Wednesday 26 April 2023

तरबूज के जूस में मिलाकर पिएं काली मिर्च, शरीर को मिलेंगे ये 5 फायदे*

🦵साइटिका के दर्द के यह है प्रमुख लक्षण,जानिए-कारण व सूजोक  उपचार के तरीके*

.....यदि आपको अक्सर कमर से लेकर पैरों तक तेज दर्द या जलन महसूस होती है, तो यह साइटिका या साइटिका की समस्या हो सकती है।
............मानव शरीर के अंदर करीब 206 हड्डियां होती हैं। इनमें से अगर किसी में भी जरा दिक्कत शुरू हो जाए तो उसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। साथ ही आप एक भंयकर और जानलेवा दर्द से गुजरने लगते हैं। ऐसा ही कुछ होता है साइटिक नर्व में। इस स्थिति से जूझने वाले व्यक्ति को कमर से लेकर कूल्हों और पैरों तक बहुत तेज दर्द, जलन, और सुन्न होने की समस्या होने लगती है।

साइटिका नर्व आपकी रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर आपके कूल्हों से लेकर आपके पैरों तक जाती है। आमतौर पर यह दर्द लोगों को 30 साल के बाद ही होता है। साइटिका पेन एक अस्थाई दर्द ही है, साइटिका नर्व में हुई समस्या से जूझ रहे मरीजों को कमर दर्द, पैरों में सुन्नपन आ जाना या दर्द अनुभव होता है। 
....।।।। इस दर्द की मुख्य वजह स्लिप डिस्क होती है। लेकिन जब यह डिस्क अपनी जगह से हिल जाती हैं तो इसके पीछे निकलने वाली नसों पर दबाव पड़ने लगता है। अब यह नस जहां तक जाती हैं वहां तक साइटिका का दर्द हो जाता है।
* अगर कोई व्यक्ति अधिक वजन उठाने के कार्य करता है तो भी यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
* खराब जीवन शैली भी साइटिका पेन की वजह बनता है।
* ऐसे लोग जिनका वजन अधिक है उन्हें भी साइटिका का दर्द होता है।
* अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों को भी साइटिका का दर्द होता है।

