होने से पहले ही अपनी सुरक्षा या बचाव की तैयारी कर लें तो अति उत्तम रहेगा।
Because it's said that.... *Preventation Is Better Than Cure.*

*एक और सच...*
▪️हम अपनी कार, बाइक, कंप्यूटर, लैपटॉप, फ्रिज, कूलर, एसी सबकी सर्विसिंग वक़्त पर कराते है लेकिन क्या आपने कभी अपने शरीर की सर्विसिंग के बारे में कभी एक बार भी सोंचा....?? *शायद....*
*👉 नही ???*
*👉 क्यो ???*
▪️क्योंकि शरीर मुफ्त में मिला है.!
▪️हमारा ओवर कॉन्फिडेंस, कि मुझे कुछ नही होता.!
▪️अभी क्या जरूरत है, जब वक़्त आयेगा तब देखेंगे, पैसा है हो जायेगा..!!
जरा 2020 और 2021 को याद कर लें, पैसा किसी भी काम नहीं आया.!

अब आप भी स्वस्थ एवं निरोगी रह सकते हैं.!

*हमसे विश्वस्तरीय अद्भुत बायो मैग्नेटिक प्रोडक्ट के फायदे के बारे में जानिये...*

▪️ हमे मैग्नेटिक एनर्जी मिलती है जिस से हमारे बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन+ ऑक्सिजन लेवल  बढ़ जाता है।
▪️300+ बीमारियों से हमारा बचाव होता है।
▪️हमारे शरीर की इम्युनिटी पॉवर बढ़ जाती है।
▪️हमारी शरीर का एनर्जी लेवल बढ़ जाता है।
▪️सभी प्रकार की मोबाइल रेडिएशन से हमारे शरीर का बचाव होता है।

*इसके लिए हमारे पास एक ही उपयुक्त उपाय है कि हमे कैसे भी मैग्नेटिक एनर्जी मिल सके वो है हमारे बायो मैग्नेटिक प्रोडक्टस..*

▪️मैग्नेटिक थेरेपी एक अल्टरनेटिव थेरेपी है जिसे इस्तेमाल कर के आप 300+ बीमारियों से छुटकारा पा सकते है वो भो बिना कोई इन्वेस्टमेंट के
आपको सिर्फ अपनी जरूरत के लिए एक प्रोडक्ट खरीदना है जैसे आपने अपने लिए घर, 
फ्रिज, टीवी, ऐसी, लैपटॉप, कंप्यूटर, कार, बाइक खरीदी है।

*बायो मैग्नेटिक गद्दे...*
▪️क्योंकि जब हम बायो मैग्नेटिक गद्दे या मैट्रेस पर सोते है तब रात में हमारे शरीर का रिपेरिंग और मेंटेनन्स का काम चलता है और रात में हमारे शरीर से सभी टॉक्सिन्स, कार्बन डाई ऑक्साइड, टॉक्सिन्स या विषैले द्रव्य और गैस बाहर निकलती है और हम स्वस्थ हो जाते है।

▪️नींद भी एक हीलिंग है इसलिए हम जब भी बीमार होते है तो डॉक्टर हमे रेस्ट करने के  लिए बोलता है।

सच में ये गद्दे, सोने से ज्‍यादा बहुमूल्‍य वस्‍तु की सुविधा दे रहे हैं,
👍 इसलिए आज ही हमसे बायो मैग्नेटिक गद्दे के बारे में मुफ्त जानकारी लें, अपने लिए, अपने परिवार के लिए और इस स्वास्थ्य अभियान में जुड़कर अपना और समाज का भला करने के लिए।

ये कोई जबर्दस्ती का विषय नहीं बल्कि निरोगी जीवन के आनंद लेने के लिए है।

कीमत
3*6- ₹10,000
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कोरियर सेवा मुफ्त

सम्पर्क करें
नेचुरोपैथ कौशल
*9896076323*
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[3/26, 1:18 AM] +91 98960 76323: *हेल्थ एन वेलनेस जागरूकता*
 1️⃣ हम लंबे, स्वस्थ और उत्पादक जीवन जीने के लिए लोगों को उनके शरीर और दिमाग का प्रभार लेने के लिए सशक्त बनाते हैं।

 2️⃣ हम सिर्फ स्वस्थ रहकर लोगों को धन बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

 3️⃣ हम लोगों को स्वास्थ्य और वेलनेस (कल्याण) प्रौद्योगिकी में अपना करियर या खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए गाइड करते हैं।

 4️⃣ हम लोगों को डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके निष्क्रिय आय की कई धाराएँ बनाने के लिए समर्थन करते हैं।

 5️⃣ हम स्वास्थ्य और वेलनेस चिकित्सकों को उनके पेशे को बढ़ाने और वैश्विक संभावनाओं का पता लगाने में भी मदद करते हैं।

जानकारी के लिए कभी भी...
नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
9215522667
[3/26, 1:18 AM] +91 98960 76323: *नेचर 2 वेलनेस आपके लिए लेकर आये हैं चिलचिलाती गर्मी का आसान समाधान...*

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*जो मांसपेशियों की कोशिकाओं को रिचार्ज करने में मदद करता है,*
*थकान की सीमा में सुधार करता है,*
*शरीर की भड़काऊ प्रतिक्रिया को मजबूत करता है और*
*ऊर्जा का निर्माण करता है।*
*बीपी को नार्मल करता है।*

*हमारे अद्भुत "ऊर्ज़ा" एनर्जाइज़र फॉर्मूलेशन में अवयवों की भूमिका...*

*(1). स्टार्च मकई (डेक्सट्रोज और सुक्रोज)*
डेक्सट्रोज क्या है?
डेक्सट्रोज स्टार्च से बनी एक साधारण चीनी है। स्टार्च मकई, गेहूं, चावल और आलू सहित कई पौधों में पाया जाने वाला प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जटिल कार्बोहाइड्रेट है।
डेक्सट्रोज का सबसे आम स्रोत मकई स्टार्च है।

डेक्सट्रोज को डी-ग्लूकोज के नाम से भी जाना जाता है। 
डेक्सट्रोज आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर काम करता है।
ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे ब्रेड, अनाज, आलू, फल, पास्ता और चावल। ग्लूकोज ऊर्जा का एक स्रोत है, और आपके शरीर में सभी कोशिकाओं और अंगों को ठीक से काम करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है।

डेक्सट्रोज का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट कैलोरी प्रदान करने के लिए भी किया जाता है जो बीमारी, आघात या अन्य चिकित्सीय स्थिति के कारण नहीं खा सकता है। यह कभी-कभी उन लोगों को दिया जाता है जो बहुत अधिक शराब पीने से बीमार हो जाते हैं।
*आहार अनुपूरक*
डेक्सट्रोज स्टार्च से बनी एक साधारण चीनी है।
स्टार्च मकई, गेहूं, चावल और आलू सहित कई पौधों में पाया जाने वाला प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जटिल कार्बोहाइड्रेट है। डेक्सट्रोज का सबसे आम स्रोत मकई स्टार्च है।

डेक्सट्रोज, जब एक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है, या तो मुंह से (मौखिक रूप से) या इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है। डेक्सट्रोज को डी-ग्लूकोज के नाम से भी जाना जाता है।

डेक्सट्रोज आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर काम करता है। ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे ब्रेड, अनाज, आलू, फल, पास्ता और चावल। ग्लूकोज ऊर्जा का एक स्रोत है, और आपके शरीर में सभी कोशिकाओं और अंगों को ठीक से काम करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है।

डेक्सट्रोज का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट कैलोरी प्रदान करने के लिए भी किया जाता है जो बीमारी, आघात या अन्य चिकित्सीय स्थिति के कारण नहीं खा सकता है। यह कभी-कभी उन लोगों को दिया जाता है जो बहुत अधिक शराब पीने से बीमार हो जाते हैं।

डेक्सट्रोज का उपयोग हाइपरक्लेमिया (आपके रक्त में पोटेशियम के उच्च स्तर) के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।

*चेतावनी*
यदि आपको मकई से एलर्जी है, तो आपको डेक्सट्रोज से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।

सुक्रोस खनिज लोहे का एक रूप है। आयरन विशेष रूप से रक्त में ऑक्सीजन के परिवहन के लिए शरीर में कई कार्यों लिए महत्वपूर्ण है। आयरन सुक्रोस इंजेक्शन गुर्दे की बीमारी के साथ लोगों में लोहे की कमी से एनीमिया के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।
यह आमतौर पर लाल रक्त कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है।

3 बड़े चम्मच पूर्ण 15 ग्राम (लगभग) की एक खुराक कार्बोहाइड्रेट से 57.6 कैलोरी प्रदान करती है।

डेक्सट्रोज (स्टार्च मकई) आसानी से आत्मसात होकर घुल जाता है और थकान को दूर करने के लिए ऊर्जा का उत्सर्जन करता है।
सुक्रोज से फ्रुक्टोज और ग्लूकोज प्रत्येक का एक अणु प्राप्त होता है।

*(2). जिंक सल्फेट*
ज़िंक से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। जिंक की कमी होने पर इम्यूनिटी, थकान और वजन घटना शुरु हो जाता है।

जिंक जिसे हिंदी में जस्ता (Zinc) कहते हैं एक ऐसा खनिज या मिनरल है जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत (Strong Immunity) बनाता है।
हमारा शरीर जिंक नहीं बनाता इसके लिए हमें जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ (Foods For Zinc) या सप्लीमेंट का सेवन करना होता है।
दैनिक कार्यों को सुचारु रुप से करने के लिए जिंक जरूरी है।
जिंक से न सिर्फ शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करने (Blood Sugar Level), हार्ट को हेल्दी बनाने (Heart) और स्किन और हेयर का ख्याल रखने के लिए भी ज़िंक जरूरी है।
शरीर में डीएनए (DNA) के निर्माण में भी ज़िंक अहम होता है।
आप डाइट में ऐसी चीजों को शामिल कर सकते हैं जिससे ज़िंक की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है।

 एक सर्विंग से 3.2 ग्राम एलिमेंटल जिंक मिलेगा, जो दैनिक आहार आवश्यकताओं का आधा है।
 जिंक न्यूक्लोइक एसिड संश्लेषण घावों के उपचार और ऊर्जा के हस्तांतरण के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।
 जिंक स्वाद संकाय में भी सुधार करता है और इस प्रकार स्वास्थ्य लाभ के दौरान भोजन की इच्छा को बढ़ाता है।

*(3). एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन-सी)*
एस्कॉर्बिक एसिड शुद्ध विटामिन सी है, जो शरीर के लिए फायदेमंद एक आवश्यक पोषक तत्व है।
यह त्वचा की मरम्मत और पोषण करने में मदद करता है।
यह त्वचा की मजबूती और एक एंटी-एजिंग है। स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखना और विकसित करना।

 एक सर्विंग इस महत्वपूर्ण पानी में घुलनशील विटामिन का 15mg प्रदान करता है, जो दैनिक आहार एस्कॉर्बिक एसिड है जो तनाव और तनाव, वृद्धि और शरीर के गठन के खिलाफ समायोजित करने में मदद करता है और फागोसाइटोसिस में सुधार करता है जिससे संक्रमण के प्रतिरोध में वृद्धि होती है।

मात्रा 200 ग्राम

एमआरपी ₹275/-

एक सर्विंग 15 ग्राम
दिन में एक या दो बार और जरूरत पड़ने पर कभी भी।

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अपना नाम, पता, पिन कोड, मोबाइल नंबर एवं ऊर्जा सिम्पल टेक्स्ट मेसेज से भेजें, व्हाट्सएप से नहीं।

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[3/26, 8:53 AM] +91 82698 01632: *बालों की सुरक्षा*


 चहरे में सुंदरता में बाल चार चांद लगा देते हैं, परंतु यह सुंदरता शरीर के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।स्वस्थ शरीर तो बाल भी स्वस्थ पर व्यस्थ दिनचर्या में हम बालों को भूल जाते हैं।

 *बालों के अनेक रोग जैसे*

 बालों का टूटना, झड़ना,असमय सफेद होना आदि। कैमिकल युक्त सौंदर्य प्रसाधन का प्रयोग से समस्या और बढ़ जाती है। 

 *बालों के रोगी होने के कारण*

 लम्बी बीमारी, टायफाइड, डायबिटीज़ आदि के अलावा चिंता,क्रोध, अवसाद नींद के लिए गोलियां का प्रयोग,अन्य नशीले पदार्थ,शराब, धूम्रपान आदि के सेवन से हमारा नर्वस सिस्टम कमजोर हो जाता है। अतः बाल कमजोर होकर टूटने लग जाते हैं, झड़ने व सफेद होने लगते हैं। कुपोषण की शिकार तथा दूध पिलाने वाली माताओं के बाल भी रोगग्रस्त हो जाते हैं।तेज धूप, धुआं, मिट्टी से भी बाल कमजोर हो जातें हैं। 

*बचाव*
 
    धूप,धूल, मिट्टी से बचावे। नशीले पदार्थों का सेवन बंद कर अपने खान पान को सुधारने से बालों को लम्बे समय तक निरोग रख सकते हैं। 

 बालों की सफाई नित्य करें। पोंछने का तौलिया, कंघी अलग रखें तथा उन्हें साफ रखें। 

   आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें तथा अधिक प्रोटीन एवं विटामिन युक्त आहार लें। 

अपने दोनों हाथों की अंगुलियो के अग्रभाग को 5-5 मिनट दिन में दो बार रगड़े। कुछ दिन में अच्छा परिणाम दिखाई देगा। 

*परामर्श*

योग द्बारा शरीर को स्वस्थ रखने से बाल स्वस्थ रखें जा सकते हैं। यौगिक क्रियाओं से रक्त संचार तथा संवेदन क्रिया से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं।हल्के आसनों के बाद हलासन, सर्वांगासन,मत्स्यासन के बाद कपालभाति व भ्रामरी प्राणायाम नित्य करने से शरीर के साथ साथ बाल भी सुन्दर व स्वस्थ तथा चहरे पर तेज आता है। 

*ॐ ध्वनि-- किसी एकान्त स्थान अथवा घर के शांत वातावरण में आसन बिछाकर पद्मासन में बैठें,हाथ ज्ञान मुद्रा में, आंखें बंद कर ॐ ध्वनि का दस दस मिनट सुबह शाम ध्यान करें।इस कम्पन से रक्त का संचार सीधा मस्तिष्क में होता है। इससे बालों को पोषण के साथ ही बाल स्वस्थ रहते हैं।*
बाजारु उत्पादों का इस्तेमाल से समस्या और बढ़ जाती है। पुराने घरेलू उपचार अपनाकर बालों को कैसे स्वस्थ रखा जा सकता है।

*जुओं से बचाव* 
सीताफल के बीजों की गिरी का पेस्ट बना कर बालों में रात को सोते समय लगा कर तौलिए से बांध लें। सवेरे धो लें। तीन दिन लगातार करने से जुए तथा पैदा अंडे भी नष्ट हो जाएंगे। 

*बाल सुन्दर व काले*

1.    खीरे के रस को नियमित लगाएं और खाएं।
2.   एक हरा आंवला तथा चूर्ण बना कर सेवन करें,रस सिर पर लगाएं। हफ्ते में रूसी समाप्त और बाल काले होने लगेंगे।
3.   कलौंजी को भिगोकर पेस्ट बना कर बालों में एक माह लगाएं,बाल काले तथा चमकदार बन जाएंगे।
4.    भृंगराज का चूर्ण नित्य बासी मुंह एक चम्मच ठंडे पानी से खाने तथा इसका रस बालों में लगाएं,बाल काले, सुन्दर तथा मजबूत बनते हैं।
5.      आंवले के साथ काली तुलसी को समान मात्रा में पीसकर नींबू के रस के साथ घोलकर स्नान से पहले सिर में लगा लें। सूखने के बाद धोएं। इससे बाल काले, घने और मजबूत बनते हैं।
6.     एक आम की गुठली का गूदा,बीस बेरी के पत्ते, पांच ग्राम लोहे का बुरादा, त्रिफला चूर्ण दो चाय चम्मच लोहे की कड़ाही में भिगो दें। भीगने के बाद सिलबट्टे पर पीस कर पेस्ट बना लें।भैंस के दूध में मिलाकर हफ्ते में दो बार सिर पर लगाएं। चाहें तो मेंहदी भी मिला सकते हैं। एक से दो बार लगातार करने पर सिर का गंजापन दूर हो जाता है।( हफ्ते में दो बार एक माह तक) 
सिर धोने के लिए बेसन में नींबू का रस प्रयोग करें। साबुन का प्रयोग न करे।
[3/26, 8:56 AM] +91 82698 01632: *जब दस्त लगने से आ जाए कमजोरी, तो करें इन 5 चीजों का सेवन* 
 
1 ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं -लूज मोशन होने की स्थिति में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, क्योंकि इस दौरान शरीर से पानी भी बाहर निकल जाता है। अगर आप फल व सब्जियों का जूस, नींबू पानी, नमक-चीनी का घोल या फिर नारियल पानी पिएं तो और भी बेहतर होगा। 
 2 अदरक का सेवन करें -लूज मोशन होने की स्थिति में अदरक का सेवन भी कारगर होता है। अदरक में एंटीफंगल और एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जो इस दौरान होने वाले पेट दर्द में राहत देते है। आप चाहे तो अदरक का पाउडर को दूध में मिलाकर पी सकते हैं। 
 3 दही का सेवन करें -लूज मोशन होने की स्थिति में दही का सेवन भी फायदेमंद रहता है। दही में बैक्टीरिया मौजूद होते है जो पेट जल्दी ठीक करने के साथ ही पेट को ठंडा रखने में मदद करते है। 
 4 केला खाएं -लूज मोशन होने पर केले का सेवन भी राहत देता है। केले में मौजूद पेक्टिन लूज मोशन को रोकने का काम करता है। 
 5 जीरा खाएं -लगातार लूज मोशन होने पर एक चम्मच जीरा चबा लें और पानी पी लें। ऐसा करने से लूज मोशन जल्दी रुकने में मदद मिलती हैं।
[3/26, 8:57 AM] +91 82698 01632: *गैस की समस्या का इलाज* 
 
- गैस की समस्या को दूर करने के लिए आप एक अदरक के टुकडे को देसी घी में पक लें. और फिर उस पर काला नमक डालकर खाएं इसके अलावा अदरक की चाय पीने से भी आपको एसिडिटी की प्रॉब्लम से राहत मिलती है. 
 - पका हुआ पाइनएप्पल खाएं या फिर आप इसका जूस पी एम इसकी एल्कलाइन प्रॉपर्टी गैस से तुरंत राहत दिलाने में बहुत मदद करती है. 
 - ठंडे पानी में 1 चम्मच भुना हुआ जीरा पाउडर घोलकर पीने से भी आपका डाइजेशन सुधर जाता है और गैस की प्रॉब्लम दूर हो जाती है. 
 - गैस की प्रॉब्लम को तुरंत दूर करने के लिए एक गिलास पानी में आधा चम्मच पुदीने का रस डालकर पिए इसके अलावा आप पुदीने की चाय भी पी सकते हैं. 
 - गैस की समस्या को दूर करने के लिए नारियल पानी एक बहुत बढ़िया उपाय है क्योंकि नारियल पानी पीने से आपका डाइजेशन सुधरता है और आपके पेट की तमाम तरह की प्रॉब्लम दूर हो जाती हैं और अगर गैस बन रही हो तो आप नारियल पानी पी लें इससे तुरंत गैस में आराम मिलेगा.
[3/26, 8:57 AM] +91 82698 01632: *गर्मियों की कई सेहत समस्याओं से निजात पाने के लिए पढ़ें, पुदीने के घरेलू नुस्खे* 
 
1 पेट की गर्मी को कम करने के लिए पुदीने का प्रयोग बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा यह पेट से संबंधित अन्य समस्याओं से भी जल्द निजात दिलाने में लाभकारी है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
 2 दिनभर बाहर रहने वाले लोगों को पैर के तलवों में जलन की शिकायत रहती है, ऐसे में उन्हें फ्रिज में रखे हुए पुदीने को पीसकर तलवों पर लगाना चाहिए ताकि तुरंत राहत मिल सके। इससे पैरों की गर्मी भी कम होगी।
 3 सूखा या गीला पुदीना छाछ, दही, कच्चे आम के पने के साथ मिलाकर पीने पर पेट में होने वाली जलन दूर होगी और ठंडक मिलेगी। गर्मी हवाओं और लू से भी बचाव होगा।
 4 अगर आपको अक्सर टॉंसिल्स की शिकायत रहती है और इसमें होने वाली सूजन से भी आप परेशान हैं तो पुदीने के रस में सादा पानी मिलाकर इस पानी से गरारे करना आपके लिए फायदेमंद होगा।
 5 गर्मी में पुदीने की चटनी का रोजाना सेवन सेहत से जुड़े कई फायदे देता है। पुदीना, काली मिर्च, हींग, सेंधा नमक, मुनक्का, जीरा, छुहारा सबको मिलाकर चटनी पीस लें। यह चटनी पेट के कई रोगों से बचाव करती है व खाने में भी स्वादिष्ट होती है। भूख न लगने या खाने से अरुचि होने पर भी यह चटनी भूख को खोलती है।
 6 पुदीने व अदरक का रस थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से खांसी ठीक हो जाती है। वहीं अगर आप लगातार हिचकी आने से परेशान हैं तो पुदीने में चीनी मिलाकर धीरे-धीरे चबाएं। कुछ ही देर में आप हिचकी से निजात पा लेंगे।
[3/26, 8:58 AM] +91 82698 01632: *ये  चीज़ें बढ़ाती हैं मेमोरी पावर, नोट कर लें अभी* 
 
