हिरोशिमा और नागासाकी की प्रलयंकारी विभीषिका- डॉ दिलीप कुमार सिंह
अगस्त और 9 अगस्त का दिन मानव इतिहास में अक्षरों में लिखा जाएगा किसी दिन संयुक्त राज्य अमेरिका ने इन दोनों स्थानों पर लिटिल बॉय और फेटमैन नाम का परमाणु बम गिरकर 2 लाख से अधिक लोगों की हत्या कर दिया था जो निर्दोष थी और लाखों लाख लोग बुरी तरह से परमाणु बम की भीषण गर्मी शाक वेव और रेडिएशन से बुरी तरह से झुलस कर घायल हो गए थे यह दृश्य हमें महाभारत काल में प्रयोग किए गए ब्रह्मास्त्र और नारायण अस्त्र की याद दिला देता है जिसमें थोड़ी ही देर में दो अक्षौहिणी पांडव सेना जलकर राख हो गई थी।
द्वितीय विश्व युद्ध में एक समय ऐसा आया जब ऐसा प्रतीत हुआ कि जर्मनी और जापान सारी दुनिया पर विजय प्राप्त कर लेंगे और उनके आगे कोई ठहर नहीं पाएगा इन दोनों देशों ने आधी दुनिया पर अपना अधिकार कर लिया था जिसमें संपूर्ण यूरोप संपूर्ण चीन दक्षिण पूर्वी एशिया और आधा अफ्रीका सम्मिलित था लेकिन इस समय जर्मनी ने अपने मित्र देश रूस के साथ ऐसा विश्वासघात किया जिससे पूरा पासा ही पलट गया विद्युत गति से लड़ने वाले हिटलर की सेना ने अपने मित्र रूस पर आक्रमण कर दिया और आधा रूस जीते हुए मास्को के एकदम पास तक पहुंच गए लेकिन परमवीर रूसी सैनिकों ने करोड़ों की संख्या में अपना बलिदान देकर न केवल मास्को की रक्षा किया बल्कि महा भयंकर ठंड में फंसे हुए जर्मन सैनिकों को बुरी तरह हराया और इस तरह उन्होंने जर्मनी की अजेय मानी जाने वाली सेना को बुरी तरह से कुचल कर जर्मनी और बर्लिन पर अधिकार कर लिया और हिटलर को आत्महत्या कर लेनी पड़ी।
लेकिन जापान उस समय भी अजय रहकर बड़ी तेजी से चीन दक्षिण पूर्वी एशिया अंडमान निकोबार में अधिकतर करते हुए असम तक पहुंच गया था दुनिया में सबसे बहादुर जापानी सैनिक भारत पर भी कब्जा कर लेते लेकिन इसी बीच जापान ने भी वही भयंकर भूल किया जो जर्मनी ने सोवियत संघ के साथ किया था जापान ने अभी तक युद्ध में तटस्थ रहे संयुक्त राज्य अमेरिका के पर्ल हार्बर द्वीप पर भीषण आक्रमण करके उनके हजारों सैनिकों और पूरी जल सेना को डुबा दिया और इसके बाद अमेरिका पूरी शक्ति से युद्ध में शामिल हुआ और लाखों सैनिकों का बलिदान देकर उसने जापान को बुरी तरह हरण शुरू किया और 1945 तक आते-आते जापान बहुत थोड़े क्षेत्र में सिमट कर रह गया लेकिन वह हार मानने को तैयार नहीं था
जर्मनी ने भी परमाणु बम का निर्माण ऑटो हान और स्ट्रांसमैन के नेतृत्व में कर लिया था लेकिन ब्रिटेन और यूरोपीय देशों के गुप्तचरों ने उसको नष्ट कर दिया और बड़ी संख्या में परमाणु वैज्ञानिक पकड़ कर अमेरिका ले गए जिन्होंने आइंस्टीन के सिद्धांत पर चलते हुए इटली के वैज्ञानिक के नेतृत्व में अमेरिका में परमाणु बम बनकर 1945 में उसका परीक्षण शुरू कर दिया था और अंत में निश्चय हुआ कि दो बने हुए परमाणु बम को जापान को हराने के लिए प्रयोग किया जाए
इसके पहले दुनिया परमाणु बमों की शक्ति से पूरी तरह अनभिज्ञ थी स्वयं अमेरिका को भी विश्वास नहीं था यह इतना अधिक भयानक सिद्ध होगा 6 अगस्त के दिन सुबह 8:15 पर लिटिल बॉय नाम का परमाणु बम हिरोशिमा पर गिराया गया जापान के पास उसे समय खनिज तेल नहीं था अन्यथा वह अमेरिका के इस विमान को हवा में ही मार गिरा देता
जापान की तरह से कोई प्रतिरोध ना होने पर विमान के चालकों को हिरोशिमा के केंद्र में बम गिराने का सुनहरा अवसर मिल गया और विमान से गिरने के बाद जो प्रचंड विस्फोट हुआ और उससे कुकुरमुत्ता के आकार के भयंकर काले बादल हुए जो आसमान में सैकड़ो किलोमीटर की ऊंचाई पर छा गए ऊंचाई पर उड़ा रहा जहाज भी शाक वेब से बुरी तरह हिल गया बम के भीषण धमाके उससे उत्पन्न भयंकर ध्वनि तरंगों ने पल भर में एक लाख से अधिक लोगों को मार दिया लोग जलकर कंकाल हो गए इसके बाद भयानक बादल से रेडियो एक्टिव तत्वों की भीषण वर्षा हुई और सब कुछ स्वभाव हो गया कई किलोमीटर तक मकान ध्वस्त हो गए और सब कुछ रख के मलबे में बदलकर रह गया 7000 डिग्री सेल्सियस के उत्पन्न भीषण ताप से ऐसा लगा जैसे धरती में ही सूरज उतर आया हो
