Friday, 30 December 2022

खुले स्थान पर मैरिज लॉन का कूड़ा कचरा फेंकने से जनता में आक्रोश*

*खुले स्थान पर मैरिज लॉन का कूड़ा कचरा फेंकने से जनता में आक्रोश*
अंबेडकरनगर
सार्वजनिक स्थानों पर कूडा फेंकने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) सख्त हो गया है। एनजीटी ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति या सरकारी या प्राइवेट एजेंसी या संस्था सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकता पाया गया तो उस पर 10 हजार रुपए जुर्माना  लगाया जाएगा।
एनजीटी ने कहा है कि सभी अथॉरिटी सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 के तहत कचरे से बेहतर ढंग से संग्रहण, परिवहन और निस्तारण के लिए कानूनी तौर पर बाध्य है।  वर्तमान समय में गंदगी के कारण डेंगू का प्रभाव च तरफ फैल रहा है। इसके दृष्टिगत उत्तर प्रदेश शासन सफाई पर विशेष ध्यान दे रहा है, जिससे नागरिकों इस बीमारी से बचाया जा सके इस क्रम में कृष्णानगर कॉलोनी सहजादपुर, अंबेडकरनगर के वाशिंदे कृष्णानगर में स्थित मयूर रिशार्ट में प्रायः सामूहिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते जिसमें खाने पीने के बाद जुठे अवशिष्ट पदार्थ तथा नाली का गंदा पानी सड़क के किनारे ही छोड़ दि जाता है, जिनके सड़ने से उत्पन्न बदबू से वातावरण दूषित हो जाता है और इस गन्दगी में मच्छर पनपने संभावना बढ़ जाती है।मयूर रिसार्ट के सामने से होकर निकलने वाली सड़क पर प्रातः काल बहुत सारे नागरिक प्रातः भ्रम के लिए निकलते है और सड़क के किनारे की यह बदबू उनके नाकों में प्रवेश करती है, मच्छरों के काटने भी भय बना रहता है। साथ ही इसके बगल में ही भारतीय योग संस्थान के माध्यम से एक नि:शुल्क साधना केंद्र प्रतिदिन प्रातः काल चलता है, जिसमें बहुत सारे पुरुष और महिलाएं प्रातः योगाभ्यास लिए आते हैं, वे भी उस गंदगी के बीच से ही आते है और साधना स्थल पर भी वायु के साथ गंदगी: योगाभ्यास करने वालों के नाकों में पड़ती है, जो प्राणायाम में काफी हानिप्रद हो सकता है। उल्लेखनीय है कि महोदय से इस संबंध में इसके पूर्व भी दिनांक 6-12-2021 को और दिन 8-2-2022 को आवश्यक कार्यवाही के लिए अनुरोध किया था, परंतु इसके बावजूद भी मयूर रिसार्ट मालिक द्वारा निरंतर गंदगी की जा रही है, उन पर इन अनुरोधों का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। वार्ड वासियों ने अनुरोध किया है कि नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए वातावरण को रखने और डेंगू से होने वाली हानि से बचाव के लिए संबंधित को निर्देशित करने की कृपा करें कि सामूहिक कार्यक्रमों के बाद समस्त अवशिष्ट सामग्री और गंदे पानी का डिस्पोजल तत्काल प्रबन्ध करें, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़े। केंद्र व्यवस्थापक द्वारा शासन प्रशासन से निवेदन किया गया है कि मामले का निस्तारण जनहित को देखते हुए अतिशीघ्र किया जाए।

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