*धरती का अमृत नोनी और हमारा फ़ॉर्मूलेटेड नोनी जूस तो सुपर सर्वोत्तम है...*
● घर का डॉक्टर सबके लिये नोनी
● एक चमत्कारिक संजीवनी फल
● नोनी बड़े से बड़े रोग के लिए रामबाण
● शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता बूस्टर
● सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद।
मधुमेह, अस्थमा, गठिया, कैंसर, दिल, शीघ्रपतन, नपुंसकता, एड्स जैसी कई बीमारियों के लिये रामबाण।
● जीवन में उमंग और उत्साह बढ़ाये।
● बोटैनिकल नाम मोरिन्डा सिट्रीफोलिया
● औषधि की क्षमता को बेहतर बनाये।
*नोनी के अनेक नाम-*
हॉग एपल, चीज फल, लेड, दर्द निवारक वृक्ष
आच, आक, आल, वेन कट्टपिटलवम,
मद्दी, मोलुगु मुलुगु, उष्ण कटिबंधीय फल,
दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र में मिलता है।
● आलू या शरीफा जैसा सफेद, पीले या हरे रंग का होता है।
● अनानास से 40 गुना ज्यादा कैंसर संहारक.!
*नोनी में जेरोनाइन एन्ज़ाइम होता है,* जेरोनाइन सूक्ष्म जंतुओं, पौधों, जानवरों और इंसानों की कोशिकाओं में मिलता है।
● शरीर की कोशिकायें अपना सही काम करती हैं।
● जेरोनाइन की पर्याप्त मात्रा शरीर में बहुत जरूरी।
● जेरोनाइन हमारे शरीर में प्रोटीनों को उनके कार्यों को करवाने में समर्थ।
● जेरोनाइन, मानवीय कोशिकाओं की भित्तियों के छिद्रों के आकार को बढ़ाये ताकि बढ़ते अवशोषण के लिए पौष्टिक तत्व आसानी से कोशिकाओं में प्रवेश कर सकें, जेरोनाइन की कमी से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटे।
*नोनी में व्याप्त प्रभाव-*
● एंटी-बैक्टीरियल
● एंटी-वायरल
● एंटी-फंगल
● एंटी-ट्यूमर
● एंटी-इनफ्लेमेटरी और इम्यून बूस्टर.!
● यह पोटेशियम का एक समर्थ स्रोत है।
● इम्यून बूस्टर
● संचार प्रणाली
● पाचन तंत्र
● मेटाबोलिक सिस्टम
टिशूस और कोशिकाओं,
● त्वचा और बालों की रक्षा के लिये
●परिवार के लिए सुरक्षित
सभी उम्र में लाभदायक।
● एंटी एजिंग।
*●●फायदे●●*
● जोड़ों के दर्द
● अकड़न
● जोड़ों की गतिहीनता
● सांस की बीमारियों में
● मुहांसे
● एक्जीमा
● सोरियासिस
● ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक
● मधुमेह में कारगर
● हाई बीपी और माइग्रेन
● गंजेपन और बालों की समस्यायें
● कब्ज, बदहजमी, दस्त आदि मेँ लाभदायक
● इम्यून सिस्टम को शक्तिशाली बनाये।
*नोनी की उपयोगिता-*
● गठिया
● जोड़ों की जकड़न
● अकड़न
● दमा-सांस समस्यायें
● त्वचा समस्यायें जैसे खाज, मुंहासे, सोरियासिस एवं रोसासिया।
● पाचन-कब्ज
● दर्द
● अनियमित माहवारी
● इम्पोटेंसी
● मधुमेह
● हाई बीपी
● लो बीपी
● सरदर्द (माइग्रेन)
● संक्रमण एवं वाइरल अटैक
नोनी 150+ पोषक तत्वों से भरपूर एक शक्तिशाली
एंटी-ऑक्सिडेंट आहार पूरक नोनी है।
हमारी स्वयं की बनाई हुई नोनी जूस का प्रयोग करें।
ऐसा फार्मूलेशन अभी तक भारत मे नहीं है जहां 10ml जूस में..
2000mg नोनी
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400ml ₹800/- और आपको मिलेगी मात्र ₹600/- में।
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*प्रोडक्ट कोड 1/10/KK*
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*_"हर उम्र के लिए"_*
*लेकिन क्यों..?*
*30 पार करते करते हवा, पानी और भोजन का प्रदूषण हमारे शरीर की इम्युनिटी को कमजोर करना शुरू कर देता है..*
*विशेषकर आज आज के माहौल की वजह से पूरी दुनियां एक अनजाने भय के बीच मे जी रही है।*
*पूरा विश्व एक ही बात पर जोर दे रहा है कि अपनी इम्युनिटी बढ़ाइये या अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाइये।*
*अभी तक कोई भी वैक्सीन नहीं बन पाई है लेकिन भारत एक प्राकृतिक धन संपदा सम्पन्न देश है जहां पर हर रोग का प्राकृतिक निदान पहले से ही हो रखा है।*
*अगर आप प्राकृतिक आपदा या कहर से बचना चाहते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं, हमारा अद्भुत जादुई काया कल्प चूर्ण पर्याप्त है क्योंकि...*
*_स्वस्थ रहना सबकी मूलभूत आवश्यकता है_*
*अगर आप डाक्टरों के चक्कर लगा लगा के परेशान हो चुके हैं तो एक बार ज़रूर पढ़ें फिर आजमा के देखें, आप मायूस नही होंगे..*
*जानिये ऐसा क्यूं होता है..?*
*क्योंकि हमारा शरीर, पंचतत्व...*
*✅ भूमि,*
*✅ गगन,*
*✅ वायु,*
*✅ अग्नि एवं*
*✅ जल के* *सामंजस्य एवं योग से निर्मित होकर काया कल्प चूर्ण शरीर के वात, पित्त और कफ को बैलेंस करके स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है।*
*घरल या घराट पद्धति से निर्मित चूर्ण, वो करिश्मा है जिसे आज नहीं तो कल लेना ही होगा, कारण एलोपैथी के साइड इफेक्ट। क्योंकि ये हमारी जरूरत भी है और समय की पुकार भी है।*
*😢काया कल्प चूर्ण😊*
*हज़ारों वर्ष पुराना नुस्खा आपकी जिंदगी की खुशियां दुबारा पा सकते हैं.!*
*लाख दवा की एक दवा,*
*थोड़ा जल्दी असर करने वाली,*
*हर मुश्किल का हमसफ़र,*
*जीवन वर्धक, रोग हर्ता, विघ्न विनाशक चमत्कारिक...*
*😢कायाकल्प चूर्ण😊*
*काया कल्प चूर्ण लेने से क्या होगा..??*
*रात को सोते समय एक छोटी चम्मच (सिर्फ 5 ग्राम) काया कल्प चूर्ण, हल्के गर्म पानी के साथ लेना है।*
*ये चूर्ण 10 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी ले सकता है।*
*रोज़ाना लेने से शरीर के कोने कोने में लगातार जम रही गंदगी और कचरा, मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी।*
*पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा।*
*हर प्रकार का ब्लोकेज खुल जायेगा।*
*चमड़ी की झुर्रियां अपने आप दूर हो जाएगी।*
*शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवान व सुंदर बन जायेगा।*
*अनिवार्य...*
*दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना है।*
*"काया कल्प चूर्ण के अद्भुत फायदे..."*
*1. गठिया तो दूर होगा ही साथ मे गठिया जैसे जिद्दी रोग भी दूर हो जाएंगे।*
*2. हड्डियां मजबूत होगी।*
*3. आंखों की रोशनी बढ़ेगी।*
*4. बालों का विकास होगा।*
*5. पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति मिलेगी।*
*6. शरीर में खून जवानों की तरह दौड़ने लगेगा।*
*7. कफ से मुक्ति मिलेगी।*
*8. हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी।*
*9. थकान जरा सी भी नहीं रहेगी, घोड़े की तरह दौड़ने लग जाएगें।*
*10. स्मरण शक्ति बढ़ेगी।*
*11. स्त्री का शरीर, शादी और बच्चों के बाद हुआ बेडोल की जगह स्लिम, ट्रिम और सुंदर बनेगा।*
*12. कानों का बहरापन दूर होगा।*
*13. पहले ली हुई एलोपैथी दवाओं के साईड इफेक्ट्स से मुक्त हो जायेंगें।*
*14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी।*
*15. शरीर की सभी खून की नलिकायें शुद्ध हो जाएगी।*
*16. दांत मजबूत बनेगें और इनेमल जींवत रहेगा।*
*17. नपुसंकता जड़ से दूर होगी।*
*18. डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है।*
*जरूरी जानकारी..*
*कायाकल्प चूर्ण का असर 30-40 दिन तक लेने के बाद दिखने लगेगा।*
*आपका जीवन... निरोग, आनंददायक, चिंता रहित, स्फूर्ति दायक और आयुष्यवर्धक बनेगा।*
*जीवन जीने योग्य बनेगा क्योंकि बुढ़ापा, बुढ़ापे की समस्याएं और टेंशन से दूर रहेगा।*
*पूरा कोर्स 3 महीने का*
*मात्रा 450 ग्राम*
*सेवा शुल्क ₹1500/-*
*ट्रायल पैक एक महीनें के लिए भी उपलब्ध है..*
*मात्रा 150 ग्राम*
*सेवा शुल्क ₹600/-*
*कोरियर सेवा मुफ्त और साथ में आजीवन निःशुल्क स्वास्थ्य सलाह।*
*पेट्रोल और डीज़ल के रेट बढ़ने से जड़ी बूटियों की कीमतें आसमान छू चुकी हैं और इन्हीं कारणों से इलाज़ महंगे होते जा रहे हैं।*
*काया कल्प चूर्ण मंगवाने के लिये SMS टेक्स्ट मेसेज के माध्यम से....*
*✅अपना नाम,*
*✅पूरा पता,*
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*टाइप साधारण SMS द्वारा टेक्स्ट मेसेज भेजने का कष्ट करें, व्हाट्सएप से बिल्कुल नहीं।*
*विशेष..*
*जानकारी के लिए या तो फोन करें या फिर एसएमएस (SMS) टेक्स्ट मेसेज*
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 *स्टेरॉइड, केमिकल एवं साइड इफेक्ट्स मुक्त...*
*जीवन अमृत कैप्सूल्स*  
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*(पुरुषों के लिए)*
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*सुखी दांपत्य जीवन का राज़ :-*
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*स्पेशल जीवन अमृत (पुरूषों के लिए)*
*शरीर की अन्य समस्याओं की तरह यौन संबंधी समस्याएं भी आम हैं।*
*_इन्हें छिपाने के बजाय इनका समाधान ढूंढ़ना चाहिए।_*
*किसी व्यक्ति के जीवन में यौन समस्याएं उसके असुखद व असंतोषजनक यौन अनुभव होने के बाद भी हो सकती हैं।*
*सामान्यत: जो पुरुषों में किसी भी तरह की कमजोरी नहीं हैं, उनका दांपत्य और सामाजिक जीवन हमेशा खुशहाल रहता है।*
*इसलिए किसी भी तरह की पौरुष कमजोरी पुरुषों में आत्मविश्वास की कमी का कारण बन सकती है।*
*पुरुषों में पाई जाने वाली इन कमजोरियो के कारण व्यक्ति हीनभावना, मानसिक तनाव (डिप्रेशन) का शिकार हो जाता है। ज्यादातर इसका परिणाम आत्महत्या, धोखा, डाइवोर्स, सामाजिक अवहेलना के स्वरुप मे सामने आता है।*
*यौन समस्या के मुख्य कारण:*
*→ हार्मोन्स एवं रक्त में टेस्टोस्टेरोन की कमी, हस्तमैथुन, भ्रामक यौन प्रदर्शन,*
*→ शीघ्रपतन, मांसपेशियों का कमजोर होना, यौन शक्ति में कमी,*
*→ इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी इंद्री की मांसपेशियों का शिथिल पड़ना,*
*→ धात रोग, स्वपन्दोष, वीर्य पतला होना, नसों की दुर्बलता या जकड़ना,*
*→ शरीर में सप्त धातुओं की कमी,*
*→ अनियमित रक्तचाप,*
*→ वीर्य में शुक्राणुओं (sperm) की कमी*
*→ धूम्रपान और अल्कोहल की वजह से कमजोरी आना,*
*→ अनियमित खानपान की वजह से शरीर में दुर्बलता आना,*
*→ दूषित या प्रदूषित वातावरण (Pollution) की वजह से धातुओं और शरीर का संतुलन बिगड़ना।*
*हमारी लाइफ स्टाइल का इस परेशानी से सीधा संबंध होता है।*
*यौन समस्या में हम कई बार दवाइयों की दुकान में मिलने वाली अंग्रेजी दवाइयों का प्रयोग कतरे हैं पर ये दवाइयां जब तक खाते हैं तब तक ही उनका फायदा मिलता हैं, अंग्रेजी दवाई यौन समस्या का जड़ से इलाज नहीं करती बल्कि शरीर में साइडइफेक्ट 100% करती है, जैसे की लीवर, किडनी, हृदय आदि को बिगाड़ना।*
*इनके बार बार सेवन सें आदी हो जाते हैं और बची हुइ यौन शक्ति को भी गँवा बैठते है।*
*हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति में सैकड़ो जड़ी बूटियों का वर्णन है जिनका सेवन करके हम किसी भी रोग को जड़ से मिटा सकते है।*
*धातु रोग/ हस्तमैथुन/ स्वप्नदोष/ शीघ्रपतन/ नपुंसकता/ मर्दाना कमजोरी जैसी समस्याओं से जड़ से छुटकारा पा सकते हैं।*
*इन जड़ी बूटियों में जैसे स्वर्ण भस्म, अश्वगंधा, शतावरी, शिलाजीत कौचा, मुसली, शुद्ध कौचा, अख्ख्ल हरो, गोखरू, वन्य भष्म, कर्पुर, अबरक भष्म,*
*इन सारी औषधियों का सही मिश्रण करके उनका सेवन किया जाय तो सभी यौन समस्याओं का जड़ से इलाज कर सकते हैं।*
*स्वर्ण भस्म, अश्वगंधा, शतावरी, मुसली और शुद्ध कौचा।*
*ये ऐसी महान औषधियां हैं जिनमे घोड़े (अश्व) जैसी ताकत का राज छिपा है।*
