Wednesday 26 April 2023

तोरण_मारना #विवाह_संस्कार #हिन्दू_विवाह_संस्कार_में_तोरण_मारने_की_आवश्यक_रस्म_पीछे_का_रहस्यजो सदियों से चली आ रही है। लेकिन अधिकतर लोग नहीं जानते कि यह रस्म कैसे शुरू हुई।

#तोरण_मारना #विवाह_संस्कार 
#हिन्दू_विवाह_संस्कार_में_तोरण_मारने_की_आवश्यक_रस्म_पीछे_का_रहस्य

जो सदियों से चली आ रही है। लेकिन अधिकतर लोग नहीं जानते कि यह रस्म कैसे शुरू हुई।

▪️तोरण कैसे मारते हैं ? ⚔️

तोरण को डोरी की मदद से शादी वाले घर के मुख्य दरवाजे कर लटका दिया जाता है। लटकाने की सुविधा ना हो तो कोई उसे पकड़ कर दरवाजे के पास खड़ा हो जाता है। कुछ जगह पंडित जी तोरण को हाथ में लेकर यह रस्म पूरी करवाते हैं।

दूल्हा जब घोड़ी पर बैठ कर आता है तो अपने साथ तलवार या कटार लेकर आता है। इस तलवार से वह उस तोरण पर हलकी चोट करता है। कुछ दुल्हे उसे जोर से मारते हैं कुछ धीरे और कुछ सिर्फ उसे तलवार से छूते है। इस प्रकार यह रस्म करने के बाद दूल्हा दुल्हन के घर में प्रवेश करके उससे शादी करता है।

▪️तोरण मारने की रस्म क्यों की जाती है ? ⚔️

दंत कथानुसार कहा जाता है कि एक तोरण नामक राक्षस था जो शादी के समय दुल्हन के घर के द्वार पर तोते का रूप धारण कर बैठ जाता था तथा दूल्हा जब द्वार पर आता तो उसके शरीर में प्रवेश कर दुल्हन से स्वयं शादी रचाकर उसे परेशान करता था।

एक बार एक राजकुमार जो विद्वान एवं बुद्धिमान था शादी करने जब दुल्हन के घर में प्रवेश कर रहा था अचानक उसकी नजर उस राक्षसी तोते पर पड़ी और उसने तुरंत तलवार से उसे मार गिराया व शादी संपन्न की। बताया जाता है कि तब से ही तोरण मारने की परंपरा शुरू हुई।

अब इस रस्म में दुल्हन के घर के दरवाजे पर लकड़ी का तोरण लगाया जाता है, जिस पर एक तोता (राक्षस का प्रतीक) होता है।

बगल में दोनों तरफ छोटे तोते होते हैं। दूल्हा शादी के समय तलवार से उस लकड़ी के बने राक्षस रूपी तोते को मारने की रस्म पूर्ण करता है।

▪️तोरण क्या होता है ? ⚔️

गांवों में तोरण का निर्माण खाती करता है, लेकिन आजकल बाजार में बने बनाए सुंदर तोरण मिलते हैं, जिन पर गणेशजी व स्वास्तिक जैसे धार्मिक चिह्न अंकित होते हैं और दूल्हा उन पर तलवार से वार कर तोरण (राक्षस) मारने की रस्म पूर्ण करता है। यानी दूल्हा राक्षस की जगह गणेशजी या धार्मिक चिन्हों पर वार करता है जो कि भारतीय परंपरा और धार्मिक दृष्टि से उचित नहीं है।

एक तरफ हम शादी में गणेश पूजन कर उनको रिद्धि-सिद्धि सहित शादी में पधारने का निमंत्रण देते हैं और दूसरी तरफ तलवार से वार कर उनका अपमान करते हैं, यह उचित नहीं है।

अत: तोरण की रस्म पर ध्यान रखकर परंपरागत राक्षसी रूपी तोरण ही लाकर रस्म निभाएं ।

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