Friday 12 May 2023

कितना भयानक और विनाशकारी सिद्ध होगा महा चक्रवात मोर्चा बंगाल की खाड़ी में उठने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवात मोर्चा ने अत्यंत भयंकर और विनाशकारी रूप प्रदर्शित कर लिया है और अव्य महा चक्रवात की श्रेणी में बदल गया है जिसकी सूचना हमारे केंद्र द्वारा 1 सप्ताह पहले ही दे दिया गया था समुद्र के जल और हवा की दिशा का सहयोग पाकर या दिनोंदिन उग्र और भयानक होता जा रहा है

कितना भयानक और विनाशकारी सिद्ध होगा महा चक्रवात मोर्चा बंगाल की खाड़ी में उठने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवात मोर्चा ने अत्यंत भयंकर और विनाशकारी रूप प्रदर्शित कर लिया है और अव्य महा चक्रवात की श्रेणी में बदल गया है जिसकी सूचना हमारे केंद्र द्वारा 1 सप्ताह पहले ही दे दिया गया था समुद्र के जल और हवा की दिशा का सहयोग पाकर या दिनोंदिन उग्र और भयानक होता जा रहा है


सामान्य रूप से बंगाल की खाड़ी में उठने वाले 10 में से 9 चक्रवात और महा चक्रवात भारत की दिशा में आते हैं और आंध्र ओडिशा और बंगाल में जाकर टकराते हैं लेकिन इस बार यह महा चक्रवात मोर्चा उल्टी दिशा में घूम गया है या उत्तर पश्चिम के स्थान पर उत्तर पूर्व की ओर बढ़ते हुए श्रीलंका और चेन्नई के पास होते हुए अंडमान निकोबार को पार करते हुए बांग्लादेश और म्यांमार की तरफ बहुत तेजी से बढ़ रहा है और आज ऐसी आशंका है कि 15 मई के 1 दिन पहले या 1 दिन बाद है बांग्लादेश और म्यांमार के तटों पर टकरा जाएगा

हमारे केंद्र की भविष्यवाणी और आकलन के अनुसार महा चक्रवात मोर्चा का 95% प्रभाव बंगाल की खाड़ी में पड़ेगा और इसका सबसे अधिक असर अंडमान निकोबार द्वीप समूह बांग्लादेश और म्यांमार में और उत्तर पूर्वी भारत के त्रिपुरा मणिपुर मेघालय मिजोरम नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में पड़ेगा इस महा चक्रवात के केंद्र भाग की हवाओं का वेग 160 से लेकर 205 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकता है जो बहुत ही भयानक माना जाता है इसलिए मार्ग में पड़ने वाली हर चीजों को तहस-नहस कर देगा जबकि इसके बाहरी भाग की हवाओं का वेग 60 किलोमीटर से लेकर 140 किलोमीटर प्रति घंटे होगा और यह भी बहुत विनाशकारी होता है यह प्रथम और द्वितीय श्रेणी के बीच का महा चक्रवात है


स्मार्ट चक्रवात के प्रभाव से अंडमान निकोबार द्वीप समूह बांग्लादेश के उत्तरी पूर्वी भागों भारत के उत्तरी पूर्वी भागों और म्यांमार में घनघोर वर्षा होगी और तेज हवा से प्रचंड हानि की आशंका होगी और यह महा चक्रवात भारत को पार करके चीन और म्यांमार की सीमा में समाप्त हो जाएगा 17 मई तक यह पूरी तरह समाप्त हो जाएगा

यह एक ऐसा दुर्लभ महा चक्रवात है जिसका प्रभाव भारत की मुख्य भूमि पर लगभग नहीं के बराबर पड़ेगा इसका थोड़ा बहुत असर तमिलनाडु आंध्र ओडिशा और बंगाल के तटीय भागों में पड़ेगा फिर भी इसका थोड़ा बहुत असर भारत के पठार उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड मध्य प्रदेश और बंगाल में देखा जा सकता है


इसी महा चक्रवात की एक छोटी सी शाखा अरब सागर में सक्रिय होकर कर्नाटक और गोवा में दो-तीन दिनों बाद तक रहेगा जिससे यहां घनघोर वर्षा होने की संभावना है लेकिन यहां की हवाओं का वेग बहुत कम रहेगा जो 40 से लेकर 70 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच होगा कुल मिलाकर या महा चक्रवात अपना विनाशकारी प्रभाव बहुत सीमित जगहों पर छोड़ सकता है हां अगर किसी कारण से उत्तर पूर्व में बढ़ते समय उत्तर पश्चिम की ओर घूम गया तब विनाश की प्रबल आशंका है इसमें सबसे अधिक विनाश बांग्लादेश का होगा मई के प्रथम सप्ताह में हुई वर्षा और ठंड के कारण यह महा चक्रवात भारत की ओर ना आकर उत्तर पूर्व में बंगाल की खाड़ी से होता हुआ बांग्लादेश और भारत की तरफ मुड़ गया है डॉदिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञान ज्योतिष शिरोमणि और निदेशक ज्योतिष मौसम विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर

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