Monday 20 March 2023

अमृतपाल का महत्व तीन स्थिति में ही है। 1- वह बाहर खुले में घूमता रहे और लोगों को भड़काता रहे। 2- वह जेल में रहे और यह मैसेज दे कि वह ख़ालिस्तान की लड़ाई के लिए कष्ट सह रहा है।

अमृतपाल का महत्व तीन स्थिति में ही है। 

1- वह बाहर खुले में घूमता रहे और लोगों को भड़काता रहे। 

2- वह जेल में रहे और यह मैसेज दे कि वह ख़ालिस्तान की लड़ाई के लिए कष्ट सह रहा है। 

3- वह पुलिसिया कार्यवायी में मारा जाए और ख़ालिस्तानी उसे शहीद कहें। 

यह तीनों स्थिति ख़ालिस्तान आंदोलन के लिए लाभप्रद थी, परंतु उसने और उसके लोगों ने गिरफ़्तारी देने के बजाय भागने का जो रास्ता चुना उससे पूरे ख़ालिस्तान आंदोलन की हवा निकल गई। अब वह अथवा उसके लोग जो कल तक अपने वीरता, हिम्मत और साहस की दुहाई दे रहे थे, अब पुलिस के डर से भागते हुए लाइव वीडियो डाल रहे हैं। अमृतपाल की गिरफ़्तारी सच में हुई या हवा बनाई गई, किसी को सही सही नहीं पता, लेकिन उसकी विश्वसनीयता को बड़ा झटका लगा है, जो कि किसी भी आंदोलन के लिए सबसे आवश्यक तत्व है। 

जो लोग सिक्खों की तुलना क़बीलाईयों से कर रह रहे हैं वह मूर्ख हैं। सिक्ख हिंदू धर्म का एक मत है, यह एक परमसत्य है। सिक्खों के एक धड़े के मानने न मानने से सत्य नहीं बदलेगा। जिस दिन एक सच्चा नेतृत्व सिक्ख समाज में जन्मा सभी समस्यायें एक साथ अचानक समाप्त हो जायेंगी। सत्य का स्वीकार्यता से कोई लेना देना नहीं है, उसमें स्वयं में अपनी शक्ति है।

भूपेन्द्र सिहं

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