Friday 4 October 2024

ग्राम विकास अधिकारी पर जांच में 15 लाख रुपए हेराफेरी का आरोप**जांच में आरोप के बाद भी आगे की कार्यवाही औपचारिकता तक सीमित**एक बड़े नेता को फर्जी तरीके से बदनाम कर बचने का लगातार ड्रामा कर रहा ग्राम विकास अधिकारी*

*ग्राम विकास अधिकारी पर जांच में 15 लाख रुपए हेराफेरी का आरोप*

*जांच में आरोप के बाद भी आगे की कार्यवाही औपचारिकता तक सीमित*

*एक बड़े नेता को फर्जी तरीके से बदनाम कर बचने का लगातार ड्रामा कर रहा ग्राम विकास अधिकारी*

*कौशाम्बी* ग्राम पंचायत के विकास कार्य में 15 लाख 41 हजार रुपए से अधिक की रकम गलत तरीके से निकाल लिए जाने के मामले में जांच के दौरान दोषी पाने पर ग्राम विकास अधिकारी सतीश चौधरी को जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय ने कारण बताओं नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था लेकिन नोटिस का जवाब ग्राम विकास अधिकारी ने नहीं दिया जिस पर फिर जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय ने नोटिस जारी कर दुबारा तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है लेकिन दोबारा भी 3 दिन बीत जाने के बाद ग्राम विकास अधिकारी सतीश चौधरी ने जवाब नहीं दिया है आखिर बार-बार जवाब मांगना और फिर जवाब ना देना अनुशासनहीनता के मामले में भी ग्राम विकास अधिकारी को अभी तक निलंबित नहीं किया गया है जिससे जिला पंचायत राज अधिकारी की भी भूमिका सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है 15 लाख 41 हजार रुपए से अधिक की रकम गलत तरीके से फर्म को ट्रांसफर कर दिए जाने के मामले की जांच के दौरान अधिकारियों ने आरोप की पुष्टि तो कर दी लेकिन गलत तरीके से फर्म को ट्रांसफर की गई रकम की अभी तक वसूली नहीं हुई है ग्राम विकास अधिकारी सतीश चौधरी पर मुकदमा दर्ज करा करके इसकी गिरफ्तारी नहीं कराई गई है सरकारी खजाने में हेरा फेरी करने वाले भ्रष्टाचार में लिप्त ग्राम विकास अधिकारी को जेल नहीं भेजा गया है अभी तक इसे बर्खास्त नहीं किया गया है बताया जाता है कि बिगत कई वर्षों से ग्राम विकास अधिकारी लगातार भ्रष्टाचार में संलिप्त है और बार-बार बड़े नेताओ का नाम लेकर अधिकारियों पर रौब गांठता है जबकि यह बड़े नेता इसकी सिफारिश नहीं कर रहे हैं लेकिन रसूख वाले बड़े नेता का नाम आते ही अधिकारी भयभीत हो जाते हैं और इस ग्राम विकास अधिकारी के भ्रष्टाचार पर इसे दंडित नहीं कर पाते हैं जांच अधूरी लटक जाती है या फिर जांच की दिशा मोड़ करके गलत तरीके से जांच का निस्तारण कर दिया जाता है जिससे यह मनमानी पर उतारू है सवाल उठता है कि कौशांबी में कब तक भ्रष्टाचार के जड़ की दलदल में ग्राम विकास अधिकारी शामिल होकर सरकारी खजाने को चपत लगाते रहेंगे ग्राम विकास अधिकारी के इस कारनामे में ग्राम प्रधान भी पूरे हिस्सेदार हैं लेकिन ग्राम प्रधान के कारनामे पर भी उन्हें दंडित नहीं किया गया है

जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा 24 सितंबर 2024 को पत्रक संख्या 1948 जारी करते हुए सतीश चौधरी ग्राम विकास अधिकारी विकासखंड सिराथू को निर्देशित किया गया कि वह पत्र प्राप्ति के तीन दिवस के अंदर कार्यालय में अपना जवाब उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी कार्यालय को जवाब नहीं मिला है इसके पहले भी ग्राम विकास अधिकारी को पत्र भेज कर 3 दिन के भीतर जवाब मांगा गया था लेकिन उस बार भी विभाग को जवाब नहीं मिला ग्राम विकास अधिकारी सतीश चौधरी पर ग्राम पंचायत मलाक भायल में एक ही तिथि को 3 लाख 24 हजार पीएफएमएस प्रणाली प्रभावी होने के उपरांत भी गलत तरीके से निकासी का आरोप है इसी तरह ग्राम विकास अधिकारी सतीश चौधरी पर 12 लाख 17 हजार 679 रुपया कशिया पश्चिम ग्राम पंचायत में गलत तरीके से निकासी का आरोप है पीएफएमएस प्रणाली 1 अगस्त 2021 से प्रभावी होने के उपरांत भी फर्म को नियम विरुद्ध तरीके से धनराशि उपलब्ध कराने के संबंध में साक्ष्य सहित लिखित स्पष्टीकरण 3 दिन में मांगा गया था लेकिन जवाब नहीं दिया गया है दोबारा भी जवाब मांगे जाने के बाद भी जवाब न मिलने के बाद मुकदमा दर्ज करा कर गिरफ्तारी कराए जाने का प्रयास नहीं हुआ है 15 लाख 41 हजार से अधिक रकम की रिकवरी का आदेश जारी किए जाने और ग्राम विकास अधिकारी को जेल भेजे जाने की कार्यवाही ठंडे बस्ते में चली गई है जिससे जिले में सरकारी खजाना सुरक्षित नहीं दिखाई पड़ रहा है मॉनिटरिंग करने वाले जिला पंचायत राज अधिकारी और जिला विकास अधिकारी भी खजाना लूटने वाले ग्राम विकास अधिकारी को बचाने की कवायत में ज्यादा दिखाई पड़ रहे हैं

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*25 अधिकारियों ने 81 प्राथमिक उच्च प्राथमिक विद्यालयो का किया निरीक्षण*

 *जिलाधिकारी खण्ड शिक्षाधिकारी-कड़ा, चायल, सिराथू एवं कौशाम्बी को शो-काज नोटिस जारी करने के दियें निर्देश*

*अधिशासी अभियंता-सिंचाई, अधिशासी अभियंता आरईडी एवं जिला आबकारी अधिकारी को सही आख्या प्रस्तुत न करने एवं भ्रमित रिपोर्ट देने पर शो-काज नोटिस जारी करने के निर्देश-डीएम*

*कौशाम्बी* जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी के निर्देश के क्रम में शुक्रवार को जनपद के 25 जिलास्तरीय अधिकारियों द्वारा कुल 81 प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयो का निरीक्षण किया गया, जिसकी आख्या रिपोर्ट की समीक्षा जिलाधिकारी द्वारा उदयन सभागार में की गई।  
     
जिलाधिकारी ने निरीक्षण करने गये सभी जनपदस्तरीय अधिकारियों से एक-एक कर रिपोर्ट की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने छात्र उपस्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति, मि-डे-मील की गुणवत्ता एवं बच्चों के लर्निंग लेबल विषय पर जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के दौरान विकास खण्ड-कड़ा, चायल, सिराथू एवं कौशाम्बी के कुछ विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति एवं मि-डे-मील की गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए खण्ड शिक्षाधिकारी-कड़ा, चायल, सिराथू एवं कौशाम्बी को शो-काज नोटिस जारी करने के निर्देश दियें।
       
जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता-सिंचाई, अधिशासी अभियंता आरईडी एवं जिला आबकारी अधिकारी को सही  आख्या न प्रस्तुत करने एवं भ्रमित रिपोर्ट देने पर शो-काज नोटिस जारी करने के निर्देश दियें।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी, उपयुक्त स्वरोजगार व बेसिक शिक्षा अधिकारी मौजूद रहे

*सुबोध केसरवानी अखंड भारत संदेश समाचार पत्र मंझनपुर कौशाम्बी*

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