मृत्यु से पूर्व की अतुल की चेक लिस्ट सामने आई है जिसमें उसने वह सारे कार्य लिखे है जिनके पूर्ण होने के बाद उसे आत्महत्या करनी थी
कहते हैं व्यक्ति आत्महत्या करते वक़्त एक भावनात्मक आवेग में होता है, उस 3 या 4 सेकंड अगर उसका ध्यान भटक जाए या वह उस आवेग को दरकिनार कर दे तो फिर वह आत्महत्या नहीं करता है
वह कुछ सेकंड का जुनून ही किसी व्यक्ति की मृत्यु को कन्फर्म कर सकता है या टाल सकता है
लेकिन अतुल के केस में अतुल ने न केवल अच्छे से तैयारी की बल्कि एक एक चीज को शांति से सोच समझ के प्लान किया जो दिखाता है कि अतुल मानसिक तौर पर उस जुनूनी स्तर को पार करके ऐसी स्टेट में पहुंच चुका था कि उसके लिए ये साम्य अवस्था बन चुकी थी
वह शांत रूप से मौत को गले लगाने के लिए तैयार था, उसका दिमाग स्वीकार कर चुका था कि केवल और केवल यही आखिरी उपाय है
जरा लिस्ट को पढिये
वह किसी को भी बिना परेशान किये या भसड़ मचाये बिना गया, वह सिर्फ अपनी बात बताना चाहता था कि वो कितने कष्ट में है
वह इस सिस्टम से थक चुका था, वह इस सड़े हुए न्याय तंत्र से थक चुका था, वह इस समाज से कट चुका था
काश किसी ने उसका दर्द समझने की कोशिश की होती, काश किसी ने उसकी परिस्थिति को समझा होता
काश किसी ने उसकी तड़पती संवेदनाओं को समझने की कोशिश की होती
इतने दिनों की तैयारी दिखाती है कि वो किस हद तक प्रताड़ित था, लेकिन ये छोटी छोटी बातें ये भी बताती है कि वो नही चाहता था कि उसकी वजह से कोई परेशान हो या किसी का नुकसान हो
ऑफिस का लैपटॉप लौटाने से लेकर किश्तें भरने तक का एक एक काम ये दिखाता है कि अतुल खराब इंसान नही था
अतुल एक मासूम दिल का साफ और सच्चा व्यक्ति था वरना समाज में अपने बीवियों और उनके पूरे परिवार भी साफ कर देने वाले केस है दहेज और उत्पीड़न के केस में फसाये जाने वाले पतियों के
ॐ शांतिः अतुल सुभाष मोदी जी
भगवान आपकी आत्मा को शांति प्रदान करें
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