सनातनी समाज जब तक गाजी मियां पीर फकीर कब्र मजार मस्जिद इमामबाड़ा अर्थात साइ बाबा संतोषी माता और राधा रानी शैतान छांगुर बाबाऐसे लोगों से छुटकारा नहीं पा लेता है तब तक उसका कल्याण असंभव है
जिस धर्म में नदी नाले ब्रिज पहाड़ पत्थर सहित कन-कन में भगवान है वह मरी हुई कब्र में हड्डियां पूजता है बलात्कार और अपमान का शिकार होता है सवा लाख सनातनी हिंदुओं को मार कर उन्हें मुस्लिम बनाने वाले गाजी मिया की बहराइच मैं जाकर उनकी पूजा करता है
यहां तक की कुछ महा मूर्ख सनातनी लोग रोजा भी रखते हैं और ताजिया में भी शामिल होते हैं लोगों को विनाश के अलावा कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ इन मूर्खों को अभी नहीं मालूम की इस्लाम में पूजा हराम होती है
कहीं भी राधा रानी का आज से 1000 वर्ष पहले वर्णन नहीं मिलता है उनको जबरदस्ती इस तरह सनातन धर्म में घुसा दिया गया जैसे संतोषी माता राधा स्वामी पंथ के लोग चांद मियां और तमाम अन्य लोग घुसा दिए गए हैं और अगर राधा रानी को भगवान कृष्ण आध्यात्मिक शक्ति मान भी लिया जाए तो क्या राधा जी का वेश बनाकर नाचना गाना और तमाम लफंगों के साथ स्टेज पर उनका प्रदर्शन करना किसी भी दृष्टि से उचित लगता है अभी कितना गिरेगा यह सनातनी समाज डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह
[8/18, 7:00 AM] Dr Dileep Kumar singh: जब तक सनातन धर्म था उनको माता-पिता घर के लोग बाबा दादा दादी नाना नानी सनातनी देवी देवताओं के किस्से कहानियां सुनाते थे तब तक बेटियां घर की आन बान शांति और जैसे ही क्रिश्चियन भाषा और उनका फैशन अपना कर लोग पापा मम्मी हो गए वैसे ही पापा की परियां हर जगह गुल खिलने लगी है और इतना गुल खिला है कि उसकी दुर्गंध से जीना मुश्किल हो गया है इसलिए एक बार फिर मैं यही कहूंगा कि जैसे ही बेटियां 18 वर्ष की और बेटे 21 वर्ष के हों सारा काम छोड़कर पहले उनका विवाह कर दो
उसके बाद उन्हें जज कलेक्टर कप्तान बना दुनिया जानती है पांच प्रतिशत लड़के लड़कियों के अलावा लोग बाहर जाकर कोचिंग करके कौन सी पढ़ाई पढ़ते हैं और हर बाप और माता यह जानता है कि 12 वर्ष से 18 वर्ष तक उनके बेटे बेटियां क्या चाहते हैं
दिन रात हर जगह समझ में बढ़ रही भयानक दुर्घटनाएं और लव जिहाद को देखते हुए यह बहुत आवश्यक हो गया है की लड़कियों के विवाह की उम्र घटकर 16 वर्ष और लड़कों की 19 वर्ष कर दिया जाए नहीं तो कुछ दिन बाद विवाह के 1 वर्ष के अंदर सनातनी धर्म के लड़के लड़कियों का 95% विवाह विच्छेद हो जाएगा
और भी बहुत कुछ होगा जिसका लिखा जाना उचित नहीं है इसलिए अगर कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को 25 वर्ष 30 वर्ष बिना विवाह के रखकर उन्हें बाहर भेजता है और पढ़ाई करता है तो आसान समझ ले कि अपना और अपने परिवार का विनाश करता है
इसी तरह विवाह के बाद पति और पत्नी को अलग मत करो कम से कम 5 साल उन्हें एक साथ रहने दो इसे मैं सनातन धर्म की घर परिवार की ओर समाज की भलाई है इससे अधिक लिखने पर अश्लीलता और निर्लज्जता हो जाएगी जो सर्वेक्षण आए हैं वह बहुत भयानक हैं 20 वर्ष के 90% लड़के लड़कियां वह सब कुछ कर ले रहे हैं जो उन्हें विवाह के बाद करना चाहिए
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