कभी नहीं रख सकता है इस देश का अपरा द और प्रतिबंध वस्तुओं की बिक्री। -डॉ दिलीप कुमार सिंह
दो-चार लोगों के चाइनीस मांझा से कट कर मरते ही अचानक बुद्धिजीवी और मीडिया सक्रिय उठे हैं अभी तक सो रहे थे सरकारी तंत्र जाग ही नहीं रहा है। यह आज से नहीं हो रहा है जब से पतंग का आविष्कार हुआ है तब से हो रहा है उड़ने वाले लोगों के घर के लोग और माता-पिता भी तब तक ध्यान नहीं देते जब तक उनके अपने घर का कोई व्यक्ति इस शिक्षा भरे चीनी मंजा से कटकर मर ना जाए
जबकि इन सब के घरों के बच्चे पतंग उड़ाते हैं कोई रोकने वाला नहीं है सारा खेल पैसों का है चर्चा पाने के लिए किसी चीज पर चर्चा करने से खर्च के अलावा कुछ नहीं मिलता है मित्र लोग किसी चीज को गंभीरता से नहीं केवल चर्चा पर साझा करने पसंद किए जाने और टिप्पणी करने के लिए लिखने पढ़ने और बोलते हैं
यदि चर्चा करना है तो आप चर्चा करो जितना भी खाने का और पीने का पदार्थ है ठंडा है दूध और दूध से बनी सारी चीज हैं सब की सब नकली बनावटी है जितने भी घी गाय भैंस या अन्य के बिक रहे हैं गारंटी के साथ नकली हैं खोवा मंडी में आकर देख लो सारा खोवा नकली है
जनता और बुद्धिजीवी चिल्लाकर क्या करेंगे जब इन्ही गांधी और गलत चीजों से सरकार की कमाई हो रही है और सरकारी तंत्र के अधिकारी कर्मचारी मालामाल है तो यह सब कैसे बंद हो सकता है जाम और अतिक्रमण लगाने वाली खुद पुलिस प्रशासन है रात को वसूली होती है इस पर भी बुद्धिजीवी लोगों विशेष कर महिलाओं को लाइव आकर बोलना चाहिए
बिना महिलाओं के जागरूक हुए कुछ होने वाला नहीं है पुरुष वर्ग सिर्फ पटक कर मर जाएगा कुछ नहीं होगा । जिस दिन महिलाएं जागरूक हो गए उसी दिन धर्म का विकास होगा हिंदी भाषा और देश की भाषाओं का विकास होगा राम राज्य भी आएगा हिंदी हिंदू हिंदुस्तान भी होगा सरकार और सरकारी तंत्र तो खुलकर अंग्रेजी और विदेशी सभ्यता का प्रचार प्रसार कर रहा है वह भी श्री राम का गुणगान करने वाले लोगों का खेल है आपको कहीं हिंदी और देशी भाषाओं का प्रचार प्रसार दिख रहा है तो बताइए
उदाहरण के लिए सरकार को सबसे ज्यादा लूट और आमदनी शराब से होती है एक और मदिरा निषेध का दावा करती है दूसरी तरफ सरकारी शराब की दुकान सरकारी भंग और गज की दुकान जगह-जगह मिल जाएगा ऐसा क्यों है । ऐसी कोई भी प्रतिबंध चीज नहीं है जो इस देश में खुलेआम और धड़ल्ले से ना हो रही हो बाल विवाह सबसे अधिक मुसलमान में हो रहा है उसे रोकने की हिम्मत किसी में नहीं है
खुलेआम पान गुटखा दोहरा पान मसाला और नशे की चीज भांग की गोलियां बिक रही है हम आप सब देख रहे हैं सबके घर के बच्चे जमकर इसको खाकर पीछे से थूक कर बिना पेट के ही सारा सड़क और बिल्डिंग रंगने जा रहे हैं इस पर भी कुछ बोलना चाहिए मुझे लगता है यदि कोई बड़ी सरकारी प्राइवेट बिल्डिंग को पेंट करना हो रंग बिरंगा तो जिले भर के पान दोहरा खाने वालों को निमंत्रण दे दो एक घंटे में ही बिना पैसे की बिल्डिंग रंग कर चले जाएंगे