1. शक्कर का सेवन कम करें : ज़्यादा शक्कर के सेवन से आपके दिमाग की याद करने की श्रमता प्रभावित हो सकती है क्योंकि शक्कर आपके दिमाग में शार्ट टर्म मेमोरी (short term memory) के पार्ट को प्रभावित करता है जिससे आप चीज़े बार-बार भूलने लग जाते हैं। 
 
2. ब्रेन एक्सरसाइज करें : आपके दिमाग को तेज़ बनाने के लिए आप ब्रेन एक्सरसाइज कर सकते हैं। ब्रेन एक्सरसाइज के लिए आप चेस, सुडोको (sudoko), वर्ड क्रॉस (word cross), पज़ल्स या कई ब्रेन गेम खेल सकते हैं जिसकी मदद से आपकी ध्यान लगाने की श्रमता बढ़ेगी।
 
3. एक्सरसाइज करें : मेमोरी बढ़ाने के लिए ब्रेन एक्सरसाइज के साथ आपको शारारिक एक्सरसाइज की भी ज़रूरत है जिसकी मदद से आपके शरीर में रक्त का संचार सही ढंग से होगा और आपका दिमाग ब्लड क्लॉटिंग और ब्रेन स्ट्रोक जैसी समस्या से दूर रहेगा। 
 
4. मेडिटेशन : आप मेडिटेशन (meditation) के बारे में कई बार सुन चुके होंगे पर मेडिटेशन आपकी मेमोरी को काफी हद तक बढ़ाता है क्योंकि ध्यान करना आसान नहीं होता पर लगातार प्रयास के साथ जब आप ध्यान करना सीख जाते हैं तो आप ज़्यादा बेहतर तरीके से कंसन्ट्रेट कर पाते हैं और आपकी यादाश भी बढ़ती है।

5. पूरी नींद लें : आपके शरीर को 7-9 घंटे की नींद की ज़रूरत होती है क्योंकि पूरी नींद के कारण हमारा दिमाग और शरीर बेहतर तरीके से काम करते हैं और पूरी नींद के कारण स्ट्रेस की समस्या भी कम होती है जिससे हमारी मेंटल हेल्थ भी बेहतर रहती है। 
 
6. ज़्यादा कैलोरी का सेवन न करें : ज़्यादा कैलोरी का सेवन करने से आपके शरीर में फैट बनता है जिससे आपका दिमाग सुस्त हो जाता है और ज़्यादा कैलोरी के कारण आप कई बिमारियों की चपेट में भी आ सकते हैं जिससे आपकी मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ सकता है।
[3/26, 8:59 AM] +91 82698 01632: *गर्म पानी में निचोड़ें नींबू और एक चुटकी नमक, इसे पीने से होंगे 5 गजब के फायदे* 
 
1 अगर आप सुबह फ्रेश होने से पहले गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीते हैं, तो आपका पेट आसानी से साफ होगा और कब्ज की समस्या नहीं होगी।
 2 अगर आप सुबह फ्रेश होने के बाद यानि बिल्कुल खाली पेट इसका प्रयोग करते हैं, तो यह आपकी बढ़ी हुई चर्बी कम करने में मददगार साबित होगा और आपका वजन भी कम होगा।
 3 यह आपके पाचन तंत्र को फायदा पहुंचाएगा और पाचन क्रिया पहले से बेतर होगी। इसके चलते आपको पेट की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
 4 गर्म नींबू पानी का सेवन आपके शरीर की अंदर से सफाई करता है और हानिकरक तत्वों को शरीर से बाहर करने में मदद करता है। यह प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
 5 इसका एक बड़ा फायदा यह भी है कि यह आपको मुंह और सांसों की दुर्गंध से भी निजात दिलाएगा और आप ताजगी महसूस करेंगे। इसमें मौजूद विटामिन सी भी आपको कई फायदे देगा।
[3/26, 6:44 PM] +91 82698 01632: घरेलू उपचार 
          ------: सावधानी :------
नींबू --------
* पैर के जौडो़ के दर्द, गले के टॉन्सिल, पेट के घाव ( Ulcer ) के रोगी को, नींबू नही देना चाहिए । ऐसे व्यक्ति को भी नींबू का सावधानी से प्रयोग करना चाहिए, जिसे इसके सेवन से चक्कर आते हो या निम्न रक्तचाप का रोग हो।
खरबूजा ------
* खरबूजा का अधिक सेवन करने से, पेट और आँते कमजोर हो जाती है ।
*  हैजा चल रहा हो , तब भी इसका सेवन न करें ।
* गर्म प्रकृति के व्यक्ति को भी, खरबूजा का अधिक सेवन से आँख दुखने का रोग हो जाता है ।
* भोजन से पहले और बाद में , खरबूजा का सेवन न करें । दोनों समय के,  मध्यकाल में ही सेवन करें ।
* खरबूजा का सेवन औषधीय रूप में कर रहे हो तो, हर तीन घंटे के अंतराल से , चार बार सेवन करें ।
* एक दिन में , डेढ़ किलो से अधिक न सेवन करें ।
* खरबूजें के सेवन के बाद शर्बत का सेवन करें , ये शीघ्र पच जाता है ।
* इसके सेवन करने से लू व गर्मी के प्रभाव में , कमी आती है ।
करेला --------
* करेला गर्मी करता है ।
* करेले के अधिक सेवन करने से, छाती, गले में रूक्षता आती है और प्यास लगती है ।
* करेले के सेवन में गर्मी का ध्यान रखें।
* इसके सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव को कम करने के लिए, घी और चावल खाएं।
शक्कर ------
* शक्कर ( गुड़ वाली ) या चीनी को सेवन करने के बाद, दाँतों को,  अच्छी प्रकार स्वच्छ करना चाहिए  नही तो, दाँत खराब हो जाते है ।
* मधुमेह के रोगी को भी शक्कर के सेवन नही करना चाहिए
[3/26, 6:45 PM] +91 82698 01632: मासिक धर्म के दोषों से बचाव के प्राकृतिक और देशी उपाय :------
(1) किशमिश -------
      पुरानी किशमिश को,  3 ग्राम की मात्रा में लेकर। इसे लगभग 200 मिलीलीटर पानी में,  रात को भिगोकर रख दें। प्रातः ,  इसे उबालकर रख लें। जब यह एक चौथाई की मात्रा में रह जाए,  तो इसे छानकर सेवन करने से , मासिक धर्म के सभी दोष नष्ट हो जाते हैं।
(2) काले तिल -------
      काले तिल 5 ग्राम को,  गुड़ में मिलाकर । माहवारी (मासिक) शुरू होने से , 4 दिन पहले सेवन करना चाहिए। जब मासिक धर्म शुरू हो जाए, तो इसे बंद कर देना चाहिए। इससे माहवारी सम्बंधी , सभी विकार नष्ट हो जाते हैं। 
* लगभग 8 चम्मच तिल, एक गिलास पानी में , गुड़ या 10 काली मिर्च को पीसकर, इच्छानुसार गर्म कर लें। आधा पानी शेष रहने पर, 2 बार नित्य पीयें, यह मासिक धर्म आने के 15 मिनट पहले से , मासिकस्राव तक सेवन करें। ऐसा करने से,  मासिक धर्म खुलकर आता है।
* 14 से 28 मिलीलीटर बीजों का काढ़ा,  एक ग्राम कालीमिर्च के चूर्ण के साथ, दिन में तीन बार देने से , मासिक धर्म खुलकर आता है।
* तिल, जौ और शर्करा का चूर्ण शहद में मिलाकर सेवन कराने से,  प्रसूता स्त्रियों की योनि से, रक्त  का बहना बंद हो जाता है।
(3)ज्वार -------
* ज्वार के भुट्टे को जलाकर, इसकी राख को छान लें। इस राख को,  3 ग्राम की मात्रा में , पानी से सुबह के समय खाली पेट, मासिक धर्म चालू होने से , लगभग एक सप्ताह पहले देना चाहिए। जब मासिक धर्म शुरू हो जाए तो , इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। इससे मासिक धर्म के सभी विकार नष्ट हो जाते हैं।
(4) चौलाई -------
* चौलाई की जड़ को,  छाया में सुखाकर, बारीक पीस लें। इसे लगभग 5 ग्राम मात्रा में , सुबह के समय खाली पेट, मासिक धर्म शुरू होने से,  लगभग 7 दिनों पहले सेवन करें। जब मासिक धर्म शुरू हो जाए, तो इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। इससे मासिक धर्म के,  सभी विकार नष्ट हो जाते हैं।
(5) असगंध ------
* असगंध और खांड़ को बराबर मात्रा में लेकर,  बारीक पीस लें। फिर,  इसे 10 ग्राम लेकर पानी से , खाली पेट मासिक धर्म शुरू होने से,  लगभग 7 दिन पहले सेवन करें। जब मासिक-धर्म शुरू हो जाए, तो इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। इससे मासिक धर्म के,  सभी विकार नष्ट हो जाते हैं।
(6) रेवन्दचीनी -----
* रेवन्दचीनी 3 ग्राम की मात्रा में , सुबह के समय,  खाली पेट माहवारी (मासिक धर्म) शुरू होने से,  लगभग 7 दिन पहले सेवन करें। जब मासिक धर्म शुरू हो जाए, तो इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। इससे मासिक धर्म के , सभी विकार नष्ट हो जाते हैं।
[3/26, 6:45 PM] +91 82698 01632: घरेलू उपचार 
           -------: सर्वगुण सम्पन्न :-------
तुलसी -------
* 30 तुलसी की पत्ती को स्वच्छ करके पीस लें और 20 ग्राम ताजा दही या 1-2 चम्मच शहद के साथ सेवन करें ।
इसके बाद में , दो घंटे तक कुछ भी आगे न पीछे कुछ भी सेवन न करें ।
      इस प्रयोग को तीन माह तक करें , तो खाँसी, जुकाम, जुकाम का लगातार रहना, श्वास रोग, स्मरण शक्ति की कमजोरी , सिर या नेत्र दर्द, उच्च या निम्न रक्तचाप, ह्रदय रोग, मोटापा, अम्लता , पेचिश, भूख न लगना , कब्ज, गैस, पथरी या गुर्दें के अन्य रोग, गठिया , विटामिन ' ए ' और ' सी ' की कमी से होने वाले रोग, सफेद दाग, कुष्ठ, त्वचा रोग, शरीर की झुर्रियाँ , पुरानी बिवाइयां, बुखार, चेचक और महिला रोग भी दूर होते है ।
मैंथी -------
* मैथीदाना का नित्य प्रयोग करने वाले व्यक्ति के निकट निम्न रोग नही आते है ------
      लकवा , पोलियो, ह्रदय रोग, निम्न व उच्च रक्तचाप, मधुमेह, शुगर, गठिया , श्वास रोग, हड्डी का बुखार, बवासीर एवं जोडो़ं का दर्द । इसका कोई दुष्प्रभाव नही है  और परहेज भी नही  है ।
* तीन चम्मच मेंथीदाना को दो कप पानी में दोपहर में भिगो दें। रात को उबालें और जब एक कप रह जाए तो सोते समय कुछ सप्ताह प्रयोग करें । ऐसा करने से, कफ, दमा फेंफडे़ के रोग, टी बी, शराब पीने के दुष्प्रभाव, यकृत का सुकड़ना, कुपोषण, गठिया , आमवात, जलोदर, पीलिया , रक्त की कमी, कमर दर्द और अनियमित मासिक धर्म में  लाभदायक है ।
शहद ------
* आधा चम्मच तुलसी के पत्तों का रस या सौ पत्तों को पीसकर, 3 चम्मच, 2 चम्मच पानी मिलाकर, एक माह तक सेवन करें । ब्रोकांटिस, निमोनिया, टी बी, दमा आदि में लाभ देता है । 
       ये सभी फेफडो़ के रोगों में औषधीय रूप में  काम करता है
[3/26, 6:46 PM] +91 82698 01632: सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस का घरेलु सरल उपचार

गर्दन में स्थित रीढ़ की हड्डियों में लंबे समय तक कड़ापन रहने, उनके जोड़ों में घिसावट होने या उनकी नसों के दबने के कारण बेहद तकलीफ होती है। इस बीमारी को सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस कहा जाता है। दूसरे नाम सर्वाइकल ऑस्टियोआर्थराइटिस, नेक आर्थराइटिस और क्रॉनिक नेक पेन के नाम से जाना जाता है। इसमें गर्दन एवं कंधों में दर्द तथा जकड़न के साथ-साथ सिर में पीड़ा तथा तनाव बना रहता है।

आधुनिक चिकित्सा में सर्वाइकल स्पौण्डिलाइटिस का इलाज फिजियोथेरेपी तथा दर्द निवारक गोलियां हैं। इनसे तात्कालिक आराम तो मिल जाता है, किंतु यह केवल अस्थायी उपचार है।

सर्वाइकल स्पॉन्डलाइटिस के लक्षण

कई बार गर्दन का दर्द हल्के से लेकर ज्यादा हो सकता है। ऐसा अक्सर ऊपर या नीचे अधिक बार देखने के कारण या गाड़ी चलाने, किताबें पढ़ने के कारण यह दर्द हो सकता है।
रीढ़ की हड्डी में कोई चोट आने पर या अकस्मात् कोई वजन आ जाने पर इसका बढ़ा हुआ भयंकर रूप भी देखने को मिलता हैं।
गर्दन में दर्द और गर्दन में कड़ापन स्थिति को गम्भीर करने वाले मुख्य लक्षण है।
सिर का दर्द, मुख्य रूप से पीछे का दर्द इसका लक्षण है।
गर्दन को हिलाने पर प्राय: गर्दन में पिसने जैसी आवाज़ का आना।
हाथ, भुजा और उंगलियों में कमजोरियां या सुन्नता।
व्यक्ति को हाथ और पैरों में कमजोरी के कारण चलने में समस्या होना और अपना संतुलन खो देना।
गर्दन और कंधों पर अकड़न या अंगसंकोच होना।
रात में या खड़े होने के बाद या बैठने के बाद, खांसते, छींकते या हंसते समय और कुछ दूर चलने के बाद या जब आप गर्दन को पीछे की तरफ मोड़ते हैं तो दर्द में वृद्धि हो जाना।

कुछ अनुभूत योग काफी लाभदायक हैं जिनका चिकित्सक के मार्गदर्शन में प्रयोग किया जाना उचित है।

1. धतूरे के बीज 10 ग्राम + रेवंदचीनी 8 ग्राम + सोंठ 7 ग्राम+ गर्म तवे पर फ़ुलाई हुई सफ़ेद फिटकरी 6 ग्राम + इसी तरह फ़ुलाया हुआ सुहागा 6 ग्राम + बबूल का गोंद6 ग्राम इन सब औषधियों को बारीक पीस लें और धतूरे के पत्तों के रस से गीला करके उड़द के दाने के (125मिलीग्राम यानी एक रत्ती ) बराबर गोलियां बना लें। इस गोली को दिन में केवल एक बार गर्म पानी से दोपहर का भोजन करने के बाद ही लेना चाहिए।
ध्यान रहे खाली पेट दवा हरगिज न लें।

2. वातगजांकुश रस की 1 गोली दिन में दो बार सुबह-शाम दशमूल काढ़े केसाथ दो चम्मच लेना भी लाभकारी होता है।

3. महामाष तेल की तीन-तीन बूंदे दोनो कानों व नाक में सुबह-शाम डालना भी लाभकारी होता है

4. आभादि गुग्गुल की एक एक गोली महारास्नादि काढ़े के साथ दस से पंद्रह मिली की मात्रा में खाली पेट लेना भी लाभदायक होता है। ये तो कुछ अनुभूत योग हैं इसके अलावा पंचकर्म चिकित्सा भी सरवाईकल स्पोंडीलाईटीस के रोगियों में काफी कारगर होती है।

घरेलु नुस्खे।

चूना :  चूना जो पान में खाते हैं, अगर आपको पत्थरी की समस्या नहीं है तो चूना एक बहुत बढ़िया औषिधि हैं सर्वाइकल के लिए, गेंहू के दाने सामान चूना पानी में, जूस में, या दही में मिला कर खाए।

विजयसार का चूर्ण : विजयसार का चूर्ण एक बहुत बढ़िया औषिधि हैं, किसी भी प्रकार के हड्डियों के सम्बंधित रोग के लिए। 1 चम्मच विजयसार का चूर्ण शाम को एक गिलास पानी में भिगो कर रख दे, इसको सुबह 15 घंटे के बाद कपडे से छान कर अच्छी तरह निचोड़ कर घूँट घूँट कर पिए। कैसा भी कोई दर्द हैं, 1 महीने से 3 महीने के अंदर सही होगा,

4 लहसुन 1 गिलास दूध में उबाले, सोते समय पीजिये।
रात को सोते समय दोनों नाक में 5-5 बूंदे गाय के घी की डाले।
उपरोक्त विधियां और नुस्खे अपनाने से कैसा भी सर्वाइकल हो 1 से 3 महीने में बहुत आराम आएगा।
[3/26, 6:46 PM] +91 82698 01632: जादू करेगा ये आयुर्वेदिक फेसपैक

लाभ --- यह फेस पैक कील मुहासे झाइयाँ दाग धब्बे आदि से निजात दिलाता है और रंगत निखारता है

सामग्री----- धूप में सुखाया हुआ संतरा का छिलका 50 ग्राम + छाया में सुखायी हुई नीम की पत्तियां 50 ग्राम + छाया में सुखायी हुई तुलसी की पत्तियां 50 ग्राम + गुलाब फूल सूखा 50 ग्राम + छिलका रहित लाल मसूर दाल का पावडर 50 ग्राम + चने का बेसन 50 ग्राम + जायफल पाउडर 50 ग्राम + लाल चन्दन पाउडर 50 ग्राम + हल्दी पाउडर 25 ग्राम + शुद्ध कपूर 10 ग्राम ...

निर्माण विधि --- सब द्रव्य बारीक पाउडर बनाकर कांच के एयर टाइट बर्तन में रख लें.

प्रयोग विधि---- इस पाउडर को आवश्यकतानुसार दो से तीन चम्मच मात्रा में लेकर इसमें कच्चा दूध, गुलाब जल और कुछ बूँदें शहद की मिलाएं और 45 मिनट के लिए रख दें अब इस पेस्ट को चेहरे पर face pack की भाति लगाये और जब सूखने लगे तो हलके हाथों से रगड़ते हुए गुनगुने पानी की सहायता से साफ़ कर दें.

