निष्पक्ष होकर गहराई सेविचार करें कि लज्जा शर्म किससे आनीचाहिए उन्हें जिन्होंने हमारे देश पर आक्रमण किया आंगन रूप पाठ है बलात्कार किया हमारे संस्कृत सभ्यता को नष्ट बर्बाद किया धर्म स्थलों को तोड़ा और हमारे मूर्तियों पर तट्टी पेशाब किया उस पर थूका कुल्फी किया हाथ पैर धोये
या फिर लाज और शर्म उन्हें आनी चाहिए जो आपस में लड़ते रहे एक दूसरे को पीछे गिराते रहे शैतान आक्रमणकारियों का मिलकर सामना नहीं कर पाए और अपनों ने ही उन्हें वह रास्ता दिखाया जिसके द्वारा हिंदुस्तानी हमारे ऊपर विजय भाई इतने दोगले और वर्ड संकट तो ऐसे भी थे जो उनकी सेना में जाकर सनातनी लोगों के विरुद्ध लड़े जैसे अंग्रेजों ने भारतीय सैनिकों की सहायता से ही विजय पाई और भारत के कर्मचारियों अधिकारियों की बदौलत देश पर 190 वर्ष राज किया जिस में भी नेहरू गांधी जिन्ना जैसे लोग प्रमुख थे
लज्जा शर्म मुझे आनी चाहिए जो अपने धमकी खातिर भयंकर से भयंकर गर्मी पसीना उसमें भी सारा शरीर ठक्कर चलती है और दिन रात पुलिस प्रताड़ित करने औलाद खाने के बाद भी अपना धर्म नहीं छोड़ती और ना तो लव जिहाद के चक्कर में गैर मुसलमानों के साथ भागती है
या फिर लज्जा शर्म उन्हें आनी चाहिए जो तमाम बहाने लेकर स्वतंत्रता के नाम पर अर्धनग्न होकर स्वच्छंद घूमती हैं और तमाम बहाने बनाकर सनातन धर्म छोड़कर लव जिहाद की शिकार होकर बाद में रोहित होती हैं जो सदैव अपने ही धर्म और परिवार तथा समाज की बुराई करती रहती हैं
गंभीरता से सोचें पूजा शर्मा उन्हें आनी चाहिए जो अपना धर्म बढ़ाने और सनातन धर्म को नष्ट करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं खाद्य और पेय पदार्थों तथा अन्य पदार्थों में मल मूत्र विस्था तू और वर्जित मास इत्यादि मिलाते चले आ रहे हैं
या फिर लज्जा शर्म वह करें जो मांस के टुकड़ों और सेवाएं तथा दुराचार के चक्कर में जानबूझकर धर्म भ्रष्ट होते हैं और तमाम बहाने बनाकर हिंदू मुस्लिम भाई भाई का नारा देते हैं धर्मनिरपेक्षता का राग अलाप कर भारत देश सनातन धर्म दोनों को बर्बाद कर रहे हैं
लज्जा और शर्म किसे आनी चाहिए जो भारत में रहकर भी भारत विरोधी कार्यों में अपने धर्म को बढ़ाने के लिए दिन-रात 24 घंटे चुके हैं जिसमें पंचर वाला से राष्ट्रपति तक शामिल है आईएएस से लेकर लंच भी शामिल है और जिन्हें लव जिहाद अपहरण बलात्कार हत्या करते हुए रंच मात्र भी अथवा संकोच नहीं होता
या फिर वह लोग लज्जा शर्म करें जो अपने धर्म को सुरक्षित नहीं कर सकते देश विरोधी गद्दारों के साथ रहते हैं और जिन्हें अपने देश और धर्म तथा समाज में केवल कमियां नजर आती हैं जो कहने के लिए तो सनातनी हैं पर तन मन धन मन वचन कर्म से आधे ईसाई और आधे मुसलमान है
आप विश्वास कीजिए जिस दिन आपने इन प्रश्नों का समाधान खोज लिया और जिस दिन आप केवल सनातनी लोगों के यहां खरीदारी करने लगे जिस दिन आपने खाना की जगह भोजन शादी की जगह विवाह मुबारक की जगह बधाई शुक्रिया की जगह धन्यवाद हातिम की जगह अधिकारी कहने लगे और मम्मा डेड फादर मदर ब्रदर सिस्टर की जगह माता-पिता चाचा चाची भाई-बहन दादा-दादी कहने लगे और सच मानो में अपने धर्म संस्कृति सभ्यता से लगाओ करने लगे उसी दिन संसार की कोई शक्ति हमें हरा नहीं पाएगी डॉ दिलीप कुमार सिंह
  
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