Wednesday, 26 January 2022

उत्तर प्रदेश, मुरादाबाद जनपद के कोतवाली मैनाठेर क्षेत्र में ग्राम पंचायत -लदपुरा के एक व्यक्ति ने प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह करते हुए गांव में रौब जमा दिया है। बताया जाता है वह वो खुद डिफॉल्टर है*

*उत्तर प्रदेश, मुरादाबाद जनपद के कोतवाली मैनाठेर क्षेत्र में ग्राम पंचायत -लदपुरा के एक व्यक्ति ने प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह करते हुए गांव में रौब जमा दिया है। बताया जाता है वह वो खुद डिफॉल्टर है*     प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव बस्ती में पश्चिम दिशा में करीब 70 वर्ष पूर्व से  एक चामुंडा देवी का थान बना है।प्रत्यक्ष रूप से पूरब दिशा में बस्ती के बीचो-बीच रास्ते के किनारे खसरा नंबर 78 में चौमंडा मंदिर का मुख्य द्वार स्थापित चला आ रहा है।और पश्चिमी दिशा में मुरादाबाद-संभल ऱ़ोड पर स्थित खसरा नंबर79 पैत्रक संपत्ति पर  भू-स्वामियों का कब्जा रहा है। जो सरकारीभू-अभिलेखों व मानचित्र में दर्ज रहा है।
      बताया जाता है कि सन 1980 में जब चकबंदी हुई तो  प्रधान पंचायत चुनाव के दौरान कुछ भू-माफियाओं ने चकबंदी अधिकारियों से साठगांठ कर विरोधाभास के चलते भू- मानचित्र में हेराफेरी करा दी।
     अधिकांश ग्रामवासियों व भू-राजस्व अधिकारियों का कहना है कि यह चकबंदी विभाग का दोष है। जिसका मामला न्यायालय में विचाराधीन भी है। समय - समय पर जांच अधिकारियों ने सत्यता के आधार पर रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को प्रेषित भी की हैं। 
      बताते हैं कि गांव में एक ही व्यक्ति आय दिन मंडल आयुक्त,एवं जिलाअधिकारी मुरादाबाद,व उपजिलाधिकारी, तहसीलदार,बिलारी को अवैधानिक रूप से चौमुंडा मन्दिर के मुद्दे को लेकर विरोधी पक्ष से मोटी रकम ऐंठने की फिराक में आयदिन निराधार झूठी रिपोर्टें देता आ रहा है। गांव में अराजकता का माहौल व सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की फिराक में लिप्त होना बताया है। 
       बताया जाता है उसी के बडे भाई ने किसी प्रोपर्टीडीलर से मिल कर जालसाजी करके प्लाट दिलाने के नाम पर एक सज्जन पुरुष से साडे पांच लाख रुपये विरोधी पक्ष से ऐंठ लिये और प्लाट भी नहीं दिया। दलालों के बीच फैसले के दौरान साडे छ: लाख गरीब सज्जन व्यक्ति से जबरन वापसी लिए। लिखित में प्रमाण है।
    बताया कि स्वयं वह डिफॉल्टर व्यक्ति   शातिर है ,और ठगी करता है।  गांव में पेंट-शर्ट पहने रहता है ,बाहर तान्त्रिक भेष में ठगी करता है। गांव में दबंगई दिखाता है एवं फर्जी तौर पर बीजेपी कार्यकर्ता कहलाता है। रिकार्ड में फर्जी बताया जाता है। पुलिस से दूरी बनाकर रहता है,ताकि पुलिस को गोरखधंधे का पता ना चल सके।
       ऐसा व्यक्ति यदि पुलिस के हत्थे लग जाये तो तमाम अपराधिक घटनाओं का एवं एक बडे रैकेट तथा अनेक प्रमाणित तथ्यों का खुलासा कर सकता है। 


सुभाष शर्मा वरिष्ठ पत्रकार, मुरादाबाद की रिपोर्ट।

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