इसका उपयोग बॉडीक्लींजर की भाति भी किया जाता है यदि इसे लगाकर हलके हाथों से मसाज की जाये तो डेड स्किन को आसानी से निकाल देता है. पसीने की बदबू दूर करता है .
विशेष---- जिनकी त्वचा रुखी हो वह बेसन का उपयोग न करें. बहने अपने अनुभव के अनुसार इसमें परिवर्तन भी कर सकती हैं. जैसे गर्मियों में खीरे का जूस मिलाएं. इसी प्रकार ज्यादा दाग्धाब्बों वाली त्वचा के लिए नीबू जूस मिलाकर पेस्ट बनायें. एलोवेरा पल्प भी इसी प्रकार ad कर सकते हैं.
[3/26, 6:47 PM] +91 82698 01632: स्वर्ण भस्म के अद्भुत लाभ
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गुण व उपयोग: स्वर्ण भस्म के सेवन से मद, उन्माद, शुक्रप्रमेह, नपुंसकता, स्नायुदौर्बल्य, उर:क्षत, जीर्ण विकारों, धातुक्षीणता, जीर्ण ज्वर, मन्द ज्वर, बराबर आनेवाला ज्वर, विषविकार, पित्त प्रधान प्रमेह, दृष्टि क्षीणता, प्रदर, क्षय आदि रोगों में अनुपान भेद के साथ सेवन करने से उत्तम लाभ मिलता है। दिल को ताकत पहंचाने वाली औषधियों में स्वर्ण भस्म का सर्वप्रथम स्थान है। यह प्रज्ञा, वीर्य, स्मृति, कान्ति और ओज को बढ़ाने वाली है। इसकी भस्म स्निग्ध, मधुर,किचित् तिक्त, शीतवीर्य और रसायन गुणवाली है। अत्यन्त क्षीणावस्था को प्राप्त मृतप्राय रोगी को भी जीवन शक्ति प्रदान करने की अद्भूत शक्ति स्वर्ण भस्म में पायी जाती है। वैसे तो सभी रोगों में स्वर्णघ्ज्ञटित औषधियों से चमत्कारिक लाभ होता है। किन्तु रातयक्ष्मा, संग्रहणी, जीर्णज्वर, स्नायुदौर्बल्य, नंपुसकता आदि रोगों में तो स्वर्ण भस्म के बिना रोग में आराम होना कठिन है। स्वर्ण भस्म का कार्य रक्त को निर्दोष बनाकर हृदय को पुष्ट तथा रक्तवाहिनियों को सबल करना है। स्वर्ण भस्म बहुत कम मात्रा में देने से ही उत्तम लाभ मिलता है। अनुलोमन क्षय में स्वर्ण भस्म विशेष लाभदायक है। इसी प्रकार कण्ठमाला में भी स्वर्ण भस्म से उत्तम लाभ मिलता है। दोनों प्रकार की क्षीणता अर्थात रस-रक्तादि धातुओं की क्षीणता में अथवा केवल शुक्र धातु की क्षीणता में स्वर्ण बसन्त मालती, बसन्तकुसुमाकर और स्वर्णघटित औषधियों से विशेष लाभ मिलता है। इसके सेवन से कठिन से कठिन मलेरिया ज्वर जड़ से नष्ट हो जाता है। अनेक वैद्यगण अपने अनुभव से अनेक रोगों की चिकित्सा में अन्य औषधियों के साथ स्वर्ण भस्म का सेवन करवाते हैं, जिससे उन औाषधियों का परिणाम कर्इ गुणा बढ़ जाता है व रोगी को शीघ्र लाभ प्राप्त होता है। मस्तिष्क की दुर्बलता में स्वर्ण भस्म सर्वोत्तम साबित हुर्इ है। स्वर्ण भस्म मिश्रित मकरध्वज गुटिका, बृहत् वातचिनमणि आदि औषधियाँ अत्यन्तकष्टदायक दिमाग की दुर्बलता दूर करने के लिए सुप्रसिद्ध हैं। पुराने श्वास में किसी भी तरह आराम न होता हो तो बृहत् श्वास चिन्तामणि, महालक्ष्मी विलास रस आदि स्वर्णघटित औषधियों के सेवन से उत्तम लाभ प्राप्त होता है। महाकुष्ट उत्पन्न करने वाले कीटाणु भी इस भस्म के सेवन से नष्ट हो जाते हैं। भंयकर प्रदर (श्वेत रक्त दोनों) में स्वर्ण भस्म 31.5 मिलीग्राम, मुक्तापिष्टी 125 मिलीग्राम में मिला चौलार्इ की जड़ का चूर्ण 1 ग्राम अथवा इसके क्वाथ के साथ देने से बहुत शीघ्र लाभ मिलता है। निर्गुण्डी मूल चूर्ण 17 मिलीग्राम स्वर्ण भस्म मिलाकर पानी के साथ देने से कुछ ही समय में कुष्ठ रोग नष्ट हो जाता है। हृदय को पुष्ट और बलवान बनाने के लिए स्वर्ण भस्म 31.5 मिलीग्राम, अकीक भस्म 125 मिलीग्राम में मिलाकर, शहद सा अदरक रसे के साथ सेवन करना चाहिए। राजयक्ष्मा की प्रथम व द्वितीयावस्था में स्वर्ण भस्म 61.5 मिलीग्राम, प्रवाल पिष्टी 125 मिलीग्राम, श्रंग भस्म 61.5 मिलीग्राम, गिलोय सत्व 250 मिलीग्राम में मिलाकर शहद के साथ देने से बहुत शीघ्र लाभ होता है। नेत्रों की दृष्टि में विकार उत्पन्न होने पर स्वर्ण भस्म 15 मिलीग्राम, कांस्य भस्म 125 मिलीग्राम, त्रिफला घृत के साथ दें। नपुंसकता में स्वर्णघटित मकरध्वज 62.5 मिलीग्राम, मुक्तपिष्टी 125 मिलीग्राम और स्वर्ण भस्म 31.5 मिलीग्राम की मात्रा में मलार्इ के साथ देने से बहुत लाभ होता है। पुराने पांडु रोग में गर्च सत्व, स्वणग् भस्म और लौळ भस्म को एकत्र मिला शहद के साथ करें। नाग केसर चूर्ण में स्वर्ण भस्म मिलाकर ऋतुकाल में स्त्री को सेवन कराने से उसके गभाषय में गर्भधारण की शक्ति उत्पन्न होती है।
मात्रा व अनुपान: ० २५ से ०.5० मिलीग्राम तक शहद, मक्खन, मिश्री, मलार्इ, गिलोय स्तव, च्यवनप्राश आदि के साथ या रोगानुसार अनुपान के साथ।
विशेष: क्षय रोग में जब ज्वर का वेग बहुत अधिक हो तो ऐसी अवस्था में स्वर्ण भस्म नही देनी चाहिए, क्योंकि इससे ज्वर का वेग और अधिक बढ़ सकता है।
[3/26, 6:49 PM] +91 82698 01632: ग्रीष्म ऋतू चरम पर है . आजकल भूख न लगना , अपच,
एसिडिटी , गैस , मिचली आना , हाथ पैरो में जलन ,
अत्यधिक गर्मी लगना, पेशाब खुलकर न होना अत्यधिक
प्यास लगना आदि आम समस्याएँ हैं. इन समस्याओं के लिए
एलोपैथी में जो दवाएं ली जाती है वो शरीर पर
दुष्प्रभाव भी डालती है और लम्बे समय तक लेना भी
मुश्किल होता है. आज एक ऐसे प्रयोग पर चर्चा की
जाएगी जो ऊपर बताई समस्याओं में अत्यधिक लाभ देता
है. सबसे बड़ी बात इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं है. पूरी
गर्मियों में इसे लिया जा सकता है. स्वादिष्ट होने के
कारण बच्चों को भी पसंद आयेगा.
सामग्री --------
(1) सोंठ______.25 ग्राम
(2) कालीमिर्च_____2 5 ग्राम (सफ़ेद मिर्च का
प्रयोग भी कर सकते हैं )
(3) पिप्पल _____25 ग्राम
(4) लौंग______10 ग्राम
(5) बडी इलायची के बीज _____20 ग्राम
(6) नौसादर______60 ग्राम
(7) सत्व नीबू_____10 ग्राम (ध्यान दें मार्केट में लोग
सिट्रिक एसिड दे देते हैं वो न लें )
(8) मिश्री _____75 ग्राम
(9) पुदीना की पत्तियों का पाउडर_____25 ग्राम
(10) सत्त्व गिलोय_____ 25 ग्राम
(11) गेरू______75 ग्राम (ढेले वाला लेकर घर में पीसें
पाउडर किया हुआ न लायें. यदि इच्छा न हो तो गेरू का
प्रयोग न करें तब मिश्री 125 ग्राम लें )
विधि --------- समस्त चीजों को बारीक पाउडर करके
छानकर आपस में अच्छे से मिला लें और कांच की शीशी में
रखें.
मात्रा --------- (1) वयस्क 3 ग्राम मात्रा दिन में दो
से तीन बार पानी से
(2) बच्चे 8 वर्ष से ऊपर 1 ग्राम मात्रा दिन में दो से
तीन बार पानी से
(3) ज्यादा छोटे बच्चों को एक आध चुटकी चाटने को दे
सकते हैं
सावधानी ------ इसके सेवन के आगे पीछे दूध और दूध से
बनी चीजों का सेवन 30 मिनट तक न करें
[3/26, 6:54 PM] +91 82698 01632: *जोडों और घुटनों के दर्द का घरेलू इलाज* 
 
1. एक महीने तक लगातार रात को 15 से 20 गिरी अखरोट की भिगो कर सुबह खाली पेट खाने से घुटनो के दर्द में आराम मिलता है। दो महीने लगातार इस उपाय को करने से गठिया का रोग जड़ से ठीक हो जाता है।
 2. दस कलियां लहसुन की 100 ग्राम पानी या दूध में मिला कर पीने से दर्द में जल्दी आराम मिलता है।
 3. बथुआ के ताज़ा पत्तों का रस आधा कप सुबह शाम खाली पेट पीने से गठिया ठीक हो जाता है। इसके सेवन के 2 घंटे बाद तक कुछ भी खाये पिये नहीं।
 4. गठिया के उपचार में जामुन काफी उपयोगी है। जामुन के पेड़ छाल को खूब उबाल कर इसका लेप घुटनों पर लगाने से गठिया में राहत मिलती है।
 5. अमरूद की 4 से 5 नई कोमल पत्तियों को पीस ले और उसमें थोड़ा काला नमक मिला कर खाने से जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है।
 6. गठिया के मरीज को 4 से 6 लीटर पानी हर रोज पीना चाहिये। इससे पेशाब अधिक आएगा और uric acid बाहर निकलेगा।
 7. एक चम्मच सरसों के तेल में 3 से 4 कलियाँ लहसुन की पीस कर डाले और लहसुन के ठीक से पकने तक गरम करे। इस तेल से जोड़ो की मालिश करने पर दर्द से जल्दी आराम मिलेगा।
[3/27, 12:22 AM] +91 98960 76323: *नोनी हमारी शारीरिक ऊर्जा प्रवाह में किस तरह अद्भुत मददगार है...*
विज्ञान ने हमें दिखाया है कि भौतिक पदार्थ वास्तव में ऊर्जा से बना है - ऊर्जा जो ऐसा व्यवहार करती है जैसे कि वह ठोस हो।

मानव शरीर भले ही ठोस जैसा दिखता है, वह भी ऊर्जा से बना है, वास्तव में, कई अलग-अलग प्रकार की ऊर्जाएँ हैं।

हमारे रसायन विज्ञान और हमारी ऊर्जाओं को जोड़ने वाली दो-तरफा प्रणाली है।

जड़ी-बूटियों, फलों और दवाओं का रासायनिक प्रभाव के साथ साथ एक ऊर्जावान प्रभाव होता है।

हमारे शरीर में जो ऊर्जा गुजरती है, वह सीधे रासायनिक प्रतिक्रियाओं को प्रभावित करती है।

नोनी में बहुत उच्च ऊर्जावान गुण है।

नोनी में हीलिंग एनर्जी होती है जो हमारे शरीर में जीवन शक्ति - 'ची' - 'प्राण' को मजबूत करती है।

जब यह जीवन शक्ति मजबूत हो जाती है, तो हमारे बचाव में सुधार होता है और लक्षण स्पष्ट होते हैं।

हम स्वाभाविक रूप से अपने बारे में बेहतर महसूस करते हैं और जीवन और भी अधिक जीने लायक लगता है।

हमारे जीवन शक्ति पर इस प्रभाव का इस बात से बहुत लेना-देना है कि नोनी फल ने कई अलग अलग स्वास्थ्य स्थितियों में मदद क्यों की है।

हमारे भौतिक और गैर-भौतिक दोनों घटक ऊर्जा के पैटर्न से बने हैं।
इन पैटर्नों के माध्यम से बहने वाली ऊर्जा को "ऊर्जा प्रवाह" कहा जाता है।

वे हमारे भौतिक और गैर-भौतिक घटकों को उनके उद्देश्यों के बारे में याद दिलाकर हमें स्वस्थ और जीवित रखते हैं।

हमारी कोशिकाएं जितनी बारीकी से अपने उद्देश्यों को पूरा करेंगी, हम उतने ही स्वस्थ होंगे।

हमारे प्रत्येक भौतिक और गैर-भौतिक घटकों का एक उद्देश्य होता है।

उदाहरण के लिए, हमारी लाल रक्त कोशिकाओं का उद्देश्य ऑक्सीजन ले जाना है।

हमारी अंतःस्रावी ग्रंथि कोशिकाओं का उद्देश्य हार्मोन का उत्पादन करना है, और हमारी आंतों की कोशिकाओं का उद्देश्य पोषक तत्वों को अवशोषित करना है।

कोशिकाएं अपने उद्देश्य के बारे में जानकारी के लिए लगातार अपने ऊर्जा पैटर्न को देखती हैं।
उन्हें इन अनुस्मारकों की आवश्यकता है क्योंकि उन्हें प्रतिदिन बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

इन चुनौतियों में पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थ, खाद्य योजक, अपचित खाद्य पदार्थ, बैक्टीरिया और वायरस के साथ-साथ नकारात्मक विचारों और भावनाओं जैसे चिंता, क्रोध, अधीरता और तनाव के प्रभाव शामिल हैं।

ये चुनौतियाँ हमारी कोशिकाओं को भूल सकती हैं कि उनका उद्देश्य क्या है।

ये चुनौतियाँ हमें नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं जब वे हमारे ऊर्जा प्रवाह के कंपन को बदल देती हैं।

कंपन उस गति का प्रतिनिधित्व करते हैं जिस पर ऊर्जा प्रवाह शरीर के माध्यम से चलता है।

जब हमारी ऊर्जा का प्रवाह उस तरह से कंपन करना बंद कर देता है जिस तरह से उन्हें कंपन करना चाहिए, उनमें से कुछ धीमा हो जाते हैं और कुछ तेज हो जाते हैं।
नतीजतन, वे एक दूसरे के साथ संतुलन से बाहर हो जाते हैं।
इससे उनका पैटर्न बदल जाता है।
क्योंकि पैटर्न अब अलग है, यह कोशिकाओं को अलग और गलत जानकारी देगा।
कोशिकाएँ अब अपने उद्देश्य को पहले की तरह सही या कुशलता से पूरा नहीं करेंगी।
नतीजतन, कोशिकाओं को बीमारियों के प्रभावों का अनुभव करना शुरू हो जाएगा।

इसलिए खराब स्वास्थ्य के मूल कारण ऊर्जाएं हैं।
इसलिए, यदि हम अपने ऊर्जा प्रवाह के कंपन को ठीक करते हैं, तो इन अंतर्निहित कारणों का समाधान हो जाता है।

नोनी की उपचार ऊर्जा हमारे कोशिकाओं को उनके ऊर्जा प्रवाह को सही करके उनके उद्देश्य की याद दिलाती है।

इस प्रकार नोनी हमारी कोशिकाओं को उनके उद्देश्य की याद दिलाकर उनके स्वास्थ्य में सुधार करता है।

यह पाया गया है कि नोनी की उपचार ऊर्जा शरीर के ऊर्जा प्रवाह के समान है।

इसलिए मेरे द्वारा बनाया नोनी जूस का प्रयोग करें क्योंकि हमारे फ़ॉर्मूलेटेड 10ml नोनी जूस में आपको मिलता है...
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नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
9215522667
[3/27, 12:22 AM] +91 98960 76323: *बालों को सुंदर, चमकीला और घने कैसे बनायें..?*
*बालों को लम्बा कैसे बनायें.?*
*बाल क्यों झड़ते हैं.?*
हमारे बाल लगभग 1.25 सेंटीमीटर यानी 0.5 इंच हर महीने में बढते है। 

अनुमानतः हमारे सिर के बाल एक साल में 15 सेंटीमीटर यानी लगभग छह इंच बढते हैं।

हालांकि, बालों की वृद्धि को प्रभावित करने वाले कई कारक होते हैं।

बालों के झड़ने का मुख्य कारण होता है, बलों की जड़ों को पर्याप्त पौषण का न मिलना, जिसके कारण बाल कमजोर होते है और टूटने व झड़ने लगते है।
बाल सफेद होने के कारण भी यहीं है।

संस्कृत में कहा जाता है..
"क्रोध, शोक, श्रम कृतः शरीरोष्मा शिरोगतः।
पित्तं च केशान् पचति पलितं तेन जायते।।"

*सुश्रुत संहिता निदान..*
अर्थात, क्रोध, शोक, चिंता और अत्यधिक श्रम करने पर, उत्पन्न हुई, शारीरिक उष्मता (गर्मी) तथा पित्त सिर तक पहुंच कर, बालों को पकाते है।

*बाल बढ़ाने के देसी उपाय...*

➡️ नीम तथा बेरी के पत्तों को पीसकर, बालों पर लेप करें।
दो घंटे बाद, उन्हें स्वच्छ पानी से धो डालें।
इस प्रकार दो मास तक नियमित करने से, बाल लम्बे होने प्रारंभ हो जाते है।

➡️ कंलोजी को पीसकर, पानी में  मिला लें।
उस पीनी से, बालों को अच्छी प्रकार धोएं।
दो सप्ताह तक नियमित इस क्रिया को करने से आशातीत लाभ मिलते हैं।

*फिर भी फायदे न मिलने पर हमसे संपर्क कर सकते हैं।*

नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
9215522667
[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *नवरात्रि का लाखों साल पुराना सम्बंध जड़ी बूटियों से...*
*कैसे...???*
*जानिये....!!!!*

*अद्भुत 9 जड़ी बूटियां, जिन्हें हज़ारों साल से नवदुर्गा कहा जाता रहा है -*

*(1). प्रथम शैलपुत्री (हरड़):* 
कई प्रकार के रोगों में काम आने वाली औषधि हरड़ हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप है।
यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है यह पथया, हरीतिका, अमृता, हेमवती, कायस्थ, चेतकी और श्रेयसी सात प्रकार की होती है।

*(2). ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी) :*
ब्राह्मी आयु व याददाश्त बढ़ाकर, रक्तविकारों को दूर कर स्वर को मधुर बनाती है।
इसलिए इसे सरस्वती भी कहा जाता है।

*(3). चंद्रघंटा (चंदुसूर) :*
यह एक ऎसा पौधा है जो धनिए के समान है।
यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है इसलिए इसे चर्महंती भी कहते हैं।

*(4). कूष्मांडा (पेठा) :*
इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है।
इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो रक्त विकार दूर कर पेट को साफ करने में सहायक है। मानसिक
रोगों में यह अमृत समान है।
आज कल सैक्रीन से बनने वाला पेठा नहीं खायें और अपने घर में ही बनायें।

*(5). स्कंदमाता (अलसी) :*
देवी स्कंदमाता औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं।
यह वात, पित्त व कफ रोगों की नाशक औषधि है।
इसमे फाइबर की मात्रा ज्यादा होने से इसे सभी को भोजन के पश्चात काले नमक से भूंजकर प्रतिदिन सुबह शाम लेना चाहिए।
यह खून भी साफ करता है।

*(6). कात्यायनी (मोइया) :*
देवी कात्यायनी को आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है जैसे अम्बा, अम्बालिका व अम्बिका।
इसके अलावा इन्हें मोइया भी कहते हैं।
यह औषधि कफ, पित्त व गले के रोगों का नाश करती है।

*(7). कालरात्रि (नागदौन) :*
यह देवी नागदौन औषधि के रूप में जानी जाती हैं।
यह सभी प्रकार के रोगों में लाभकारी और मन एवं मस्तिष्क के विकारों को दूर करने वाली औषधि है।
यह बवासीर के लिये भी रामबाण औषधि है।
इसे स्थानीय भाषा जबलपुर में दूधी कहा जाता है।

*(8). महागौरी (तुलसी) :*
तुलसी सात प्रकार की होती है...
सफेद तुलसी, काली तुलसी, मरूता, दवना, कुढेरक, अर्जक और षटपत्र।
ये रक्त को साफ कर ह्वदय रोगों का नाश करती है।
एकादशी को छोडकर प्रतिदिन सुबह ग्रहण करना चाहिए।

*(9). सिद्धिदात्री (शतावरी) :*
दुर्गा का नौवां रूप सिद्धिदात्री है जिसे नारायणी शतावरी कहते हैं।
यह बल, बुद्धि एवं विवेक के लिए उपयोगी है।
विशेषकर प्रसूताओं (जिन माताओं को ऑपरेशन के पश्चात अथवा कम दूध आता है) उनके लिए यह रामबाण औषधि है। उनको इसका सेवन करना चाहिए ।

*मित्रों आइए हम सभी इस नवरात्रि के पावन अवसर पर...*
*इन प्राकृतिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का या औषधियों का सेवन कर स्वयं को स्वस्थ बनाएं एवं*
*एवं इस सन्देश को जन जन तक पहुंचाएं।*

नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
9215522667
[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *सेंधा नमक के उपयोग एवं फायदे*
1. चावल में पिसा नमक डालकर रखें, कीड़े नहीं लगेंगे।
2. नमक.. मछली, पनीर, अचार आदि को सुरक्षित रखता है।
3. समुद्र के जल से स्नान करने से त्वचा रोग ठीक होता है।
4. स्याही लगे कपड़े को नमक के जल से धोयें, धब्बे दूर होंगे।
5. दांतों में दर्द होने पर गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करें।
6. नमक के पानी से चेहरा धोने से प्राकृतिक चमक बनी रहती है।
7. दीमक वाली जगह नमक का पानी डाल दें, दीमक दूर हो जाएगा।
8. ताजी सब्जियों को नमक के पानी में धोएं, इससे कीड़े मर जाते हैं।
9. पीतल के बर्तन में चमक लाने के लिए नींबू के रस में नमक मिलाएं।
10. घर में नमक के पानी का पोछा लगाने से घर हर तरह से शुद्ध रहता है।
11. चीनी के बर्तन से धब्बे हटाने के लिए सिरके में नमक डाल कर साफ़ करें।
12. फूल के गुलदान में नमक वाली पानी रखने से वह लंबे समय तक ताजा रहता है।
13. लालटेन के तेल में एक टुकड़ा नमक डालने से तेल कम जलेगा और रोशनी ज्यादा देगा।
14. नमक के पानी से नियमित स्नान कर गठिया तथा किसी चोट के कारण हुए मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन में भी आराम मिलता है।

नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
9215522667
[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *■गुड़ खाने से फायदे■*
*जो चीनी से कभी नहीं मिल सकते हैं....*
(1)- गुड़ खाने से नहीं होती गैस की दिक्कत।

(2)- खाना खाने के बाद अक्सर मीठा खाने का मन करता हैं। इसके लिए सबसे बेहतर है कि आप गुड़ खाएं। गुड़ का सेवन करने से आप हेल्दी रह सकते हैं।

(3)- पाचन क्रिया को सही रखना।

(4)- गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉल्जिम ठीक करता है। रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है। इससे गैस की दिक्कत नहीं होती। जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा गुड़ ज़रुर खाएं।

