Tuesday 23 July 2024

अपराजिता एक लता अथवा बेल वाला पौधा है जिसे आप अमूमन हर घरों में आसानी से देख सकते हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में Clitoria ternatea कहते हैं और अंग्रेजी में इसे Butterfly pea के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा विष्णुकांता, गोकर्णी, गिरिकर्णिका, विष्णुप्रिया, गोकर्ण, कृष्णकांता, योनिपुष्पा आदि अपराजिता के अन्य कई खुबसूरत नाम विविध क्षेत्रों में प्रचलित हैं।

अपराजिता एक लता अथवा बेल वाला पौधा है जिसे आप अमूमन हर घरों में आसानी से देख सकते हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में Clitoria ternatea कहते हैं और अंग्रेजी में इसे Butterfly pea के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा विष्णुकांता, गोकर्णी, गिरिकर्णिका, विष्णुप्रिया, गोकर्ण, कृष्णकांता, योनिपुष्पा आदि अपराजिता के अन्य कई खुबसूरत नाम विविध क्षेत्रों में प्रचलित हैं। 

गांव हो या शहर, मंदिर हो या आश्रम, बागवानी हो या पार्क हर जगह अपराजिता के पुष्प आपको अपना प्राकृतिक सौंदर्य बिखरते मिल जायेंगे। वैसे तो ये एक खरपतवार पौधा है लेकिन इसके विभिन्न रंगों के पुष्पों की मनमोहक खुबसूरती की वजह से इसे कई सालों से दुनियाभर के विभिन्न देशों में सजावटी पौधे के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। प्रायः हर घरों की बागवानी में अपराजिता की मौजूदगी है। नीले, सफेद, बैंगनी, गुलाबी, आसमानी आदि अनेकों रंगों में पाये जाने वाले इसके पुष्प बेहद ही मनोरम एवं आकर्षक होतें हैं।

हमारे भारत देश में बागवानी एवं सजावटी पौधे के साथ-साथ अपराजिता के फूलों का धार्मिक महत्व भी है। अपराजिता के पुष्प भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय होने के कारण ही इसे विष्णुप्रिया और विष्णुकांता के नाम से प्रसिद्धी मिली है। धार्मिक अनुष्ठानों एवं सजावटी हेतु भारी मांग के चलते कई जगहों पर इसके फूलों की व्यापारिक खेती की जाती है अतः इसका आर्थिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है। औषधीय एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी इस पौधे की बेहद उपयोगिता है। 

अपराजिता प्रकृति की दिव्य एवं अनुपम कृति है। ये वनस्पति भी प्राकृतिक जैवविविधता का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमें वनस्पतियों एवं पेड़-पौधों के संरक्षण हेतु सदैव समर्पित रहना चाहिए।

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