Saturday, 20 August 2022

कलम पकड़ना सिखाया जिसने ,आज उनके लिए कुछ लिख रही हूं ।पिता से बढ़कर स्थान है जिनका ,हां माँ जी आपके लिए लिख रही हूं ।। बचपन का ये लाडला आपका, अभी भी थोड़ा नादान है ।

कलम पकड़ना सिखाया जिसने ,
आज उनके लिए कुछ लिख रही हूं ।
पिता से बढ़कर स्थान है जिनका ,
हां  माँ जी आपके लिए लिख रही हूं ।। 
बचपन  का ये  लाडला आपका, 
अभी भी थोड़ा  नादान है । 
कहने को हो गया हूं समझदार , 
पर आपके लिए वही बेटा हूं ।। 
बन जाती थी  शिक्षक मेरे,
बन दोस्त समझाती थी ।
पापा की मार से बचाती मूझे,
अकेले में खुब डाट लगाती आप ।।
हर रात मुझे सुलाए बिना , 
कहां नींद आपको आती थी । 
मुझे हर बार रोता देखकर , 
तकलीफ आपको होती थी । 
मेरी छोटी छोटी जीत को , 
बड़े जश्न की तरह मनाती थी आप । 
हालात चाहे जो रहे हो . 
मुझे देख मुस्कुरा देती थी आप ।। 
कही धोखा न खाऊ में,
दुनीया दारी समझाती थी आप।।
आप है इस परिवार के सर्वोच्च शिखर , 
बिन आपके हम सब जाएंगे बिखर । 
आपका आशीष सदैव रहे हम सब पर , 
और यूं ही जगमग रहे आप इस भू पर ।। 
ढेरों बधाईयां लिए ,

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