*इनमे शिलाजीत को तो भारतीय वियाग्रा भी कहा जाता है।*
*शतावरी और मुसली को यौन शक्ति का रामबाण माना गया है।*
*इन औषधियों में कुछ औषधियों को भस्म, कुछ सार तत्व / एक्सट्रैक्ट / extract और कुछ औषधियों को रस के रूप में ग्रहण करना होता है, जिसके सही उपयोग और मात्रा से ही समस्याओं का जड़ से इलाज हो सकता है।*
*हमारे आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सकों ने इन औषधियों पर आविष्कार करके हर एक औषधियों को सही मात्रा और योग्य स्वरुप में मिश्रित करके अत्यंत असरकार नुस्खों का निर्माण किया है!*
*आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य की यौन शक्ति को बाजी (घोड़े) की तरह ही बनाने कि प्रक्रिया ही सेक्स या यौन शक्ति को बढ़ाने वाली होती है।*
*जीवन अमृत का दिन में दो बार दूध के साथ सेवन करने के बाद पौरुष सम्बन्धित सभी सुखों को प्राप्त कर सकता है और इस समस्या का जड़ का हमेशा के लिये समाधान किया जा सकता है।*
*संभोग मात्र एक क्रिया ही नहीं है बल्कि इसके साथ हमारी बहुत सी भावनायें जुड़ी होती है।*
*यह एक ऐसी जटिल प्रक्रिया से संचालित होती है जिसका अंदाजा लगाना सरल नहीं है।*
*कभी-कभी लोग किसी तस्वीर को देखकर ही उत्तेजित हो जाते हैं और कभी कभी इससे बिल्कुल उलट इंद्री में उत्तेजना ही खत्म  हो जाती है जिसको नपुंसकता कहते हैं।*
*उतेजना संभोग पूरा हो जाने के बाद यानी (स्खलन) के बाद खत्म होना चाहिए।*
*जिन लोगों में यह दिक्कत पाई जाती है, वे चिड़चिड़े हो सकते हैं और उनका अपने पर से विश्वास भी कम हो जाता ही।*
*उन के मन मे एक तरह का डर बैठ जाता है और वह मानसिक रोगी बन जाता है और इस डर कारण ही सेक्स में हर बार नाकाम रहता है दिनों दिन उस रोगी की उदासी बढ़ती जाती है।*
*हम सब को पता है कि पुरुष की इंद्री में उतेजना पॉजिटव विचार और वीर्य की शक्ति से ही आती है।*
*अगर हमारा वीर्य शुद्ध और शक्तिशाली होगा तो हमे कभी भी इस तरह की समस्या का सामना नही करना पड़ेगा।*
*माना जाता है के पुरुषों में 45-50 या 55-60 और कभी कभी तो 35-40 साल के बाद ही हार्मोन्स की कमी के कारण उतेजना में कमी आने लगती है लेकिन कुछ लोग 70 साल के बाद भी उसी तरह से एक्टिव रहते हैं, उसका मुख्य कारण उनके शरीर मे हार्मोन टेस्टोस्टेरोन लेवल का भरपूर मात्रा में उपलब्ध रहना है।*
*उत्तेजना की कमी या नपुंसकता के कई कारण हो सकते है...*
*नशा, शुगर और तनाव से भी हमारी सेक्सुअल ज़िन्दगी पर बहुत असर पड़ता है। इससे भी धीरे धीरे उत्तेजना में कमी आने लगती है।*
*अगर आप को किसी भी कारण से उतेजना में कमी आ रही है या इंद्री में बिल्कुल भी तनाव या पहले जैसे उत्साह में कमी लग रही है तो आप एक बार जीवन अमृत का कोर्स जरूर ले कर देखे।*
*जीवन अमृत दो प्रकार की बनती है, एक स्त्री एवं पुरुष दोनों के लिये और दूसरा स्पेशल या स्ट्रांग, सिर्फ पुरुषों के लिये।*
*इस के इलावा यदि आप नीचे दी गईं किसी भी समस्या से परेशान है तो आप की समस्या का समाधान यही है।*
*(1). सहवास की इच्छा ही न होना।*
*(2). सहवास करते करते बीच में ही उत्तेजना समाप्त होकर लिंग का बिना वीर्य निकले ही ढीला पड़ जाना और पत्नी का असंतुष्ट रह जाना?*
*(3). यौन क्रिया शुरू करते ही वीर्य निकल जाना और पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े?*
*(4). एक बार यदि सहवास कर लिया तो कई कई दिनों तक इंद्री में सहवास करने लायक उत्तेजना का ही न आना।*
*(5). वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, वीर्य पानी की तरह पतला होना?*
*(6). संभोग के बाद भयंकर कमजोरी महसूस होना जैसे बरसों से बीमार हों?*
*(7). कठोरता का न आना और इच्छा होने पर भी थोड़ा सा उत्तेजित होकर पिलपिला बना रहना?*
*(8). जवानी शुरू होते ही हस्तमैथुन करके वीर्य का सत्यानाश करा और इंद्री को भी बीमार बना डाला है?*
*(9). संभोग के दौरान दम फूलने लगना जैसे अस्थमा का दौरा पड़ गया हो?*
*ऐसी तमाम समस्याएं हैं जिनके कारण वैवाहिक जीवन का सत्यानाश होता रहता है और कई बार तो साथी के कदम बहक जाने से परिवार तक टूट जाते हैं।*
*ऐसे में पति बाजारू दवाओं का सेवन करके या नीम हकीमों के चक्कर में अपनी मेहनत का पैसा लुटाते रहते हैं लेकिन ऐसी दवाओं से स्थायी समाधान हाथ नहीं आकर बस कुछ देर के लाभ का छलावा महसूस होता है।*
*ऐसे में चाहिये कि शरीर का भली प्रकार पोषण करके शक्ति प्रदान करने वाले उपचार आपके पास हों, न कि क्षणिक उत्तेजना देकर आँखों, किडनी व मस्तिष्क यानि दिमाग का नाश करे।*
*अगर अपने चेहरे पर सूरज जैसी चमक चाहते है तो एक बार जरूर परखे।*
*जीवन अमृत कैप्सूल के घटक...*
*➡️ सफेद मूसली*
*➡️ काली मूसली*
*➡️ सालम पंजा*
*➡️ सालम मिश्री*
*➡️ अश्वगंधा*
*➡️ परिस्कृत शिलाजीत शुद्व*
*➡️ अकरकरा*
*➡️ गोखरू*
*➡️ विदारी कंद*
*➡️ जावित्री*
*➡️ जायफल*
*➡️ कौंच बीज*
*➡️ बबूल गोंद*
*➡️ मोचरस*
*➡️ तालमखाना*
*➡️ लौंग*
*➡️ तुलसी बीज*
*➡️ लौह भस्म*
*➡️ अब्रक भस्म*
*➡️ स्वर्णमाक्षिक भस्म*
*विशेष :-*
*जीवन अमृत कैप्सूल शत प्रतिशत प्राकृतिक है और वियाग्रा जैसे परिणाम की अपेक्षा रखने वाले इसे कतई न मंगवायें लेकिन एक बात की गारंटी है कि परिणाम स्थाई मतलब परमानेंट होंगे जिसे आप एक सप्ताह में महसूस करना शुरू कर देंगे।*
*100% स्टेरॉइड मुक्त*
*कोर्स की अवधि- 33 दिन*
*कोर्स की कीमत- ₹3640/-*
*प्रोडक्ट कोड 5/10/JAC33*
मंगवाने के सिम्पल टेक्स्ट मेसेज के माध्यम से अपना..
