प्रेस विज्ञप्ति
(निःशुल्क प्रकाशनार्थ)
जनपद बिजनौर के समस्त गन्ना उत्पादक किसान भाइयों को अवगत कराते हुए सूचित किया जाता है कि वर्तमान समय में गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग (Red Rot Disease) का प्रकोप देखा जा रहा है। यह रोग गन्ने की उत्पादन क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, यदि समय पर इसका नियंत्रण न किया जाए।
---
रोग के लक्षण
1. प्रारंभ में प्रभावित पौधों की पत्तियों पर लाल रंग के धब्बे दिखाई देते हैं।
2. समय के साथ यह धब्बे पीले होकर सूखने लगते हैं।
3. प्रभावित गन्ने की बीच की फांक लाल रंग की हो जाती है।
4. गन्ने के तनों से सिरके जैसी दुर्गंध आती है।
यदि इस रोग का नियंत्रण शीघ्र नहीं किया गया तो गन्ने की पैदावार में अत्यधिक हानि हो सकती है।
---
नियंत्रण हेतु कृषकों को परामर्श
किसान भाइयों से अपेक्षा की जाती है कि वे निम्नलिखित वैज्ञानिक विधियों का उपयोग अवश्य करें—
1. प्रभावित खेतों में ब्लिटॉक्स पाउडर का छिड़काव करें।
2. ब्लिटॉक्स पाउडर के साथ कार्बेन्डाजिम 18.2% + डायफेनोकोनाजोल 11.4% एससी का घोल तैयार करें।
3. छिड़काव हेतु प्रति लीटर पानी में 1 मिली घोल का प्रयोग करें।
4. छिड़काव सुबह या शाम के समय करें और लगातार 15 दिन के अंतराल पर पुनः उपचार करें, यदि आवश्यकता हो।
5. प्रभावित पौधों को काटकर खेत से बाहर निकालें एवं नष्ट करें, ताकि रोग अन्य पौधों में न फैले।
6. आगामी बोआई के लिए केवल रोग-मुक्त एवं प्रमाणित बीज का ही उपयोग करें।
---
किसानों से अपील
किसान भाई इन उपायों को अपनाकर अपनी फसल को लाल सड़न रोग से सुरक्षित रखें और अधिक उत्पादन सुनिश्चित करें। यह रोग समय पर नियंत्रण में आ सकता है, बशर्ते किसान जागरूकता एवं वैज्ञानिक तरीकों का पालन करें।
---
आदेशानुसार
जिला कृषि रक्षा अधिकारी
जनपद बिजनौर
No comments:
Post a Comment