(5)- गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है।
इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद है खासतौर पर महिलाओं केलिए इसका सेवन बहुत अधिक ज़रुर है।

(6)- त्वचा के लिए
गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन दूर करता है, जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती है।

(7)- गुड़ की तासीर गर्म है, इसलिए इसका सेवन 
जुकाम और कफ से आराम दिलाता है। जुकाम के दौरान अगर आप कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं तो चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

(8)- एनर्जी के लिए -
बहुत ज़्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता. दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़।खाएं।

(9)- गुड़ शरीर के टेंपरेचर को नियंत्रित रखता है।इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।

(10)- जोड़ों के दर्द में आराम रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे जोड़ों के दर्द की दिक्कत नहीं होगी।

(11)- गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।

(12)- गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती है।

(13)- जुकाम जम गया हो, तो गुड़ पिघलाकर उसकी
 पपड़ी बनाकर खिलाएं।

(14)- गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।

(15)- भोजन के बाद गुड़ खा लेने से पेट में गैस नहीं
 बनती।

(16)- पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से
 पीलिया रोग में लाभ होता है।

(17)- गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढती है।

(18)- पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खानेसे श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।

*अच्छी बातें, अच्छे लोगो को अवश्य शेयर करें...*

नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
9215522667
[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *मैं पागलों की तरह, इतने सालों से चीख रहा हूं कि सेंधा नमक अपनाओ, समुद्री नमक भगाओ और अपने को बीमारियों से बचाओ।*
लेकिन हमारी बात किसी ने न सुनी और अब वही मूर्ख व्यक्ति एक्टर अनिल कपूर की टीवी कामर्शियल ऐड जरूर सुनेंगे, 99 रुपये किलो के सेंधा नमक खरीदने की।
●●●●●●●●●●●
● अच्छी सेहत के लिए आज से ही सेंधा नमक खाए और स्वस्थ रहिए।

■ सेंधा नमक कितना फायदेमंद है जानिए..
● प्राकृतिक नमक हमारे शरीर के लिये बहुत जरूरी है।
● इसके बावजूद हम सब घटिया किस्म का आयोडिन मिला हुआ समुद्री नमक खाते है।
● यह शायद आश्चर्यजनक लगे पर यह एक हकीकत है।
● नमक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत मे अधिकांश लोग समुद्र से बना नमक खाते है जो कि शरीर के लिए हानिकारक और जहर के समान है।
● समुद्री नमक तो अपने आप मे बहुत खतरनाक है लेकिन उसमे आयोडिन नमक मिलाकर उसे और जहरीला बना दिया जाता है।
● आयोडिन की शरीर मे मे अधिक मात्र जाने से नपुंसकता जैसा गंभीर रोग हो जाना मामूली बात है।

● विश्व का सर्वोत्तम नमक सेंधा नमक है, जो पहाडी नमक है।
● आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है।
● आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप, डाइबिटीज़, लकवा आदि गंभीर बीमारियो का भय रहता है।
● इसके विपरीत सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप पर नियन्त्रण रहता है।
● इसकी शुद्धता के कारण ही इसका उपयोग व्रत के भोजन मे होता है।
● ऐतिहासिक रूप से पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को 'सेंधा नमक' या 'सैन्धव नमक' कहा जाता है जिसका मतलब है 'सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ'।
● अक्सर यह नमक इन्हीं खानों से आया करता था।
सेंधे नमक को 'लाहौरी नमक' भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापारिक रूप से अक्सर लाहौर से होता हुआ पूरे उत्तर भारत में बेचा जाता था।
● भारत मे 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था विदेशी कम्पनियां भारत मे नमक के व्यापार मे आज़ादी के पहले से उतरी हुई है।
● उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी प्रशासन द्वारा भारत की भोली भली जनता को आयोडिन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जा रहा है सिर्फ आयोडीन के चक्कर में ज्यादा नमक खाना समझदारी नहीं है,
क्योंकि आयोडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है। 
● यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है।
● सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है।
● यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और
पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है।
● इससे पाचक रस बढ़ते हैं।
रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग कर सकते हैं।

नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
9215522667
[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *मासिक-धर्म चक्र की अनियमिततायें*
महिलाओं के लिए मासिक धर्म चक्र से सम्बंधित जितनी भी समस्याएँ है इसकी हमारे प्राकृतिक चिकित्सा मे बहुत ही अच्छी और लाभकारी औषधि है, वो है...
*"अशोक के पेड़ के पत्ता"*

लेकिन एक बात याद रखें...
अशोक का पेड़ दो तरह का होता है..
(1). एक तो सीधा लम्बा होता है ज़्यादातर लोग उसे ही अशोक समझते है जबकि वो नहीं है!
(2). एक और होता है पूरा गोल होता है और फैला हुआ होता है वही असली अशोक का पेड़ है।

आप इस असली अशोक के 5-6 पत्ते तोड़िए, उसे पीस कर चटनी बनाइए।
अब इसे एक से डेढ़ गिलास पानी मे कुछ देर तक उबाले तथा इतना उबाले की पानी आधा से पौन गिलास रह जाए।
फिर उसे बिलकुल ठंडा होने के लिए छोड़ दीजिये और फिर उसको बिना छाने हुए पीये।
सबसे अच्छा है सुबह खाली पेट पीना।

इसे 30 दिन तक लगातार पीने से मासिक धर्म से सबन्धित सभी तरह की बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं।
अगर कुछ महिलाओं को 30 दिन लेने से थोड़ा आराम ही मिलता है। ज्यादा नहीं मिलता तो वो और अगले 30 दिन तक ले सकती है।
वैसे लगभग मात्र 30 दिन लेने से ही समस्या ठीक हो जाती है।

*पीरियडस के दौरान होने वाले दर्दों की सबसे अच्छी दवा है..*
एक चम्मच देशी गाय का घी और एक गिलास पानी खूब गर्म करे, जैसे चाय के लिए गर्म करते है बिलकुल उबलता हुआ।

फिर उसमे एक चम्मच देशी गाय का घी डाले फिर गुनगुना होने पर जिस तरह चाय पीते है, उसी प्रकार धीरे-धीरे पिए। तात्कालिक एकदम आराम आपको मिलेगा और ये लगातार 4 -5 दिन जितने दिन पीरियड्स रहते है, पीना है, उससे ज्यादा दिन नहीं पीना। 

ये पीरियडस के दौरन होने वाले सब तरह के दर्दों के लिए तुरन्त राहत देता है।

नेचुरोपैथ कौशल
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9215522667
[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *प्रोस्टेट स्वास्थ्य जागरूकता*
*पुरुष अवश्य पढ़ें, यदि 40+ हैं तो....*

 सज्जनों,
 मैं यहां आपके साथ प्रोस्टेट पर बात करने के लिए हूं।
विषय भ्रामक है।
क्या प्रोस्टेट पुरुषों के लिए सख्त है?
हां, केवल पुरुषों में प्रोस्टेट होता है और केवल 40 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष होते हैं लेकिन स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान सभी के लिए होता है।
ऐसी कोई महिला नहीं है जो 40 साल और उससे अधिक उम्र के पुरुष को नहीं जानती, पिता, चाचा, भाई, बेटा, दोस्त, पड़ोसी, सहकर्मी...

अनिवार्य रूप से मैं आज जो कर रहा हूं वह स्वास्थ्य संवर्धन है।
जिम्मेदार स्वास्थ्य संवर्धन को तीन चीजें प्रदान करनी चाहिए:
 1. सूचना
 2. आश्वासन
 3. कार्य योजना।

मैं प्रोस्टेट स्वास्थ्य की पृष्ठभूमि से शुरू करता हूं।

हर किसी के पास एक जोड़ी किडनी होती है।
किडनी का काम कचरे को हटाना है।
यह आपके शरीर की LAWMA (अपशिष्ट प्रबंधन कंपनी) है।
फ़िल्टर करने के लिए आपका रक्त प्रतिदिन कई बार किडनी से होकर गुजरता है।
जैसे ही रक्त को फ़िल्टर किया जाता है, मूत्र बनता है और एक अस्थायी भंडारण टैंक में जमा हो जाता है जिसे मूत्राशय कहा जाता है।

यदि मूत्राशय न हो, तो जैसे-जैसे आदमी सड़क पर चलता है, पेशाब गिर रहा होगा।

अब अपने घर में प्लंबिंग के काम के बारे में सोचें।
यूरिनरी ब्लैडर को ओवरहेड स्टोरेज टैंक समझें।
भंडारण टैंक से, एक अच्छा प्लंबर रसोई सहित घर के अन्य हिस्सों में पाइप चलाएगा।
भगवान ने अपनी बुद्धि में हमारे मूत्राशय से लिंग के सिरे तक पाइप चलाए।
नली को मूत्रमार्ग कहते हैं।
मूत्राशय के ठीक नीचे और मूत्रमार्ग के आसपास एक छोटा सा अंग होता है जिसे प्रोस्टेट ग्रंथि कहा जाता है।

प्रोस्टेट ग्रंथि एक अखरोट के आकार की होती है और इसका वजन लगभग 20 ग्राम होता है।
इसका काम वीर्य द्रव बनाना है जो वीर्य पुटिका में जमा हो जाता है।
संभोग के दौरान, वीर्य द्रव मूत्रमार्ग के नीचे आता है और वीर्य बनाने के लिए अंडकोष में उत्पादित शुक्राणुओं के साथ मिल जाता है।
तो तकनीकी रूप से वीर्य शुक्राणु नहीं है।
यह शुक्राणु+ वीर्य द्रव है।
वीर्य द्रव शुक्राणु को चिकनाई देता है।

40 साल की उम्र के बाद, हार्मोनल कारणों से, प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने लगती है।
यह 20 ग्राम से बढ़कर लगभग 100 ग्राम तक हो सकता है।
जैसे-जैसे यह बड़ा होता है, यह मूत्रमार्ग को निचोड़ता या सिकोड़ता है और आदमी को पेशाब करने के तरीके में बदलाव नज़र आने लगता है।

अगर आपका 10 साल से कम उम्र का बेटा है, अगर उस उम्र में हम सभी की तरह उसकी थोड़ी सी शरारत है, जब वह पेशाब करने के लिए बाहर आता है, तो वह छत को निशाना बना सकता है और जेट निशाने पर लग जाएगा। उसके पिता को भी ऐसा करने के लिए बुलाओ, नहीं कर पायेगा।
उसकी पेशाब की धारा कमजोर होगी, वह लंबी दूरी तय नहीं कर सकता है और कभी-कभी सीधे उसके पैरों पर आ सकता है। तो उसे पेशाब करने के लिए अजीब स्थिति में खड़े होने की आवश्यकता हो सकती है।

बहुत से पुरुष चिंतित नहीं होंगे कि उनकी मूत्र धारा छत से नहीं टकरा सकती है।  शौचालय फर्श पर हैं न कि छत पर।  लेकिन अन्य लक्षण दिखने लगते हैं।

*टर्मिनल टपकना:*
आदमी ने नोटिस करना शुरू कर दिया कि पेशाब करने और फिर से पैक करने के बाद भी उसकी पैंट पर पेशाब गिर रहा है।
यही कारण है कि एक वृद्ध व्यक्ति को पेशाब करने के बाद घंटी बजानी पड़ती है।
एक छोटा आदमी बस आखिरी बूंद तक पहुंचाता है और चला जाता है।
जरा एक बुज़ुर्ग आदमी को बाथरूम से आते हुए देखें।  कभी-कभी वह मूत्र के दागों को छिपाने के लिए अखबार को करीब से पकड़ सकता है, खासकर सादे रंग की पतलून पर।

*हिस्सेदारी*
 इस बिंदु पर आप मूत्र प्रवाह शुरू होने के लिए अधिक समय तक प्रतीक्षा करते हैं।
आपके पेशाब करने के लिए 2 वाल्व खुले होने चाहिए - आंतरिक और बाहरी स्फिंक्टर।
दोनों खुलते हैं लेकिन मूत्रमार्ग में रुकावटों के कारण, आप प्रवाह शुरू होने के लिए अधिक समय तक प्रतीक्षा करते हैं।

*अपूर्ण खाली करना*
पेशाब करने के तुरंत बाद आपको ऐसा महसूस होता है कि अभी भी कुछ बचा है।

जैसा कि ये सभी चीजें होती हैं, मूत्राशय मूत्रमार्ग में रुकावट की भरपाई के लिए अधिक मेहनत करना शुरू कर देता है।
पेशाब की आवृत्ति बढ़ जाती है।  अत्यावश्यकता आती है। कभी-कभी आपको व्यावहारिक रूप से शौचालय में भागना पड़ता है।
रात में जाना भी आम हो जाता है।  आप रात में 2 बार से ज्यादा बार पेशाब करने के लिए उठते हैं।  आपकी पत्नी शिकायत करने लगती है।

पुरुष पुरुष होने के कारण इस समय भी किसी से बात नहीं कर सकते हैं।  फिर अधिक गंभीर जटिलताएं शुरू होती हैं।

जमा हुआ पेशाब संक्रमित हो जाता है और पेशाब करते समय जलन हो सकती है।

संग्रहित मूत्र क्रिस्टल बनाता है।  क्रिस्टल आपस में मिलकर ब्लैडर या किडनी में स्टोन बनाते हैं। पथरी मूत्रमार्ग को अवरुद्ध कर सकती है।

जीर्ण मूत्र प्रतिधारण में सेट होता है।
मूत्राशय अधिक से अधिक मूत्र जमा करता है।
मूत्राशय का आकार 40 - 60cl होता है।
कोक की एक बोतल 50cl है।
चूंकि मूत्राशय में अधिक मूत्र जमा होता है, इसलिए यह 300cl तक बढ़ सकता है।
अधिक भरा हुआ मूत्राशय लीक हो सकता है और इससे गीलापन / मूत्र असंयम होता है।
इसके अलावा मात्रा गुर्दे पर दबाव डाल सकती है और गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकती है।

आदमी को अस्पताल ले जाने की संभावना तीव्र मूत्र प्रतिधारण है।  वह एक दिन जागता है और वह पेशाब करने में सक्षम नहीं होता है।

मैंने ऊपर जो कुछ भी वर्णित किया है वह प्रोस्टेट वृद्धि से जुड़ा है, जिसे तकनीकी रूप से सौम्य प्रोस्टेट हाइपरप्लासिया कहा जाता है।

प्रोस्टेट के अन्य रोग भी हैं जैसे:
*1.  प्रोस्टेटाइटिस -*
प्रोस्टेट की सूजन

*2.  प्रोस्टेट कैंसर -*
प्रोस्टेट का कैंसर।

यह चर्चा प्रोस्टेट इज़ाफ़ा पर है।

मेरे पास बुरी खबर भी है और अच्छी खबर भी।

*बुरी खबर यह है कि अगर वह लंबे समय तक जीवित रहता है तो हर व्यक्ति के पास प्रोस्टेट वृद्धि होगी।*

*अच्छी खबर यह है कि जीवन शैली में बदलाव हैं जो 40 के बाद के व्यक्ति को इष्टतम प्रोस्टेट स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।*

*पोषण:*
देखो तुम क्या खाते हो।
यूएस नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार, सभी कैंसर का 33% हिस्सा हम जो खाते हैं उससे संबंधित है।

(1). रेड मीट रोज आपके प्रोस्टेट रोग की संभावना को तीन गुना कर देता है।

(2). रोजाना दूध आपके जोखिम को दोगुना कर देता है।

(3). रोजाना फल/सब्जियां न लेने से आपका जोखिम चौगुना हो जाता है।

(4). टमाटर पुरुषों के लिए बहुत अच्छे होते हैं। यदि आपकी पत्नी शाम को केवल यही चीज पेश कर सकती है, तो इसे मजे से खाएं।  इसमें भरपूर मात्रा में लाइकोपीन होता है।
लाइकोपीन सबसे शक्तिशाली प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है।

(5). जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ भी पुरुषों के लिए अच्छे होते हैं।
हम कद्दू के बीज (ugbogulu) की सलाह देते हैं।
जिंक पुरुष कामुकता और प्रजनन क्षमता के लिए सबसे आवश्यक तत्व है।

पुरुषों को महिलाओं से ज्यादा जिंक की जरूरत होती है।
हर बार एक आदमी का स्खलन होता है और वह लगभग 15mg जिंक खो देता है।

अल्कोहल चयापचय के लिए जिंक भी महत्वपूर्ण है।
अल्कोहल को मेटाबोलाइज करने के लिए आपके लीवर को जिंक की जरूरत होती है।

*शराब की खपत:*
जैसे ही पुरुषों में प्रोस्टेट वृद्धि से जुड़े मूत्र संबंधी लक्षण होने लगते हैं, यह महत्वपूर्ण है कि वे शराब के सेवन को देखें।
अधिक तरल पदार्थ का अर्थ है अधिक तरल पदार्थ बाहर निकलना।

*कम पियो।*
*धीमा पियो।*

*व्यायाम:*
 व्यायाम मांसपेशियों की टोन बनाने में मदद करता है।
हर आदमी को व्यायाम करना चाहिए।
40 से अधिक पुरुषों को जॉगिंग जैसे उच्च प्रभाव वाले व्यायाम से बचना चाहिए। यह घुटनों पर दबाव डालता है।
प्रोस्टेट के लिए साइकिल चलाना बुरी खबर है।
हम तेज चलने की सलाह देते हैं।

*बैठना:*
जब हम बैठते हैं तो हमारे वजन का दो-तिहाई हिस्सा पेल्विक हड्डियों पर टिका होता है।
*जो पुरुष अधिक समय तक बैठते हैं उनमें प्रोस्टेट के लक्षण होने की संभावना अधिक होती है।*
लंबे समय तक न बैठें।
जितनी बार हो सके घूमें।
आरामदायक कुर्सियों पर बैठें।
यदि आप लंबे समय तक बैठना चाहते हैं तो हम एक विभाजित सैडल कुर्सी की सलाह देते हैं।

*ड्रेसिंग:*
पुरुषों को टाइट अंडरवियर से बचना चाहिए।
यह कमर के आसपास परिसंचरण को प्रभावित करता है और इसे थोड़ा गर्म करता है।
जबकि शारीरिक तापमान 37 डिग्री है, ग्रोइन का इष्टतम तापमान लगभग 33 डिग्री है।
सांस लेने वाले कपड़े पहनें।

*धूम्रपान:*
धूम्रपान से बचें।
यह रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है और कमर के आसपास परिसंचरण को प्रभावित करता है।

*यौनेन्द्रीय:*
 नियमित सेक्स प्रोस्टेट के लिए अच्छा होता है।

ब्रह्मचारी प्रोस्टेट रोग के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
जबकि ब्रह्मचर्य एक नैतिक निर्णय है, यह जैविक अनुकूलन नहीं है।
आपकी प्रोस्टेट ग्रंथि को इसकी सामग्री को नियमित रूप से खाली करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

*सोच:*
जब किसी ने आपके साथ कुछ मूल्यवान साझा किया और उससे लाभ उठाया।
इसे दूसरों के साथ साझा करना आपका नैतिक दायित्व है क्योंकि आपकी मित्र सूची में किसी को बचाया जा सकता है।

विषय बहुत महत्वपूर्ण है कृपया अपने परिचितों की सबसे बड़ी संख्या पर संदेश पोस्ट करें:
बीजिंग मिलिट्री हॉस्पिटल के मुख्य कार्यकारी प्रोफेसर चेन होरिन कहते हैं, "एक गिलास गर्म पानी में नींबू के टुकड़े आपको जीवन भर बचा सकते हैं।"

भले ही आप व्यस्त हों, आपको यह संदेश देखना चाहिए और इसे दूसरों तक पहुँचाना चाहिए!

गर्म नींबू कैंसर कोशिकाओं को मार सकता है!

नीबू को तीन टुकड़ों में काट कर प्याले में रखिये, फिर गरम पानी डालिये, (क्षारीय पानी) बन जायेगा, रोज पीने से सभी को लाभ होगा..

