Sunday 11 August 2024

हर पहलवान को वजन का नियम पता होता है - योगेश्वर दत्त पहलवान.।विनेश का सामान्य वजन 57 से 58 तक का है जिसे आज तक वह मेंटेन करके 53 किलो भार वर्ग में खेलती रहींफिर नियम सख्त हुए और ट्रायल कम्पलसरी कर दिए गए यानी सीधे ओलम्पिक खेलने की पहलवानों की जिद को नही माना गया

सम्पूर्ण विश्लेषण और नेरेटिव कैसे बनाया जाता है जाने ?

हर पहलवान को वजन का नियम पता होता है - योगेश्वर दत्त पहलवान.।

विनेश का सामान्य वजन 57 से 58 तक का है जिसे आज तक वह मेंटेन करके 53 किलो भार वर्ग में खेलती रहीं

फिर नियम सख्त हुए और ट्रायल कम्पलसरी कर दिए गए यानी सीधे ओलम्पिक खेलने की पहलवानों की जिद को नही माना गया

विनेश 53 किलो भार वर्ग के ट्रायल सेमीफाइनल में ही जूनियर पहलवान से 10-0 के अंतर से हार कर बाहर हो गयी

वैसे भी वहां कोटा अंतिम पंघाल के पास था सो बची खुची उम्मीद लगभग 0 थी लेकिन मैडम को ओलम्पिक में मैडल जीतना था कैसे भी तो नियमो के विरुद्ध जाकर, अधिकारियों पर दबाव बना कर 50 किलो भार वर्ग में भी सेम दिन ही ट्रायल दिया गया, 

नियमों के विरुद्ध जाकर, बेईमानी कर जूनियर पहलवान शिवानी को पटका गया और ओलम्पिक की अपनी टिकट पक्की की गई, लेकिन शिवानी अभी भी न्याय के लिए लड़ रहीं हैं ।

पहले ही 57 किलो वजन के बाद उसे मेंटेन करके 53 किलो से खेलना और फिर उस 53 किलो से भी और कम 50 किलो पर जाने की जिद अपने मैडल का सपना पूरा करने के लिए वह भी तब जब आप जानती थी कि आप इसमें अच्छी नही थी (पहले भी ऐसे एक केस में बाहर हुई ओवर वेट के चलते, चित्र संलग्न)

आपने इतने बड़े खेल आयोजन में रिस्क लिया, आपके कोच ने आपके इस काम मे आपका साथ दिया, आपके पर्सनल स्टाफ ने इसमें आपका साथ दिया

बिना कुछ खाये पिए आप वजन को 50 करने पर तुली हुई थी, रात भर आप साइकिलिंग, जॉगिंग, रस्सी कूद, सोना बाथ लेती रही

हद तो तब हुई जब आपने बाल छोटे किये, पानी तक पीना बन्द कर दिया और शरीर का खून भी निकाला

मैं मानती हूं कि आम तौर पर पहलवान ऐसा करते हैं कि वेट कैटेगिरी को कम करके लड़ते हैं पर विनेश आप इसमें अच्छी नही है और ये बात आप भी बखूबी जानती थी

खून निकालने और बाल काटने की नौबत आ जाये इसका मतलब तो यही है कि आप उस एक्सट्रीम लेवल पर थी कि आप कसरत या डाइटिंग से वजन नही कम कर सकती थी, नहीं हो रहा था क्योंकि आप आलरेडी पहले से ही एक्सट्रीम डाइट पर थी खाना पीना सब छोड़ कर, शरीर मे कुछ था ही नहीं

आप 50 की कैटेगिरी के वेरिएशन में नही थी नैचुरली, आप अपने शरीर को तकलीफ देकर बस किसी तरह उस कैटेगिरी में बनी हुई थी पर एक सीमा के बाद आपका शरीर जवाब दे गया क्योंकि शरीर से हड्डियों का वजन तो आप चाह कर भी कम नही कर सकती थी

भगवान न करे आपके इस पागलपन की वजह से आपको कुछ हो जाता तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की इससे भी ज्यादा बदनामी होती जितनी अभी हो रही है

यदि आज आप किसी तरह सफल हो जाती तब ये बातें कोई नही करता, बल्कि आपको इतिहास याद रखता पर जो हुआ उसके बाद अब इस घटना को आप, पूरा भारत और भारतीय कुश्ती जगत हमेशा याद रखेगा

काश आपने अपने शरीर को जानने के बावजूद अपने इस अंतिम मौके को ईमानदारी से, सही तरीके से भुनाया होता तो देश के पास एक मैडल होता

काश आपने खुद के सपने से पहले देश को रखा होता 🥹🥹

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Ramveer Shakya

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