Sunday, 30 November 2025

वैवाहिक संस्थाओं की पवित्रता कैसे कायम हो

‌‌ ‌ वैवाहिक संस्थाओं की पवित्रता कैसे कायम हो  
विवाह समारोह और मांगलिक कामों को लेकर बहुत से लोग अनेक राय सलाह परामर्श देते हैं कि ऐसा हो ऐसा हो कुछ लोग कहते हैं कि विवाह समारोह में देवी देवताओं के रूप में नाच गाने बंद हो कुछ कहते हैं कि महिलाओं द्वारा नंगी अधनंगी होकर घर के बाहर खुले स्थान और सड़कों पर नाच गाना बंद हो कुछ लोग कहते हैं कि शराब के नशे में चूर लौंडे लौंडियों का नाच गाना बंद होना चाहिए।

 कुछ लोग सलाह देते हैं कि आधी रात के पहले ही विवाह मुहूर्त में संपन्न हो जाना चाहिए ‌ क्योंकि 12:00 से 4:00 तक पिशाच और राक्षस बेला में संपन्न हुए विवाह का भयानक दुष्परिणाम हो रहा है। कुछ लोग सलाह देते हैं कि भारतीय वेशभूषा में विवाह होना चाहिए और पश्चिमी कोट सूट बूट टाई में विवाह बिल्कुल बंद होना चाहिए कुछ लोग कहते हैं कि विवाह के नाम पर हो रहा भद्यापन और अश्लीलता और दुनिया भर की फिल्मी नौटंकी बंद हो तो कुछ लोग कहते हैं की रिंग सेरेमनी महिला संगीत जैसे तमाम फालतू ऊल-जुलूल काम बंद होने चाहिए ।


तो कुछ लोगों का विचार है कि दिन में विवाह हो और रात 9:00 बजे विदाई हो जाए कुछ लोगों का कहना है कि विवाह में जहरीले तेल मसाले और नकली खोवा छेना पनीर और अन्य सामानों का प्रयोग बंद होना चाहिए जो 99% रोग बीमारियों के कारण है तो कुछ लोगों का कहना है कि विवाह में अनावश्यक खर्च बंद होने चाहिए वहीं कुछ लोगों का यह कहना है की बारात में महिलाओं और लड़कियों का जाना पुरी तरह बंद होना चाहिए ‌ क्योंकि इससे गंदगी अश्लीलता और अनेक विकृतियां पैदा हो रही हैं तो अनेक लोगों का यह विचार है कि सड़क जाम करके वहां पर डीजे बजाना और नाच गाना बंद होना चाहिए।


 कुछ लोगों का कहना है कि विवाह में गंदे और भद्दे गीत संगीत जैसे कि काला कौवा काट खाएगा कब तक जवानी छुपाओगी रानी जैसे निहायत ही गंदी चीजे बंद हो कुछ लोगों का विचार है कि दहेज प्रथा बिल्कुल बंद हो।


 इस तरह लोगों के अनगिनत सुझाव हैं  ‌ कुछ लोगों को कहना है कि सिंहासन प्रथा समाप्त हो जिससे महिलाओं का लाज शर्म और सम्मान बचा रहे क्योंकि सिंहासन पर इतनी गंदगी होती है कि उसके बाद कुछ बचता ही नहीं है ‌ कुछ लोग कहते हैं कि विवाह और मांगलिक कार्यों में नशापान और मदिरापान पूरी तरह बंद होना चाहिए जो कि अब महिलाएं भी बहुत बड़ी संख्या में कर रही हैं कुछ लोग विवाह और द्वाराचार में चुपके से अलग हटकर अवैध संबंध बनाने के विरोध में तर्क देते हैं ‌।

 कुछ लोग सादे ढंग से सस्ता विवाह करने की बात करते हैं जो कर्जा लेकर 99% विवाह किया जा रहे हैं उसे बहुत विनाश हो रहा है उनका ऐसा तर्क है ‌ जैसे-जैसे विवाह संस्था कमजोर हो रही है वैसे-वैसे अवैध ‌ अप्राकृतिक  यौन संबंध और महिलाओं के घर से भागने की प्रवृत्तियां  ‌ लव जिहाद के मामले बहुत तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।

 और जितना ही विलंब से विवाह हो रहा है उतना ही अधिक परिवार में बिखराव और विवाह विच्छेद और तलाक संबंध एवं वैवाहिक मुकदमों के मामले आ रहे हैं और मजे की बात यह है कि इन सब का खामियाजा उन्हीं महिलाओं को भोगना पड़ रहा है जिन्होंने दुनिया भर की नई-नई चीजू विवाह के नाम पर सम्मिलित किया है और विवाह के बाद घर को कर्ज में डूबा दिया है।

 लेकिन ‌ इतने राय सलाह में किसी एक महिला का भी कोई सुझाव मैंने आज तक नहीं देखा है इसलिए सारे सुझाव हवा हवाई ही क्योंकि यह सारे आविष्कार महिलाओं के द्वारा किए गए हैं पुरुष न दहेज लेता है और न देता है जिस दिन महिलाएं आगे आएंगी उसी दिन अपने आप शुद्ध और सात्विक रूप से विवाह संपन्न होगा 99% पुरुष तो पेटिकोट गवर्नमेंट में आते हैं और मेहरबसृसे होते हैं इसलिए उनके चिल्लाने से ना कुछ हुआ है और ना होगा वह केवल अपने ही घर की बहू बेटियां और पत्नियों को आवारा  छिनरे कुपंथी दुराचारी लंपट कामुक और निहायत ही निम्न प्रकृति के बाजा बजाने वालों से लेकर खाना बनाने वाले और रास्ता चलते हुए लोगों के सामने नंगी आधा नंगी होकर चुपचाप देखने के अलावा कुछ नहीं कर सकते क्योंकि पुरुष वर्ग पूरी तरह से ‌ वीर्यहीन और आत्म गौरव से रहित हो गया है उसकी कुछ भी चलती नहीं है यदि कुछ लोग जबरदस्ती विरोध करना चाहे तो घर में मारपीट झगड़ा और अनेक अनर्गल काम हो जाते हैं इसलिए सभी लोगों को गहराई से विचार करना चाहिए की विवाह नाम की यह संस्था और सनातन धर्म बचा रहे इसके लिए क्या होना चाहिए डॉ दिलीप कुमार सिंह

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