इसी तरह खुले आम प्लास्टिक और पॉलिथीन भी कर रहा है कि दुकान पर नहीं है कुछ दिन के बाद छापामारी होगी और जमकर वसूली होगी लेकिन तब 10 पैसे में बिकने वाली पत्नी 15 पैसे हो जाएगी और फिर से बिकेगी उनको वसूली करना है यही हाल जाम और अतिक्रमण का है सड़क पर सब्जी से लेकर सामान बेचने वालों का है वह घूस में दिया सरकार को पैसा जनता से वसूल लेते हैं ।
मीडिया को हिम्मत नहीं है यदि कुछ लिखेगा तो अराजक तत्व खुलेगा मुझे मारपीट कर सही कर देंगे सरकार पैसा पा रही है इसलिए सरकार मीडिया की सहायता नहीं करेगी इसलिए मीडिया और बुद्धिजीवी लोग चुपचाप रहती हैं इस देश में ऐसी कौन सी चीज है जो बन रही है और बिक रही है और वह असली है यदि गुणवत्ता पर छापा मारी हो तो बड़े-बड़े प्रतिष्ठित दुकानदार और होटल जेल में चले जाएंगे।
यही हाल दहेज प्रथा से लेकर हेलमेट लगाने और तेल पाने के खेल में है और जेल में सबसे अधिक है हर हफ्ते जिलाधिकारी न्यायिक अधिकारी पुलिस अधीक्षक जेल के पदाधिकारी जेल का निरीक्षण करते हैं कहीं कुछ भी प्राप्त नहीं होता जबकि सब कुछ जेल में उपलब्ध है इसका प्रमाण है जेल में से और अन्य पदार्थ के चिन्ह जेल के कर्मचारी अधिकारी खुद ही नशापन करते हैं किस बात का निरीक्षण होता है समझ के बाहर हैं।
यह देश पर नियंत्रण लगाना है तो शराब की दुकान बंद कर दो मांझा और पतंग की दुकान बंद कर दो पान गुटखा दोहरा की दुकान बंद करके दिखाओ प्लास्टिक और पानी बनाने का कारखाना सील कर दो तब तो कुछ होगा ऐसे में कुछ होने वाला नहीं है बस खुशी की बात इतना ही है कि बुद्धिजीवी महिलाएं काम से कम मीडिया पर आकर इसका विरोध कर रही है इसके लिए मैं धन्यवाद की पात्र हैं
आपको लगेगा मैं कुछ अधिक ही लिख रहा हूं लेकिन मैं इस बात की प्रतिभूति देता हूं कि इस देश में जितने भी गंदी और खराब चीज हैं वह रुकने की जगह बढ़ती जाएगी जितने भी नशीले पदार्थ हैं और जहर हैं मिलावट के पदार्थ हैं यही सब पैसा और सोना उगलने के साधन है कभी भी बंद नहीं होगा ना दहेज प्रथा बंद होगा ना हेलमेट का नियम कहीं लागू होगा ना चालान बंद होगी ना अपराध और अपराध बंद होंगे जो इन्हें बंद करने का प्रयास करेगा उसे खुद ही इस दुनिया से विदा कर दिया जाएगा जितने भी गंदगी और बुरी चीज हैं वह सब कहीं न कहीं सरकार के द्वारा फिल्मों के द्वारा इंटरनेट के द्वारा जनता को पड़ोसी जा रही हैं और बड़े-बड़े हमारे फिल्मी नायक और महानायक पान गुटखा दोहरा जैसी चीजों का प्रचार करते दिखाई देते हैं हद तो तब हो जाती है जब रामायण और महाभारत के प्रसारण पर कंडोम जैसे गंदी चीजे का विज्ञापन दिखाया जाता है और अंत में न्याय पाने के लिए न्यायालय में न्याय की सीढ़ी चढ़ने वाले लोगों को पता है कि न्याय कैसे मिलता है