नाम, पता, मोबाइल नम्बर और प्रोडक्ट का नाम भेजें।
*~व्हाट्सएप से बिल्कुल नहीं।~*
*निश्चिंत हो जाइये और बताइये कि....*
*क्या आप बहुत जल्दी थक जाते हैं.?*
*क्या आपका बीपी अचानक लो हो जाता है.?*
*वर्ष 2023 की खतरनाक गर्मी से सावधान..??*
*गर्मी नुकसान कर सकती है इसलिए सावधान...*
*लीजिये...*
*"नेचर्स ऊर्ज़ा (एनर्जाइज़र)"*
*एक त्वरित ऊर्जा सूत्र*
*जो मांसपेशियों की कोशिकाओं को रिचार्ज करने में मदद करता है,*
*थकान की सीमा में सुधार करता है,*
*शरीर की भड़काऊ प्रतिक्रिया को मजबूत करता है और*
*ऊर्जा का निर्माण करता है।*
*बीपी को नार्मल करता है।*
*हमारे अद्भुत "ऊर्ज़ा" एनर्जाइज़र फॉर्मूलेशन में अवयवों की भूमिका...*
*(1). स्टार्च मकई (डेक्सट्रोज और सुक्रोज)*
*डेक्सट्रोज क्या है?*
*डेक्सट्रोज स्टार्च से बनी एक साधारण चीनी है।*
*स्टार्च मकई, गेहूं, चावल और आलू सहित कई पौधों में पाया जाने वाला प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जटिल कार्बोहाइड्रेट है।*
*डेक्सट्रोज का सबसे आम स्रोत मकई स्टार्च है।*
*डेक्सट्रोज को डी-ग्लूकोज के नाम से भी जाना जाता है।*
*डेक्सट्रोज आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर काम करता है।*
*ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे ब्रेड, अनाज, आलू, फल, पास्ता और चावल।*
*ग्लूकोज ऊर्जा का एक स्रोत है, और आपके शरीर में सभी कोशिकाओं और अंगों को ठीक से काम करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है।*
*डेक्सट्रोज का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट कैलोरी प्रदान करने के लिए भी किया जाता है जो बीमारी, आघात या अन्य चिकित्सीय स्थिति के कारण नहीं खा सकता है।*
*यह कभी-कभी उन लोगों को दिया जाता है जो बहुत अधिक शराब पीने से बीमार हो जाते हैं।*
*आहार अनुपूरक*
*डेक्सट्रोज स्टार्च से बनी एक साधारण चीनी है।*
*स्टार्च मकई, गेहूं, चावल और आलू सहित कई पौधों में पाया जाने वाला प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जटिल कार्बोहाइड्रेट है।*
*डेक्सट्रोज का सबसे आम स्रोत मकई स्टार्च है।*
*डेक्सट्रोज, जब एक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है, या तो मुंह से (मौखिक रूप से) या इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है।*
*डेक्सट्रोज को डी-ग्लूकोज के नाम से भी जाना जाता है।*
*डेक्सट्रोज आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर काम करता है।*
*ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे ब्रेड, अनाज, आलू, फल, पास्ता और चावल।*
*ग्लूकोज ऊर्जा का एक स्रोत है, और आपके शरीर में सभी कोशिकाओं और अंगों को ठीक से काम करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है।*
*डेक्सट्रोज का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट कैलोरी प्रदान करने के लिए भी किया जाता है जो बीमारी, आघात या अन्य चिकित्सीय स्थिति के कारण नहीं खा सकता है।*
*यह कभी-कभी उन लोगों को भी दिया जाता है जो बहुत अधिक शराब पीने से बीमार हो जाते हैं।*
*डेक्सट्रोज का उपयोग हाइपरक्लेमिया (आपके रक्त में पोटेशियम के उच्च स्तर) के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।*
*चेतावनी*
*यदि आपको मकई से एलर्जी है, तो आपको डेक्सट्रोज से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है।*
*इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।*
*सुक्रोस खनिज लोहे का एक रूप है। आयरन विशेष रूप से रक्त में ऑक्सीजन के परिवहन के लिए शरीर में कई कार्यों लिए महत्वपूर्ण है।*
*आयरन सुक्रोस इंजेक्शन गुर्दे की बीमारी के साथ लोगों में लोहे की कमी से एनीमिया के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।*
*यह आमतौर पर लाल रक्त कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है।*
*3 बड़े चम्मच पूर्ण 15 ग्राम (लगभग) की एक खुराक कार्बोहाइड्रेट से 57.6 कैलोरी प्रदान करती है।*
*डेक्सट्रोज (स्टार्च मकई) आसानी से आत्मसात होकर घुल जाता है और थकान को दूर करने के लिए ऊर्जा का उत्सर्जन करता है।*
*सुक्रोज से फ्रुक्टोज और ग्लूकोज प्रत्येक का एक अणु प्राप्त होता है।*
*(2). जिंक सल्फेट*
*ज़िंक से शरीर को कई फायदे मिलते हैं।*
*जिंक की कमी होने पर इम्यूनिटी, थकान और वजन घटना शुरु हो जाता है।*
*जिंक जिसे हिंदी में जस्ता (Zinc) कहते हैं एक ऐसा खनिज या मिनरल है जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत (Strong Immunity) बनाता है।*
*हमारा शरीर जिंक नहीं बनाता इसके लिए हमें जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ (Foods For Zinc) या सप्लीमेंट का सेवन करना होता है।*
*दैनिक कार्यों को सुचारु रुप से करने के लिए जिंक जरूरी है।*
*जिंक से न सिर्फ शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करने (Blood Sugar Level), हार्ट को हेल्दी बनाने (Heart) और स्किन और हेयर का ख्याल रखने के लिए भी ज़िंक जरूरी है।*
*शरीर में डीएनए (DNA) के निर्माण में भी ज़िंक अहम होता है।*
*आप डाइट में ऐसी चीजों को शामिल कर सकते हैं जिससे ज़िंक की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है।*
*एक सर्विंग से 3.2 ग्राम एलिमेंटल जिंक मिलेगा, जो दैनिक आहार आवश्यकताओं का आधा है।*
*जिंक न्यूक्लोइक एसिड संश्लेषण घावों के उपचार और ऊर्जा के हस्तांतरण के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।*
*जिंक स्वाद संकाय में भी सुधार करता है और इस प्रकार स्वास्थ्य लाभ के दौरान भोजन की इच्छा को बढ़ाता है।*
*(3). एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन-सी)*
*एस्कॉर्बिक एसिड शुद्ध विटामिन सी है, जो शरीर के लिए फायदेमंद एक आवश्यक पोषक तत्व है।*
*यह त्वचा की मरम्मत और पोषण करने में मदद करता है।*
*यह त्वचा की मजबूती और एक एंटी-एजिंग है। स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखना और विकसित करना।*
*एक सर्विंग इस महत्वपूर्ण पानी में घुलनशील विटामिन का 15mg प्रदान करता है, जो दैनिक आहार एस्कॉर्बिक एसिड है जो तनाव और तनाव, वृद्धि और शरीर के गठन के खिलाफ समायोजित करने में मदद करता है और फागोसाइटोसिस में सुधार करता है जिससे संक्रमण के प्रतिरोध में वृद्धि होती है।*
*मात्रा 200 ग्राम*
*एमआरपी ₹275/-*
*लेकिन दो लेने पर एक एकदम फ्री*
*BUT 2 GET 1 FREE*
*कोरियर सेवा 100 रुपये पूरे भारत में*
*एक सर्विंग 15 ग्राम*
*दिन में एक या दो बार और जरूरत पड़ने पर कभी भी!*
*
: *विश्व के सर्वोत्तम आहार पूरकों में सर्वश्रेष्ठ व्हीटग्रास, जिसे आप ग्रीन ब्लड भी कह सकते हैं.!*
*जब गेहूं के बीज को अच्छी उपजाऊ जमीन में बोया जाता है तो कुछ ही दिनों में वह अंकुरित होकर बढ़ने लगता है और उसमें पत्तियां निकलने लगती है।*
*जब यह अंकुर पांच-छह पत्तों का हो जाता है तो अंकुरित बीज का यह भाग ज्वारा कहलाता है।*
*औषधीय विज्ञान में गेहूं का यह ज्वारा काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है।*
*व्हीटग्रास जूस, पाउडर या टैबलेट...*
*लेकिन सबसे उत्तम पाउडर क्योंकि उसमें मात्रा की गारंटी होती है..!*
क्या आप जानते हैं कि यह शक्ति है ??
हाँ.... इसमें सम्मिलित है...
