Wednesday 31 May 2023

बुद्धिजीवियों के लिए:-‼️

*‼️ब्लॉग: बुद्धिजीवियों के लिए:-‼️👇*

_*भाजपाईयों! पीले चाँवल बांट कर पिंजरे के 9 पँछी उड़ाने से क्या होगा??*_🙄

_*तुमने तो पंछियों को  "आबो दाने" से ही महरूम कर दिया!!*_😫

_*मोदी जी के आने से देश के करोड़ों पँछी पूछ रहे हैं संविधान पिंजरे से कब बाहर होगा???*_🤔

              *✒️सुरेन्द्र चतुर्वेदी*

                      *मोदी जी आ रहे हैं। जनता जनार्दन इंतज़ार कर रही है। बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है।मौसम कायड़ विश्राम स्थली पर यही फ़िल्मी गीत गा रहा है।कोयल और कौए मिल कर सभी प्रजातियों के पंछियों को पीले चाँवल बांट रहे हैं। अजमेर में मोदी जी आ रहे हैं तो शहर अपने नौ सालों के दुख दर्द भूल गया है।*😊
              *कल अजमेर के महावीर सर्किल से क्लॉक टावर वाले शहीद स्मारक तक मोदी जी के भक्तों ने शानदार स्वागत रैली निकाली। पीले चाँवल बांटे। नौ चिड़ियाओं को पिंजरे से आज़ाद किया। बेचारी न जाने कितने सालों से पिंजरे में बन्द होंगी। छैला बाबू ने उनको आज़ाद कर दिया। कम से कम उनके अच्छे दिन आ गए।*👍
                   *दोस्तों ! उड़ाई गईं नौ की नौ चिड़ियाओं का आपको तो पता नहीं चला होगा कि उड़ कर वे गईं कहाँ❓️😒*
                   *यहाँ मैं बता दूँ कि सारी चिड़ियाएं उड़ते ही विधायक वासुदेव देवनानी के घर की छत पर पहुंची । वहां रमेश सोनी के कबूतर पहले से ही उनकी बारह बजाने को तैयार बैठे थे। तभी कुछ तोते उनको बचाने के लिए आ गए।सभी चिड़ियाओं ने उनको पहचान लिया। कमबख्त धर्मेन्द्र गहलोत और नीरज जैन का नाम लेकर नारे लगा रहे थे।*🫢
                       *डरी हुई चिड़ियाओं को समझ नहीं आया कि वे जान बचाने कहाँ जाएं❓️तभी उनको ख़याल आया विधायक अनीता भदेल का। सभी चन्द्र शेखर शर्मा को गालियाँ बकती भदेल मैडम के जा पहुंची । वहां से भी उनको भागना पड़ा। वहाँ भी कई गिद्ध उनकी छत पर बैठे थे। पास ही मेयर ब्रजलता हाडा और उनके पति वाले "बाज़" निशाना साधे हुए थे।*😜
                      *मारे ख़ौफ़ के सभी चिड़ियाओं ने ख़्वाजा साहब की दरग़ाह जाना उचित समझा। थोड़ी देर बाद उनको सय्यादों की टोली ने घेर लिया। सब कांग्रेसी लग रहे थे। तभी उनमें से एक बेवकूफ़ चिड़िया चिल्लाई।"मोदी जी आ रहे हैं!इसलिए हमको एक मिनिट भी दरगाह में नहीं रुकना चाहिए! कायड़ चलना चाहिए। वहाँ भूमि पूजन हो चुका है।वातावरण पवित्र होगा"*🤪
                 *मगर सबने बूढी चिड़िया से पूछा "बताओ न? कहाँ चल कर जान बचाएं?"*😟
             *समझदार चिड़िया ने कहा "पुष्कर चलो! ब्रह्मा जी के मंदिर !"*
                *फिर ब्रह्मा जी के दर्शन करने जा पहुंची सभी नौ चिड़ियाएँ!*
