Wednesday 26 April 2023

राजा और न्यायाधीश को हमारे वेद पुराण महाभारत रामायण भागवत और अन्य धार्मिक ग्रंथों में ईश्वर का अंश मानकर उनके आदेश को ईश्वरी कहा गया है जिसका पालन सबको करना चाहिए लेकिन इस बात पर फूल कर कुप्पा होने वाले न्यायाधीश और जज तथा राजा और किंग नीचे लिखी हुई चीजों को भी पढ़ें

राजा और न्यायाधीश को हमारे वेद पुराण महाभारत रामायण भागवत और अन्य धार्मिक ग्रंथों में ईश्वर का अंश मानकर उनके आदेश को ईश्वरी कहा गया है जिसका पालन सबको करना चाहिए लेकिन इस  बात पर फूल कर कुप्पा होने वाले न्यायाधीश और जज तथा राजा और किंग नीचे लिखी हुई चीजों को भी पढ़ें


राजा को प्रजा की भलाई और सुख सुविधा के लिए क्या करना चाहिए यह भगवान श्रीराम ने दिखा दिया है और न्याय करने वाले व्यक्ति कैसे होने चाहिए यह ब्रह्म ऋषि विश्वामित्र से लेकर वशिष्ठ और सप्तर्षियों तथा सती अनुसूया और लोपामुद्रा तथा अरुंधति ने बार-बार दिखाया और कहा कि अगर किसी भी प्रलोभन में पढ़कर कोई न्यायाधीश एक भी गलत काम करता है तो उससे बड़ा दुराचारी अन्याय लंपट व्यभिचारी और निम्न स्तर का कोई व्यक्ति नहीं हो सकता इसी तरह अगर किसी राजा सम्राट या चक्रवर्ती सम्राट के राज्य में एक भी रजा भूखे सोती है तो वह राजा नर्क का अधिकारी होता है


जिसका सारांश निम्नलिखित है जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी सो नृप अवश्य नरक अधिकारी

अन्न हीन पेटोंमें दाने वस्त्रहीन देहों पर धागे यदि हमने नहीं जुटाए तो हम राजे निपट अभागे

मैं तो प्रायः देखा करता हूं भविष्य का सपना ऐसा जिसमें सबको सुख होगा तो मेरे जैसा दुख होगा तो मेरे जैसा

मैं यह पोस्ट मोदी जी को समर्पित करता हूं यद्यपि उनके पास फालतू चीजों के लिए समय नहीं रहता जैसे जंतर मंतर पर न्याय के लिए लड़ रहे विश्व विख्यात पहलवानों से बात करने का समय नहीं है और छोटी-छोटी प्रतियोगिता जीतकर देने वाले के पास चले जाते हैं

नया पोस्ट भारत के सभी न्यायाधीशों को समर्पित करता हूं कि क्या वह आवश्यकता से अधिक वेतन और अन्य वेतन भत्ते सुविधाएं पाने के बाद भी आजीवन घर सच्चरित्र ईमानदार कर्तव्य परायण हैं यदि पूरे भारत में एक भी ऐसा न्यायाधीश है तो समझो अभी भारत डूबने वाला नहीं है बाकी क्या कहें आप लोग सब कुछ देख सुन समझ रहे हैं


संक्षेप में इतना ही कहना चाहता हूं कि चक्रवर्ती सम्राट मांधाता मनु रघु दिलीप भगवान श्रीराम श्री कृष्ण विक्रमादित्य ऐसे ही विख्यात नहीं हुए हैं उसका एक अंश भी वर्तमान में कोई करने वाला है केवल भाषण देने और विज्ञापन करने से देश में खुशहाली नहीं आती ना अखंड 72 भारत का निर्माण होता है और ना उससे महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार घूसखोरी और काला धन ही घटता है ऐसे पोस्ट के लिए किसी के पास पसंद करने साझा करने और टिप्पणी करने के लिए समय नहीं मिलता है अधिकांश लोग तो पसंद साझा और टिप्पणी को समझ भी नहीं पाएंगे इसलिए बता दूं कि इनकी अंग्रेजी लाइक कमेंट और शेयर होती है अंग्रेजी विदेशी गुलाम और काले अंग्रेज बन गए लोगों से आशा ही क्या हो सकती हैं डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह

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