🦵साइटिका का परीक्षण कैसे 
........आमतौर पर लोगों को लगता है कि साइटिका की स्थिति के बारे में जानने के लिए उन्हें एक्सरे कराना होगा।  लेकिन साइटिका के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको MRI ही करवाना होता है पर यह बहुत महंगा है, लेकिन आयुर्वेद में नाड़ी परीक्षण कर आसानी से इसका संपूर्ण पता लगाया जाता है।
...... यूं तो साइटिका या सर्वाइकल का दर्द अंग्रेजी दवाइयां करने वाले बड़े-बड़े दावे करते हैं पर यह संपूर्ण रुप से आयुर्वेद द्वारा ही ठीक होता है कई बार ऐसा देखा गया है कि बहुत सालों से आप सिर्फ अंग्रेजी दवाइयां खा रहे हैं,जब तक दवा का असर रहता है तब तक ही आराम रहता है उसके बाद फिर वही दर्द... 
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प्रेस करे अपने अंगूठे से
👇🏻: घरेलू उपचार 
          ------: हकलाना :------
      यह आवश्यक नहीं है कि,  हकलाहट किसी रोग के कारण से ही हो। परिवार के किसी सदस्य को,  पहले से हकलाहट या घबराहट की समस्या होना भी,  इसकी कारण हो सकती है।
      वैज्ञानिकों को पता चला है कि,  मस्तिष्क  के स्पीच प्रोडक्शन केंद्र में,  रक्त के कम प्रवाह के कारण ही लोगों में,  हकलाने की परेशानी पैदा होती है। इसके कारण का ठीक - ठीक पता चलने से,  हकलाने का सही चिकित्सा करना भी संभव हो सकेगा।
नींबू --------
* गर्म पानी में , नींबू निचोड़कर सुबह - शाम कुल्ले करें । दस कालीमिर्च का चूर्ण, 1 चम्मच घी में मिलाकर, दो बार चाटें। ऐसा करने से हकलाने व तुतलाने की समस्या का निदान होता है ।
आंवला -------
* सूखे आंवले को चबा-चबाकर सेवन करें और चूसे और 1 चम्मच आंवला चूर्ण की,  पानी के साथ सेवन करें ।
      सुबह पांच बार ' ॐ ' बोलें, हकलाना ठीक हो जाता है ।
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 विवाहित पुरुषों के लिए बलवीर्यवर्द्धक, यौनशक्ति दायक, स्तम्भनशक्ति बढ़ाकर शीघ्रपतन की स्थिति समाप्त करने वाला और पुष्टिकारक योग है।समस्त प्रमेहों और वातजन्य विकारों को नष्ट करने वाला है। यह बना बनाया बाजार में नहीं मिलता, इसलिए घर पर ही बनाकर तैयार करना होगा।अनुचित ढंग से आहार-विहार और कामुक चिंतन करने, अप्राकृतिक ढंग से यौन क्रीड़ा करने और सहवास में अति करने का दुष्परिणाम यह होता है कि युवक ठीक से जवान होने से पहले ही बूढ़ों जैसी निर्बलता और असमर्थता का अनुभव करने लगते हैं। ऐसे पीड़ित पुरुषों के लिए एक अति उपयोगी और लाभकारी योग है।
घटक द्रव्य-आंवला, रुदंती, गिलोय सत्व, अश्वगंधा, हरड़, शतावर, चव्य, नागबला, वृद्धादारु, ब्राह्नी, प्रियंगु, वच, बिदारीकंद, जीवंती, पुनर्नवा, मेदा, महामेदा, काकोली, क्षीर काकोली, जीवन ऋषभक, मुग्दपर्णी, माषपर्णी, कौंच के बीज, तुलसी के बीज, सेमल मूसली, काकनासा, पिपली बड़ी, जटामांसी, शंखपुष्पी, तालमखाना, सोनापाठा,लाजवंती अंनतमूल, मुलहठी, विधारा, अमरबेल,श्वेत चंदन तुलसी के बीज शिवलिंगी के बीज सेमल के जड की छाल खिरैंटी के बीज गंगेरन के जड़ की सूखी छाल सौंठ दालचीनी बादाम गिरी चारौली छुहारे सभी 15-15 ग्राम,
लौंग जायफल जावित्री तेजपत्ता काली मिर्च 10-10 ग्राम,वंगभस्म त्रिंवगभस्म अकीकपिष्टी अभ्रकभस्म कांतिसारभस्म नागभस्म प्रवालपिष्टी सभी 10-10 ग्राम चांदीभस्म 2 ग्राम,गाय का दूध 800 ग्राम गाय का घी 500 ग्राम शुद्ध शहद 1 किलो।
बनाने की विधि:- सर्वप्रथम सभी जडीबूटीयों को पीसकर चुर्ण बनालें और भस्मों को अलग रखें। अब जडीबूटीयों के चुर्ण को दूध मे डालकर धीमी आंच पर पकाएं जब पकते पकते गाढा खोआ बन जाए तो आंच से उतार लें हल्का ठंडा होने पर घी और भस्मों को अच्छी तरह मिलाएं उसके बाद थोड़ा थोड़ा शहद मिलाते हुए चलाते जाएं जब पूरी तरह आवलेह आपस मे मिलकर एकजान हो जाए तो किसी बर्तन मे संभाल कर रख लीजिए आपकी दवा तैयार है।।
सेवन विधी:-5-5 ग्राम दिन मे दो बार गुनगुने दूध से लेना है।।
उपयोग:- काफी समय तक वीर्यनाश करते रहने , स्वप्नदोष , वीर्य प्रमेह के कारण शरीर खोखला , दुबला और कमजोर हो चुका हो , टाँगोँ मेँ कमजोरी , रीढ़ की हड्डी मेँ रात को जलन और गर्मी प्रतीत हो, इन्द्री मेँ संभोग के समय जोश न आये और इन्द्री भली प्रकार उत्तेजित न हो , स्त्री के पास जाते ही उत्तेजना आने से पहले ही वीर्य निकल जाये , संभोग करने पर इन्द्री शीघ्र ढीली हो जाने से रोगी संभोग न कर सके , चेहरा पीला व पिचका हुआ और आँखेँ अंदर धंसी हुई होँ , नपुंसकता , वीर्यनाश कर लेने के कारण ह्रदय अधिक धड़के , वजन गिरता जाये , भुख कम लगे , पढ़ने - लिखने और मानसिक कार्य करने पर सिरदर्द हो जाये , कमरदर्द रक्ताल्पता ,वीर्य प्रमेह , रोगी दुखी और अकेला रहेँ । हस्तमैथुन के रोगियोँ के लिए सर्वोत्तम औषधि है।
यह एक यौन शक्तिवर्द्धक, उत्तेजक और बल पुष्टिदायक योग है। इसके नियमित 2-3 मास तक सुबह शाम सेवन करने से वीर्य गाढ़ा और पुष्ट होता है, जिससे शीघ्रपतन और नपुंसकता की शिकायत दूर होती है। शरीर व चेहरा पुष्ट व तेजस्वी होता है। जो युवक गलत ढंग से यौन क्रीड़ा द्वारा वीर्यनाश करके नपुंसकता के शिकार हो चुके हों उन्हें इस नुस्खे का सेवन 2-3 मास तक अवश्य करना चाहिए।
जो ना बना पाएं या बनाने मे असमर्थ हों वह बना बनाया मंगवा सकते हैं अवलेह की कीमत 1500 रुपये है 


