विश्व का सबसे खतरनाक डरावना और अद्भुत प्राणी सर्प डॉ दिलीप कुमार सिंह
सांप अथवा सर्प दुनिया का सबसे भयंकर खतरनाक और विस्मयकारी जीव है जो मच्छर मक्खी और खटमल की तरह पूरी दुनिया में जल थल नभ पहाड़ बर्फ चट्टान रेगिस्तान और हर जगह विद्यमान है दुनिया में सांपों की हजारों प्रजातियों में मुश्किल से 20% सांप विषैले होते हैं और केवल 10% ऐसे सांप होते हैं जिनके काटने से मनुष्यों की मृत्यु हो जाती है वैसे सांपों में नाग फेटार करैत और घोड़करेत वाइपर टाइपेन ब्लैक मांबा डायमंड वाइपर रैटल कोरल समुद्री सांप डायमंड जैसे सांप प्रमुख हैं सभी सांप भगवान शिव के हलाहल विष की बूंदे गिरने से जहर पीकर विषैले हुए थे
सांप बहुत ही डरपोक और रक्षात्मक जीव होते हैं और मनुष्यों को तभी काटते हैं जब इनके सामने कोई विकल्प न बचता हो केवल करेंत और मुंबा सांप इसके अपवाद हैं जो बिना कारण के भी चोरी से अथवा खदेड़ कर काट लेते हैं सबसे खतरनाक विष आस्ट्रेलिया के टाइपेन साप का माना जाता है दुनिया का सबसे बड़ा और जहरीला सांप शेषनाग प्रजाति का नाग होता है जो 10 मीटर तक लंबा होता है और इसमें जहर की इतनी अधिक मात्रा होती है जिसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती लेकिन नाग अर्थात किंग कोबरा की प्रजातियां जल्दी काटती नहीं और दिन के समय चेतावनी देकर ही काटते हैं
जबकि करेंत और घोडकरेत तो तथा ब्लैक मांबा रात में भी चुपके से बिना चेतावनी के काट लेते हैं आषाढ़ सावन भादो 3 महीने सभी विषैले सांप अत्यधिक उग्र और उत्तेजित हो जाते हैं क्योंकि यह इनके प्रजनन गर्भधारण का समय होता है इसीलिए भारत में सांपों की पूजा सावन में की जाती है तक्षक काली नाग शेषनाग वासुकि अश्वसेन शंख कर्कोटक जैसे परम विख्यात नाग भारतीय इतिहास में अमर हैं
सांप ज्यादातर मांसाहारी होते हैं और रात में छिपकर चूहे छिपकली आदि का शिकार करते हैं इसलिए व्यक्ति को अंधेरी और नम जगहों में अंधेरे में या बिल में कभी नहीं डालना चाहिए जूते चप्पल लेकर टॉर्च की रोशनी में ही और हाथ में लाठी लेकर चलना चाहिए लाठी की आवाज सुनकर सांप भाग जाते हैं सांप हमेशा जमीन से आने वाली तरंगों की आवाज ही सुनता है बीन बजाता हुआ सांप आवाज सुनकर नहीं बीन के हिलने-डुलने से आकर्षित होकर उसी के अनुसार झूमता है अगर देखा जाए तो सांप मानव के लिए सबसे उपयोगी है क्योंकि यह वातावरण का पूरा ज़हर खींचकर पूरे वातावरण को साफ सुथरा और विषमुक्त करते रहते हैं ऐसा माना जाता है कि जिस का काल आ जाता है या जिसकी मृत्यु होनी होती है सांप उसी को काटते हैं
सांप और नाग के वंश भी रहे हैं अर्जुन का विवाह नागकन्या उलूपी से हुआ था मंदोदरी नागकन्या ही थी नाग कन्याओं और विष कन्याओं की कहानियां प्रसिद्ध हैं वेद पुराण महाभारत रामायण जातक कथाओं पंचतंत्र में भी नाग की कहानियां प्रसिद्ध हैं जिन पर अनेक प्रसिद्ध फिल्में भी बन चुकी हैं और सचमुच यह नागकन्या होती भी हैं और मैंने खुद उन्हें देखा है हैं नाग और सर्प जातियां हर परिस्थितियों में अपने को बखूबी अच्छी तरह डाल लेती हैं सांप के पर नहीं होते हैं और ध्वनि तरंगों की सहायता से ही सुनता है
सांप के काटने पर क्या करें कभी भी सांप काट ले तो आदमी को धैर्य नहीं खोना चाहिए और न घबराना चाहिए न दौड़ना चाहिए और न सोना चाहिए क्योंकि घबराने पर भयभीत होने पर दौड़ने पर और सो जाने पर सांपों का विष कई गुना तेजी से काम करता है अगर संभव हो तो तुरंत किसी धारदार हथियार से सांप के काटे गया स्थान पर चीरा लगाकर अधिक से अधिक खून चूस कर थूक दे और उसके ऊपर एक धागा या डोरी से कस कर बांध दें और जितनी जल्दी संभव हो सके सरकारी अस्पतालों में ले जाएं लेकिन बहुत बार ऐसा करना संभव नहीं होता यह समय बहुत कम होता है