गर्म नींबू एक बार फिर कैंसर रोधी दवा छोड़ सकता है।

गर्म नींबू का रस कैंसर के ट्यूमर पर प्रभाव डालता है और
हर तरह के कैंसर का इलाज दिखाया है।

इस अर्क के साथ उपचार केवल घातक कोशिकाओं को नष्ट करेगा और स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करेगा।

दूसरा:
नींबू के रस में एसिड और मोनो कार्बोक्जिलिक एसिड उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं और संकीर्ण धमनियों की रक्षा कर सकते हैं, रक्त परिसंचरण को समायोजित कर सकते हैं और रक्त के थक्के को कम कर सकते हैं।

फिर भी अगर समस्या बनी रहती है तो बिना किसी परामर्श शुल्क के मुझसे संपर्क कर सकते हैं।

40 से अधिक उम्र के युवाओं को जागरूक रहने की आवश्यकता है।

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नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
9215522667
[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *जय माता दी*
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*लेकिन क्यों..?*
*30 पार करते करते हवा, पानी और भोजन का प्रदूषण हमारे शरीर की इम्युनिटी को कमजोर करना शुरू कर देता है..*
*विशेषतः आज आज के माहौल की वजह से पूरी दुनियां एक अनजाने भय के बीच मे जी रही है।*
*पूरा विश्व एक ही बात पर जोर दे रहा है कि अपनी इम्युनिटी बढ़ाइये या अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाइये।*
*अभी तक कोई भी वैक्सीन नहीं बन पाई है लेकिन भारत एक प्राकृतिक धन संपदा सम्पन्न देश है जहां पर हर रोग का प्राकृतिक निदान पहले से ही हो रखा है।*
*अगर आप प्राकृतिक आपदा या कहर से बचना चाहते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं, हमारा अद्भुत जादुई काया कल्प चूर्ण पर्याप्त है क्योंकि...*
*_स्वस्थ रहना सबकी मूलभूत आवश्यकता है_*

*अगर आप डाक्टरों के चक्कर लगा लगा के परेशान हो चुके हैं तो एक बार ज़रूर पढ़ें फिर आजमा के देखें, आप मायूस नही होंगे..*

*जानिये ऐसा क्यूं होता है..?*
*हमारा शरीर, पंचतत्व...*
*✅ भूमि,*
*✅ गगन,*
*✅ वायु,*
*✅ अग्नि एवं*
*✅ जल के* *सामंजस्य एवं योग से निर्मित होकर काया कल्प चूर्ण शरीर के वात, पित्त और कफ को बैलेंस करके स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है।*

*घरल या घराट पद्धति से निर्मित चूर्ण, वो करिश्मा है जिसे आज नहीं तो कल लेना ही होगा, कारण एलोपैथी के साइड इफेक्ट। क्योंकि ये हमारी जरूरत भी है और समय की पुकार भी है।*
*😢काया कल्प चूर्ण😊*

*हज़ारों वर्ष पुराना नुस्खा आपकी जिंदगी की खुशियां दुबारा पा सकते हैं.!*

*लाख दवा की एक दवा,*
*थोड़ा जल्दी असर करने वाली,*
*हर मुश्किल का हमसफ़र,*
*जीवन वर्धक, रोग हर्ता, विघ्न विनाशक चमत्कारिक...*
*😢कायाकल्प चूर्ण😊*

*काया कल्प चूर्ण लेने से क्या होगा..??*
*रात को सोते समय एक छोटी चम्मच (सिर्फ 5 ग्राम) काया कल्प चूर्ण, हल्के गर्म पानी के साथ लेना है।*

*ये चूर्ण 10 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी ले सकता है।*

*रोज़ाना लेने से शरीर के कोने कोने में लगातार जम रही गंदगी और कचरा, मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी।*

*पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा।*

*हर प्रकार का ब्लोकेज खुल जायेगा।*

*चमड़ी की झुर्रियां अपने आप दूर हो जाएगी।*

*शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा।*

*अनिवार्य...*
*दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना है।*

*"काया कल्प चूर्ण के अद्भुत फायदे..."*
*1. गठिया तो दूर होगा ही साथ मे गठिया जैसे जिद्दी रोग भी दूर हो जाएंगे।*
*2. हड्डियां मजबूत होगी।*
*3. आंखों की रोशनी बढ़ेगी।*
*4. बालों का विकास होगा।*
*5. पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति मिलेगी।*
*6. शरीर में खून जवानों की तरह दौड़ने लगेगा।*
*7. कफ से मुक्ति मिलेगी।*
*8. हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी।*
*9. थकान जरा सी भी नहीं रहेगी, घोड़े की तरह दौड़ने लग जाएगें।*
*10. स्मरण शक्ति बढ़ेगी।*
*11. स्त्री का शरीर, शादी और बच्चों के बाद हुआ बेडोल की जगह स्लिम, ट्रिम और सुंदर बनेगा।*
*12. कानों का बहरापन दूर होगा।*
*13. पहले ली हुई एलोपैथी दवाओं के साईड इफेक्ट्स से मुक्त हो जायेंगें।*
*14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी।*
*15. शरीर की सभी खून की नलिकायें शुद्ध हो जाएगी।*
*16. दांत मजबूत बनेगें और इनेमल जींवत रहेगा।*
*17. नपुसंकता जड़ से दूर होगी।*
*18. डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है।*

*जरूरी जानकारी..*
*कायाकल्प चूर्ण का असर 30-40 दिन तक लेने के बाद दिखने लगेगा।*

*आपका जीवन... निरोग, आनंददायक, चिंता रहित, स्फूर्ति दायक और आयुष्यवर्धक बनेगा।*

*जीवन जीने योग्य बनेगा क्योंकि बुढ़ापा, बुढ़ापे की समस्याएं और टेंशन से दूर रहेगा।*

*पूरा कोर्स 3 महीने का*
*मात्रा 450 ग्राम*
*सेवा शुल्क ₹1500/-*

*ट्रायल पैक एक महीनें के लिए भी उपलब्ध है..*
*मात्रा 150 ग्राम*
*सेवा शुल्क ₹600/-*

*कोरियर सेवा मुफ्त और साथ में आजीवन निःशुल्क स्वास्थ्य सलाह।*

*पेट्रोल और डीज़ल के रेट बढ़ने से जड़ी बूटियों की कीमतें आसमान छू चुकी हैं और इन्हीं कारणों से इलाज़ महंगे होते जा रहे हैं।*

*काया कल्प चूर्ण मंगवाने के लिये SMS टेक्स्ट मेसेज के माध्यम से....*
*✅अपना नाम,*
*✅पूरा पता,*
*✅पिन कोड एवं*
*✅काया कल्प*
*✅प्रोडक्ट कोड 1/10/KK*
*टाइप साधारण SMS द्वारा टेक्स्ट मेसेज भेजने का कष्ट करें, ~व्हाट्सएप से बिल्कुल नहीं।~*

*विशेष..*
जानकारी सिर्फ फोन करें या SMS

नेचुरोपैथ कौशल
*9896076323*
*9215522667*
[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *नेचर 2 वेलनेस आपके लिए लेकर आये हैं चिलचिलाती गर्मी का आसान समाधान...*

*नवरात्रि स्पेशल ऑफर*
*दो के साथ एक फ्री*
*सिर्फ शनिवार तक*
*सिर्फ ₹550/- में 3*
*कोरियर सेवा मुफ्त*

*"नेचर्स ऊर्ज़ा (एनर्जाइज़र)"*
*एक त्वरित ऊर्जा सूत्र*
*जो मांसपेशियों की कोशिकाओं को रिचार्ज करने में मदद करता है,*
*थकान की सीमा में सुधार करता है,*
*शरीर की भड़काऊ प्रतिक्रिया को मजबूत करता है और*
*ऊर्जा का निर्माण करता है।*
*बीपी को नार्मल करता है।*

*हमारे अद्भुत "ऊर्ज़ा" एनर्जाइज़र फॉर्मूलेशन में अवयवों की भूमिका...*

*(1). स्टार्च मकई (डेक्सट्रोज और सुक्रोज)*
डेक्सट्रोज क्या है?
डेक्सट्रोज स्टार्च से बनी एक साधारण चीनी है। स्टार्च मकई, गेहूं, चावल और आलू सहित कई पौधों में पाया जाने वाला प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जटिल कार्बोहाइड्रेट है।
डेक्सट्रोज का सबसे आम स्रोत मकई स्टार्च है।

डेक्सट्रोज को डी-ग्लूकोज के नाम से भी जाना जाता है। 
डेक्सट्रोज आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर काम करता है।
ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे ब्रेड, अनाज, आलू, फल, पास्ता और चावल। ग्लूकोज ऊर्जा का एक स्रोत है, और आपके शरीर में सभी कोशिकाओं और अंगों को ठीक से काम करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है।

डेक्सट्रोज का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट कैलोरी प्रदान करने के लिए भी किया जाता है जो बीमारी, आघात या अन्य चिकित्सीय स्थिति के कारण नहीं खा सकता है। यह कभी-कभी उन लोगों को दिया जाता है जो बहुत अधिक शराब पीने से बीमार हो जाते हैं।
*आहार अनुपूरक*
डेक्सट्रोज स्टार्च से बनी एक साधारण चीनी है।
स्टार्च मकई, गेहूं, चावल और आलू सहित कई पौधों में पाया जाने वाला प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जटिल कार्बोहाइड्रेट है। डेक्सट्रोज का सबसे आम स्रोत मकई स्टार्च है।

डेक्सट्रोज, जब एक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है, या तो मुंह से (मौखिक रूप से) या इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है। डेक्सट्रोज को डी-ग्लूकोज के नाम से भी जाना जाता है।

डेक्सट्रोज आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर काम करता है। ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे ब्रेड, अनाज, आलू, फल, पास्ता और चावल। ग्लूकोज ऊर्जा का एक स्रोत है, और आपके शरीर में सभी कोशिकाओं और अंगों को ठीक से काम करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है।

डेक्सट्रोज का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट कैलोरी प्रदान करने के लिए भी किया जाता है जो बीमारी, आघात या अन्य चिकित्सीय स्थिति के कारण नहीं खा सकता है। यह कभी-कभी उन लोगों को दिया जाता है जो बहुत अधिक शराब पीने से बीमार हो जाते हैं।

डेक्सट्रोज का उपयोग हाइपरक्लेमिया (आपके रक्त में पोटेशियम के उच्च स्तर) के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।

*चेतावनी*
यदि आपको मकई से एलर्जी है, तो आपको डेक्सट्रोज से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।

सुक्रोस खनिज लोहे का एक रूप है। आयरन विशेष रूप से रक्त में ऑक्सीजन के परिवहन के लिए शरीर में कई कार्यों लिए महत्वपूर्ण है। आयरन सुक्रोस इंजेक्शन गुर्दे की बीमारी के साथ लोगों में लोहे की कमी से एनीमिया के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।
यह आमतौर पर लाल रक्त कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है।

3 बड़े चम्मच पूर्ण 15 ग्राम (लगभग) की एक खुराक कार्बोहाइड्रेट से 57.6 कैलोरी प्रदान करती है।

डेक्सट्रोज (स्टार्च मकई) आसानी से आत्मसात होकर घुल जाता है और थकान को दूर करने के लिए ऊर्जा का उत्सर्जन करता है।
सुक्रोज से फ्रुक्टोज और ग्लूकोज प्रत्येक का एक अणु प्राप्त होता है।

*(2). जिंक सल्फेट*
ज़िंक से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। जिंक की कमी होने पर इम्यूनिटी, थकान और वजन घटना शुरु हो जाता है।

जिंक जिसे हिंदी में जस्ता (Zinc) कहते हैं एक ऐसा खनिज या मिनरल है जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत (Strong Immunity) बनाता है।
हमारा शरीर जिंक नहीं बनाता इसके लिए हमें जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ (Foods For Zinc) या सप्लीमेंट का सेवन करना होता है।
दैनिक कार्यों को सुचारु रुप से करने के लिए जिंक जरूरी है।
जिंक से न सिर्फ शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करने (Blood Sugar Level), हार्ट को हेल्दी बनाने (Heart) और स्किन और हेयर का ख्याल रखने के लिए भी ज़िंक जरूरी है।
शरीर में डीएनए (DNA) के निर्माण में भी ज़िंक अहम होता है।
आप डाइट में ऐसी चीजों को शामिल कर सकते हैं जिससे ज़िंक की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है।

 एक सर्विंग से 3.2 ग्राम एलिमेंटल जिंक मिलेगा, जो दैनिक आहार आवश्यकताओं का आधा है।
 जिंक न्यूक्लोइक एसिड संश्लेषण घावों के उपचार और ऊर्जा के हस्तांतरण के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।
 जिंक स्वाद संकाय में भी सुधार करता है और इस प्रकार स्वास्थ्य लाभ के दौरान भोजन की इच्छा को बढ़ाता है।

*(3). एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन-सी)*
एस्कॉर्बिक एसिड शुद्ध विटामिन सी है, जो शरीर के लिए फायदेमंद एक आवश्यक पोषक तत्व है।
यह त्वचा की मरम्मत और पोषण करने में मदद करता है।
यह त्वचा की मजबूती और एक एंटी-एजिंग है। स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखना और विकसित करना।

 एक सर्विंग इस महत्वपूर्ण पानी में घुलनशील विटामिन का 15mg प्रदान करता है, जो दैनिक आहार एस्कॉर्बिक एसिड है जो तनाव और तनाव, वृद्धि और शरीर के गठन के खिलाफ समायोजित करने में मदद करता है और फागोसाइटोसिस में सुधार करता है जिससे संक्रमण के प्रतिरोध में वृद्धि होती है।

*मात्रा 200 ग्राम*

*एमआरपी ₹275/-*

एक सर्विंग 15 ग्राम
दिन में एक या दो बार और जरूरत पड़ने पर कभी भी।

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अपना नाम, पता, पिन कोड, मोबाइल नंबर एवं ऊर्जा सिम्पल टेक्स्ट मेसेज से भेजें, ~व्हाट्सएप से नहीं।~

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नेचुरोपैथ कौशल
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[3/27, 9:28 PM] +91 82698 01632: *कीवी फल के आश्चर्यजनक फायदे, किडनी और हार्ट के लिए असरकारी* 
 
1. ब्लड क्लॉटिंग से बचाव : कीवी में विटामिन K भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर से ब्लड क्लॉटिंग का खतरा कम करता है। एक अध्ययन के मुताबिक रोज़ 2-3 कीवी खाने से आपके शरीर का खून पतला होता है जिससे ब्लड क्लॉटिंग का खतरा काफी कम हो जाता है और हार्ट अटैक की संभावना भी कम रहती है।
 
2. अस्थमा से राहत : अस्थमा के लिए कीवी एक बेहतरीन फल माना जाता है। कीवी में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे अस्थमा के लक्षण कम होते हैं और साथ ही ये फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
 
3. ब्लड प्रेशर रहता है कंट्रोल : कीवी हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में काफी मददगार है। अगर आप रोज़ कीवी का सेवन करते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहेगा और साथ ही ये हाई ब्लड प्रेशर के कारण होने वाले ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट अटैक से भी राहत देगा।
 
4. इम्युनिटी में सुधार : कीवी में भरपूर मात्रा में फाइबर और विटामिन C पाया जाता है जिससे आपकी इम्युनिटी बढ़ती है। इसके साथ ही कीवी डैमेज टिश्यू (damage tissue) को भी सुधारती है। कीवी का सेवन करने से आप सर्दी, बुखार, जुकाम या इन्फेक्शन की चपेट में आसानी से नहीं आएंगे।
 
5. किडनी रहती है स्वस्थ : कीवी में एंटीऑक्सीडेंट, कॉपर, फाइबर, जिंक और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं जो आपकी किडनी को सेहतमंद रखते हैं और स्टोन की समस्या से भी राहत देते हैं। इसके साथ ही कीवी आपकी किडनी को गंभीर बीमारियों की चपेट से भी बचाती है।  

6. सेहतमंद हृदय : कीवी फ्रूट आपके हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। कीवी के सेवन से आपके शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है जिससे आपको हार्ट अटैक, सीने में दर्द, श्वास फूलने जैसी समस्या में राहत मिलती है।
[3/27, 9:29 PM] +91 82698 01632: *तेजी से हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए बेस्ट हैं ये फ्रूट* 
 
1. केला- यदि आपको शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी महसूस हो रही हो तो आप केले का सेवन शहद अथवा आंवला रस के साथ करें, आपके हीमोग्लोबिन लेवन में बढ़ोत्तरी की जा सकती है।
 
2 अनार- खून की कमी होने पर प्रतिदिन अनार के दाने खाना चाहिए, ज्‍यूस नहीं पिना चाहिए। अनार के दाने का सेवन करने की सलाह डॉक्‍टर भी देते हैं। अनार खाने या जूस पीने से अपच की समस्‍या भी ठीक हो जाती है। 
 
3. जामफल- पका अमरूद खाने से शरीर में खून का स्‍तर बना रहता है। महिलाओं के लिए भी पका जाम खाना लाभकारी माना जाता है। पका हुआ जामफल खाने से शरीर में हीमोग्‍लोबीन की कमी नहीं होती है। अत: इसका सेवन अवश्‍य करें। 
 
4. नारियल पानी- खून की कमी होने पर आपके बाल भी झड़ने लगते हैं। ऐसे में नारियल पानी का सेवन करना चाहिए। इससे हीमोग्‍लोबिन का स्‍तर ठीक रहता है और बाल झड़ना भी कम हो जाते हैं। 
 
5. सेब- सेब एनीमिया रोग में काफी लाभदायक माना गया होता है। अत: हीमोग्लोबिन कम होने की स्थिति में इसका सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। 
 
6. स्ट्रॉबेरी- स्ट्रॉबेरी एक बहुत ही खास फ्रूट है, इसमें फायबर, विटामिन्स, हाई लेवल के एंटीऑक्सीडेंट्स पाया जाता है। इतना ही नहीं यह फैट, कोलेस्ट्रॉल तथा सोडियम फ्री होने के कारण लाभकारी है। 
 
7. अंजीर- दूध में 3 अंजीर को उबालकर पीने से हीमोग्‍लोबिन तेजी से बढ़ता है। यह खून बढ़ाने का बहुत अच्‍छा स्‍त्रोत माना गया है। इसमें विटामिन बी1, बी2, A, मैगनीज, क्लोरीन सोडियम, पोटेशियम, आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम आदि पाया जाता है। अत: इसके सेवन से  लेवल बढ़ाया जा सकता है।
[3/27, 9:30 PM] +91 82698 01632: *क्या आप खाली पेट निकलते हैं घर से, तो जानें 5 नुकसान* 
 
1. जी घबराना- कुछ लोग होते हैं जिन्हें भूख बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होती है। जल्दबाजी में वे बिना कुछ खाए ही घर से निकल जाते हैं। कभी अचानक से भूख लगने लग जाती है। कुछ नहीं खाने पर जी घबराने लगता है, तो कभी उपकियां भी आने लगती हैं। इसलिए हमेशा कुछ खाकर ही घर से निकलें।  
 
2. बेहोशी आना- आपने भी देखा होगा कई बार लोग खड़े-खड़े ही बेहोश हो जाते हैं क्योंकि खाली पेट गर्मी रहने से कमजोरी आ जाती है। ऐसे में शरीर को सही मानक में फाइबर और कार्ब्स की भी जरूरत होती है।
 
3. लो ब्‍लड प्रेशर- खाली पेट बाहर जाने से आपका बीपी भी कम हो सकता है। कई लोग पानी पी कर अपनी भूख मिटाने की कोशिश करते हैं। लेकिन शरीर को पानी के साथ कैलोरीज की भी जरूरत होती है। ऐसे में सिर्फ पानी से अपनी भूख नहीं मिटाएं।
 
4. लू लगना- कभी जरूरी काम से बाहर जाने पर सोचते हैं कि थोड़ी देर में आकर खा लेंगे। लेकिन घर आने तक उसका असर उल्टा हो जाता है। जी हां, खाली पेट दिन में बाहर निकलने से आपको लू भी लग सकती है। लू लगने से ही लोगों की जान भी चली जाती है।
 
5. एसिडिटी- जी हां, बहुत अधिक देर तक भूखे पेट रहने से पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या होने लगती है। समस्या अधिक होने पर हार्ट पर भी असर होने लगता है। इसलिए घर से हमेशा कुछ खाकर ही जाना चाहिए, ताकि भूख लगने पर कहीं भटकना नहीं पड़ें।
[3/27, 9:30 PM] +91 82698 01632: *ज्यादा अचार खाने से हो सकती है एसिडिटी, गैस और खट्टी डकार की समस्या* 
 
1 अचार में तेल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और उसमें प्रयोग किए जाने वाले मसाले भी अक्सर पके हुए नहीं होते, जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल और अन्य समस्याएं हो सकती है।
 

 2अचार का प्रयोग पेट में अम्लीयता को बढ़ावा देता है जिसके कारण इसके अधिक सेवन से आपको एसिडिटी, गैस, खट्टी डकार आना जैसी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
 

 3 अचार में नमक की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो सोडियम की अधिकता के अलावा हाई ब्लडप्रेशर और अन्य सेहत समस्याएं भी पैदा कर सकता है।
 

 4 अचार में मसालों के अलावा सिरके का प्रयोग भी काफी मात्रा में किया जाता है, जिसका सेवन नियमित रूप से करने पर आपको अल्सर भी हो सकता है और अन्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।
 

 5 बाज़ार में मिलने वाला अचार बनाने और उसे सुरक्षित रखने के लिए जिन प्रिसजर्वेटिव का प्रयोग होता है, वे शरीर के लिए हानिकरक होते हैं और एसिडिटी या शरीर में सूजन आदि के लिए जिम्मेदार होते हैं।
[3/28, 12:31 AM] +91 98960 76323: *NONI का शाब्दिक तातपर्य..*
*N- NO*
*O- OPERATION*
*N- NO*
*I- INJECTION*
नोनी किसी भी मर्ज की दवाई नहीं है लेकिन हर मर्ज की दवा नोनी ही है सिर्फ किडनी समस्या को छोड़ कर।
*पेश है...*
*NATURE'S NONI JUICE.. नेचर्स नोनी जूस*
          
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*यक्ष प्रश्न...*                                      *क्या आपको आपके परिवार की सेहत की चिंता है ?*