 प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट,
 विटामिन ए,
 विटामिन सी,
 विटामिन ई,
 विटामिन के,
 थायमिन,
 राइबोफ्लेविन,
 नियासिन,
 विटामिन बी-6, विटामिन बी-12,
 पैंटोथैनिक एसिड,
 कैल्शियम,
 आयरन,
 मैग्नेशियम,
 फास्फोरस,
 पोटैशियम,
 जिंक,
 कॉपर,
 मैंगनीज,
 सेलेनियम और
 17 एमिनो एसिड।
व्हीटग्रास जूस गाजर के रस और अन्य फलों और सब्जियों की तुलना में एक बेहतर डिटॉक्सिफाईंग एजेंट है।
*व्हीटग्रास का उपयोग*
हीमोग्लोबिन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं में रासायनिक होता है जो ऑक्सीजन ले जाता है;
रक्त शर्करा विकारों में सुधार जैसे
 मधुमेह;
 दांतों की सड़न को रोकना;
 घाव भरने में सुधार तथा
 बैक्टीरिया के संक्रमण को रोकना।
व्हीटग्रास जूस में 70% तक क्लोरोफिल होता है जिसे ग्रीन ब्लड भी कहा जाता है जो एक महत्वपूर्ण ब्लड बिल्डर है।
तरल क्लोरोफिल  शरीर के अंदर इकट्ठा इस जमा टोक्सिन की सफाई करता है।
क्लोरोफिल शरीर में विषाक्त पदार्थों जैसे कैंसर को भी को बेअसर करता है।
क्लोरोफिल यकृत को शुद्ध करने में मदद करता है।
क्लोरोफिल रक्त शर्करा की समस्याओं में सुधार करता है।
व्हीटग्रास का रस शरीर के ऊतकों में जमा हुये सीसा, पारा, एल्यूमीनियम जैसे विषाक्त भारी धातुओं को हटाने में मदद करता है।
*सबसे बड़ी बात ये सर्वोत्तम भी है और सस्ता भी, एक महीने के लिए (सैशे में) सिर्फ ₹450/-*
*कोरियर चार्ज अलग*
*: *टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज में अंतर.!*
*ये क्या होता है और क्यों होता है.?*
*जानिये..!!!*
मधुमेह मुख्यतः अनियमित जीवनशैली, खानपान में अनियमितता, शारीरिक सक्रियता की कमी का परिणाम होता है, यह दो प्रकार का होता है, टाइप-1 और टाइप-2
*डायबिटीज दो प्रकार होता है - टाइप-1 और टाइप-2*
टाइप-1 डायबिटीज में इंसुलिन का बनना कम हो जाता है या फिर इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, और इसे काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है।
जबकि टाइप-2 डायबिटीज से प्रभावित लोगों का ब्लड शुगर का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसको नियंत्रण करना बहुत मुश्किल होता है।
टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज एक ही जैसा नहीं होता है, इन दोनों में बहुत अंतर होता है।
*टाइप-1 डायबिटीज*
इस प्रकार के डायबिटीज में पैन्क्रियाज की बीटा कोशिकाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं और इस तरह इंसुलिन का बनना सम्भव नहीं होता है।
यह जेनेटिक, ऑटो-इम्यून एवं कुछ वायरल संक्रमण के कारण होता है, इसके कारण ही बचपन में ही बीटा कोशिकाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं।
यह बीमारी सामान्यतया 12 से 25 साल से कम अवस्था में देखने को मिलती है।
स्वीडन और फिनलैण्ड में टाइप-1 डायबिटीज का प्रभाव अधिक है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में 1% से 2% मामलों में ही टाइप-1 डायबिटीज की समस्या होती है।
*टाइप-2 डायबिटीज*
टाइप-2 मधुमेह से ग्रस्त लोगों का ब्लड शुगर का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसको नियंत्रण करना बहुत मुश्किल होता है।
इस स्थिति में पीडि़त व्यक्ति को अधिक प्यास लगती है, बार-बार मूत्र लगना और लगातार भूख लगना जैसी समस्यायें होती हैं।
यह किसी को भी हो सकता है, लेकिन इसे बच्चों में अधिक देखा जाता है।
टाइप-2 मधुमेह में शरीर इंसुलिन का सही तरीके से प्रयोग नहीं कर पाता है।
*टाइप-1 किसे हो सकता है*
टाइप-1 मधुमेह किसी को भी बचपन में किसी भी समय हो सकता है, यहां तक कि अधिक उम्र या शैशव अवस्था में भी यह हो सकता है।
लेकिन टाइप-1 मधुमेह बीमारी आमतौर पर 6 से 18 साल से कम अवस्था में ही देखने को मिलती है।
यानी यह ऐसी बीमारी है जो बच्चों में होती है।
हालांकि मधुमेह के इस प्रकार से ग्रस्त लोगों की संख्या बहुत कम है, भारत में 1% से 2% लोगों में ही टाइप 1 डायबिटीज होती है।
*टाइप-2 किसे हो सकता है*
वर्तमान में व्यायाम के अभाव और फास्ट फूड के अधिक सेवन के कारण बच्चों में भी टाइप-2 डायबिटीज होने लगी है।
15 साल के नीचे के लोग, खासकर 12 या 13 साल के बच्चों में यह दिखाई दे रही है।
पुरुषों के मुकाबले यह महिलाओं में अधिक हो रही है।
यह बीमारी उन लोगों को अधिक होती है जिनका वजन अधिक होता है, सामान्यतया BMI index 32 से ज्यादा के लोगों में यह अधिक होती है। आनुवांशिक कारणों से भी यह हो सकता है।
*टाइप-1 के लक्षण*
टाइप-1 डायबिटीज में शुगर की मात्रा बढ़ने से मरीज को बार-बार पेशाब आता है, शरीर से अधिक तरल पदार्थ निकलने के कारण रोगी को को बहुत प्यास लगती है। इसके कारण शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है, रोगी कमजोरी महसूस करने लगता है, इसके अलावा दिल की धड़कन भी बहुत बढ़ जाती है।
*टाइप-2 के लक्षण*
इसके कारण शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से थकान, कम दिखना और सिर दर्द जैसी समस्या होती है। चूंकि शरीर से तरल पदार्थ अधिक मात्रा में निकलता है इसकी वजह से रोगी को अधिक प्यास लगती है। कोई चोट या घाव लगने पर वह जल्दी ठीक नहीं होता है। डायबिटिज के लगातार अधिक बने रहने का प्रभाव आंखों की रोशनी पर पड़ता है, इसके कारण डायबिटिक रेटिनोपैथी नामक बीमारी हो जाती है जिससे आंखों की रोशनी में कमी हो जाती है।
*मधुमेह से बचाव*
मधुमेह की रोकथाम के लिए इंसुलिन दिया जाता है।
इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन जो हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है।
इंसुलिन के जरिए ही रक्त कोशिकाओं को शुगर मिलती है, यानी इंसुलिन शरीर के अन्य भागों में शुगर पहुंचाने का काम करता है।
इंसुलिन द्वारा पहुंचाई गई शुगर से ही कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है।
अब आपको यह पता चलेगा कि मधुमेह रोग क्या होता है.!
