Sunday 30 April 2023

हाल ही में जर्मनी ने भारत की आबादी का भद्दा मजाक बनाया, यह सिद्ध करता है कि हिटलर भले ही 1945 में मर गया हो लेकिन जर्मनी की जड़ो में नस्लवाद आज भी है।लेकिन हमें ज्यादा सोचने की आवश्यकता नही है क्योकि इतना मानकर चलिए की जब तक भारत प्रगति करता रहेगा तब तक हर वो देश जो सुपरपॉवर है या बनने की आकांक्षा रखता है वह भारतीयों को हतोत्साहित करने का प्रयास अवश्य करेगा।यही कारण था कि अमेरिका और सोवियत संघ ने कभी भारत पाकिस्तान के बीच शांति रहने नही दी और पाकिस्तान की फंडिंग चलती रही। 2015 तक जब रूस ने देखा कि अब भारत अमेरिका के साथ रक्षा समझौते कर रहा है तो रूस ने पाकिस्तान को हथियार बेचने शुरू किए।ये सब व्यापार तो है ही लेकिन एक षडयंत्र भी है पाकिस्तान को भारत के विरुद्ध प्रयोग करने का। जरा सोचकर देखे की हमारे पड़ोस में पाकिस्तान ना हो तो हमारी वृद्धि दर क्या हो? मगर ठीक है अब जो है सो है।अब बात जर्मनी की करे तो जर्मनी की महत्वाकांक्षाएं किसी से छिपी नही है, दो बार के विश्वयुद्ध इसी के महत्वाकांक्षा के परिणाम मात्र थे। ऐसे में एक एशियाई देश सुपरपॉवर बनने की ओर अग्रसर हो ये जर्मनी भी नही चाहेगा। भारत और जर्मनी की जीडीपी में अब उतना ज्यादा अंतर बचा भी नही है, 2024 के अंत तक भारत उससे आगे निकल जायेगा।यही कारण है कि जर्मनी ने भारतीयों को नीचा दिखाने वाला कार्टून बनाया, अक्सर ये स्कूलों में बच्चे करते है जब दूसरे का टिफिन या बोतल अच्छा लगता है तो वे उसमें बने किसी कार्टून का मजाक बनाते है। बस कुछ वैसा ही राष्ट्रीय स्तर पर हुआ।आप अमेरिका को ही देख लीजिये कोरोना तक पाकिस्तान का शत्रु बना हुआ था लेकिन अब जब अफगानिस्तान में हार गया और चीन की दुर्गति देख ली। उसके पश्चात उसकी प्रतियोगिता की सुई भारत की ओर घूम गयी। पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से निकल गया, पाकिस्तान में प्रो अमेरिका सरकार बन गयी। ये सब भारत पर दबाव बनाने के लिये था।रूस के विदेश मंत्री ने ज्यादा नही 2 साल पहले कहा था कि रूस पाकिस्तान को और हथियार देगा लेकिन अब खुद ही इतना बड़ा ब्लंडर किये बैठे है कि 2023 में कह रहे है कि हम डिस्काउंटेड तेल भी पाकिस्तान को नही देंगे।यही है जिओपोलिटिक्स या भू राजनीति, रूस यूक्रेन युद्ध आज नही तो कल समाप्त हो जाएगा। उसके बाद फिर हित स्वार्थ बदल जाएंगे लेकिन जिस गति से भारत आगे बढ़ रहा है उस हिसाब से इतना तो तय है कि कई देशों को मिर्ची तो लगेगी।भारत के लिये बड़े स्तर पर हथियार अब DRDO ही बनाने लगा है यह मेक इन इंडिया के लिये बड़ा बूस्ट है। आज से 3 साल पहले ब्रिटेन ने भी मजाक बनाया था लेकिन जब उनकी अर्थव्यवस्था को पछाड़ा तो वे ही अंग्रेज फ्री ट्रेड अग्रीमेंट की बाते करने लगे।इसलिए हाथी की तरह चलते रहे और कुत्तों को भौकने दे।ऐसे और पोस्ट देखने के लिए और वंदे मातरम से जुड़ने के लिए क्लिक करें 👇👇https://kutumbapp.page.link/UoxmCtBLYfoBXAyH7?ref=VK58C[4/30, 6:14 PM] +91 83205 52682: 🌷 *मोहिनी एकादशी व्रत* 🌷 वैशाख शुक्लपक्ष एकादशी जो *मोहिनी एकादशी* के नाम से जानी जाती है उसका व्रत *1 मई 2023 कल सोमवार को रखें* 🙏 वर्ष के सबसे पवित्र महीनों में वैशाख माह की भी गिनती की जाती है। पुराणों में इसे कार्तिक माह की तरह ही पुण्य फलदायी माना गया है। इसी कारण इस माह में आने वाली एकादशी भी बहुत महत्व रखती है। वैशाख शुक्ल एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। *इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति मोह-माया के बंधनों से मुक्त हो जाता है* उसके सारे पाप कट जाते हैं और उसे मोक्ष प्राप्त हो जाता है। यह एकादशी भगवान श्रीकृष्ण को परम प्रिय है। जो व्यक्ति मोहिनी एकादशी करता है इस संसार में उसका आकर्षण प्रभाव बढ़ता है। वह हर किसी को अपने मोह पाश में बाँध सकता है और मृत्यु के बाद वह मोहमाया के बंधनों से मुक्त होकर श्रीहरि के चरणों में पहुँच जाता है।👉 *"मोहिनी एकादशी" नाम कैसे हुआ* ❓👇 समुद्र मंथन से निकले अमृत को लेकर देवताओं और दानवों में खींचतान मची हुई थी। चूंकि ताकत के बल पर देवता असुरों को हरा नहीं सकते थे इसलिए चालाकी से भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर असुरों को अपने मोहपाश में बाँध लिया और सारे अमृत का पान देवताओं को करवा दिया। इससे देवताओं ने अमरत्व प्राप्त किया। वैशाख शुक्ल एकादशी के दिन यह सारा घटनाक्रम हुआ, इस कारण इस एकादशी को *"मोहिनी एकादशी* " कहा जाता है। 👉" *व्रत की पूजा विधि* "👇एकादशी व्रत के लिए व्रती को दशमी तिथि से ही नियमों का पालन करना चाहिए। दशमी तिथि को एक समय ही सात्विक भोजन ग्रहण करे। ब्रह्मचर्य का पूर्णत: पालन करे। एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद लाल वस्त्र से सजाकर कलश स्थापना कर भगवान विष्णु की पूजा करें। पुरे दिन में मोहिनी एकादशी व्रत कथा सुनें या पढ़ें। रात्रि के समय श्री हरि का स्मरण करते हुए, भजन कीर्तन करते हुए जागरण करे। द्वादशी के दिन एकादशी व्रत का पारण किया जाता है। सर्व प्रथम भगवान की पूजा कर किसी योग्य ब्राह्मण अथवा जरूरतमंद को भोजनादि करवाकर दान दक्षिणा भेंट दें। इसके बाद स्वयं भोजन कर व्रत खोले।👉" *व्रत के पुण्यफल* "👇 *01.* मोहिनी एकादशी का व्रत करने से पापकर्मों से छुटकारा मिलता है। *02* . व्यक्ति मोह माया के बंधनों से मुक्त होकर सत्कर्मों की राह पर चलता है। *03* . मृत्यु के पश्चात व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। *04* . जीवित रहते हुए इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के आकर्षण प्रभाव में वृद्धि होती है। *05.* सुख-संपदा में वृद्धि होती है। पारिवारिक जीवन सुखी होता है 🙏 *ओम नमो नारायणाय* 🙏