*नेचर नोनी जूस* से होने वाले लाभ:-
1. स्वेत प्रदर (लीकोरिया) को दूर करता है।
2. स्वेत प्रदर से होने वाले क़मर दर्द तथा अन्य रोगों को दूर करता है।
3. पेट को साफ करता है।
4. चेहरे पे चमक लाता है।
5. शरीर में आवश्यक तत्वों को जेसे कैल्सियम, फास्फोरस, विटामिन, प्रोटीन अदि तत्वों की पूर्ती करता है।
6. *नेचर नोनी*  के सेवन से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।
7. एक्जीमा, मुंहासों और सोरियासिस को ठीक करता है। 
8. जोड़ों के दर्द को ठीक करता है।
9. शरीर की अकड़न को दूर करना।
10. माइग्रेन और हाई ब्लडप्रेशर की समस्या को ठीक करता है।
11. यदि आप मधुमेह से परेशान हैं तो डिवाइन नोनी*  का सेवन करें। ये ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करता है।
12. बालों की हर तरह की समस्या जैसे गंजापन और रूखापन दूर करता है ।

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*नेचुरोपैथ कौशल*

13. दस्त और कब्ज की समस्या को दूर करता है।
14. सांस से संबंधित रोग जैसे अस्थमा जैसी बीमारियों को ठीक करता है।
15. माइग्रेन जैसी गंभीर समस्या को खत्म करता है ।
16. महिलाओं में माहवारी की समस्या ठीक करता है ।
17. दमा (Asthma)
18. मधुमेह (Diabetes)

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19. वायरल बुखार (Viral Fever)
20. खसरा (Measles)
21. बदहज़मी (Gastric Problem)
22. गठिया (Gout)
23. पीला बुखार (Yellow Fever)
24. फाइलेरिया (Elephantiasis) 9661906942
25. अपच (Indigestion)
26. घुटनों का दर्द (Knee Pain)
27. कुष्ठरोग (Leprosy)
28. अग्नाशयशोथ (Pancreatitis)
29. जापानी इन्सेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)
30. माइग्रेन (Migraine)
31. निमोनिया (Pneumonia)
32. एनोरेक्सिया (Anorexia)
33. दर्द (Pain)
34. अनिद्रा (Insomnia)
35. हर्निया (Hernia)
36. स्पोंडिलोसिस (Spondylitis)
37. लीवर कैंसर (Liver Cancer)
38. कमर दर्द (Back Pain)
39. सीने में दर्द (Chest Pain)
40. फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer)
41. थकान (Fatigue)
42. खून का थक्का (Blood Clotting)
43. मांसपेशियों में दर्द (Muscle Pain)
44. प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer)
45. हैपेटाइटिस (Hepatitis)
46. पीले दाँत (Yellow Teeth)
47. टी. बी. (Tuberculosis)
48. फ्रोज़न शोल्डर (Frozen Shoulder)
49. सरवाइकल स्पॉन्डिलाइटिस (Cervical Sypondolysis)
50. वातविकार (Dyslexia)

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Naturopath Kaushal

51. पित्ताशय की पथरी (Gallstones)
52. रेबीज (Rabies)
53. जुकाम (Common Cold)
54. बुखार (Fever)
55. गले में खराश (Sore Throat)
56. उबकाई (Nausea)
57. अफारा (Flatulence)
58. चिकनगुनिया (Chikungunya)
59. आत्मविमोह (Autism)
60. खून की कमी (Anemia)
61. डिमेंशिया (Dementia)
62. टाइफाइड (Typhoid)
63. जूँ (Lice)
64. कब्ज (Constipation)
65. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
66. दांत का दर्द (Toothache)
67. डेंगू (Dengue)
68. मलेरिया (Malaria)
69. छींकना (Sneezing)
70. हाइपोथाइराइड (Hypothyroid)
71. ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)
72. ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)
73. सिरदर्द (Headache)
74. ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
75. इबोला विषाणु रोग (EVD) (Ebola)
76. लू लगना (Heat Stroke)
77. छोटे स्तन (Small Breast)
78. बालों का झड़ना (Hair Fall)
79. मिरगी (Epilepsy)
80. कद बढ़ाना (Height Gain)
81. गुर्दे की पथरी (Kidney Stone)
82. रूसी (Dandruff)
83. हार्ट अटैक (Heart Attack)
84. सोरायसिस (Psoriasis)
85. स्वाइन फ्लू (Swine Flu) 9661906942
86. स्किन कैंसर (Skin Cancer)
87. मुंहासे (Pimples)
88. गंजापन (Baldness)
89. डीहाइड्रेशन (Dehydration)
90. घमौरियां (Prickly Heat)
91. स्कर्वी (Scurvy)
92. बेरीबेरी (Beriberi)
93. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunctions)
94. शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर इजैकुलेशन (Premature Ejaculation)
95. पिलाग्रा (Pellagra)
96. रिकेट्स (Rickets)
97. घेंघा (Goiter)
98. मोटापा (Obesity)
99. डार्क सर्कल - आखों के नीचे के काले घेरे (Dark Circle)
100. इचिंग या खुजली (Itching)
101. गले में दर्द (Throat Ache)
102. ज्वाइंट पेन- जोड़ों में दर्द (Joint Pain)
103. लूज मोशन- दस्त (Loose Motion)
104. पेट दर्द (Stomach Ache)

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105. तनाव- स्ट्रैस (Stress)
106. दुबलापन (Leanness Or Weight Gain)
107. एसिडिटी या अम्लपित्त (Acidity)
108. एलर्जी (Allergy)
109. मोतियाबिंद- केटेरेक्ट (Cataract)
110. सर्दी और कफ (Cough And Cold)
111. टिटनस (Tetanus)
112. मोच (Sprains)
113.उच्च रक्तचाप या लो ब्लडप्रेशर (Low Blood Pressure & High B.P.)
114. सफेद बाल- ग्रे हेयर (Grey Hair)
115. हड्डी फ्रैक्चर या हड्डी का खिसकना (Bone Fracture Or Dislocation)
116. हैजा (Cholera)
117. जर्मन मीजल्स या रूबेला (German Measles)
118. इन्फ्लूएंजा (Influenza)
119. मेनिनजाइटिस (Meningitis)
120. हार्ट ब्लॉकेज (Heart Blockage)
121. कान में संक्रमण (Ear Infection)
122. डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy)
123. ग्लूकोमा (Glaucoma)
124. बवासीर (Piles)
125. आंखों का इंफेक्शन (Eye Infection)
126. पीलिया (Jaundice)
127. दूरदर्शिता या दूरदृष्टि दोष (Hyper Myopia)
128. मुंह के छाले (Mouth Ulcer)
129. अल्सर (Ulcer)
130. डायरिया (Diarrhea)
131. सुस्ती (Lethargy)
132. मस्तिष्क का दौरा (Cerebral Stroke)
133. मायोपिया (Myopia)
134. खर्राटे लेना (Snoring)
135. सनबर्न (Sunburn)
136. गलसुआ (Mumps)
137. काली खांसी (Whooping Cough)
138. प्रोस्टेट डिस्ऑर्डर (Prostate Disorder)
139. एड्स (AIDS)
और भी कई, करीबन 600+ बीमारियों को शरीर में होने से बचाव करता है। यदि कोई किसी भी बीमारी से ग्रस्त है तो 
*नेचर्स नोनी* बीमारी को बखूबी से ठीक करता है और सारी बीमारियों से दूर भी रखता है।

जी हां मित्रो उपरोक्त सभी गुणों से परिपूर्ण है *नेचर्स नोनी*
यह पूर्णतः प्राकृतिक है और इससे  किसी भी प्रकार का कोई भी  नुकसान नहीं है।

अब तक  हजारों परिवार के सम्बंध और हेल्थ को मधुर बनाने में कामयाब रहा है।

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*लेकिन क्यों..?*
*30 पार करते करते हवा, पानी और भोजन का प्रदूषण हमारे शरीर की इम्युनिटी को कमजोर करना शुरू कर देता है..*
*विशेषतः आज आज के माहौल की वजह से पूरी दुनियां एक अनजाने भय के बीच मे जी रही है।*
*पूरा विश्व एक ही बात पर जोर दे रहा है कि अपनी इम्युनिटी बढ़ाइये या अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाइये।*
*अभी तक कोई भी वैक्सीन नहीं बन पाई है लेकिन भारत एक प्राकृतिक धन संपदा सम्पन्न देश है जहां पर हर रोग का प्राकृतिक निदान पहले से ही हो रखा है।*
*अगर आप प्राकृतिक आपदा या कहर से बचना चाहते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं, हमारा अद्भुत जादुई काया कल्प चूर्ण पर्याप्त है क्योंकि...*
*_स्वस्थ रहना सबकी मूलभूत आवश्यकता है_*

*अगर आप डाक्टरों के चक्कर लगा लगा के परेशान हो चुके हैं तो एक बार ज़रूर पढ़ें फिर आजमा के देखें, आप मायूस नही होंगे..*

*जानिये ऐसा क्यूं होता है..?*
*हमारा शरीर, पंचतत्व...*
*✅ भूमि,*
*✅ गगन,*
*✅ वायु,*
*✅ अग्नि एवं*
*✅ जल के* *सामंजस्य एवं योग से निर्मित होकर काया कल्प चूर्ण शरीर के वात, पित्त और कफ को बैलेंस करके स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है।*

*घरल या घराट पद्धति से निर्मित चूर्ण, वो करिश्मा है जिसे आज नहीं तो कल लेना ही होगा, कारण एलोपैथी के साइड इफेक्ट। क्योंकि ये हमारी जरूरत भी है और समय की पुकार भी है।*
*😢काया कल्प चूर्ण😊*

*हज़ारों वर्ष पुराना नुस्खा आपकी जिंदगी की खुशियां दुबारा पा सकते हैं.!*

*लाख दवा की एक दवा,*
*थोड़ा जल्दी असर करने वाली,*
*हर मुश्किल का हमसफ़र,*
*जीवन वर्धक, रोग हर्ता, विघ्न विनाशक चमत्कारिक...*
*😢कायाकल्प चूर्ण😊*

*काया कल्प चूर्ण लेने से क्या होगा..??*
*रात को सोते समय एक छोटी चम्मच (सिर्फ 5 ग्राम) काया कल्प चूर्ण, हल्के गर्म पानी के साथ लेना है।*

*ये चूर्ण 10 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी ले सकता है।*

*रोज़ाना लेने से शरीर के कोने कोने में लगातार जम रही गंदगी और कचरा, मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी।*

*पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा।*

*हर प्रकार का ब्लोकेज खुल जायेगा।*

*चमड़ी की झुर्रियां अपने आप दूर हो जाएगी।*

*शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा।*

*अनिवार्य...*
*दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना है।*

*"काया कल्प चूर्ण के अद्भुत फायदे..."*
*1. गठिया तो दूर होगा ही साथ मे गठिया जैसे जिद्दी रोग भी दूर हो जाएंगे।*
*2. हड्डियां मजबूत होगी।*
*3. आंखों की रोशनी बढ़ेगी।*
*4. बालों का विकास होगा।*
*5. पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति मिलेगी।*
*6. शरीर में खून जवानों की तरह दौड़ने लगेगा।*
*7. कफ से मुक्ति मिलेगी।*
*8. हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी।*
*9. थकान जरा सी भी नहीं रहेगी, घोड़े की तरह दौड़ने लग जाएगें।*
*10. स्मरण शक्ति बढ़ेगी।*
*11. स्त्री का शरीर, शादी और बच्चों के बाद हुआ बेडोल की जगह स्लिम, ट्रिम और सुंदर बनेगा।*
*12. कानों का बहरापन दूर होगा।*
*13. पहले ली हुई एलोपैथी दवाओं के साईड इफेक्ट्स से मुक्त हो जायेंगें।*
*14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी।*
*15. शरीर की सभी खून की नलिकायें शुद्ध हो जाएगी।*
*16. दांत मजबूत बनेगें और इनेमल जींवत रहेगा।*
*17. नपुसंकता जड़ से दूर होगी।*
*18. डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है।*

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*कायाकल्प चूर्ण का असर 30-40 दिन तक लेने के बाद दिखने लगेगा।*

*आपका जीवन... निरोग, आनंददायक, चिंता रहित, स्फूर्ति दायक और आयुष्यवर्धक बनेगा।*

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*पेट्रोल और डीज़ल के रेट बढ़ने से जड़ी बूटियों की कीमतें आसमान छू चुकी हैं और इन्हीं कारणों से इलाज़ महंगे होते जा रहे हैं।*

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*✅प्रोडक्ट कोड 1/10/KK*
*टाइप साधारण SMS द्वारा टेक्स्ट मेसेज भेजने का कष्ट करें, ~व्हाट्सएप से बिल्कुल नहीं।~*

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नेचुरोपैथ कौशल
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[3/28, 12:31 AM] +91 98960 76323: *नेचर 2 वेलनेस आपके लिए लेकर आये हैं चिलचिलाती गर्मी का आसान समाधान...*

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*(1). स्टार्च मकई (डेक्सट्रोज और सुक्रोज)*
डेक्सट्रोज क्या है?
डेक्सट्रोज स्टार्च से बनी एक साधारण चीनी है। स्टार्च मकई, गेहूं, चावल और आलू सहित कई पौधों में पाया जाने वाला प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जटिल कार्बोहाइड्रेट है।
डेक्सट्रोज का सबसे आम स्रोत मकई स्टार्च है।

डेक्सट्रोज को डी-ग्लूकोज के नाम से भी जाना जाता है। 
डेक्सट्रोज आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर काम करता है।
ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे ब्रेड, अनाज, आलू, फल, पास्ता और चावल। ग्लूकोज ऊर्जा का एक स्रोत है, और आपके शरीर में सभी कोशिकाओं और अंगों को ठीक से काम करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है।

डेक्सट्रोज का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट कैलोरी प्रदान करने के लिए भी किया जाता है जो बीमारी, आघात या अन्य चिकित्सीय स्थिति के कारण नहीं खा सकता है। यह कभी-कभी उन लोगों को दिया जाता है जो बहुत अधिक शराब पीने से बीमार हो जाते हैं।
*आहार अनुपूरक*
डेक्सट्रोज स्टार्च से बनी एक साधारण चीनी है।
स्टार्च मकई, गेहूं, चावल और आलू सहित कई पौधों में पाया जाने वाला प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जटिल कार्बोहाइड्रेट है। डेक्सट्रोज का सबसे आम स्रोत मकई स्टार्च है।

डेक्सट्रोज, जब एक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है, या तो मुंह से (मौखिक रूप से) या इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है। डेक्सट्रोज को डी-ग्लूकोज के नाम से भी जाना जाता है।

डेक्सट्रोज आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर काम करता है। ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे ब्रेड, अनाज, आलू, फल, पास्ता और चावल। ग्लूकोज ऊर्जा का एक स्रोत है, और आपके शरीर में सभी कोशिकाओं और अंगों को ठीक से काम करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है।

डेक्सट्रोज का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट कैलोरी प्रदान करने के लिए भी किया जाता है जो बीमारी, आघात या अन्य चिकित्सीय स्थिति के कारण नहीं खा सकता है। यह कभी-कभी उन लोगों को दिया जाता है जो बहुत अधिक शराब पीने से बीमार हो जाते हैं।

डेक्सट्रोज का उपयोग हाइपरक्लेमिया (आपके रक्त में पोटेशियम के उच्च स्तर) के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।

*चेतावनी*
यदि आपको मकई से एलर्जी है, तो आपको डेक्सट्रोज से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।

सुक्रोस खनिज लोहे का एक रूप है। आयरन विशेष रूप से रक्त में ऑक्सीजन के परिवहन के लिए शरीर में कई कार्यों लिए महत्वपूर्ण है। आयरन सुक्रोस इंजेक्शन गुर्दे की बीमारी के साथ लोगों में लोहे की कमी से एनीमिया के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।
यह आमतौर पर लाल रक्त कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है।

3 बड़े चम्मच पूर्ण 15 ग्राम (लगभग) की एक खुराक कार्बोहाइड्रेट से 57.6 कैलोरी प्रदान करती है।

डेक्सट्रोज (स्टार्च मकई) आसानी से आत्मसात होकर घुल जाता है और थकान को दूर करने के लिए ऊर्जा का उत्सर्जन करता है।
सुक्रोज से फ्रुक्टोज और ग्लूकोज प्रत्येक का एक अणु प्राप्त होता है।

*(2). जिंक सल्फेट*
ज़िंक से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। जिंक की कमी होने पर इम्यूनिटी, थकान और वजन घटना शुरु हो जाता है।

जिंक जिसे हिंदी में जस्ता (Zinc) कहते हैं एक ऐसा खनिज या मिनरल है जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत (Strong Immunity) बनाता है।
हमारा शरीर जिंक नहीं बनाता इसके लिए हमें जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ (Foods For Zinc) या सप्लीमेंट का सेवन करना होता है।
दैनिक कार्यों को सुचारु रुप से करने के लिए जिंक जरूरी है।
जिंक से न सिर्फ शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करने (Blood Sugar Level), हार्ट को हेल्दी बनाने (Heart) और स्किन और हेयर का ख्याल रखने के लिए भी ज़िंक जरूरी है।
शरीर में डीएनए (DNA) के निर्माण में भी ज़िंक अहम होता है।
आप डाइट में ऐसी चीजों को शामिल कर सकते हैं जिससे ज़िंक की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है।

 एक सर्विंग से 3.2 ग्राम एलिमेंटल जिंक मिलेगा, जो दैनिक आहार आवश्यकताओं का आधा है।
 जिंक न्यूक्लोइक एसिड संश्लेषण घावों के उपचार और ऊर्जा के हस्तांतरण के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।
 जिंक स्वाद संकाय में भी सुधार करता है और इस प्रकार स्वास्थ्य लाभ के दौरान भोजन की इच्छा को बढ़ाता है।

*(3). एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन-सी)*
एस्कॉर्बिक एसिड शुद्ध विटामिन सी है, जो शरीर के लिए फायदेमंद एक आवश्यक पोषक तत्व है।
यह त्वचा की मरम्मत और पोषण करने में मदद करता है।
यह त्वचा की मजबूती और एक एंटी-एजिंग है। स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखना और विकसित करना।

 एक सर्विंग इस महत्वपूर्ण पानी में घुलनशील विटामिन का 15mg प्रदान करता है, जो दैनिक आहार एस्कॉर्बिक एसिड है जो तनाव और तनाव, वृद्धि और शरीर के गठन के खिलाफ समायोजित करने में मदद करता है और फागोसाइटोसिस में सुधार करता है जिससे संक्रमण के प्रतिरोध में वृद्धि होती है।

*मात्रा 200 ग्राम*

*एमआरपी ₹275/-*

एक सर्विंग 15 ग्राम
दिन में एक या दो बार और जरूरत पड़ने पर कभी भी।

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अपना नाम, पता, पिन कोड, मोबाइल नंबर एवं ऊर्जा सिम्पल टेक्स्ट मेसेज से भेजें, ~व्हाट्सएप से नहीं।~

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नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
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[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *सेंधा नमक के उपयोग एवं फायदे*
1. चावल में पिसा नमक डालकर रखें, कीड़े नहीं लगेंगे।
2. नमक.. मछली, पनीर, अचार आदि को सुरक्षित रखता है।
3. समुद्र के जल से स्नान करने से त्वचा रोग ठीक होता है।
4. स्याही लगे कपड़े को नमक के जल से धोयें, धब्बे दूर होंगे।
5. दांतों में दर्द होने पर गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करें।
6. नमक के पानी से चेहरा धोने से प्राकृतिक चमक बनी रहती है।
7. दीमक वाली जगह नमक का पानी डाल दें, दीमक दूर हो जाएगा।
8. ताजी सब्जियों को नमक के पानी में धोएं, इससे कीड़े मर जाते हैं।
9. पीतल के बर्तन में चमक लाने के लिए नींबू के रस में नमक मिलाएं।
10. घर में नमक के पानी का पोछा लगाने से घर हर तरह से शुद्ध रहता है।
11. चीनी के बर्तन से धब्बे हटाने के लिए सिरके में नमक डाल कर साफ़ करें।
12. फूल के गुलदान में नमक वाली पानी रखने से वह लंबे समय तक ताजा रहता है।
13. लालटेन के तेल में एक टुकड़ा नमक डालने से तेल कम जलेगा और रोशनी ज्यादा देगा।
14. नमक के पानी से नियमित स्नान कर गठिया तथा किसी चोट के कारण हुए मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन में भी आराम मिलता है।

नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
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[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *■गुड़ खाने से फायदे■*
*जो चीनी से कभी नहीं मिल सकते हैं....*
(1)- गुड़ खाने से नहीं होती गैस की दिक्कत।

(2)- खाना खाने के बाद अक्सर मीठा खाने का मन करता हैं। इसके लिए सबसे बेहतर है कि आप गुड़ खाएं। गुड़ का सेवन करने से आप हेल्दी रह सकते हैं।

(3)- पाचन क्रिया को सही रखना।

(4)- गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉल्जिम ठीक करता है। रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है। इससे गैस की दिक्कत नहीं होती। जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा गुड़ ज़रुर खाएं।

(5)- गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है।
इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद है खासतौर पर महिलाओं केलिए इसका सेवन बहुत अधिक ज़रुर है।

(6)- त्वचा के लिए
गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन दूर करता है, जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती है।

(7)- गुड़ की तासीर गर्म है, इसलिए इसका सेवन 
जुकाम और कफ से आराम दिलाता है। जुकाम के दौरान अगर आप कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं तो चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

(8)- एनर्जी के लिए -
बहुत ज़्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता. दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़।खाएं।

