Saturday 10 June 2023

कान का दर्द...*👂👂👂👂👂अदरक का रस कान में डालने से कान के दर्द, बहरेपन एवं कान के बंद होनेपर लाभ होताहै।

*कान का दर्द...*
👂👂👂👂👂
अदरक का रस कान में डालने से कान के दर्द, बहरेपन एवं कान के बंद होनेपर लाभ होताहै।

*कान में आवाज होने पर...*

लहसुन एवं हल्दी को एक रस करके कान में डालने पर लाभ होता है।
कान बंद होने पर भी यह प्रयोग हितकारक है।

*कान में कीड़े जाने पर...*

दीपक के नीचे का जमा हुआ तेल अथवा शहद या अरण्डी का तेल या प्याज का रस कान में डालने पर कीड़े निकल जाते हैं।

*कान के सामान्य रोग...*

सरसों या तिल के तेल में तुलसी के पत्ते डालकर धीमी आँच पर रखें।
पत्ते जल जानेपर उतारकर छान लें। इस तेल की दो-चार बूँदें कान में डालने से सभी प्रकार के कान-दर्द में लाभ होता है।

 *आँख के लिए अमृत-*
*एक काजल वाला योग...*
*योग इस तरह है...*
नीम की सूखी पत्तियां 20 नग,
कपूर आठ रत्ती,
गाय का घी पंद्रह ग्राम,
साफ कपास की रूई 15 ग्राम।

*बनाने की विधि -*
रूई को कपड़े की तरह चौड़ा करके फैला लो, उस पर नीम की पत्तियाँ बिछा दें और ऊपर से कपूर का चूर्ण डालकर छिडककर एक बत्ती बना लें।
बत्ती बनाते वक्त यह ध्यान रखना कि पत्तिया और कपूर सिमट न जाए।
फिर उस बत्ती को घी के साथ दिये में रख जला दें।
दिये के दोनों और ईट के टुकड़े रख ऊपर से कांसे की थाली उलट कर रख दें।
यह क्रिया हवा रहित स्थान में ही होनी चाहिए जिससे दिये की लाईट इक सी थाली में लगती रहे और ज्यादा काजल तैयार हो सके।
बत्ती के पूरी जल जाने के बाद थाली में लगे काजल को खुरच लें।

*गुण -*
इसके व्यवहार से आँखों के रोग जैसे आँखों का कसकसाना, धुन्ध मालुम होना, पानी गिरना, लाली आदि नेत्र के रोग मिटते है।
यह बच्चों के लिए तो और भी ज्यादा गुणकारी है।

*उपयोग-*
रात को सोते समय इस काजल को आँखों में लगाना चाहिए।

*नोट:- यह आपको खुद ही बनाना होगा और इसके लिए फोन न करें।*

: *प्रचंड और भयंकर गर्मी पड़ रही है लेकिन अगर आप चाहें तो इसके होने वाले दुष्प्रभावों से बच सकते हैं इन देसी नुस्खों से, जानिये कैसे..??*

*सौंफ का शर्बत*
पेट की समस्याओं के लिए पिएं एक्सपर्ट का बताया ये सौंफ का शर्बत
अगर आपको पेट ठंडा करने के लिए कुछ अच्छी ड्रिंक पीनी है तो सौंफ का शर्बत बहुत अच्छा साबित हो सकता।
  

गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है और इस मौसम में जितना पेट को ठंडा रखा जाए उतना ही अच्छा होता है। गर्मियों के मौसम में अक्सर हम पेट से जुड़ी कई समस्याओं से दो-चार होते हैं। अगर देखा जाए तो ये मौसम कई लोगों को काफी समस्याएं दे देता है।
गैस, अपच, उल्टी, दस्त आदि बहुत सारी समस्याएं सिर्फ पेट में गर्मी बढ़ने के कारण हो सकती हैं।
ऐसे में क्यों न पेट को ठंडा करने के लिए कोई उपाय कर लिया जाए?