अगर ठीक होना चाहते हैं तो सम्पर्क करें
स्वस्थ रहना है तो समझदार बनिये, स्वास्थ्य के प्रति सचेत एवं जागरूक बनिये.!*
*डायलिसिस में क्या होता है.?*
*क्या आप जानते हैं कि...*
*डाइलिसिस के दौरान,*
*खून को लाल वाली ट्यूब से बाहर निकाला जाता है,*
*फिर डायलिसिस मशीन से वो खून गुजरता है,*
*और फिर नीली ट्यूब से उसे वापस शरीर में डाला जाता है...*
*इस प्रक्रिया को पूरा होने में चार घंटे लगते हैं और मरीज़ बिस्तर पे इमोबाइल मतलब चल फिर नहीं सकता है.!*
*ये प्रक्रिया हफ़्ते में तीन बार होता है,*
*इसका मतलब एक महीने में 12 बार,*
*और हर बार ये चार घंटे लेता है,*
*इसका मतलब अढ़तालीस घंटे...*
*जो लोग किडनी के किसी रोग से त्रस्त नहीं हैं,*
*और जो स्वस्थ भी हैं,*
*उनके लिए उनकी किडनी ये काम बिना किसी परेशानी के दिन में छत्तीस बार करती है।*
*अगर आप इसे पढ़ रहे हैं तो...*
*शराब पीना छोड़िए,*
*प्रोसेस्ड फ़ूड ख़ाना छोड़िए,*
*जंकी फ़्राई ख़ाना छोड़िए,*
*अनावश्यक मीठा ख़ाना बंद कीजिए और*
*सबसे ज़्यादा जरूरी वाकिंग, जॉगिंग, जिमिंग, दौड़ना.!*
*मुझे लगता है ये सारे विकल्प आपके लिए काफ़ी सस्ते और आसान होंगे.!*
*आंखों के नीचे होने वाले डार्क सर्कल्स या काले धब्बों से कैसे बचें.?*
*जानिये इनका कुदरती उपचार...*
आंखों के नीचे काले धब्बे होना आम समस्या है।
अधिकांशतः ये कम सोने, अधिक थकान होने, कमजोरी अथवा किसी बीमारी के कारण होते है।
प्राय: नींद न आने की बीमारी के कारण होते हैं और उनकी आंखों पर डार्क सर्कल्स या काले धब्बे पड़ जाते है।
नींद लेना स्वास्थ्य के लिये आवश्यक है।
यदि आपको नींद नही आती, आप को थकावट रहती है तो रोज सुबह घर में ही एक्ससाइज करनी चाहिये।
आंखों की चारों तरफ की त्वचा बड़ी नाजुक होती है। इसलिये सौन्दर्य प्रसाधन लगाते समय बड़ी सावधानी बरतनी चाहिये।
सोने से पहले त्वचा को नमी देने वाली क्रीम या लोशन इस्तेमाल करनी चाहिये।
रूई के फोहे को आंखों के इर्द-गिर्द लगाएं।
आंखों के लिये बादाम क्रीम सबसे उपयुक्त होती है। इससे रंग भी साफ होता है और साथ ही त्वचा का पोषण होता है।
कोई भी सौन्दर्य-प्रसाधन  तत्व आंखों वाले क्षेत्र पर ज्यादा देर नहीं लगाना चाहिये।
चेहरे पर लगाया जाने वाला लेप आंखों के आसपास नहीं लगाना चाहिये।
आंखों पर खीरे का रस, आलू का रस तथा गुलाबजल को रूई के फोहे में भिगोकर आंखों पर रखना चाहिये।
अगर फिर भी समस्या बनी रहे तो सम्पर्क करें।
रोटी में लगाकर खायें,*
*देसी गाय के घी को,*
*मिलेंगे ये अद्भुत फायदे..*
*इम्यूनिटी होती है मजबूत...*
देसी घी में विटामिन-ए और विटामिन-ई पाया जाता है, इसलिए अगर आप रोजाना नियमित रूप से रोटी में देसी घी लगाकर खाते हैं, तो इससे इम्यूनिटी बूस्ट (Boost Immunity) होती है।
जिससे आप वायरस और बैक्टीरिया से सुरक्षित रह सकते हैं। 
*हड्डियों के लिए फायदेमंद...*
गाय का देसी घी कैल्शियम, विटामिन-डी और विटामिन-के से भरपूर होता है, इसलिए अगर आप रोजाना रोटी में देसी घी लगाकर सेवन करते हैं, तो इससे हड्डियां मजबूत होती है और हड्डियों से जुड़ी परेशानियां भी दूर होती है। 
*वजन होता है कंट्रोल...*
अगर आप रोटी में देसी घी लगाकर खाते हैं, तो यह वजन (Weight) को नियंत्रित करने में मदद करता है। क्योंकि देसी गाय का घी मेटाबॉलिज्म को सही रखने में मदद करता है।
साथ ही रोटी पर घी लगाने से रोटी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो जाता है, जिस वजह से भूख कम लगती है और वजन नियंत्रित रहता है। 
*हृदय के लिए फायदेमंद...*
रोटी में देसी घी लगाकर खाना हृदय (Heart) के लिए फायदेमंद होता है। 
क्योंकि देसी घी ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है और हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। 
*शरीर को मिलती है ऊर्जा...*
कमजोरी और सुस्ती महसूस होने पर अगर आप रोटी में देसी गाय का घी लगाकर खाते हैं, तो यह फायदेमंद होता है।
क्योंकि गाय के देसी घी में मौजूद तत्व शरीर को दिनभर एनर्जेटिक (Energetic) या ऊर्जावान रखने में मददगार साबित होते हैं। 
*स्किन / त्वचा के लिए फायदेमंद...*
रोटी में गाय का देसी घी लगाकर खाना स्किन / त्वचा के लिए फायदेमंद होता है।
क्योंकि गाय का देसी घी विटामिन-ई से भरपूर होता है, जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
साथ ही इसके सेवन त्वचा पर निखार आता है।
*फिर देर किस बात की और देसी गाय के घी के अलावा कुछ और क्यों सोंचना..??*
*हो जाइये शुरू..!!*
: *सावधान...... फ्रिज की आदत हमें कहीं से कहीं ले जायेगी...*
*अगर स्वस्थ रहना चाहते हैं तो भूलकर भी फ्रिज में न रखें ये चीजें,*
*अन्यथा हो सकते हैं कई नुकसान...*
खाने की कई ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें फ्रिज में रखने से उनकी न्यूट्रिशनल वैल्यू पर गलत असर पड़ता है..
भूलकर भी फ्रिज में न रखें ये 17 चीजें, हो सकते हैं कई नुकसान.!
हमारी आदत होती है कि हम कुछ भी सामान लाकर उसे फ्रेश रखने के लिए सीधे फ्रिज में रख देते हैं!
लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी ये आदत आप पर ही भारी पड़ सकती है? दरअसल कई ऐसी खाने की चीजें होती हैं जिन्हें फ्रिज में रखने से उनकी न्यूट्रिशनल वैल्यू पर गलत असर पड़ता है और इसी वजह से वह हेल्दी फूड भी आपके लिए नुकसान दायक बन सकता है.!
*यहां उन 17 आइटम की लिस्ट है जिन्हें फ्रिज से दूर रखना चाहिए!*
*इन्हें रूम टेंपरेचर पर रखना ही सही होता है:*
*जानिये उन 17 चीजों के बारे में...*
*(1)- टमाटर :*
अगर टमाटर को फ्रिज में रखा जाए तो वह अपना टैंगी फ्लेवर खो देता है. टमाटर को बेस्वाद और उसका टेक्सचर बदलने से बचाने के लिए उसे फ्रिज से दूर ही रखें!
*(2)- केला :*
केले को पकने के लिए रूम टेंपरेचर की जरूरत होती है. अगर आप केले को कच्चा ही रखना चाहते हैं तो उसे फ्रिज में रख सकते हैं!
एक्सपर्ट्स की सलाह होती है कि केले फ्रिज से बाहर किसी हवादार और सूखी जगह पर रखने चाहिए!