ऐसी स्थितियों के लिए आप होमियोपैथिक की प्रसिद्ध नाजा नाम की दवा हर घर में अवश्य रखें जिसको बूंद-बूंद कर जीव में डालने से सौ प्रतिशत चमत्कारिक लाभ होता है अगर वह भी उपलब्ध ना हो तो घी और कालीमिर्च पीसकर रोगी को खूब पिलाएं और सोने न दे अथवा अन्य तमाम उपचार भी कर सकते हैं अगर कुछ भी व्यवस्था ना मिले तो झाड़ फूंक करने से भी परहेज नहीं करना चाहिए क्योंकि सांप काटने पर सबसे अधिक मनोवैज्ञानिक रूप से सहारा मिलना चाहिए और यह काम झाड़-फूंक कर देती है
ै वैसे भी 80 90% सांप विषैले नहीं होते ज्यादातर मौत सांप के काटने के दहशत अथवा भयंकर भय के कारण होते हैं व्यक्ति अपने आप ही हार मान लेता है और 20% विषैले सांप भी हमेशा इस तरह नहीं काटते कि व्यक्ति मर ही जाए केवल 10% मामलों में सांप इतना अधिक जेहर उगलते हैं कि व्यक्ति मर सकता है विश्व में लाखों लोग प्रतिवर्ष सांप काटने से मरते हैं लेकिन भारत में और अफ्रीका में सांपों के काटे जाने से सर्वाधिक मौतें होती हैं
बरसात और गर्मी में जहां तक हो सके कमरों में उजाला रखना चाहिए और मिट्टी का तेल सप्ताह में एक बार अवश्य छिड़क देना चाहिए मिट्टी का तेल फव्वारों के रूप में घर-घर में छिड़क देने से मक्खी मच्छर खटमल के साथ सारे विषैले जीव और सांप भी या तो मर जाते हैं अथवा भाग जाते हैं इसके अलावा भी तमाम ऐसे उपाय हैं और ऐसी जड़ी बूटियां हैं जिनको हमें आप को जानना चाहिए और जिसके जानने से लाखों लोगों में 90% लोगों की जान बच सकती है अश्वगंधा और सर्पबूटी लगाने से सांप भाग जाते हैं
ं सर्प भगवान शिव के गले के आभूषण हैं और जहां तक संभव हो बिना कारण के सांपों को मारना नहीं चाहिए मित्रों यह कुछ पूर्ण प्रमाणिक वैज्ञानिक जानकारियां हमने अपने प्रसिद्ध प्रमाणिक लेख में दिया है भगवान शिव के अलावा भगवान विष्णु की शेषनाग की सैया पर ही शिव सागर में लेते हुए जो भारत में सर्वप्रथम के महत्व को दिखाता है
ं जिस तरह मछुआरे मछली पकड़ने में और जंगली जाना जाती है पैरों पर चढ़ने में पारंगत होती है इस तरह भारत में कुछ प्रजातियां जो सांप और नागों के बीच रहती थी वह सांप पकड़ने में सांपों का मिस उतारने में पारंगत थी और इन्हें उन हर जड़ी बूटियां का ज्ञान था जिसके द्वारा भयंकर से भयंकर सांपों के बीच का इलाज किया जा सकता था महाभारत में जब सम्राट परीक्षित को महा भयंकर तक्षक सपना काट लिया था तब कश्यप नाम का एक महान सर्प विश्व का उपचार करने वाला व्यक्ति उन्हें जिलाने के लिए आ रहा था मार्ग में तक्षक में परीक्षा लेने के लिए एक बहुत बड़े पेड़ में काट लिया जो तुरंत ही काला होकर सूख गया लेकिन अद्वितीय सर्प वैज्ञानिक कश्यप ने तत्काल अपने मंत्र शक्ति और जड़ी बूटियां से उसे पेड़ को हरा भरा कर दिया इससे डर कर तक्षक ने उसको बहुत अधिक मात्रा में सोने चांदी की मुद्राएं देखकर वापस भेज दिया था
यही हाल महाभारत के युद्ध में हुआ जब अश्व से नाम के महा भयंकर नाग ने अर्जुन को करने के लिए उसे पर आक्रमण किया लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कुशलता से उसे बचा लिया और अश्वशाला में सोने के मुकुट में जैसे ही काटा वैसे ही वह मुकुट बिल्कुल काला पड़ गया था अभी भी सांप की प्रजातियां और उसके बीच तथा अन्य विशेषताओं का अनुसंधान जारी है डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह
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