[8/16, 11:11 PM] +91 99365 56921: STOCK MARKET UPDATE :
टॉप-10 कंपनियों में 5 की वैल्यू ₹60,677 करोड़ बढ़ी, SBI सबसे आगे
मुंबई। देश के शेयर बाजार में पिछले हफ्ते तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स 740 अंक चढ़कर बंद हुआ, जिसका सीधा असर टॉप-10 कंपनियों की मार्केट कैप पर पड़ा। इनमें से 5 कंपनियों की वैल्यू मिलाकर ₹60,677 करोड़ बढ़ गई।
सबसे ज्यादा फायदा SBI को
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का मार्केट कैप सबसे ज्यादा बढ़ा।
SBI की वैल्यू हफ्तेभर में ₹20,446 करोड़ बढ़कर ₹8.64 लाख करोड़ पर पहुंच गई।
किन कंपनियों को फायदा हुआ
1. SBI – ₹20,446 करोड़ की बढ़त
2. HDFC बैंक
3. ICICI बैंक
4. भारती एयरटेल
5. LIC
इन पांच कंपनियों ने मिलकर ₹60,677 करोड़ का इजाफा किया।
बाकी कंपनियों को नुकसान
रिलायंस इंडस्ट्रीज, TCS, इंफोसिस, ITC और हिंदुस्तान यूनिलीवर के मार्केट कैप में गिरावट आई।
बाजार का हाल
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में हफ्तेभर तेजी बनी रही।
विदेशी निवेश और बैंकों के मजबूत नतीजों से बाजार को सपोर्ट मिला।
कुल मिलाकर, बैंकिंग और टेलीकॉम सेक्टर की कंपनियों ने पिछले हफ्ते निवेशकों को बड़ा मुनाफा दिलाया।
[8/16, 11:11 PM] +91 99365 56921: ट्रम्प का बड़ा बयान: रूस से तेल लेने वाले देशों पर कोई प्रतिबंध नहीं
वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक अहम बयान देते हुए कहा है कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। ट्रम्प के इस बयान ने वैश्विक स्तर पर ऊर्जा बाजार और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर नई चर्चा छेड़ दी है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी नीतियों के तहत अब इस तरह की पाबंदियां नहीं लगाएगा। हालांकि, ट्रम्प ने यह भी साफ किया कि भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ की वजह से रूस को एक बड़ा ग्राहक खोना पड़ा है। रूस के लिए भारत तेल खरीद में सबसे महत्वपूर्ण देशों में से एक रहा है, लेकिन अतिरिक्त शुल्क की वजह से व्यापार प्रभावित हुआ है।
ट्रम्प के इस बयान को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में हलचल मच गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता तो इसका सीधा असर वैश्विक तेल कीमतों और सप्लाई चेन पर पड़ेगा।
भारत की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए यह फैसला अहम माना जा रहा है। हालांकि, अमेरिका और यूरोपीय देशों की मौजूदा नीतियों से यह साफ है कि रूस पर दबाव बनाने की रणनीति जारी रहेगी।
इस बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि ट्रम्प अगर भविष्य में सत्ता में लौटते हैं तो वे ऊर्जा और व्यापार के मुद्दों पर मौजूदा अमेरिकी नीतियों से अलग रास्ता अपना सकते हैं।
[8/16, 11:12 PM] +91 99365 56921: भारत विभाजन पर NCERT का नया कंटेंट: कांग्रेस, जिन्ना और माउंटबेटन को ठहराया जिम्मेदार
नई दिल्ली। NCERT (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) ने भारत विभाजन को लेकर नया कंटेंट जारी किया है, जिसमें कांग्रेस, मोहम्मद अली जिन्ना और लॉर्ड माउंटबेटन को जिम्मेदार बताया गया है। हालांकि, यह नया कंटेंट रेगुलर सिलेबस का हिस्सा नहीं होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए अध्याय में कहा गया है कि भारत का विभाजन केवल हिंदू-मुस्लिम के बीच टकराव का नतीजा नहीं था, बल्कि इसमें कांग्रेस नेताओं के फैसले, जिन्ना की जिद और माउंटबेटन की जल्दबाजी अहम कारण बने। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि विभाजन ने देश को गहरे जख्म दिए, जिनके असर आज भी समाज में देखे जा सकते हैं।
NCERT अधिकारियों का कहना है कि यह कंटेंट रेफरेंस मैटेरियल के तौर पर तैयार किया गया है, जिससे छात्र स्वतंत्रता आंदोलन और विभाजन की वास्तविकताओं को और गहराई से समझ सकें। यह पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा नहीं होगा, लेकिन शिक्षक और छात्र चाहें तो इसका अध्ययन कर सकते हैं।
कांग्रेस की ओर से इस बदलाव पर आपत्ति जताई जा रही है, जबकि कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह प्रयास घटनाओं की विस्तृत और वस्तुनिष्ठ समझ देने की दिशा में उपयोगी साबित हो सकता है।
इस नए कंटेंट के सामने आने के बाद शिक्षा और राजनीति दोनों ही हलकों में बहस तेज हो गई है।
[8/16, 11:13 PM] +91 99365 56921: *₹0 से 1 करोड़ तक पहुंचा बिटकॉइन – रहस्यमयी सफर और गुमनाम निर्माता की कहानी*
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन आज अपनी कीमत से लेकर रहस्यमयी इतिहास तक चर्चा में है। कभी शून्य से शुरुआत करने वाला यह डिजिटल कॉइन अब 1 करोड़ रुपए के पार पहुंच चुका है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसे किसने बनाया और वह क्यों गुमनाम है?
बिटकॉइन की शुरुआत
बिटकॉइन को 2008 में "सतोशी नाकामोतो" (Satoshi Nakamoto) नाम से एक शख्स या समूह ने बनाया। हालांकि, आज तक किसी को नहीं पता कि यह असली इंसान हैं, किसी टीम का नाम है या महज एक छद्म पहचान।
क्यों है रहस्य?
बिटकॉइन का निर्माता कभी सामने नहीं आया।
माना जाता है कि नाकामोतो के पास शुरुआती 10 लाख से ज्यादा बिटकॉइन हैं।
अगर वे उन्हें बेच दें तो मार्केट क्रैश हो सकता है, इसलिए वे गुमनाम रहे।
कैसे काम करता है बिटकॉइन?
यह एक डिजिटल करेंसी है, जिसे किसी बैंक या सरकार का कंट्रोल नहीं है।
इसके लेन-देन का रिकॉर्ड ब्लॉकचेन नामक तकनीक पर होता है।
इसे माइनिंग के जरिए बनाया जाता है, जिसमें कंप्यूटर जटिल गणनाएं हल करते हैं।
सफर – शून्य से करोड़ों तक
2009 में बिटकॉइन की कोई कीमत नहीं थी।
2010 में पहली बार इसका इस्तेमाल एक पिज्जा खरीदने के लिए हुआ, जिसकी कीमत 10,000 बिटकॉइन थी।
2017 में इसकी वैल्यू तेजी से बढ़ने लगी और लोगों ने इसे डिजिटल सोना कहना शुरू कर दिया।
आज एक बिटकॉइन की कीमत 1 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
विवाद और भविष्य
बिटकॉइन को लेकर कई देशों में पाबंदियां और विवाद भी रहे हैं। कुछ देशों ने इसे कानूनी मान्यता दी, तो कई ने इसे बैन कर रखा है। लेकिन इसके बावजूद निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है।
बिटकॉइन न केवल एक करेंसी है, बल्कि आज यह टेक्नोलॉजी, निवेश और आजादी का प्रतीक बन चुका है।
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