Wednesday 31 May 2023

मेवाड़ी राजपूत क्षत्रियों के पतन का कारण ।

 मेवाड़ी राजपूत क्षत्रियों के पतन का कारण ।

 मेवाड़ी क्षत्रिय राजपूतों के स्वभाव में बदला लेने की भावना , मेवाड़ी क्षत्रिय राजपूतों का जिस प्रकार सर्वनाश और पतन  हुआ उसका कारण बाहरी आक्रमणकारियों के अत्याचार की अपेक्षा उनका आपस का वैमनस्य अधिक है , हमारी मेवाड़ी क्षत्रिय राजपूत जाति में बदला लेने की भावना बहुत प्रबल थी और आज भी है और इस भावना ने ही मेवाड़ को श्मशान बना दिया था ।
 जीवन की साधारण बातों में मेवाड़ी क्षत्रिय राजपूतों का उन्मत्त उत्तेजित हो जाना और भयानक संघर्ष पैदा कर देना , एक दूसरे से अपने आप को बड़ा और श्रेष्ठ समझाना उनके स्वभाव की मामूली बात है ।

  बदला लेने की भावना मेवाड़ी क्षत्रिय राजपूतों में इतनी अधिक है कि उससे एक भी मेवाड़ी क्षत्रिय राजपूत को अलग करना कठिन मालूम होता है । एक निर्बल मेवाड़ी क्षत्रिय राजपूत भी अपना बदला लेना चाहता है सब कुछ कर सकता है लेकिन बदला लिए बिना नहीं रह सकता । मेवाड़ी क्षत्रिय राजपूत आत्म सम्मान को अधिक महत्व देता है किसी भी दशा में यदि भी अपने अपमान का बदला न ले सके तो वह अपने आप को बहुत ही  घृणति और पतित समझता है ।

 जीवन की छोटी-मोटी बातों में स्वाभिमान

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