Wednesday 24 July 2024

इंद्रावती नदी मध्य भारत की एक बड़ी नदी है और गोदावरी नदी की सहायक नदी है। इस नदी नदी का उदगम स्थान उड़ीसा के कालाहन्डी जिले के रामपुर थूयामूल में है।

इंद्रावती नदी  मध्य भारत की एक बड़ी नदी है और गोदावरी नदी की सहायक नदी है। इस नदी नदी का उदगम स्थान उड़ीसा के कालाहन्डी जिले के रामपुर थूयामूल में है। 

इंद्रावती नदी के मुहाने पर बसा जगदलपुर एक प्रमुख सांस्कृतिक एवं हस्तशिल्प केन्द्र है।

इंद्रावती नदी गोदावरी नदी की एक धारा है। इसका प्रारंभिक बिंदु दंडकारण्य के घाट हैं, जो ओडिशा राज्य के कालाहांडी जिले के थुआमुला रामपुर ब्लॉक के मर्दीगुड़ा गांव की पहाड़ी पर स्थित है ।

इंद्रावती नदी का प्राचीन नाम मंदाकिनी है।

 इंद्रावती नदी तीन धाराओं के मिलन के कारण नदी पश्चिमी मार्ग से बहती हुई छत्तीसगढ़ राज्य के जगदलपुर में प्रवेश करती है। यहाँ से नदी दक्षिण की ओर बहती है और अंततः तीन राज्यों की सीमा पर गोदावरी से मिल जाती है। ये राज्य हैं छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना। नदी अपने प्रवाह के विभिन्न चरणों में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बीच सीमा बनाती है। इंद्रावती नदी को छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले की ऑक्सीजन भी कहा जाता है। यह जिला पूरे भारत में पाए जाने वाले सबसे हरे-भरे और पर्यावरण के अनुकूल जिलों में से एक है। इंद्रावती नदी पर कुल पाँच पनबिजली परियोजनाओं की योजना बनाई गई थी। हालांकि, यह योजना विफल रही और पारिस्थितिकी कारणों से इसे मूर्त रूप नहीं मिल पाया। इंद्रावती को कभी-कभी ओडिशा के कालाहांडी , नबरंगपुर और छत्तीसगढ़ के बस्तर जिलों की "जीवन रेखा" के रूप में जाना जाता है, जो भारत के सबसे हरे-भरे जिलों में से एक है।

नदी का अधिकांश मार्ग नबरंगपुर और बस्तर के घने जंगलों से होकर गुजरता है। नदी 535 किलोमीटर (332 मील) तक बहती है और इसका जल निकासी क्षेत्र 41,665 वर्ग किलोमीटर (16,087 वर्ग मील।

इस नदी पर स्थित प्राकृतिक जलप्रपात भी है जिसको चित्रकोट नाम से जाना जाता है इसकी ऊँचाई करीब 90 फीट है।

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