*वर्ष 2023 के सूर्य ग्रहण पर प्रामाणिक लेख वैज्ञानिक भाषा में जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आता है तो सूर्य ग्रहण पड़ता है चंद्रमा छोटा होता है इसलिए सूर्य ग्रहण की अवधि बहुत थोड़ी होती है और पूर्ण सूर्यग्रहण बहुत कम ही लगता है पूर्ण सूर्य ग्रहण की अवधि अधिक से अधिक 7 मिनट से 11:00 मिनट हो सकती है भारतीय ज्योतिष धर्म दर्शन और विज्ञान भी यही बात कहता है कि राहु और केतु के क्रमशः चंद्रमा और सूर्य के निकल जाने से सूर्य ग्रहण और चंद्र कहां पड़ता है यह बता दें कि केतु और राहु ग्रह ना होकर छाया ग्रह हैं अर्थात वह कौन जहां पर सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा के आपस में बीच में आ जाने से छाया पड़ती है उसी स्थान पर राहु और केतु ग्रह को विद्यमान माना जाता है*
वर्ष 2023 में प्रथम सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को बृहस्पतिवार के दिल लगेगा यह भारत में दिखाई नहीं देगा आता भारत में इसका कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा और नया किसी प्रकार के सावधानी लेने की आवश्यकता है इतना अवश्य है कि चाहे तो खाने पीने की चीजों में तुलसी के कुछ पत्ते डाल दें यह ऐसा सूर्य ग्रहण है जो केवल हिंद महासागर और प्रशांतमहासागर ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका के किनारों से दिखाई देगा अर्थात पूरी तरह महासागर शुरू होकर महासागर में अस्त हो जाएगा अर्थात इस वर्ष जल l से संबंधितआंधी तूफान चक्रवात सुनामी लहर से जल प्रलय से और इस तरह से अधिकांश बड़ी आपदाएं और दुर्घटनाएं जैसे संबंधित ही आएंगी इसका प्रभाव कल से ही दिखना शुरु हो जाएगा
यह ग्रहण बहुत दुर्लभ होता है क्योंकि यह वलय के आकार का होता है इस ग्रहण में कुछ समय के लिए ऐसा लगता है मानो सूर्य आग के भयंकर गोले से गिर गया हो इसको देखना एक अद्भुत दृश्य होता है यह सूर्य का ग्रहण आज 7:00 बजे से सुबह से लेकर दिन में लगभग 1:00 के बीच में होगा इस सूर्य ग्रहण से महासागरों में प्रचंड और भीषण हलचल होगी इसके कारण 1 सप्ताह तक देश दुनिया का मौसम थोड़ा कम गर्म रहेगा इस ग्रहण के प्रभाव से अप्रैल मई-जून में पूरी दुनिया भयंकर गर्मी से हाहाकार करेगी अमेरिका का मध्य भाग अरब प्राय द्वीप भारत पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश श्रीलंका विश्वास रेखा के प्रदेश और दक्षिण पूर्वी एशिया तथा चीन के अधिकांश भाग में भयानक गर्मी होगी और भी अनेक जल थल नगमे दुर्घटनाएं होंगी शीत युद्ध से लेकर ग्रह युद्ध और हिंसा आतंकवाद नक्सलवाद में भयानक वृद्धि होगी
*इस प्रकार भारत का धर्म दर्शन और ज्योतिष तथा अध्यात्म वैज्ञानिक रूप से अधिक प्रभावी है और प्रामाणिक भी है ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में अभी तक का सबसे लंबा सूर्यग्रहण हुआ था जब धरती पर पूरी तरह संध्या काल के समय अंधेरा हो गया था जैसे कि इस समय का आज का सूर्य ग्रहण लग रहा है और उसी दौरान अर्जुन ने जयद्रथ का वध कर दिया था जो यह समझ बैठा था कि सूर्य डूब चुका है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आती है तब चंद्रग्रहण पड़ता है क्योंकि पृथ्वी चंद्रमा से बहुत बड़ी है और इसकी छाया भी बहुत बड़ी होती है इसलिए चंद्रग्रहण अधिक बार पड़ता है लंबी अवधि का होता है और पूर्ण चंद्रग्रहण भी बार-बार पड़ता है*
*भारत के सभी धार्मिक आध्यात्मिक दार्शनिक प्राकृतिक और पर्यावरण संबंधी बातों को दुनिया का सारा ज्ञान विज्ञान अब मान चुका है ग्रहण के दौरान अनेक हानिकारक सूर्य की किरणें और वायुमंडल की गैस से मिलकर प्रभाव डालती हैं इसीलिए इस समय सोना नहीं चाहिए भोजन नहीं करना चाहिए कोई भी चाकू छुरी धारदार चीज का प्रयोग नहीं करना चाहिए सुई में धागा नहीं डालना चाहिए और संभव हो सके तो कुछ तरल पदार्थ भी नहीं पीना चाहिए क्योंकि इसमें हानिकारक और विषैले तथा रेडियोएक्टिव तत्व मिल जाते हैं जो शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं ऐसा प्रायोगिक रूप में देखा गया है कि जिन गर्भवती स्त्रियों ने चाकू छुरी का प्रयोग गर्भावस्था में किया अथवा सो गए उनके बच्चे अंग भंग विकलांग ही पैदा हुए किसी का कान कट गया किसी का नाक चढ़ गई इस तरह की तमाम प्रामाणिक बातें विद्यमान है*
*अगर जरूरी हो तो इस समय तुलसी की पत्तियां भोजन अथवा पानी या दूध में डालकर तब उसका प्रयोग करना चाहिए अगर तुलसी की पत्ती ना मिले तो दूध डालकर भी जलपान भोजन इत्यादि बहुत जरूरी होने पर किया जा सकता है उल्लेखनीय है कि कोई रोगी वृद्ध पुरुष या स्त्री अथवा छोटे बच्चे इस समय खा पी सकते हैं उनके लिए कोई निषेध नहीं है कुल मिलाकर जहां तक संभव हो ग्रहण के काल तक कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए और अगर संभव हो तो ग्रहण के कुछ घंटे पहले जो सूतक लगता है उसमें भोजन करना सहन करना जल पीना चाय इत्यादि पीना या कोई भी काम नहीं करना चाहिए और बाहर भी घूमने चलना नहीं चाहिए*
*आज का सूर्य ग्रहण जौनपुर गोरखपुर बलिया मध्य प्रदेश आंध्र प्रदेश केरल कर्नाटक तमिलनाडु बंगाल पूर्वोत्तर भारत में ग्रहण काल 4:30 से 5:30 1 घंटे का होगा जबकि पश्चिमोत्तर भारत में द्वारिका से लेकर जम्मू कश्मीर तक 4:00 बजे से लेकर 5:30 बजे तक होगा जौनपुर और इससे जुड़े उपर्युक्त स्थानों में ग्रहण का सूतक 4:00 बजे से लगेगा इस प्रकार 4:00 से 6:00 2 घंटे तक भोजन स्वयं सब्जी काटना चाकू छुरी कैंची सुई धागा का प्रयोग करना वर्जित रखें तो बेहतर होगा डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र साथ में डॉक्टर पद्मासिंह डॉक्टर श्वेता सिंह मानवेंद्र कन्हैया लाल पांडे सुरेश कुमार वर्मा राजकुमार मौर्य एसके उपाध्याय केए राय*
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