: हाल ही में जर्मनी ने भारत की आबादी का भद्दा मजाक बनाया, यह सिद्ध करता है कि हिटलर भले ही 1945 में मर गया हो लेकिन जर्मनी की जड़ो में नस्लवाद आज भी है।

लेकिन हमें ज्यादा सोचने की आवश्यकता नही है क्योकि इतना मानकर चलिए की जब तक भारत प्रगति करता रहेगा तब तक हर वो देश जो सुपरपॉवर है या बनने की आकांक्षा रखता है वह भारतीयों को हतोत्साहित करने का प्रयास अवश्य करेगा।

यही कारण था कि अमेरिका और सोवियत संघ ने कभी भारत पाकिस्तान के बीच शांति रहने नही दी और पाकिस्तान की फंडिंग चलती रही। 2015 तक जब रूस ने देखा कि अब भारत अमेरिका के साथ रक्षा समझौते कर रहा है तो रूस ने पाकिस्तान को हथियार बेचने शुरू किए।

ये सब व्यापार तो है ही लेकिन एक षडयंत्र भी है पाकिस्तान को भारत के विरुद्ध प्रयोग करने का। जरा सोचकर देखे की हमारे पड़ोस में पाकिस्तान ना हो तो हमारी वृद्धि दर क्या हो? मगर ठीक है अब जो है सो है।

अब बात जर्मनी की करे तो जर्मनी की महत्वाकांक्षाएं किसी से छिपी नही है, दो बार के विश्वयुद्ध इसी के महत्वाकांक्षा के परिणाम मात्र थे। ऐसे में एक एशियाई देश सुपरपॉवर बनने की ओर अग्रसर हो ये जर्मनी भी नही चाहेगा। भारत और जर्मनी की जीडीपी में अब उतना ज्यादा अंतर बचा भी नही है, 2024 के अंत तक भारत उससे आगे निकल जायेगा।

यही कारण है कि जर्मनी ने भारतीयों को नीचा दिखाने वाला कार्टून बनाया, अक्सर ये स्कूलों में बच्चे करते है जब दूसरे का टिफिन या बोतल अच्छा लगता है तो वे उसमें बने किसी कार्टून का मजाक बनाते है। बस कुछ वैसा ही राष्ट्रीय स्तर पर हुआ।

