संवाददाता
बताते चलें कि यह मामला जिला बिजनौर की तहसील बिजनौर का है जहां एक किसान के खाते से कुछ नंबर छूट गए थे जिसके लिए उसने एसडीएम साहब किया करेक्शन का दावा डाला जिसकी रिपोर्ट के लिए फाइल तहसील में करीब 11 माह पूर्व चली गई थी 11 माह पूर्व से अब तक उस पर रिपोर्ट नहीं लग सकी है जिसका कारण रिश्वत के लिए फाइल को दबाए रखना मुकदमे में नियुक्त अधिवक्ता ने हल्का लेखपाल नूरुल दहरपुर मंडावर वह उस क्षेत्र के कानून को प्रमोद सैनी से भी संपर्क किया तो उन्होंने रिपोर्ट लगाने के एवज में ₹5000 रिश्वत की मांग की उसके बाद फाइल में नियुक्त अधिवक्ता तहसीलदार साहब से मिले और फाइल में रिपोर्ट लगाने की गुजारिश की परंतु सब बातें बेकार उसने जरा आ रही है इस बात को भी 20 दिन का वक्त गुजर चुका है पर रिपोर्ट लगने को तैयार नहीं है सरकार चाहे योगी जी की हो पर इस वक्त ली जाएगी इन बातों से यही जाहिर होता है।
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