: *साइटिका के दर्द से बचने के उपाय* 
सही प्रकार रोग का निदान किए बिना उपचार करने से रोग के लक्षणों में आशातीत लाभ नहीं मिलता। इसके अतिरिक्त उपचार के साथ खान-पान एवं जीवनशैली का यदि विशेष ध्यान न रखा जाए तो भी किए गए उपचार से कोई फायदा नहीं मिलता।

*जीवनशैली* 👇👇👇👇

-लम्बे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने से बचें, हर आधे-एक घण्टे में कुछ देर के लिए खड़े रहने की कोशिश करें, इससे कमर की हड्डियों को आराम मिलता है।

-झुककर भारी वस्तुओं को या ज्यादा वजन न उठाएँ। इससे रीढ़ की हड्डियों के जोड़ों पर अधिक जोर पड़ता है।

-भारी वजन उठाकर लंबा रास्ता न चलें।

-यदि कार्य की वजह से आपको घण्टों कुर्सी पर बैठकर कम्प्यूटर पर काम करना पड़ता है तो कुर्सी में कमर के हिस्से पर एक छोटा-सा तकिया लगा लें और सीधे बैठने की कोशिश करें।

-चिकित्सक की सलाह के अनुसार रीढ़ की हड्डी से संबंधित कसरत करें।

-साइटिका से बचने के लिए बढ़ती उम्र में रीढ़ को लचीला बनाए रखने के लिए योग और व्यायाम का अभ्यास करना जरूरी है।

-साइटिका में अधिक दर्द के समय काम न करें।
ऊँची एड़ी के जूते या चप्पल न पहनें।

-आगे झुकने वाले कार्य करने से बचें।

-परिष्कृत (Refined) आटा और शर्करा से बनी चीजों का सेवन न करें क्योंकि यह तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुँचाती हैं।

-जंक फूड एवं डिब्बाबंद आहार।

-शरीर में वात को बढ़ाने वाले आहार जैसे मटर, राजमा, उड़द, अरबी, बैंगन, आलू, कटहल आदि।

*आहार* 👇👇👇
विटामिन-ए से समृद्ध आहार जैसे, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, फलों में आम एवं खुबानी का सेवन करें।

पोटाशियम युक्त आहार में सफेद सेम, हरे साग, आलू, खुबानी, एवोकाडो, मशरूम और केले का सेवन करें।

*अजवाइन साइटिका के दर्द से राहत दिलाने में फायदेमंद*👇👇
अजवायन में प्राकृतिक सूजनरोधी (Anti–imflammatory) गुण मौजूद होते हैं। 10 ग्राम अजवायन को एक गिलास पानी में डालकर अच्छे से उबाल लें, उसके बाद इसे छानकर पानी को पियें


 *जीरा को पानी में उबालकर पीने से मिलते हैं 5 जबरदस्त फायदे* 
 
1. शरीर को करे डिटॉक्स
उबले हुए जीरे का बचा हुआ पानी एक बेहतरीन डिटॉक्स ड्रिंक के रूप में काम करता है। जब आप इसका सेवन करते हैं, तो यह शरीर में मौजूद हानिकारक कण, गंदगी और बैक्टीरिया को साफ करता है। यह आपके रक्त को शुद्ध करने में भी मदद करता है।

2. इम्यूनिटी बनाए मजबूत
अगर आप सुबह खाली पेट उबले हुए जीरा के पानी में शहद मिलाकर इसका सेवन करते हैं, तो यह कॉम्बिनेशन इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करता है। क्योंकि यह दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह आपको सर्दी-जुकाम, मौसमी एलर्जी आदि से बचाने में मददगार है।