आप अमेरिका को ही देख लीजिये कोरोना तक पाकिस्तान का शत्रु बना हुआ था लेकिन अब जब अफगानिस्तान में हार गया और चीन की दुर्गति देख ली। उसके पश्चात उसकी प्रतियोगिता की सुई भारत की ओर घूम गयी। पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से निकल गया, पाकिस्तान में प्रो अमेरिका सरकार बन गयी। ये सब भारत पर दबाव बनाने के लिये था।

रूस के विदेश मंत्री ने ज्यादा नही 2 साल पहले कहा था कि रूस पाकिस्तान को और हथियार देगा लेकिन अब खुद ही इतना बड़ा ब्लंडर किये बैठे है कि 2023 में कह रहे है कि हम डिस्काउंटेड तेल भी पाकिस्तान को नही देंगे।

यही है जिओपोलिटिक्स या भू राजनीति, रूस यूक्रेन युद्ध आज नही तो कल समाप्त हो जाएगा। उसके बाद फिर हित स्वार्थ बदल जाएंगे लेकिन जिस गति से भारत आगे बढ़ रहा है उस हिसाब से इतना तो तय है कि कई देशों को मिर्ची तो लगेगी।

भारत के लिये बड़े स्तर पर हथियार अब DRDO ही बनाने लगा है यह मेक इन इंडिया के लिये बड़ा बूस्ट है। आज से 3 साल पहले ब्रिटेन ने भी मजाक बनाया था लेकिन जब उनकी अर्थव्यवस्था को पछाड़ा तो वे ही अंग्रेज फ्री ट्रेड अग्रीमेंट की बाते करने लगे।

इसलिए हाथी की तरह चलते रहे और कुत्तों को भौकने दे।

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 *मोहिनी एकादशी व्रत* 🌷

 वैशाख शुक्लपक्ष एकादशी जो *मोहिनी एकादशी* के नाम से जानी जाती है उसका व्रत *1 मई 2023 कल सोमवार को रखें* 🙏

 वर्ष के सबसे पवित्र महीनों में वैशाख माह की भी गिनती की जाती है। पुराणों में इसे कार्तिक माह की तरह ही पुण्य फलदायी माना गया है। इसी कारण इस माह में आने वाली एकादशी भी बहुत महत्व रखती है। वैशाख शुक्ल एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। *इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति मोह-माया के बंधनों से मुक्त हो जाता है* उसके सारे पाप कट जाते हैं और उसे मोक्ष प्राप्त हो जाता है। यह एकादशी भगवान श्रीकृष्ण को परम प्रिय है। जो व्यक्ति मोहिनी एकादशी करता है इस संसार में उसका आकर्षण प्रभाव बढ़ता है। वह हर किसी को अपने मोह पाश में बाँध सकता है और मृत्यु के बाद वह मोहमाया के बंधनों से मुक्त होकर श्रीहरि के चरणों में पहुँच जाता है।

👉 *"मोहिनी एकादशी" नाम कैसे हुआ* ❓👇      

 समुद्र मंथन से निकले अमृत को लेकर देवताओं और दानवों में खींचतान मची हुई थी। चूंकि ताकत के बल पर देवता असुरों को हरा नहीं सकते थे इसलिए चालाकी से भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर असुरों को अपने मोहपाश में बाँध लिया और सारे अमृत का पान देवताओं को करवा दिया। इससे देवताओं ने अमरत्व प्राप्त किया। वैशाख शुक्ल एकादशी के दिन यह सारा घटनाक्रम हुआ, इस कारण इस एकादशी को *"मोहिनी एकादशी* " कहा जाता है।
                        
 👉" *व्रत की पूजा विधि* "👇

एकादशी व्रत के लिए व्रती को दशमी तिथि से ही नियमों का पालन करना चाहिए। दशमी तिथि को एक समय ही सात्विक भोजन ग्रहण करे। ब्रह्मचर्य का पूर्णत: पालन करे। एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद लाल वस्त्र से सजाकर कलश स्थापना कर भगवान विष्णु की पूजा करें। पुरे दिन में मोहिनी एकादशी व्रत कथा सुनें या पढ़ें। रात्रि के समय श्री हरि का स्मरण करते हुए, भजन कीर्तन करते हुए जागरण करे। द्वादशी के दिन एकादशी व्रत का पारण किया जाता है। सर्व प्रथम भगवान की पूजा कर किसी योग्य ब्राह्मण अथवा जरूरतमंद को भोजनादि करवाकर दान दक्षिणा भेंट दें। इसके बाद स्वयं भोजन कर व्रत खोले।

👉" *व्रत के पुण्यफल* "👇

 *01.* मोहिनी एकादशी का व्रत करने से पापकर्मों से छुटकारा मिलता है।

 *02* . व्यक्ति मोह माया के बंधनों से मुक्त होकर सत्कर्मों की राह पर चलता है।

 *03* . मृत्यु के पश्चात व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 *04* . जीवित रहते हुए इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के आकर्षण प्रभाव में वृद्धि होती है।

 *05.* सुख-संपदा में वृद्धि होती है। पारिवारिक जीवन सुखी होता है
                        
🙏 *ओम नमो नारायणाय* 🙏

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