                   *वे तीर्थ राज पुष्कर के दर्शन करतीं उससे पहले उनको कुछ परिन्दे लहूलुहान हालत में लड़ते दिखे! हाल ही में आज़ाद हुई चिड़ियाओं ने पहले से ही आज़ाद चिड़ियाओं को गुत्थमगुत्था होते देखा।*🙄
                  *आज़ाद हुई चिड़ियाओं ने उनको पहचान लिया। लड़ने वाली चिड़ियाँएं राठौड़ बाबा और नसीम भाभी की समर्थक थीं! पास ही घात लगाकर बैठे सुरेश रावत और कमल पाठक के तीतर बटेर तालियां बजा रहे थे!*👏
                   *वहाँ से भी भाजपा के नेताओं द्वारा आज़ाद की गईं चिड़ियाएं दुखी हो कर निकल भागीं। उड़कर मेरे फार्म हाउस होकरा चली आईं। मेरे यहाँ उन्होंने रात्री विश्राम किया। मुझसे मिलकर उन्होंने अपने दिल का दर्द बयान किया।*💁‍♂️
              *"पत्रकार जी! हमें किसी भी तरह वापस पिंजरे में पहुंचा दो! बाहर रहे तो ये राजनेताओं के चिल्गोज़े हमको उड़ा उड़ा कर मार देंगे! जब से इन दुमछल्लो ने हमको उड़ाया है तब से हमारी किसी ने सुध नहीं ली। पिंजरे में थे तब तक तो हमें अपने हक़ का रोज़ आबोदाना मिल जाया करता था। पानी हमारे पिंजरे में हुआ करता था। ताज़ी हवा भी आ जाती थी। वहां कोई कांग्रेसी भाजपाई नेता हमें तंग नहीं किया करता था। ग़ुलाम थे पर अपनी मर्ज़ी के मालिक तो थे।अपने हालातों से ख़ुश।आसमान ख़ुद पिंजरे में मिलने आ जाता था। पता नहीं कहाँ से ये मोदी जी आ गए और हमको नामाकूल नेताओं ने शहीद स्मारक पर ले जाकर आज़ाद कर दिया! कसम शहीदों की!ग़ुलामी इस आज़ादी से अच्छी थी। ग़ुलाम थे पर पराश्रित नहीं थे। अब पता नहीं हमारा क्या होगा❓️🫢"*
                 *दोस्तो! पंछियों को मैंने बहुत समझाया कि मोदी जी ने पिछले नौ सालों में देश को सोने की चिड़िया बना  दिया है! कर्नाटक इस बात को भले ही समझ नहीं पाया हो! मगर अब राजस्थान समझ जाएगा।*💁‍♂️
               *बस! 31 मई तक की बात है। मोदी जी अजमेर आकर हर प्राणी के दुख दर्द दूर कर देंगे। स्मार्ट सिटी अजमेर में चारों तरफ सुख शांति और समृद्धि का माहौल देखने को मिलेगा!*🤪
                 *कायड़ में लाखों लोग पहुंचेंगे! पीले चाँवल जो बंट रहे हैं!*🤷‍♂️ 
                        *तभी एक आज़ाद बूढी चिड़िया बोली "पागल पत्रकार! तू शायद मुझको पहचान नहीं पा रहा ! मैं चिड़िया नहीं चिड़ा हूँ! मेरा नाम संविधान है! सालों से पिंजरे में बन्द था! अब जब पूरा देश एक पिंजरे में तब्दील हो गया तो नौ चिड़ियाओं को आज़ाद करने से क्या होगा❓️❓*😴
                      *कहना उस भाजपाई चंद्रशेखर शर्मा से कि मोदी जी से कहे कि पहले देश के संविधान को बहाल करे!फिर हमको आज़ाद करना!"*😣
                        *इतना कह कर नौ चिड़ियाएं उड़ गईं। कहाँ गईं? पता नहीं! शायद दिल्ली गईं हों! नए संसद भवन!जिसका मोदी जी ने हाल ही मैं उद्धघाटन किया है।*💁‍♂️

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