3. पेट के लिए है लाभकारी
जिन लोगों का पाचन कमजोर है और पेट संबंधी समस्याओं जैसे पेट में गैस, अपच, कब्ज, ब्लोटिंग आदि से परेशान रहते हैं उनके लिए उबले हुए जीरा का पानी बहुत लाभकारी है। साथ ही अगर आप भोजन के 15 मिनट बाद इसका सेवन करते हैं, तो यह भोजन के बेहतर पाचन में भी मदद करता है और पेट को स्वस्थ रखता है।

4. वजन घटाने में करे मदद
इसके सेवन सिर्फ आपका पाचन में ही सुधार होता है, बल्कि मेटाबॉलिज्म में भी सुधार होता है। जिससे आपको तेजी से कैलोरी बर्न करते हैं। यह शरीर में जमा जिद्दी चर्बी को कम करने में भी मदद करता है और आपकी वेट लॉस जर्नी में तेजी लाता है।

शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर और रक्त को शुद्ध कर जीरा का पानी त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इससे कील-मुंहासे और एलर्जी आदि से छुटकारा मिलता है। साथ ही त्वचा में निखार भी आता आता है।

इन सभी स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के लिए बस आपको 1 छोटा चम्मच जीरा को 250ml पानी में तब तक उबालना है, जब तक पानी थोड़ा कम न हो जाए, फिर इसे छान लें और शहद मिलाकर पिएं।


*इन 5 समस्याओं से निजात दिलाएगा, लौंग का सेवन* 
 
1. लौंग में प्रोटीन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं।
 2. लौंग का सेवन करने से सर्दी-जुकाम, गले में होने वाले दर्द और जी मचलने जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
 3. यदि किसी को गैस, कांस्टीपेशन व पाचन संबंधी समस्या हो, तो सुबह खाली पेट 1 ग्लास पानी में कुछ बूंदें लौंग के तेल की डालकर पीने से यह समस्या दूर होती है।
 4. जिन लोगों को मुंह से बदबू आने की शिकायत होती है, उन्हें 40-45 दिनों तक रोज सुबह मुंह में साबुत लौंग रखना चाहिए। ऐसा करने से आपको मुंह से बदबू से राहत मिलेगी।
 5. चहरे के दाग-धब्बों को हटाने के लिए, किसी फेसपैक व बेसन में थोड़ा सा लौंग का पाउडर मिला लें और इसे चेहरे पर लगाए, फिर कुछ देर बाद धो ले। लेकिन याद रहे कि केवल लौंग का पाउडर सीधे चेहरे पर नहीं लगाना है। 
 6. जिन लोगों के बाल बेजान हो गए है, तो वे लौंग को थोड़े से पानी में गर्म करके, उससे बाल धो सकते हैं। ऐसा करने से बालों को फायदा होगा
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: *तरबूज के जूस में मिलाकर पिएं काली मिर्च, शरीर को मिलेंगे ये 5 फायदे* 
 
वजन कम करने में मददगार
गर्मियों में तरबूज के जूस में 1 चुटकी काली मिर्च डालकर पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है और शरीर भी हेल्दी होता है। ऐसा करने से तेजी से फैट कम होगा और शरीर की कमजोरी दूर होगी और वजन भी नियंत्रण में रहेगा।

कोलेस्‍ट्रॉल को नियंत्रित करें
तरबूज के जूस में काली मिर्च मिलाकर पीने से कोलेस्‍ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और हार्ट भी हेल्दी रहता है। इसको पीने से हार्ट संबंधी बीमारियां कम होती है और हार्ट स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है। इसको पीने से एचडीएल संतुलित रहता है।

लू से बचाव
गर्मियों में तरबूज का जूस किसी वरदान से कम नहीं होता। ये शरीर में पानी की कमी को पूरा करके लू से भी शरीर का बचाव करता है। वहीं, इसमें काली मिर्च मिलाकर पीने से बेहतर स्वाद के साथ-साथ गर्मी में होने वाली बीमारियों से निपटने में मदद मिलती है।

स्किन के लिए फायदेमंद
तरबूज और काली मिर्च स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं । इनके इस्तेमाल से स्किन की कई समस्याएं दूर होती हैं  और आपकी त्वचा  भी ग्लोइंग होती है। तरबूज का जूस पीने से त्वचा फ्रेश रहती है।  वहीं, काली मिर्च डार्क सर्कल को हटाने में मदद करती है।

पेट को हेल्दी रखें
गर्मियों में पेट को हेल्दी रखने के लिए तरबूज के जूस में काली मिर्च को मिलाकर पी सकते हैं । ऐसा करने से कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या दूर होती है। तरबूज का जूस शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और बीमारियों को दूर रखता है।

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