*आयुर्वेद में पेट को ठंडा करने के लिए सौंफ का शर्बत पीने को कहा गया है।* आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार (BAMS) ने भी इसके बारे में जानकारी दी है। डॉक्टर दीक्षा ने इस शर्बत के फायदे के बारे में बताया कि पेट की गर्मी को शांत करने के लिए ये शर्बत काफी उपयोगी साबित हो सकता है।


*सौंफ के शर्बत से होते हैं ये फायदे-*
सौंफ के शर्बत से आप पेट की गर्मी शांत कर सकते हैं
सौंफ में फ्लैवोनॉइड्स होते हैं जो सलाइवा का फ्लो ठीक रखते हैं जिससे मुंह नहीं सूखता।
ये मुंह की दुर्गंध को भी ठीक करता है।

*सौंफ का शर्बत*

सौंफ को अक्सर खाना खाने के बाद इस्तेमाल किया जाता है और इसे माउथ फ्रेशनर का काम लिया जाता है, लेकिन यकीन मानिए सौंफ का काम बहुत हद तक मुंह के स्वास्थ्य को ठीक रखना है।
ये काफी अरोमैटिक होती है और इसलिए ये मुंह की दुर्गंध से काफी अच्छे से लड़ती है। इसे आप दिन में कई बार ऐसे ही खा सकते हैं, लेकिन सौंफ का शर्बत खासतौर पर आपके पेट के लिए होता है जो पेट की कई समस्याओं का इलाज बन सकता है।

*पर आखिर ये सौंफ का शर्बत बनाया कैसे जाए?*
इसके लिए भी डॉक्टर दीक्षा ने रेसिपी बताई है.!


*सामग्री-*
2 चम्मच सौंफ का पाउडर
थोड़ी सी मिश्री
2 ग्लास पानी
पुदीना, इलाइची (ऑप्शनल)
बस इस शर्बत को बनाना इतना ही आसान है।
आपको मिश्री अपने स्वादानुसार लेनी होगी।
आप इन सभी चीज़ों को अच्छे से मिलाएं और आपकी ड्रिंक तैयार है।
अगर आपके पास पहले से ही सौंफ का पाउडर मौजूद है तो इसे पूरा बनाने में आपको सिर्फ 5 मिनट ही लगेंगे!
पानी ठंडा लीजिए तो ज्यादा राहत मिलेगी और इसे दोपहर के खाने के बाद गर्मियों में लिया जा सकता है।



: *विश्व के सर्वोत्तम आहार पूरकों में सर्वश्रेष्ठ व्हीटग्रास, जिसे आप ग्रीन ब्लड भी कह सकते हैं.!*
*जब गेहूं के बीज को अच्छी उपजाऊ जमीन में बोया जाता है तो कुछ ही दिनों में वह अंकुरित होकर बढ़ने लगता है और उसमें पत्तियां निकलने लगती है।*

*जब यह अंकुर पांच-छह पत्तों का हो जाता है तो अंकुरित बीज का यह भाग ज्वारा कहलाता है।*

*औषधीय विज्ञान में गेहूं का यह ज्वारा काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है।*

*व्हीटग्रास जूस, पाउडर या टैबलेट...*
*लेकिन सबसे उत्तम पाउडर क्योंकि उसमें मात्रा की गारंटी होती है..!*
क्या आप जानते हैं कि यह शक्ति है ??

हाँ.... इसमें सम्‍मिलित है...
 प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट,
 विटामिन ए,
 विटामिन सी,
 विटामिन ई,
 विटामिन के,
 थायमिन,
 राइबोफ्लेविन,
 नियासिन,
 विटामिन बी-6, विटामिन बी-12,
 पैंटोथैनिक एसिड,
 कैल्शियम,
 आयरन,
 मैग्नेशियम,
 फास्फोरस,
 पोटैशियम,
 जिंक,
 कॉपर,
 मैंगनीज,
 सेलेनियम और
 17 एमिनो एसिड।