इतने नुकसान के बाद भी जापानी सैनिक हार मानने को तैयार नहीं थे इसलिए 9 अगस्त को दूसरा परमाणु बम गिराया गया पहले इसे दूसरे शहर पर गिराया जाना था लेकिन भयंकर बादल होने के कारण इसको नागासाकी पर गिराया गया और इसका परिणाम हिरोशिमा से भी भयानक हुआ फैट ब्वॉय नमक इस परमाणु अस्त्र से पूरा नगर खंडहर में परिवर्तित हो गया लोग जिंदा ही जलकर बाप बन गए मकान गिर गए भयानक काली रेडियोएक्टिव तत्वों की वर्षा से सब कुछ तहस-नहस हो गया यह जंतु वनस्पति सब कुछ स्वभाव हो गई और अब जापान बुरी तरह डर गया था और हिल गया था इसलिए उसने अमेरिका के आगे आत्म समर्पण कर दिया तब से आज तक जापान अमेरिका के अधीन है
इसके बाद से दुनिया में एक परमाणु प्रतिस्पर्धा प्रारंभ हुई अमेरिका के बाद ग्रेट ब्रिटेन और फिर 1974 में भारत ने परमाणु बम का निर्माण कर लिया और आज इस दौड़ में पाकिस्तान उत्तर कोरिया इजरायल और ईरान भी शामिल हो गया नागासाकी और हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बमों की शक्ति 15 किलो टन के बराबर की लेकिन आज भयानक जैव रासायनिक परमाणु हाइड्रोजन बमों की क्षमता कई हजार किलो टन के बराबर हो गईहै 1961 में सोवियत संघ के द्वारा आज तक का सबसे भयानक परमाणु विस्फोट किया गया जिसे जार बम कहा जाता है जो नागासाकी और हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 33000 गुना शक्तिशाली है सीधा सा अर्थ है अगर इसे किसी बड़े से बड़े शहर पर गिराया जाए तो 100 वर्ग किलोमीटर में सब कुछ खंडहर बन जाएगा
1945 से लेकर आज तक 2000 से अधिक भयानक परमाणु बम का परीक्षण हो चुका है सबसे अधिक परमाणु अस्त्र सोवियत संघ के पास और उसके बाद अमेरिका चीन फ्रांस ग्रेट ब्रिटेन भारत इसराइल पाकिस्तान कोरिया के पास है माना जाता है कि अगर एक बार परमाणु युद्ध छिड़ जाएगा तो धरती पर कुछ नहीं बचेगा और अगला युद्ध ईंट पत्थर और धनुष बाण से लड़ा जाएगा
नागासाकी और हिरोशिमा पर गिराए गए बम के अलावा आज तक कहीं भी इन परमाणु अस्त्रों का प्रयोग नहीं हुआ है अभी रूस यूक्रेन और इजरायल ईरान युद्ध में ऐसी परिस्थितियां बन गई थी लेकिन सौभाग्य बस ऐसा नहीं हो पाया नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु बम का इतना भयानक असर पड़ा कि आने वाली पीढ़ियां विकलांग पैदा हो रही है और जीव जंतु वनस्पति में भी काफी परिवर्तन आ चुका है ऐसा ही प्रभाव अश्वत्थामा के द्वारा चलाए गए ब्रह्मास्त्र और नारायण अस्त्र से हुआ था जो राजस्थान के रेगिस्तान में गिरा और जिसके कारण राजस्थान रेत के समुद्र में बदल गया और हड़प्पा मोहनजोदड़ो की सभ्यता नष्ट हो गई थीअमेरिका द्वारा किया गया निर्दोष नागरिकों का नरसंहार किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है यह ठीक वैसा ही है जैसे कश्मीर के निर्दोष सनातनी लोगों का नरसंहार आतंकवादियों द्वारा किया गया और आश्चर्य है कि अमेरिका दुनिया में मानवता का ठेकेदार और अगुवा बनता है
वर्तमान समय में संपूर्ण दुनिया जैव रासायनिक परमाणु हाइड्रोजन बमों की भयंकर भट्टी के ऊपर खड़ा हुआ है जिसमें किसी भी समय महा विस्फोट हो सकता है और सारी दुनिया कभी भी नष्ट हो सकती है इसलिए दो स्थितियां हो सकती हैं पहले दुनिया के हर देश के पास परमाणु नाभिकीय अस्त्र-शस्त्र हों और दूसरी हर प्रकार के परमाणु अस्त्रों को नष्ट कर दिया जाए और वर्तमान में फिलहाल एक भी पूरी होती नहीं दिखाई दे रही है
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