Wednesday 29 March 2023

विवाह के बाद पहली बार मायके आयी बेटी का स्वागत सप्ताह भर चला।सप्ताह भर बेटी को जो पसन्द है, वो सब किया गया।

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*Զเधे_Զเधे*

*.           🌹सुप्रभात जी🌹*

विवाह के बाद पहली बार मायके आयी बेटी का स्वागत सप्ताह भर चला।
सप्ताह भर बेटी को जो पसन्द है, वो सब किया गया।वापस ससुराल जाते समय पिता ने बेटी को एक अति सुगंधित अगरबत्ती का पुडा दिया और कहा कि पुत्री तुम जब ससुराल में पूजा करोगी तब यह अगरबत्ती जरूर जलाना...
माँ ने मन्द स्वर में कहा-
बिटिया प्रथम बार मायके से ससुराल जा रही है, तो भला कोई अगरबत्ती जैसी चीज देता है?
पिता ने झट से जेब मे हाथ डाला और जेब मे जितने भी रुपये थे, वो सब बेटी को दे दिए...

ससुराल में पहुंचते ही सासु माँ ने बहु का बैग टटोला और पूछा कि तुम्हारे माँ बाप ने बिदाई में क्या दिया, कुछ विशेष न मिलने पर उनकी नजर अगरबत्ती का पुडे पर पड़ी । क्रोधवश सासु माँ ने मुंह बना कर बहु को बोला कि कल पूजा में यह अगरबत्ती लगा लेना...
सुबह जब बेटी पूजा करने बैठी, अगरबत्ती का पुडा खोला तो उसमे से एक चिट्ठी निकली-
लिखा था...
बेटी यह अगरबत्ती स्वतः जलती है, मगर संपूर्ण घर को सुगंधित  कर देती है। इतना ही नही, आजू-बाजू के पूरे वातावरण को भी अपनी महक से सुगंधित एवं प्रफुल्लित कर देती है...!!
हो सकता है की तुम कभी पति से कुछ समय के लिए रुठ जाओगी या कभी अपने सास-ससुरजी से नाराज हो जाओगी, कभी देवर या ननद से भी रूठोगी, कभी तुम्हे किसी से बाते सुननी भी पड़ जाए, या फिर कभी अडोस-पड़ोसियों के बर्ताव पर तुम्हारा दिल खट्टा हो जाये, तब तुम मेरी यह भेंट ध्यान में रखना -
अगरबत्ती की तरह जलना, जैसे अगरबत्ती स्वयं जलते हुए पूरे घर और सम्पूर्ण परिसर को सुगंधित और प्रफुल्लित कर ऊर्जा से भरती है, ठीक उसी तरह तुम स्वतः सहन करते हुए ससुराल को अपना मायका समझ कर सब को अपने व्यवहार और कर्म से सुगंधित और प्रफुल्लित करना...
बेटी चिट्ठी पढ़कर फफक-2 कर रोने लगी, सासू माँ दौड़कर आयी, पति और ससुरजी भी पूजा घर मे पहुंचे जहां बहु रो रही थी।
"अरे हाथ को चटका लग गया क्या? -पति ने पूछा

"क्या हुआ यह तो बताओ- ससुरजी बोले।
सासु माँ आजू बाजू के सामान में कुछ है क्या- यह देखने लगी 
तो उन्हें पिता द्वारा सुंदर अक्षरों में लिखी हुई चिठ्ठी नजर आयी, चिट्ठी पढ़ते ही उन्होंने बहु को गले से लगा लिया और चिट्ठी ससुरजी के हाथों में दी।
चश्मा ना पहने होने की वजह से चिट्ठी बेटे को देकर पढ़ने के लिए कहा...
सारी बात समझते ही संपूर्ण घर स्तब्ध हो गया।
"सासु माँ उच्च स्वर में बोली *अरे यह चिठ्ठी फ्रेम करानी है, यह मेरी बहू को मिली हुई सबसे अनमोल भेंट है, पूजा घर के बाजू में ही इसकी फ्रेम होनी चाहिए ।*

*और फिर सदैव वह फ्रेम अपने शब्दों से सम्पूर्ण घर, और अगल-बगल के वातावरण को अपने अर्थ से महकाती रही, और अन्ततः अगरबत्ती का पुडा खत्म होने के बावजूद भी...*

 तभी तो कहा गया है कि 
*" बेटियां दो कुलों को महकाती है*

*नवरात्रा की नवम देवी माता सिद्धिदात्री आपको अपार खुशियां प्रदान करें !* 🙏
 
🙏 *राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं !*

*निवेदन......*  🙏
आप सभी से निवेदन है कि प्रतिदिन शाम आरती दर्शन को आसपास के किसी भी मंदिर में जरूर जाएं !

अगर आप अपने व्यापार या कार्यालय में व्यस्थ है तो, अपने परिवार में से किसी 1 जने को ये काम सोपें, जिस प्रकार दूसरे धर्म वाले रोज मस्जिद या चर्च जातें है !

*इसलिए,जब भी करो बात मुस्कुराया करो*😃

🙏आज का दिन मंगलमय हो !🙏

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