(9)- गुड़ शरीर के टेंपरेचर को नियंत्रित रखता है।इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।

(10)- जोड़ों के दर्द में आराम रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे जोड़ों के दर्द की दिक्कत नहीं होगी।

(11)- गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।

(12)- गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती है।

(13)- जुकाम जम गया हो, तो गुड़ पिघलाकर उसकी
 पपड़ी बनाकर खिलाएं।

(14)- गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।

(15)- भोजन के बाद गुड़ खा लेने से पेट में गैस नहीं
 बनती।

(16)- पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से
 पीलिया रोग में लाभ होता है।

(17)- गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढती है।

(18)- पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खानेसे श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।

*अच्छी बातें, अच्छे लोगो को अवश्य शेयर करें...*

नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
9215522667
[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *मैं पागलों की तरह, इतने सालों से चीख रहा हूं कि सेंधा नमक अपनाओ, समुद्री नमक भगाओ और अपने को बीमारियों से बचाओ।*
लेकिन हमारी बात किसी ने न सुनी और अब वही मूर्ख व्यक्ति एक्टर अनिल कपूर की टीवी कामर्शियल ऐड जरूर सुनेंगे, 99 रुपये किलो के सेंधा नमक खरीदने की।
●●●●●●●●●●●
● अच्छी सेहत के लिए आज से ही सेंधा नमक खाए और स्वस्थ रहिए।

■ सेंधा नमक कितना फायदेमंद है जानिए..
● प्राकृतिक नमक हमारे शरीर के लिये बहुत जरूरी है।
● इसके बावजूद हम सब घटिया किस्म का आयोडिन मिला हुआ समुद्री नमक खाते है।
● यह शायद आश्चर्यजनक लगे पर यह एक हकीकत है।
● नमक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत मे अधिकांश लोग समुद्र से बना नमक खाते है जो कि शरीर के लिए हानिकारक और जहर के समान है।
● समुद्री नमक तो अपने आप मे बहुत खतरनाक है लेकिन उसमे आयोडिन नमक मिलाकर उसे और जहरीला बना दिया जाता है।
● आयोडिन की शरीर मे मे अधिक मात्र जाने से नपुंसकता जैसा गंभीर रोग हो जाना मामूली बात है।

● विश्व का सर्वोत्तम नमक सेंधा नमक है, जो पहाडी नमक है।
● आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है।
● आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप, डाइबिटीज़, लकवा आदि गंभीर बीमारियो का भय रहता है।
● इसके विपरीत सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप पर नियन्त्रण रहता है।
● इसकी शुद्धता के कारण ही इसका उपयोग व्रत के भोजन मे होता है।
● ऐतिहासिक रूप से पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को 'सेंधा नमक' या 'सैन्धव नमक' कहा जाता है जिसका मतलब है 'सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ'।
● अक्सर यह नमक इन्हीं खानों से आया करता था।
सेंधे नमक को 'लाहौरी नमक' भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापारिक रूप से अक्सर लाहौर से होता हुआ पूरे उत्तर भारत में बेचा जाता था।
● भारत मे 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था विदेशी कम्पनियां भारत मे नमक के व्यापार मे आज़ादी के पहले से उतरी हुई है।
● उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी प्रशासन द्वारा भारत की भोली भली जनता को आयोडिन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जा रहा है सिर्फ आयोडीन के चक्कर में ज्यादा नमक खाना समझदारी नहीं है,
क्योंकि आयोडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है। 
● यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है।
● सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है।
● यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और
पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है।
● इससे पाचक रस बढ़ते हैं।
रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग कर सकते हैं।

नेचुरोपैथ कौशल
9896076323
9215522667
[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *मासिक-धर्म चक्र की अनियमिततायें*
महिलाओं के लिए मासिक धर्म चक्र से सम्बंधित जितनी भी समस्याएँ है इसकी हमारे प्राकृतिक चिकित्सा मे बहुत ही अच्छी और लाभकारी औषधि है, वो है...
*"अशोक के पेड़ के पत्ता"*

लेकिन एक बात याद रखें...
अशोक का पेड़ दो तरह का होता है..
(1). एक तो सीधा लम्बा होता है ज़्यादातर लोग उसे ही अशोक समझते है जबकि वो नहीं है!
(2). एक और होता है पूरा गोल होता है और फैला हुआ होता है वही असली अशोक का पेड़ है।

आप इस असली अशोक के 5-6 पत्ते तोड़िए, उसे पीस कर चटनी बनाइए।
अब इसे एक से डेढ़ गिलास पानी मे कुछ देर तक उबाले तथा इतना उबाले की पानी आधा से पौन गिलास रह जाए।
फिर उसे बिलकुल ठंडा होने के लिए छोड़ दीजिये और फिर उसको बिना छाने हुए पीये।
सबसे अच्छा है सुबह खाली पेट पीना।

इसे 30 दिन तक लगातार पीने से मासिक धर्म से सबन्धित सभी तरह की बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं।
अगर कुछ महिलाओं को 30 दिन लेने से थोड़ा आराम ही मिलता है। ज्यादा नहीं मिलता तो वो और अगले 30 दिन तक ले सकती है।
वैसे लगभग मात्र 30 दिन लेने से ही समस्या ठीक हो जाती है।

*पीरियडस के दौरान होने वाले दर्दों की सबसे अच्छी दवा है..*
एक चम्मच देशी गाय का घी और एक गिलास पानी खूब गर्म करे, जैसे चाय के लिए गर्म करते है बिलकुल उबलता हुआ।

फिर उसमे एक चम्मच देशी गाय का घी डाले फिर गुनगुना होने पर जिस तरह चाय पीते है, उसी प्रकार धीरे-धीरे पिए। तात्कालिक एकदम आराम आपको मिलेगा और ये लगातार 4 -5 दिन जितने दिन पीरियड्स रहते है, पीना है, उससे ज्यादा दिन नहीं पीना। 

ये पीरियडस के दौरन होने वाले सब तरह के दर्दों के लिए तुरन्त राहत देता है।

नेचुरोपैथ कौशल
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[3/27, 12:23 AM] +91 98960 76323: *प्रोस्टेट स्वास्थ्य जागरूकता*
*पुरुष अवश्य पढ़ें, यदि 40+ हैं तो....*

 सज्जनों,
 मैं यहां आपके साथ प्रोस्टेट पर बात करने के लिए हूं।
विषय भ्रामक है।
क्या प्रोस्टेट पुरुषों के लिए सख्त है?
हां, केवल पुरुषों में प्रोस्टेट होता है और केवल 40 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष होते हैं लेकिन स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान सभी के लिए होता है।
ऐसी कोई महिला नहीं है जो 40 साल और उससे अधिक उम्र के पुरुष को नहीं जानती, पिता, चाचा, भाई, बेटा, दोस्त, पड़ोसी, सहकर्मी...

अनिवार्य रूप से मैं आज जो कर रहा हूं वह स्वास्थ्य संवर्धन है।
जिम्मेदार स्वास्थ्य संवर्धन को तीन चीजें प्रदान करनी चाहिए:
 1. सूचना
 2. आश्वासन
 3. कार्य योजना।

मैं प्रोस्टेट स्वास्थ्य की पृष्ठभूमि से शुरू करता हूं।

हर किसी के पास एक जोड़ी किडनी होती है।
किडनी का काम कचरे को हटाना है।
यह आपके शरीर की LAWMA (अपशिष्ट प्रबंधन कंपनी) है।
फ़िल्टर करने के लिए आपका रक्त प्रतिदिन कई बार किडनी से होकर गुजरता है।
जैसे ही रक्त को फ़िल्टर किया जाता है, मूत्र बनता है और एक अस्थायी भंडारण टैंक में जमा हो जाता है जिसे मूत्राशय कहा जाता है।

यदि मूत्राशय न हो, तो जैसे-जैसे आदमी सड़क पर चलता है, पेशाब गिर रहा होगा।

अब अपने घर में प्लंबिंग के काम के बारे में सोचें।
यूरिनरी ब्लैडर को ओवरहेड स्टोरेज टैंक समझें।
भंडारण टैंक से, एक अच्छा प्लंबर रसोई सहित घर के अन्य हिस्सों में पाइप चलाएगा।
भगवान ने अपनी बुद्धि में हमारे मूत्राशय से लिंग के सिरे तक पाइप चलाए।
नली को मूत्रमार्ग कहते हैं।
मूत्राशय के ठीक नीचे और मूत्रमार्ग के आसपास एक छोटा सा अंग होता है जिसे प्रोस्टेट ग्रंथि कहा जाता है।

प्रोस्टेट ग्रंथि एक अखरोट के आकार की होती है और इसका वजन लगभग 20 ग्राम होता है।
इसका काम वीर्य द्रव बनाना है जो वीर्य पुटिका में जमा हो जाता है।
संभोग के दौरान, वीर्य द्रव मूत्रमार्ग के नीचे आता है और वीर्य बनाने के लिए अंडकोष में उत्पादित शुक्राणुओं के साथ मिल जाता है।
तो तकनीकी रूप से वीर्य शुक्राणु नहीं है।
यह शुक्राणु+ वीर्य द्रव है।
वीर्य द्रव शुक्राणु को चिकनाई देता है।

40 साल की उम्र के बाद, हार्मोनल कारणों से, प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने लगती है।
यह 20 ग्राम से बढ़कर लगभग 100 ग्राम तक हो सकता है।
जैसे-जैसे यह बड़ा होता है, यह मूत्रमार्ग को निचोड़ता या सिकोड़ता है और आदमी को पेशाब करने के तरीके में बदलाव नज़र आने लगता है।

अगर आपका 10 साल से कम उम्र का बेटा है, अगर उस उम्र में हम सभी की तरह उसकी थोड़ी सी शरारत है, जब वह पेशाब करने के लिए बाहर आता है, तो वह छत को निशाना बना सकता है और जेट निशाने पर लग जाएगा। उसके पिता को भी ऐसा करने के लिए बुलाओ, नहीं कर पायेगा।
उसकी पेशाब की धारा कमजोर होगी, वह लंबी दूरी तय नहीं कर सकता है और कभी-कभी सीधे उसके पैरों पर आ सकता है। तो उसे पेशाब करने के लिए अजीब स्थिति में खड़े होने की आवश्यकता हो सकती है।

बहुत से पुरुष चिंतित नहीं होंगे कि उनकी मूत्र धारा छत से नहीं टकरा सकती है।  शौचालय फर्श पर हैं न कि छत पर।  लेकिन अन्य लक्षण दिखने लगते हैं।

*टर्मिनल टपकना:*
आदमी ने नोटिस करना शुरू कर दिया कि पेशाब करने और फिर से पैक करने के बाद भी उसकी पैंट पर पेशाब गिर रहा है।
यही कारण है कि एक वृद्ध व्यक्ति को पेशाब करने के बाद घंटी बजानी पड़ती है।
एक छोटा आदमी बस आखिरी बूंद तक पहुंचाता है और चला जाता है।
जरा एक बुज़ुर्ग आदमी को बाथरूम से आते हुए देखें।  कभी-कभी वह मूत्र के दागों को छिपाने के लिए अखबार को करीब से पकड़ सकता है, खासकर सादे रंग की पतलून पर।

*हिस्सेदारी*
 इस बिंदु पर आप मूत्र प्रवाह शुरू होने के लिए अधिक समय तक प्रतीक्षा करते हैं।
आपके पेशाब करने के लिए 2 वाल्व खुले होने चाहिए - आंतरिक और बाहरी स्फिंक्टर।
दोनों खुलते हैं लेकिन मूत्रमार्ग में रुकावटों के कारण, आप प्रवाह शुरू होने के लिए अधिक समय तक प्रतीक्षा करते हैं।

*अपूर्ण खाली करना*
पेशाब करने के तुरंत बाद आपको ऐसा महसूस होता है कि अभी भी कुछ बचा है।

जैसा कि ये सभी चीजें होती हैं, मूत्राशय मूत्रमार्ग में रुकावट की भरपाई के लिए अधिक मेहनत करना शुरू कर देता है।
पेशाब की आवृत्ति बढ़ जाती है।  अत्यावश्यकता आती है। कभी-कभी आपको व्यावहारिक रूप से शौचालय में भागना पड़ता है।
रात में जाना भी आम हो जाता है।  आप रात में 2 बार से ज्यादा बार पेशाब करने के लिए उठते हैं।  आपकी पत्नी शिकायत करने लगती है।

पुरुष पुरुष होने के कारण इस समय भी किसी से बात नहीं कर सकते हैं।  फिर अधिक गंभीर जटिलताएं शुरू होती हैं।

जमा हुआ पेशाब संक्रमित हो जाता है और पेशाब करते समय जलन हो सकती है।

संग्रहित मूत्र क्रिस्टल बनाता है।  क्रिस्टल आपस में मिलकर ब्लैडर या किडनी में स्टोन बनाते हैं। पथरी मूत्रमार्ग को अवरुद्ध कर सकती है।

जीर्ण मूत्र प्रतिधारण में सेट होता है।
मूत्राशय अधिक से अधिक मूत्र जमा करता है।
मूत्राशय का आकार 40 - 60cl होता है।
कोक की एक बोतल 50cl है।
चूंकि मूत्राशय में अधिक मूत्र जमा होता है, इसलिए यह 300cl तक बढ़ सकता है।
अधिक भरा हुआ मूत्राशय लीक हो सकता है और इससे गीलापन / मूत्र असंयम होता है।
इसके अलावा मात्रा गुर्दे पर दबाव डाल सकती है और गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकती है।

आदमी को अस्पताल ले जाने की संभावना तीव्र मूत्र प्रतिधारण है।  वह एक दिन जागता है और वह पेशाब करने में सक्षम नहीं होता है।

मैंने ऊपर जो कुछ भी वर्णित किया है वह प्रोस्टेट वृद्धि से जुड़ा है, जिसे तकनीकी रूप से सौम्य प्रोस्टेट हाइपरप्लासिया कहा जाता है।

प्रोस्टेट के अन्य रोग भी हैं जैसे:
*1.  प्रोस्टेटाइटिस -*
प्रोस्टेट की सूजन

*2.  प्रोस्टेट कैंसर -*
प्रोस्टेट का कैंसर।

यह चर्चा प्रोस्टेट इज़ाफ़ा पर है।

मेरे पास बुरी खबर भी है और अच्छी खबर भी।

*बुरी खबर यह है कि अगर वह लंबे समय तक जीवित रहता है तो हर व्यक्ति के पास प्रोस्टेट वृद्धि होगी।*

*अच्छी खबर यह है कि जीवन शैली में बदलाव हैं जो 40 के बाद के व्यक्ति को इष्टतम प्रोस्टेट स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।*

*पोषण:*
देखो तुम क्या खाते हो।
यूएस नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार, सभी कैंसर का 33% हिस्सा हम जो खाते हैं उससे संबंधित है।

(1). रेड मीट रोज आपके प्रोस्टेट रोग की संभावना को तीन गुना कर देता है।

(2). रोजाना दूध आपके जोखिम को दोगुना कर देता है।

(3). रोजाना फल/सब्जियां न लेने से आपका जोखिम चौगुना हो जाता है।

(4). टमाटर पुरुषों के लिए बहुत अच्छे होते हैं। यदि आपकी पत्नी शाम को केवल यही चीज पेश कर सकती है, तो इसे मजे से खाएं।  इसमें भरपूर मात्रा में लाइकोपीन होता है।
लाइकोपीन सबसे शक्तिशाली प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है।

(5). जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ भी पुरुषों के लिए अच्छे होते हैं।
हम कद्दू के बीज (ugbogulu) की सलाह देते हैं।
जिंक पुरुष कामुकता और प्रजनन क्षमता के लिए सबसे आवश्यक तत्व है।

पुरुषों को महिलाओं से ज्यादा जिंक की जरूरत होती है।
हर बार एक आदमी का स्खलन होता है और वह लगभग 15mg जिंक खो देता है।

अल्कोहल चयापचय के लिए जिंक भी महत्वपूर्ण है।
अल्कोहल को मेटाबोलाइज करने के लिए आपके लीवर को जिंक की जरूरत होती है।

*शराब की खपत:*
जैसे ही पुरुषों में प्रोस्टेट वृद्धि से जुड़े मूत्र संबंधी लक्षण होने लगते हैं, यह महत्वपूर्ण है कि वे शराब के सेवन को देखें।
अधिक तरल पदार्थ का अर्थ है अधिक तरल पदार्थ बाहर निकलना।

*कम पियो।*
*धीमा पियो।*

*व्यायाम:*
 व्यायाम मांसपेशियों की टोन बनाने में मदद करता है।
हर आदमी को व्यायाम करना चाहिए।
40 से अधिक पुरुषों को जॉगिंग जैसे उच्च प्रभाव वाले व्यायाम से बचना चाहिए। यह घुटनों पर दबाव डालता है।
प्रोस्टेट के लिए साइकिल चलाना बुरी खबर है।
हम तेज चलने की सलाह देते हैं।

*बैठना:*
जब हम बैठते हैं तो हमारे वजन का दो-तिहाई हिस्सा पेल्विक हड्डियों पर टिका होता है।
*जो पुरुष अधिक समय तक बैठते हैं उनमें प्रोस्टेट के लक्षण होने की संभावना अधिक होती है।*
लंबे समय तक न बैठें।
जितनी बार हो सके घूमें।
आरामदायक कुर्सियों पर बैठें।
यदि आप लंबे समय तक बैठना चाहते हैं तो हम एक विभाजित सैडल कुर्सी की सलाह देते हैं।

*ड्रेसिंग:*
पुरुषों को टाइट अंडरवियर से बचना चाहिए।
यह कमर के आसपास परिसंचरण को प्रभावित करता है और इसे थोड़ा गर्म करता है।
जबकि शारीरिक तापमान 37 डिग्री है, ग्रोइन का इष्टतम तापमान लगभग 33 डिग्री है।
सांस लेने वाले कपड़े पहनें।

*धूम्रपान:*
धूम्रपान से बचें।
यह रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है और कमर के आसपास परिसंचरण को प्रभावित करता है।

*यौनेन्द्रीय:*
 नियमित सेक्स प्रोस्टेट के लिए अच्छा होता है।

ब्रह्मचारी प्रोस्टेट रोग के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
जबकि ब्रह्मचर्य एक नैतिक निर्णय है, यह जैविक अनुकूलन नहीं है।
आपकी प्रोस्टेट ग्रंथि को इसकी सामग्री को नियमित रूप से खाली करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

*सोच:*
जब किसी ने आपके साथ कुछ मूल्यवान साझा किया और उससे लाभ उठाया।
इसे दूसरों के साथ साझा करना आपका नैतिक दायित्व है क्योंकि आपकी मित्र सूची में किसी को बचाया जा सकता है।

विषय बहुत महत्वपूर्ण है कृपया अपने परिचितों की सबसे बड़ी संख्या पर संदेश पोस्ट करें:
बीजिंग मिलिट्री हॉस्पिटल के मुख्य कार्यकारी प्रोफेसर चेन होरिन कहते हैं, "एक गिलास गर्म पानी में नींबू के टुकड़े आपको जीवन भर बचा सकते हैं।"

भले ही आप व्यस्त हों, आपको यह संदेश देखना चाहिए और इसे दूसरों तक पहुँचाना चाहिए!

गर्म नींबू कैंसर कोशिकाओं को मार सकता है!

नीबू को तीन टुकड़ों में काट कर प्याले में रखिये, फिर गरम पानी डालिये, (क्षारीय पानी) बन जायेगा, रोज पीने से सभी को लाभ होगा..

