Saturday 27 July 2024

पृथ्वी पर कहीं नर्क हैं तो वो यही हैं, हमेशा सुना होगा लोग तारीफ करते हैं किसी जगह की खास तौर पर यदि वो जगह घूमने वाली हो, और उसे ये बोल के संबोधित करते हैं कि पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो यहीलेकिन जो नीचे जगह आप फोटो में देख रहे हैं वो हमारे लिए किसी नर्क से कम नहीं थी

पृथ्वी पर कहीं नर्क हैं तो वो यही हैं, हमेशा सुना होगा लोग तारीफ करते हैं किसी जगह की खास तौर पर यदि वो जगह घूमने वाली हो, और उसे ये बोल के संबोधित करते हैं कि पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो यही
लेकिन जो नीचे जगह आप फोटो में देख रहे हैं वो हमारे लिए किसी नर्क से कम नहीं थी 

कुछ दिन पहले दोस्तों के साथ बंगाल घूमने का प्लान बना, वहां जाकर पता चला कि 4 घंटे की दूरी पर दिगह नाम की जगह है जो अपने बीच के लिए बंगाल में प्रसिद है 

पहले तो गया तो काफी मजा आया रस्ते के नजारे ऐसे देख के दिल खुश हो गया 
न्यू दिग़ाह बीच पर गया मन खुश हो गया, और मजा तो इतना आया पूछिए मत 

चारो तरफ वाटर स्पोर्ट आइसक्रीम ये सब बिक रही थी 

लेकिन जब वहां से थक कर वापस आए और होटल में।पूछा कि और क्या बचा, तो उन्होंने बताया कि की आप उदयपुर बीच जाइए लोग वहां एंजॉय करते हैं 

गाड़ी उठाई और दबा दी उदयपुर बीच की तरफ 
गाड़ी में जब तक था तब तक तो सब अच्छा था 

लेकिन जैसे ही गाड़ी से बाहर निकला, मन भारी हो गया, 
थोड़ी दूर आगे गया तो उल्टी होने लगी, मुझे तो मुझे मेरे
साथ आए 7 मित्रों को भी 

और ऐसा इस लिए क्यों की यहां पर बहुत स्ट्रांग खाने की महक थी नाक बंद कर के अंदर गया तो देखा चारो तरफ मछली केकड़ा बन रहा है, 

लोग एक टेबल पर बैठ के इसे खा रहे हैं और बीयर पी रहे हैं 

जिंदगी में बहुत से खराब खाने का अनुभव हुआ है, लेकिन ये मेरे लिए पहली बार था जब किसी खाने की महक सूंघ कर के मुझे और मेरे साथियों को उल्टी होने लगी हो 

कुछ देर रेस्ट कर के बैठा तो देखा एक बुजुर्ग आदमी बीच में फंसे पानी को एक बाल्टी में इकट्ठा करता है 

फिर दूसरा आदमी आके उसी पानी से मछली साफ करता है 

फिर एक औरत उसी पानी में मछली और केकड़ा बनती है 

अब तक समझ आगया था, कि इतनी तेज़ और गंदी महक किसकी है 

मैं मानता हूं कि शाकाहारी हूं लेकिन मेरे मित्र ऐसे नहीं है पर उन्हें भी इसका एहसाह हुआ 

साथ में जहां लोग केकड़ा खा कर जिंदा फ्राई मछली खा कर बीयर पीकर नाच रहे थे, वहां हमे ये लग रहा था कि ऐसी जगह से जल्दी से निकला जाए 

जिसका मुख्य कारण था तामसिक भोजन, जहां हजारों जिंदा केकड़े खौलते पानी में डाल दिए जा रहे थे 
अधमरी मछली को तेल में फ्राई किया जा रहा था 

जिसकी ऊर्जा इस बीच पर साफ महसूस की जा सकती थी 

मुझे नहीं पता आप में से कितने ने ऐसा महसूस किया है 
लेकिन हर जगह की अपनी ऊर्जा होती है 

और जहा पर तामसिक चीज हो वहां की ऊर्जा ऐसी ही होती है 

क्या आपने कभी कहीं ऐसा महसूस किया है 
कमेंट कर के जरूर बताइएगा

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