Saturday, 30 March 2024

*एक ऐसा गांव जहाँ एक एक बूंद पानी के लिए तड़प रहे इंसान व जानवर।*

**एक ऐसा गांव जहाँ एक एक बूंद पानी के लिए तड़प रहे इंसान व जानवर।* 

सरकार किसी की हो सभी सरकारें या प्रत्याशी ये दावा करते हैं कि हमारी सरकार ने विकास की नदियां बहा दी हैं और आगे भी हमारी सरकार विकास की नदियाँ बहा देंगे लेकिन भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य के उन्नाव जिले के बीघापुर तहसील के सुमेरपुर ब्लॉक के कल्यानपुर प्रथम ग्राम सभा में एक चिकन्दरपुर ऐसा गांव है। जोकि उन्नाव लालगंज हाइवे 31 के दोनो तरह बसा हुआ है और इस गांव विकास की नदियों की बात छोड़ो इन्सान से लेकर जानवर तक एक एक बूंद पानी के लिए तड़प रहे हैं। पता नही सरकारें जो विकास का डंका बजा रही हैं वो विकास कहाँ पर हो रहा है। यहां तक कि लगभग 10 साल पहले यहाँ पर पानी की टंकी बनाई गई थी कि गांव में पानी की समस्या खतम होगी लेकिन गांव के मुखिया यानी की ग्राम प्रधान जो उस समय थे पानी की 6 इंची पाइपे बेंच कर ढाई इंची पाइपे डलवा दी तथा पानी खराब होने के कारण अधिकारियों ने ठेकेदार को रीबोर कराने के लिए कहा उसके बाद चुनाव हो गया और अगले प्रधान ने ठेकेदार से सांठगांठ करके फ्लोराइड पानी युक्त टंकी को पास करके अपने अंडर में ले लिया। और वही फ्लोराइड पानी ही गांव की जनता को देने लगे मजबूर जनता वही पानी पीने लगी इससे भी प्रधान को चैन नही मिला तो उन्होंने ग्राम सभा की गरीब जनता को उसी फ्लोराइड पानी प्रति माह 50 रुपये चार्ज बांध दिया। जबकि जानकारी के अनुसार पूरे जिले में कहीं भी नगर पंचायत या ग्राम पंचायत में टंकी के पानी का इतना चार्ज प्रति माह नही लिया जाता है। नगर पंचायतों का पानी का चार्ज आज भी केवल 30 रुपये लिया जाता है। उसके बाद ये पानी की टंकी किसी तरह 5 साल चली और दोबारा प्रधानी का चुनाव हो गया बनने वाले मौजूद प्रधान पानी की टंकी से पूरी तरह मुंह फेर लिया बोलते हैं इसका चार्ज हमारे पास नही है न इसका जीओ हमको मिला है और न ही कोई कागज मतलब कि शायद इसका जीओ भी कहीं खो दिया गया है जिससे इसमें हुए भ्रष्टाचार को किसी को पता ही न चले तथा मौजूदा प्रधान से इस टंकी के पानी के बारे में बोलो तो कहते हैं कि कोई पैसा ही नही देता है क्या सरकार जो गांवों में रीबोर का पैसा देती थी वो बंद कर दिये हैं लेकिन जानकारी के अनुसार पिछले पांच साल में 3 लाख रुपये रीबोर का पैसा निकाला गया था और मौजूद प्रधानी में भी रीबोर का भरपूर पैसा निकाला जा रहा है लेकिन पिछले 10 सालों से कोई नल रीबोर नही कराया जा रहा है। सारे नल ध्वस्त पड़े हैं यहां तक कि मौजूद प्रधान के दरवाजे जो सरकारी नल लगा हुआ था उसमें उन्होंने मोटर डलवा कर खुद पूरे मजे ले रहे हैं शुरू से आज तक ये टंकी कभी भी 6 माह सही से नही चल पायी है और अभी भी लगभग 15 दिन से बंद पड़ी है। देश में इस समय सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है लेकिन राजनीति के आगे किसी भी प्रत्याशी को इस गांव की दुर्दशा नही दिखाई देती है। ब्लॉक अधिकारी फोन उठाने से कतराते हैं क्योंकि हो रहे भ्रष्टाचार में उनका भी बराबर का हिस्सा लगता है।

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