Monday 5 June 2023

आखिर रेल दुर्घटनाएं क्यो हो रही है ...क्या कभी इस प्रश्न पर आपने विचार किया है??*

समीक्षा
*आखिर रेल दुर्घटनाएं क्यो हो रही है ...क्या कभी इस प्रश्न पर आपने विचार किया है??*

आइए सच्चाई जानते हैं दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक भारत में हर रोज सवा दो करोड़ से भी ज्यादा लोग रेल की सवारी करते हैं। हर साल यह संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन रेलवे का सेफ़्टी स्टाफ कम होता जा रहा है! 

इंडियन रेलवे बड़ी तादाद में स्‍टॉफ की कमी से जूझ रहा है। तकरीबन सभी विभागों में पर्याप्‍त कर्मचारियों की कमी है भारतीय रेलवे में सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए कर्मचारियों की भारी कमी महसूस की जा रही है आज गैंगमैन, गार्ड, लीवरमैन, केबिनमैन, यहां तक कि ड्राइवर जैसे पदों के लिए स्वीकृत की तुलना में कम लोगों के साथ काम कर रहा है।

पिछले साल केंद्र सरकार ने संसद में ही में बताया था कि रेलवे में जून 2022 में  2.97 लाख से अधिक पद खाली हैं! 

असिस्‍टेंट लोको पायलट, टेक्निशियन और लेवल-1 (सेफ्टी कैटेगरी से जुड़ा) के हजारों पद ख़ाली है और जो पद भरे है उनसे दूसरे काम कराए जा रहे हैं! 

मित्र Sunil Singh Baghel की खबर बता रही है कि 4000 लोको पायलट ट्रेन चलाने के अलावा दफ्तरों की फाइल चला रहे हैं 16-16 घण्टे की ड्यूटी कर रहे हैं! 

*अब एक हैरतनाक खबर भी जान लीजिए :-*

उड़ीसा में जहां कल दुर्घटना हुई है वो क्षेत्र पूर्वी तटीय रेलवे के अंतर्गत आता है आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पिछले दो से पूर्वी तटीय रेलवे में एक भी नई नियुक्ति नहीं हुई है। 

अन्य जोन की तुलना में पूर्वी तटीय रेलवे में नियुक्ति संख्या काफी कम है। खाली पड़े पदों में निचले स्तर के कर्मचारियों के ज्यादा पद खाली हैं। सुरक्षा कार्य में इन कर्मचारियों की ज्यादा आवश्यकता है।

2018-19 में पूर्वोत्तर रेलवे में मात्र 6 लोगों की नियुक्ति हुई है। वहीं वर्ष 2019-20 में 1500, वर्ष 2020-21 में 7 लोगों को नियुक्ति मिली लेकिन वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में किसी को भी नियुक्ति नहीं मिली है।

आप ही बताइए जब पुराना सेफ्टी स्टाफ रिटायर हों रहा है और नई नियुक्तियां हो नही रही तो ऐसे मे काम में फर्क पड़ेगा या नहीं? ऐसे में तो दुर्घटना होना ही है।

गिरीश मालवीय

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