*(3)- एवोकैडो :*
इन्हें फ्रिज में रखने से इनके पकने की रफ्तार धीमी हो जाती है।
मतलब यह कि ये लंबे समय तक कच्चे ही रह जाते हैं।
वहीं अगर आप इन्हें इनके वास्तविक स्वाद में खाना चाहते हैं तो बाहर ही रखें और नैचुरली पकने दें।
*(4)- तरबूज :*
तरबूज को हमेशा ताजा ही खा लेना चाहिए। फ्रिज में रखने से इसके एंटिऑक्सिडेंट्स खत्म हो जाते हैं। अगर आप भी तरबूज काटकर फ्रिज में ठंडा कर खाने वालों में से हैं तो ऐसा कभी न करें।
*(5)- बैंगन :*
ये टेंपरेचर को लेकर काफी सेंसिटिव होते हैं। अगर इन्हें 10 डिग्री से कम तापमान पर रखा जाता है तो इनका टेक्सचर और फ्लेवर खराब हो सकता है। इन्हें दूसरी सब्जियों और फलों से दूर रूम टेंपरेचर पर ही स्टोर करना चाहिए।
*(6)- शहद :*
शहद फ्रिज में रखने से टाइट हो जाता है और आप इसे खा नहीं पाएंगे। शहद को लेकर कहा जाता है कि इसे सालों तक रखा जा सकता है और इसके लिए फ्रिज की भी जरूरत नहीं।
*(7)- लहसुन :*
यह फ्रिज के लिए बनी ही नहीं है।
ठंड की वजह से इसमें अंकुर निकल सकते हैं।
इसके अलावा यह रबर की तरह लचीली भी हो सकती है।
यह एक ऐसी चीज है जिसके लिए हवा का सर्कुलेशन बहुत जरूरी है।
*(8)- चॉकलेट :*
जब भी आप फ्रिज से चॉकलेट निकालते होंगे तो उस पर एक सफेद लेयर दिखती होगी। यह लेयर उस फैट की होती है जो चॉकलेट में नैचुरली मौजूद होता है। इसका सेहत पर तो कोई नुकसान नहीं होता लेकिन यह चॉकलेट का स्वाद बिगाड़ सकता है इसलिए चॉकलेट को स्टोर करने के लिए फ्रिज की जगह कोई और ऐसा कोना ढूंढें जहां रौशनी कम और थोड़ी ठंडक हो।
*(9)- आलू :*
इन्हें फ्रिज में रखने से इनमें मौजूद स्टार्च सड़ने लगता है। इस वजह से ये इनका स्वाद खराब हो सकता है।
इसके अलावा आलू को फ्रिज में रखने से पकाने के दौरान इसका रंग काला पड़ने लगता है।
*(10)- प्याज :*
इन्हें फ्रिज में रखने से ये मुलायम पड़ जाते हैं। अगर आप इन्हें लंबे समय तक चलाना चाहते हैं तो फ्रिज से दूर ही रखें।
*(11)- अंडे :*
अंडों को फ्रिज में रखने से इनके बाहरी शेल पर बैक्टीरिया बनने लगते हैं। इस वजह से ये खाने लायक नहीं बचते इसलिए अंडों को रूम टेंपरेचर पर रखने की सलाह दी जाती है 
*(12)- स्ट्रॉबेरी :*
फ्रिज में रखने की वजह से स्ट्रॉबेरी की मिठास खत्म हो जाती है। अगर आप इनका असल स्वाद चखना चाहते हैं तो इन्हें खरीदें और धोकर तुरंत ही खा लें।
*(13)- आड़ू :*
इसे भी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे उनकी न्यूट्रिएंट्स खत्म हो जाते हैं। अगर आप इन्हें बाहर रखते हैं तो बेहतर तरीके से पक कर अपने नैचुरल स्वाद में रहते हैं।
*(14)- ब्रेड :*
कम टेंपरेचर खाने की कई चीजों को सुखा सकता है। ऐसा ही असर ब्रेड पर होता है। अगर आप ब्रेड फ्रिज में रखते हैं यह सूख सकती हैं।
*(15)- पीनट बटर :*
पीनट बटर को फ्रिज में नहीं रखना चाहिए। क्योंकि इससे वह सूख जाता है और इसकी क्रीमी टेक्सचर खराब हो जाता है। मतलब ये कि आप इसे आसानी से ब्रेड पर नहीं लगा पाएंगे।
*(16)- टोमेटो सॉस :*
सॉस में अपने-आप ही बहुत से प्रेजर्वेटिव होते हैं जो इसे जल्दी खराब होने से बचाते हैं।
मतलब ये कि आपको इन्हें फ्रिज में रखने की जरूरत नहीं है।
*(17)- संतरे :*
सिट्रस फ्रूट्स यानी नींबू, संतरा, किन्नू जैसे फ्रूट्स को फ्रिज में नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये एसेडिक होते हैं और ठंडा टेंपरेचर इन्हें खराब कर सकता है।
*संतरे खाएं तो छिलके न फेंके क्योंकि ये कई रोगों की ये जबरदस्त दवा भी है...*
जब हम संतरे को खाते हैं तो सामान्यत: हम उसके छिलके को फेंक देते हैं या उसके छिलके का उपयोग एक दूसरे की आंखों में डालने व रुलाने के लिए मस्ती में करते हैं जो एक तरह से एक उपयोगी चीज का नुकसान करना ही कहलाएगा।
जी हां आपको ये सुनकर आश्चर्य जरूर हो रहा होगा लेकिन यह सच है।
संतरे का छिलका इतना उपयोगी है कि जब इसके गुण जान जाएंगे तो कभी इसके छिलके फेंकना नहीं चाहेंगे।
*बालों को खूबसूरत बनाता है...*
अगर आपके बाल एकदम रफ और बेजान दिखाई देते हैं तो संतरे के छिलके आपके लिए वरदान साबित हो सकते हैं। संतरे के छिलकों को पीसकर बालों में लगाकर कुछ देर रखें और फिर बाल धो लें। बाल चमकीले और मुलायम हो जाएंगे। संतरे के छिलकों को पीस कर उसमे गुलाब जल मिलाकर चहरे पर लगाने से दाग व धब्बे मिटते हैं।
*स्किन को ग्लोइंग बनाते हैं...*
संतरे के छिलके में क्लीजिंग, एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो कि पिंपल और एक्ने से लडऩे में सहायक होते हैं। संतरे के छिलके को सुखाकर पीसकर उसे दही मिलाकर स्किन पर लगाने से स्किन ग्लोइंग व स्मूथ बनती है। संतरे के छिलकों को बेसन में मिलाकर लगाना ऑइली स्किन वालों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है और पिंपल्स को खत्म कर देता है।
*कोलेस्टॉल के रोगियों के लिए फायदेमंद है...*
एक अध्ययन के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को कोलेस्ट्रॉल की प्रॉब्लम हो तो ऐसे में संतरे के छिलके उपयोगी साबित हो सकते हैं। संतरे के छिलको में ऐसा गुण पाया जाता है जिससे उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर है जो मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों को फायदा हो सकता है। साथ ही ये कैंसर व हड्डियों की कमजोरी जैसी समस्याओं में भी विशेष रूप से लाभदायक है।
*पाचन शक्ति बढ़ाता है...*
इसके छिलके में पाचनशक्ति बढ़ाने की क्षमता होती है। यह पाचन में सुधार, गैस, उल्टी, हार्ट बर्न और अम्लीय डकार को दूर करने में मदद करता है। यह भूख बढाता है और मतली से राहत दिलाने का काम करता है साथ ही संतरे का छिलका कृमि का नाश करने वाला व बुखार को मिटाने वाला भी होता है। इसलिए इन सभी रोगों के रोगियों को संतरे का छिलका पीसकर खिलाने पर फायदा होता है।
*अनिद्रा की समस्या को दूर करता है...*
नारंगी के छिलके में एक विशेष प्रकार की गंध वाला तेल पाया जाता है। जी हां नारंगी के छिलके में एक विशेष प्रकार की गंध वाला तेल पाया जाता है। इस तेल का उपयोग तंत्रिकाओं को शांत करने व गहरी नींद के लिए किया जाता है। नहाने के पानी में इसका दो से तीन बूंद तेल डालिए और फिर देखिए कितनी मीठी नींद आती है।
: *कुछ जीवनोपयोगी बातें, जिनसे आप स्वस्थ एवं उन्मुक्त जीवन का आनंद ले सकते हैं।*
*जानिये वो 26 फल और सब्जियां...*
🌹🌹🌹🌹🌹
*(1)- केला:*
ब्लडप्रेशर नियंत्रित करता है, हड्डियों को मजबूत बनाता है, हृदय की सुरक्षा करता है, अतिसार में लाभदायक है, खांसी में हितकारी है।
*(2)- जामुन:*
केन्सर की रोक थाम, हृदय की सुरक्षा, कब्ज मिटाता है, स्मरण शक्ति बढाता है, रक्त शर्करा नियंत्रित करता है।डायबीटीज में अति लाभदायक।
*(3)- सेब फ़ल:*
हृदय की सुरक्षा करता है, दस्त रोकता है, कब्ज में फ़ायदेमंद है, फ़ेफ़डे की शक्ति बढाता है।
*(4)- चुकंदर:-*
वजन घटाता है, ब्लडप्रेशर नियंत्रित करता है, अस्थिक्षरण रोकता है, केंसर के विरुद्ध लडता है,हृदय की सुरक्षा करता है।
*(5)- पत्ता गोभी:*
बवासीर में हितकारी है, हृदय रोगों में लाभदायक है, कब्ज मिटाता है, वजन घटाने  में सहायक है। केंसर में फ़ायदेमंद है।
*(6)- गाजर:-*
नेत्र ज्योति वर्धक है, केंसर प्रतिरोधक है, वजन घटाने मेँ सहायक है, कब्ज मिटाता है, हृदय की सुरक्षा करता है।
*(7)- फ़ूल गोभी:-*
हड्डियों को मजबूत बनाता है, स्तन केंसर से बचाव करता है, प्रोस्टेट ग्रंथि के केंसर में भी उपयोगी है, चोंट, खरोंच ठीक करता है।
*(8)- लहसुन:*
कोलेस्टरोल घटाती है, रक्त चाप घटाती है, कीटाणुनाशक है, केंसर से लडती है.! 