व्हीटग्रास जूस गाजर के रस और अन्य फलों और सब्जियों की तुलना में एक बेहतर डिटॉक्सिफाईंग एजेंट है।

*व्हीटग्रास का उपयोग*
हीमोग्लोबिन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं में रासायनिक होता है जो ऑक्सीजन ले जाता है;
रक्त शर्करा विकारों में सुधार जैसे
 मधुमेह;
 दांतों की सड़न को रोकना;
 घाव भरने में सुधार तथा
 बैक्टीरिया के संक्रमण को रोकना।

व्हीटग्रास जूस में 70% तक क्लोरोफिल होता है जिसे ग्रीन ब्लड भी कहा जाता है जो एक महत्वपूर्ण ब्लड बिल्डर है।

तरल क्लोरोफिल  शरीर के अंदर इकट्ठा इस जमा टोक्सिन की सफाई करता है।

क्लोरोफिल शरीर में विषाक्त पदार्थों जैसे कैंसर को भी को बेअसर करता है।

क्लोरोफिल यकृत को शुद्ध करने में मदद करता है।
क्लोरोफिल रक्त शर्करा की समस्याओं में सुधार करता है।

व्हीटग्रास का रस शरीर के ऊतकों में जमा हुये सीसा, पारा, एल्यूमीनियम जैसे विषाक्त भारी धातुओं को हटाने में मदद करता है।

*सबसे बड़ी बात ये सर्वोत्तम भी है और सस्ता भी, एक महीने के लिए सिर्फ ₹450/-*

*ऑर्गेनिक व्हीटग्रास मंगवाने के लिए सम्पर्क करें...*
नेचुरोपैथ कौशल


*नोनी संक्षेप में..*
*Noni at a glance..*
*नोनी जूस एक शक्तिशाली 'एडाप्टोजेन' या 'अनुकूलक' है..*

*विश्व में केवल 12 ज्ञात या जानकारी के अनुसार एडाप्टोजेन या अनुकूलक हैं, और नोनी उनमें से 'प्रीमियर' और प्रीमियम उत्पाद है।*

यह सभी शरीर प्रणालियों पर संतुलन प्रभाव बनाए रखता है।

*नोनी "अल्कलाइन" अर्थात "क्षारीय" है..*

शरीर में अम्लता रोगों को आमंत्रण देती है।
नोनी क्षारीय शरीर रसायन को बढ़ावा देता है जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे आदर्श अवस्था है।

*नोनी है 'एंटी-ऑक्सीडेंट'*

एंटी-ऑक्सीडेंट, 'फ्री रेडिकल्स' को बेअसर करते हैं।  मुक्त कण डीएनए अणुओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर का कारण बनते हैं।

*नोनी 'एंटी एनाल्जेसिक,*
*एंटी इंफ्लेमेटरी,*
*एंटी एलर्जिक' है.!*

नोनी न केवल दर्द और सूजन को कम करता है बल्कि अन्य दर्द निवारकों के विपरीत पेट, किडनी और लीवर की कोशिकाओं की भी रक्षा करता है।

*नोनी का 'ग्लाइसेमिक इंडेक्स' कम है.!*

*फाइबर और कार्बोहाइड्रेट का 3:1 का शानदार अनुपात नोनी को रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।*

*नोनी एक 'ह्यूमेक्टेंट' है क्योंकि यह ऊतकों को नमी बनाए रखने में मदद करता है।*

हमारा नोनी जूस अद्भुत फ़ॉर्मूलेटेड उत्पाद है जिसके 10ml में आपको मिलता है....
2000mg नोनी
300mg अश्वगंधा
100mg गरसेनिया कम्बोजिया

मात्रा 400ml जूस
MRP ₹800/
डिस्काउंट के साथ
मात्र ₹600/- में
साथ मे कोरियर चार्ज फ्री और आजीवन निःशुल्क स्वास्थ्य सलाह।

नोनी जूस मंगवाने के लिये सम्पर्क करें
नेचुरोपैथ कौशल

No comments:

Post a Comment