गर्म नींबू एक बार फिर कैंसर रोधी दवा छोड़ सकता है।

गर्म नींबू का रस कैंसर के ट्यूमर पर प्रभाव डालता है और
हर तरह के कैंसर का इलाज दिखाया है।

इस अर्क के साथ उपचार केवल घातक कोशिकाओं को नष्ट करेगा और स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करेगा।

दूसरा:
नींबू के रस में एसिड और मोनो कार्बोक्जिलिक एसिड उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं और संकीर्ण धमनियों की रक्षा कर सकते हैं, रक्त परिसंचरण को समायोजित कर सकते हैं और रक्त के थक्के को कम कर सकते हैं।

फिर भी अगर समस्या बनी रहती है तो बिना किसी परामर्श शुल्क के मुझसे संपर्क कर सकते हैं।

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*पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा।*

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*1. गठिया तो दूर होगा ही साथ मे गठिया जैसे जिद्दी रोग भी दूर हो जाएंगे।*
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*5. पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति मिलेगी।*
*6. शरीर में खून जवानों की तरह दौड़ने लगेगा।*
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*9. थकान जरा सी भी नहीं रहेगी, घोड़े की तरह दौड़ने लग जाएगें।*
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*12. कानों का बहरापन दूर होगा।*
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*14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी।*
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*(1). स्टार्च मकई (डेक्सट्रोज और सुक्रोज)*
डेक्सट्रोज क्या है?
डेक्सट्रोज स्टार्च से बनी एक साधारण चीनी है। स्टार्च मकई, गेहूं, चावल और आलू सहित कई पौधों में पाया जाने वाला प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जटिल कार्बोहाइड्रेट है।
डेक्सट्रोज का सबसे आम स्रोत मकई स्टार्च है।

डेक्सट्रोज को डी-ग्लूकोज के नाम से भी जाना जाता है। 
डेक्सट्रोज आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर काम करता है।
ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे ब्रेड, अनाज, आलू, फल, पास्ता और चावल। ग्लूकोज ऊर्जा का एक स्रोत है, और आपके शरीर में सभी कोशिकाओं और अंगों को ठीक से काम करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है।

डेक्सट्रोज का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट कैलोरी प्रदान करने के लिए भी किया जाता है जो बीमारी, आघात या अन्य चिकित्सीय स्थिति के कारण नहीं खा सकता है। यह कभी-कभी उन लोगों को दिया जाता है जो बहुत अधिक शराब पीने से बीमार हो जाते हैं।
*आहार अनुपूरक*
डेक्सट्रोज स्टार्च से बनी एक साधारण चीनी है।
स्टार्च मकई, गेहूं, चावल और आलू सहित कई पौधों में पाया जाने वाला प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जटिल कार्बोहाइड्रेट है। डेक्सट्रोज का सबसे आम स्रोत मकई स्टार्च है।

डेक्सट्रोज, जब एक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है, या तो मुंह से (मौखिक रूप से) या इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है। डेक्सट्रोज को डी-ग्लूकोज के नाम से भी जाना जाता है।

डेक्सट्रोज आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर काम करता है। ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे ब्रेड, अनाज, आलू, फल, पास्ता और चावल। ग्लूकोज ऊर्जा का एक स्रोत है, और आपके शरीर में सभी कोशिकाओं और अंगों को ठीक से काम करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है।

डेक्सट्रोज का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट कैलोरी प्रदान करने के लिए भी किया जाता है जो बीमारी, आघात या अन्य चिकित्सीय स्थिति के कारण नहीं खा सकता है। यह कभी-कभी उन लोगों को दिया जाता है जो बहुत अधिक शराब पीने से बीमार हो जाते हैं।

डेक्सट्रोज का उपयोग हाइपरक्लेमिया (आपके रक्त में पोटेशियम के उच्च स्तर) के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।

*चेतावनी*
यदि आपको मकई से एलर्जी है, तो आपको डेक्सट्रोज से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।

सुक्रोस खनिज लोहे का एक रूप है। आयरन विशेष रूप से रक्त में ऑक्सीजन के परिवहन के लिए शरीर में कई कार्यों लिए महत्वपूर्ण है। आयरन सुक्रोस इंजेक्शन गुर्दे की बीमारी के साथ लोगों में लोहे की कमी से एनीमिया के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।
यह आमतौर पर लाल रक्त कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है।

3 बड़े चम्मच पूर्ण 15 ग्राम (लगभग) की एक खुराक कार्बोहाइड्रेट से 57.6 कैलोरी प्रदान करती है।

डेक्सट्रोज (स्टार्च मकई) आसानी से आत्मसात होकर घुल जाता है और थकान को दूर करने के लिए ऊर्जा का उत्सर्जन करता है।
सुक्रोज से फ्रुक्टोज और ग्लूकोज प्रत्येक का एक अणु प्राप्त होता है।

*(2). जिंक सल्फेट*
ज़िंक से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। जिंक की कमी होने पर इम्यूनिटी, थकान और वजन घटना शुरु हो जाता है।

जिंक जिसे हिंदी में जस्ता (Zinc) कहते हैं एक ऐसा खनिज या मिनरल है जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत (Strong Immunity) बनाता है।
हमारा शरीर जिंक नहीं बनाता इसके लिए हमें जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ (Foods For Zinc) या सप्लीमेंट का सेवन करना होता है।
दैनिक कार्यों को सुचारु रुप से करने के लिए जिंक जरूरी है।
जिंक से न सिर्फ शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करने (Blood Sugar Level), हार्ट को हेल्दी बनाने (Heart) और स्किन और हेयर का ख्याल रखने के लिए भी ज़िंक जरूरी है।
शरीर में डीएनए (DNA) के निर्माण में भी ज़िंक अहम होता है।
आप डाइट में ऐसी चीजों को शामिल कर सकते हैं जिससे ज़िंक की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है।

 एक सर्विंग से 3.2 ग्राम एलिमेंटल जिंक मिलेगा, जो दैनिक आहार आवश्यकताओं का आधा है।
 जिंक न्यूक्लोइक एसिड संश्लेषण घावों के उपचार और ऊर्जा के हस्तांतरण के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।
 जिंक स्वाद संकाय में भी सुधार करता है और इस प्रकार स्वास्थ्य लाभ के दौरान भोजन की इच्छा को बढ़ाता है।

*(3). एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन-सी)*
एस्कॉर्बिक एसिड शुद्ध विटामिन सी है, जो शरीर के लिए फायदेमंद एक आवश्यक पोषक तत्व है।
यह त्वचा की मरम्मत और पोषण करने में मदद करता है।
यह त्वचा की मजबूती और एक एंटी-एजिंग है। स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखना और विकसित करना।

 एक सर्विंग इस महत्वपूर्ण पानी में घुलनशील विटामिन का 15mg प्रदान करता है, जो दैनिक आहार एस्कॉर्बिक एसिड है जो तनाव और तनाव, वृद्धि और शरीर के गठन के खिलाफ समायोजित करने में मदद करता है और फागोसाइटोसिस में सुधार करता है जिससे संक्रमण के प्रतिरोध में वृद्धि होती है।

*मात्रा 200 ग्राम*

*एमआरपी ₹275/-*

एक सर्विंग 15 ग्राम
दिन में एक या दो बार और जरूरत पड़ने पर कभी भी।

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अपना नाम, पता, पिन कोड, मोबाइल नंबर एवं ऊर्जा सिम्पल टेक्स्ट मेसेज से भेजें, ~व्हाट्सएप से नहीं।~

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[3/27, 9:28 PM] +91 82698 01632: *कीवी फल के आश्चर्यजनक फायदे, किडनी और हार्ट के लिए असरकारी* 
 
1. ब्लड क्लॉटिंग से बचाव : कीवी में विटामिन K भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर से ब्लड क्लॉटिंग का खतरा कम करता है। एक अध्ययन के मुताबिक रोज़ 2-3 कीवी खाने से आपके शरीर का खून पतला होता है जिससे ब्लड क्लॉटिंग का खतरा काफी कम हो जाता है और हार्ट अटैक की संभावना भी कम रहती है।
 
2. अस्थमा से राहत : अस्थमा के लिए कीवी एक बेहतरीन फल माना जाता है। कीवी में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे अस्थमा के लक्षण कम होते हैं और साथ ही ये फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
 
3. ब्लड प्रेशर रहता है कंट्रोल : कीवी हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में काफी मददगार है। अगर आप रोज़ कीवी का सेवन करते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहेगा और साथ ही ये हाई ब्लड प्रेशर के कारण होने वाले ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट अटैक से भी राहत देगा।
 
4. इम्युनिटी में सुधार : कीवी में भरपूर मात्रा में फाइबर और विटामिन C पाया जाता है जिससे आपकी इम्युनिटी बढ़ती है। इसके साथ ही कीवी डैमेज टिश्यू (damage tissue) को भी सुधारती है। कीवी का सेवन करने से आप सर्दी, बुखार, जुकाम या इन्फेक्शन की चपेट में आसानी से नहीं आएंगे।
 
5. किडनी रहती है स्वस्थ : कीवी में एंटीऑक्सीडेंट, कॉपर, फाइबर, जिंक और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं जो आपकी किडनी को सेहतमंद रखते हैं और स्टोन की समस्या से भी राहत देते हैं। इसके साथ ही कीवी आपकी किडनी को गंभीर बीमारियों की चपेट से भी बचाती है।  

6. सेहतमंद हृदय : कीवी फ्रूट आपके हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। कीवी के सेवन से आपके शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है जिससे आपको हार्ट अटैक, सीने में दर्द, श्वास फूलने जैसी समस्या में राहत मिलती है।
[3/27, 9:29 PM] +91 82698 01632: *तेजी से हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए बेस्ट हैं ये फ्रूट* 
 
1. केला- यदि आपको शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी महसूस हो रही हो तो आप केले का सेवन शहद अथवा आंवला रस के साथ करें, आपके हीमोग्लोबिन लेवन में बढ़ोत्तरी की जा सकती है।
 
2 अनार- खून की कमी होने पर प्रतिदिन अनार के दाने खाना चाहिए, ज्‍यूस नहीं पिना चाहिए। अनार के दाने का सेवन करने की सलाह डॉक्‍टर भी देते हैं। अनार खाने या जूस पीने से अपच की समस्‍या भी ठीक हो जाती है। 
 
3. जामफल- पका अमरूद खाने से शरीर में खून का स्‍तर बना रहता है। महिलाओं के लिए भी पका जाम खाना लाभकारी माना जाता है। पका हुआ जामफल खाने से शरीर में हीमोग्‍लोबीन की कमी नहीं होती है। अत: इसका सेवन अवश्‍य करें। 
 
4. नारियल पानी- खून की कमी होने पर आपके बाल भी झड़ने लगते हैं। ऐसे में नारियल पानी का सेवन करना चाहिए। इससे हीमोग्‍लोबिन का स्‍तर ठीक रहता है और बाल झड़ना भी कम हो जाते हैं। 
 
5. सेब- सेब एनीमिया रोग में काफी लाभदायक माना गया होता है। अत: हीमोग्लोबिन कम होने की स्थिति में इसका सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। 
 
6. स्ट्रॉबेरी- स्ट्रॉबेरी एक बहुत ही खास फ्रूट है, इसमें फायबर, विटामिन्स, हाई लेवल के एंटीऑक्सीडेंट्स पाया जाता है। इतना ही नहीं यह फैट, कोलेस्ट्रॉल तथा सोडियम फ्री होने के कारण लाभकारी है। 
 
7. अंजीर- दूध में 3 अंजीर को उबालकर पीने से हीमोग्‍लोबिन तेजी से बढ़ता है। यह खून बढ़ाने का बहुत अच्‍छा स्‍त्रोत माना गया है। इसमें विटामिन बी1, बी2, A, मैगनीज, क्लोरीन सोडियम, पोटेशियम, आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम आदि पाया जाता है। अत: इसके सेवन से  लेवल बढ़ाया जा सकता है।
[3/27, 9:30 PM] +91 82698 01632: *क्या आप खाली पेट निकलते हैं घर से, तो जानें 5 नुकसान* 
 
1. जी घबराना- कुछ लोग होते हैं जिन्हें भूख बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होती है। जल्दबाजी में वे बिना कुछ खाए ही घर से निकल जाते हैं। कभी अचानक से भूख लगने लग जाती है। कुछ नहीं खाने पर जी घबराने लगता है, तो कभी उपकियां भी आने लगती हैं। इसलिए हमेशा कुछ खाकर ही घर से निकलें।  
 
2. बेहोशी आना- आपने भी देखा होगा कई बार लोग खड़े-खड़े ही बेहोश हो जाते हैं क्योंकि खाली पेट गर्मी रहने से कमजोरी आ जाती है। ऐसे में शरीर को सही मानक में फाइबर और कार्ब्स की भी जरूरत होती है।
 
3. लो ब्‍लड प्रेशर- खाली पेट बाहर जाने से आपका बीपी भी कम हो सकता है। कई लोग पानी पी कर अपनी भूख मिटाने की कोशिश करते हैं। लेकिन शरीर को पानी के साथ कैलोरीज की भी जरूरत होती है। ऐसे में सिर्फ पानी से अपनी भूख नहीं मिटाएं।
 
4. लू लगना- कभी जरूरी काम से बाहर जाने पर सोचते हैं कि थोड़ी देर में आकर खा लेंगे। लेकिन घर आने तक उसका असर उल्टा हो जाता है। जी हां, खाली पेट दिन में बाहर निकलने से आपको लू भी लग सकती है। लू लगने से ही लोगों की जान भी चली जाती है।
 
5. एसिडिटी- जी हां, बहुत अधिक देर तक भूखे पेट रहने से पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या होने लगती है। समस्या अधिक होने पर हार्ट पर भी असर होने लगता है। इसलिए घर से हमेशा कुछ खाकर ही जाना चाहिए, ताकि भूख लगने पर कहीं भटकना नहीं पड़ें।
[3/27, 9:30 PM] +91 82698 01632: *ज्यादा अचार खाने से हो सकती है एसिडिटी, गैस और खट्टी डकार की समस्या* 
 
1 अचार में तेल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और उसमें प्रयोग किए जाने वाले मसाले भी अक्सर पके हुए नहीं होते, जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल और अन्य समस्याएं हो सकती है।
 

 2अचार का प्रयोग पेट में अम्लीयता को बढ़ावा देता है जिसके कारण इसके अधिक सेवन से आपको एसिडिटी, गैस, खट्टी डकार आना जैसी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
 

 3 अचार में नमक की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो सोडियम की अधिकता के अलावा हाई ब्लडप्रेशर और अन्य सेहत समस्याएं भी पैदा कर सकता है।
 

 4 अचार में मसालों के अलावा सिरके का प्रयोग भी काफी मात्रा में किया जाता है, जिसका सेवन नियमित रूप से करने पर आपको अल्सर भी हो सकता है और अन्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।
 

 5 बाज़ार में मिलने वाला अचार बनाने और उसे सुरक्षित रखने के लिए जिन प्रिसजर्वेटिव का प्रयोग होता है, वे शरीर के लिए हानिकरक होते हैं और एसिडिटी या शरीर में सूजन आदि के लिए जिम्मेदार होते हैं।
[3/28, 12:31 AM] +91 98960 76323: *NONI का शाब्दिक तातपर्य..*
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*यक्ष प्रश्न...*                                      *क्या आपको आपके परिवार की सेहत की चिंता है ?*

*नेचर नोनी जूस* से होने वाले लाभ:-
1. स्वेत प्रदर (लीकोरिया) को दूर करता है।
2. स्वेत प्रदर से होने वाले क़मर दर्द तथा अन्य रोगों को दूर करता है।
3. पेट को साफ करता है।
4. चेहरे पे चमक लाता है।
5. शरीर में आवश्यक तत्वों को जेसे कैल्सियम, फास्फोरस, विटामिन, प्रोटीन अदि तत्वों की पूर्ती करता है।
6. *नेचर नोनी*  के सेवन से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।
7. एक्जीमा, मुंहासों और सोरियासिस को ठीक करता है। 
8. जोड़ों के दर्द को ठीक करता है।
9. शरीर की अकड़न को दूर करना।
10. माइग्रेन और हाई ब्लडप्रेशर की समस्या को ठीक करता है।
11. यदि आप मधुमेह से परेशान हैं तो डिवाइन नोनी*  का सेवन करें। ये ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करता है।
12. बालों की हर तरह की समस्या जैसे गंजापन और रूखापन दूर करता है ।

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*नेचुरोपैथ कौशल*

13. दस्त और कब्ज की समस्या को दूर करता है।
14. सांस से संबंधित रोग जैसे अस्थमा जैसी बीमारियों को ठीक करता है।
15. माइग्रेन जैसी गंभीर समस्या को खत्म करता है ।
16. महिलाओं में माहवारी की समस्या ठीक करता है ।
17. दमा (Asthma)
18. मधुमेह (Diabetes)

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Naturopath Kaushal

19. वायरल बुखार (Viral Fever)
20. खसरा (Measles)
21. बदहज़मी (Gastric Problem)
22. गठिया (Gout)
23. पीला बुखार (Yellow Fever)
24. फाइलेरिया (Elephantiasis) 9661906942
25. अपच (Indigestion)
26. घुटनों का दर्द (Knee Pain)
27. कुष्ठरोग (Leprosy)
28. अग्नाशयशोथ (Pancreatitis)
29. जापानी इन्सेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)
30. माइग्रेन (Migraine)
31. निमोनिया (Pneumonia)
32. एनोरेक्सिया (Anorexia)
33. दर्द (Pain)
34. अनिद्रा (Insomnia)
35. हर्निया (Hernia)
36. स्पोंडिलोसिस (Spondylitis)
37. लीवर कैंसर (Liver Cancer)
38. कमर दर्द (Back Pain)
39. सीने में दर्द (Chest Pain)
40. फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer)
41. थकान (Fatigue)
42. खून का थक्का (Blood Clotting)
43. मांसपेशियों में दर्द (Muscle Pain)
44. प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer)
45. हैपेटाइटिस (Hepatitis)
46. पीले दाँत (Yellow Teeth)
47. टी. बी. (Tuberculosis)
48. फ्रोज़न शोल्डर (Frozen Shoulder)
49. सरवाइकल स्पॉन्डिलाइटिस (Cervical Sypondolysis)
50. वातविकार (Dyslexia)

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Naturopath Kaushal

51. पित्ताशय की पथरी (Gallstones)
52. रेबीज (Rabies)
53. जुकाम (Common Cold)
54. बुखार (Fever)
55. गले में खराश (Sore Throat)
56. उबकाई (Nausea)
57. अफारा (Flatulence)
58. चिकनगुनिया (Chikungunya)
59. आत्मविमोह (Autism)
60. खून की कमी (Anemia)
61. डिमेंशिया (Dementia)
62. टाइफाइड (Typhoid)
63. जूँ (Lice)
64. कब्ज (Constipation)
65. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
66. दांत का दर्द (Toothache)
67. डेंगू (Dengue)
68. मलेरिया (Malaria)
69. छींकना (Sneezing)
70. हाइपोथाइराइड (Hypothyroid)
71. ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)
72. ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)
73. सिरदर्द (Headache)
74. ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
75. इबोला विषाणु रोग (EVD) (Ebola)
76. लू लगना (Heat Stroke)
77. छोटे स्तन (Small Breast)
78. बालों का झड़ना (Hair Fall)
79. मिरगी (Epilepsy)
80. कद बढ़ाना (Height Gain)
81. गुर्दे की पथरी (Kidney Stone)
82. रूसी (Dandruff)
83. हार्ट अटैक (Heart Attack)
84. सोरायसिस (Psoriasis)
85. स्वाइन फ्लू (Swine Flu) 9661906942
86. स्किन कैंसर (Skin Cancer)
87. मुंहासे (Pimples)
88. गंजापन (Baldness)
89. डीहाइड्रेशन (Dehydration)
90. घमौरियां (Prickly Heat)
91. स्कर्वी (Scurvy)
92. बेरीबेरी (Beriberi)
93. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunctions)
94. शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर इजैकुलेशन (Premature Ejaculation)
95. पिलाग्रा (Pellagra)
96. रिकेट्स (Rickets)
97. घेंघा (Goiter)
98. मोटापा (Obesity)
99. डार्क सर्कल - आखों के नीचे के काले घेरे (Dark Circle)
100. इचिंग या खुजली (Itching)
101. गले में दर्द (Throat Ache)
102. ज्वाइंट पेन- जोड़ों में दर्द (Joint Pain)
103. लूज मोशन- दस्त (Loose Motion)
104. पेट दर्द (Stomach Ache)

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105. तनाव- स्ट्रैस (Stress)
106. दुबलापन (Leanness Or Weight Gain)
107. एसिडिटी या अम्लपित्त (Acidity)
108. एलर्जी (Allergy)
109. मोतियाबिंद- केटेरेक्ट (Cataract)
110. सर्दी और कफ (Cough And Cold)
111. टिटनस (Tetanus)
112. मोच (Sprains)
113.उच्च रक्तचाप या लो ब्लडप्रेशर (Low Blood Pressure & High B.P.)
114. सफेद बाल- ग्रे हेयर (Grey Hair)
115. हड्डी फ्रैक्चर या हड्डी का खिसकना (Bone Fracture Or Dislocation)
116. हैजा (Cholera)
117. जर्मन मीजल्स या रूबेला (German Measles)
118. इन्फ्लूएंजा (Influenza)
119. मेनिनजाइटिस (Meningitis)
120. हार्ट ब्लॉकेज (Heart Blockage)
121. कान में संक्रमण (Ear Infection)
122. डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy)
123. ग्लूकोमा (Glaucoma)
124. बवासीर (Piles)
125. आंखों का इंफेक्शन (Eye Infection)
126. पीलिया (Jaundice)
127. दूरदर्शिता या दूरदृष्टि दोष (Hyper Myopia)
128. मुंह के छाले (Mouth Ulcer)
129. अल्सर (Ulcer)
130. डायरिया (Diarrhea)
131. सुस्ती (Lethargy)
132. मस्तिष्क का दौरा (Cerebral Stroke)
133. मायोपिया (Myopia)
134. खर्राटे लेना (Snoring)
135. सनबर्न (Sunburn)
136. गलसुआ (Mumps)
137. काली खांसी (Whooping Cough)
138. प्रोस्टेट डिस्ऑर्डर (Prostate Disorder)
139. एड्स (AIDS)
और भी कई, करीबन 600+ बीमारियों को शरीर में होने से बचाव करता है। यदि कोई किसी भी बीमारी से ग्रस्त है तो 
*नेचर्स नोनी* बीमारी को बखूबी से ठीक करता है और सारी बीमारियों से दूर भी रखता है।

जी हां मित्रो उपरोक्त सभी गुणों से परिपूर्ण है *नेचर्स नोनी*
यह पूर्णतः प्राकृतिक है और इससे  किसी भी प्रकार का कोई भी  नुकसान नहीं है।

अब तक  हजारों परिवार के सम्बंध और हेल्थ को मधुर बनाने में कामयाब रहा है।

मेरे प्यारे मित्रो *नेचर्स नोनी* शारारिक शक्ति -वर्धक भी है।                                                   

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