*(9)- नींबू:*
त्वचा को मुलायम बनाता है, केंसर अवरोधक है, हृदय की सुरक्षा करता है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है, स्कर्वी रोग नाशक है।
*(10)- अंगूर:*
रक्त प्रवाह वर्धक है, हृदय की सुरक्षा करता है, केंसर से लडता है, गुर्दे की पथरी नष्ट करता है, नेत्र ज्योति वर्धक है।
*(11)- आम:*
केंसर से बचाव करता है, थायराईड रोग में हितकारी है, पाचन शक्ति बढाता है, याददाश्त की कमजोरी में हितकर है।
*(12)- प्याज:*
फ़ंगस रोधी गुण हैं, हार्ट अटेक की रिस्क को कम करता है। जीवाणु नाशक है, केंसर विरोधी है, खराब कोलेस्टरोल को घटाता है।
*(14)- अलसी के बीज:*
मानसिक शक्ति वर्धक है, रोग प्रतिकारक शक्ति को ताकत देता है, डायबीटीज में उपकारी है, हृदय की सुरक्षा करता है, पाचन शक्ति को ठीक करता है।
*(15)- संतरा:*
हृदय की सुरक्षा करता है, रोग प्रतिकारक शक्ति उन्नत करता है, श्वसन पथ के विकारों में लाभकारी है, केंसर में हितकारी है.!
*(16)- टमाटर:*
कोलेस्टरोल कम करता है, प्रोस्टेट ग्रंथि के स्वास्थ्य के लिये उपकारी है, केंसर से बचाव करता है, हृदय की सुरक्षा।
*(17)- पानी:*
गुर्दे की पथरी नाशक है, वजन  घटाने में सहायक है, केसर के विरुद्ध लडता है, त्वचा के चमक बढाता है।
*(18)- अखरोट:*
मूड उन्नत करन में सहायक है, मेमोरी  पावर बढाता है, केंसर से लड सकता है, हृदय रोगों से बचाव करता है, कोलेस्टरोल घटाने मं मददगार है।
*(19)- तरबूज:*
स्ट्रोक रोकने में उपयोगी है, प्रोस्टेट के स्वास्थ्य के लियेओ हितकारी है, रक्तचाप घटाता है, वजन कम करने में सहायक है।
*(20)- अंकुरित गेहूं:*
बडी आंत की केंसर से लडता है, कब्ज प्रतिकारक है, स्ट्रोक से रक्षा करता है, कोलेस्टरोल कम करता है, पाचन सुधारता है।
*(21)- चावल:*
किडनी स्टोन में हितकारी है, डायबीटीज में लाभदायक है,स्ट्रोक से बचाव करता है, केंसर से लडता है, हृदय की सुरक्षा करता है।
*(22)- आलू बुखारा:*
हृदय रोगों से बचाव करता है, बुढापा जल्द आने से रोकता है, याददाश्त बढाता है, कोलेस्टरोल घटाता है, कब्ज प्रतिकारक है।
*(23)- पाईनएपल/ अनानास:*
अतिसार (दस्त) रोकता है, वार्ट्स (मस्से) ठीक करता है, सर्दी, ठंड से बचाव करता है, अस्थिक्षरण रोकता है। पाचन सुधारता है।
*(24)- जौ, जई:*
कोलेस्टरोल घटाता है, केंसर से लडता है, डायबीटीज में उपकारी है, कब्ज प्रतिकारक् है, त्वचा पर शाईनिंग लाता है।
*(25)- अंजीर:*
रक्त चाप नियंत्रित करता है, स्ट्रोक्स से बचाता है, कोलेस्टरोल कम करता है, केंसर से लडता है,वजन घटाने में सहायक है।
*(26)- शकरकंद:*
आंखों की रोशनी बढाता है,मूड उन्नत करता है, हड्डियां बलवान बनाता है, केंसर से लडता है ।
नेचुरोपैथ कौशल
*कैंसर का अविश्वसनीय, शक्तिशाली, कुदरती, गारंटेड इलाज़...*
*अगर आपके आसपास या किसी भी परिचित या अपरिचित किसी भी प्रकार के केंसर से पीड़ित हो तो....*
*मानव सेवा के नाते..*
*आप उस मरीज के घर पर जायें और उसके परिवार या खुद मरीज को समझायें कि उसकी जो भी दवायें केंसर के लिये चल रही हैँ उन्हें चलने दे और वह उनके साथ साथ शीशम के पेड़ के पत्तों का काढ़ा भी दस से पंद्रह दिनों तक लें या लगातार लेते रहें फिर उसके बाद शीशम के 20-25 पत्ते को चबाना हर रोज शुरू कर दे।*
*देखते देखते ही आपको केंसर के मरीज के अंदर शानदार बदलाव दिखने लगेंगे और ये बीमारी खत्म भी हो जायगी।*
आपका और मेरा छोटासा प्रचार या सहयोग किसी के भी परिवार मे  वापिस खुशियां ला सकता है।
*इसके बाद भी प्रकृति ने अनेकों उपाय दे रखे हैं, अतः सम्पर्क कर सकते हैं बिल्कुल कुदरती उपचार के लिए...*
*क्योंकि कैंसर को नोनी जूस एवं व्हीटग्रास के माध्यम से जड़ से भगाने का प्रयास किया जा सकता है।*
 *डेंगू को 48 घंटे मे समाप्त करने की क्षमता रखने वाली शानदार, दमदार दवा।*
*योग्य होमियोपैथी पद्धति के एक्सपर्ट द्वारा रिकमेंडेड..*
*कृपया इस संदेश को अधिक से अधिक लोगो तक भेजें।*
*महत्वपूर्ण सूचना:-*  
यदि किसी को डेगूँ या साधारण बुखार के कारण प्लेटलेट्स कम हो गयी है तो होमोपेथिक दवा
*EUPATORIUM PERFOIAM 200*
liquid dilution homeopathic medicine.
*इसकी 5 बूँदें प्रत्येक 2-2 घँटें में साधारण पानी में ड़ाल कर मात्र 2 दिन पिलायें।*
बहुत सस्ती दवा है, विश्वास रखना।
हमारे पास स्वास्थ्य संसाधन अस्त व्यस्त हो गये हैं इसलिये हमें अपने और अपनों को इस आपदा से बचाना होगा।
साभार
नेचुरोपैथ कौशल
*9896076323*
9215522667
 
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