Tuesday 23 July 2024

अप्राकृतिक रूप से बढ़ती जनसंख्या किसी एक धर्म जाति, देश और किसी एक प्राणी के लिए ही नहीं बल्कि

अप्राकृतिक रूप से बढ़ती जनसंख्या से
बढ़ता है पर्यावरण प्रदूषण
घटता है प्राकृतिक संतुलन
बढ़ती है शारीरिक मानसिक बीमारी
घटता है प्राकृतिक संसाधन
बढ़ती है वस्तुओं का मांग मंगाई
पर घटता है भूमि,जल,खाद्य
बढ़ता है बेकारी बेरोजगारी।
बढ़ता है दंगा फसाद
बढ़ता है अत्याचार
घटती है सुरक्षा की भावना
बढ़ता है स्वार्थ, घृणा, व्यभिचार
बढ़ता है भय, क्रोध,दुराचार
घटता है परमार्थ, दया, करुणा
घटती है सहायता,सद्भावना
बढ़ता है अविश्वास तिरस्कार
बढ़ती है गरीबी लाचारी
बढ़ता है अपराध
बढ़ता है अशांति दुश्चिंता
बढ़ती है खाद्य पदार्थ में मिलावट 
शिक्षा व्यवस्था में अव्यवस्ता छा जाती है
अप्राकृतिक रूप से बढ़ती जनसंख्या से
प्रेम, दया,करुणा
सद्भाव सहयता परोपकार को भी खा जाती है।
युवाओं में अनैतिकता का विस्तार होता है
बच्चों में अनुशासन का अभाव रहता है।
घर परिवार विभाजित हो जाते हैं
माता पिता अंधे लकड़ी को तरसते हैं।
बहुत सी मकाने बन जाती हैं
कइयों को आवास नहीं मिलता।
थके चलते राही को
कहीं पेड़ का छांव आराम नहीं मिलता।
घटता है ईमान
बढ़ती है लोगों की संख्या
पर बढ़ती है लोगों की जीवन में तन्हाइयां।

अप्राकृतिक रूप से बढ़ती जनसंख्या किसी एक धर्म जाति, देश और किसी एक प्राणी के लिए ही नहीं बल्कि समस्त सृष्टि पृथ्वी का विनाश पतन का प्रतीक है। 
प्राकृतिक के अनुसार जानवर एक साथ कई बच्चों को जन्म देते हैं और प्राकृतिक प्रलय और मौसम जलवायु परिवर्तन से इनमें से बहुत सारे जानवरों के बच्चे मर भी जाते हैं और कुछ मांसाहारी जानवर  द्वारा मार खा लिया जाता है जो प्राकृतिक के अनुकूल है। 
पर आज इंसान जो अप्राकृतिक रूप से जनसंख्या को बढ़ा रहा है जो हमारे प्राकृतिक नियमों के प्रतिकूल है। आस इस आधुनिक युग में आकर भी इंसान असभ्य और जंगली जीवन जी रहा है। 
जिनके विवेक,बुद्धि और सद्भावना को उनके नफरत ईर्ष्या और प्रतियोगिता की कुभावना ने जलाकर नष्ट कर दिया है। परिवार नियोजन और कानून को न मानने वाले लोग अभी भी इंसान नहीं जानवर और असभ्य है।
इतनी सारी हानियां देख जानकर जो जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देते हैं वो मूर्ख, बुद्धिहीन और पृथ्वी के दुश्मन है।
मनुष्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग खपत कर रहा था पर जनसंख्या बढ़ाकर वह प्राकृतिक का विनाश कर रहा है।
✍️ राहुल पांडेय

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