पाकिस्तान की रहने वाली डॉक्टर आफिया सिद्धकी पढ़ने में बहुत ब्रिलियंट थी वह विश्वविख्यात मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से न्युरो साइंस में बैचलर डिग्री ली फिर हावर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री ली और हावर्ड से ही उसने न्यूरोसाइंस में पी०एच०डी० किया।
पी०एच०डी० करने के दौरान ही उसके अंदर कट्टरता आने लगी और वह एक जिहादी सोच रखने लगी, ऐसा खुद उसके पति ने बयान दिया वह अपने पति पर ज्यादा बच्चे पैदा करने का दबाव डालने लगी,उसका पति जब समझाता था कि हमें अपने कैरियर पर ध्यान देनी चाहिए, तब अपने पति से कहती है यदि तुम बच्चे नहीं पैदा करना चाहते हो तो कोई बात नहीं मैं किसी और से बच्चे पैदा करूंगी, लेकिन मुझे कम से कम 12 से 16 बच्चे चाहिए जिन्हें मैं जेहादी बना सकू,फिर उसके पति ने बताया कि मजबूरी में उसने 6 बच्चे पैदा किए धीरे-धीरे वह इतनी कट्टर हो गई कि दिन भर वह इस्लामी किताबों में लगी रहती थी और फिर उसने अमेरिका में ही दावते इस्लामी संस्था शुरू की जिसका मकसद था गैर मुस्लिमों को किसी भी तरह मुस्लिम बनाना और उसने 4 ईसाइयों को मुस्लिम बना भी दिया।
फिर जब 9/11 की घटना हुई तब अमेरिका की गुप्तचर एजेंसियों ने सभी कट्टरपंथियों पर हर तरह से नजर रखना शुरू किया उसके बाद यह आफिया सिद्दीकी एफ़बीआई के रडार में आ गई, एक बार एफ़बीआई अमेरिकन पुलिस के साथ इसके घर पर छापा मारी तब वहां काफी विस्फोटक बनाने के सामान और दूसरी तमाम चीजें थी लेकिन क्योंकि यह न्यूरोसाइंस में पीएचडी थी तो उसने यह बता दिया कि यह सब वह अपने प्रयोग करने के लिए लाई है और उसके पास लाइसेंस भी था जो उसने दिखा दिया एफ़बीआई मजबूरी में कुछ कार्यवाही नहीं कर सकी,फिर डॉक्टर आफिया को लगा कि अमेरिका में रहना रिस्की है तब वह पाकिस्तान आ गई। पाकिस्तान में इसने पाकिस्तानी सरकार से मिलकर एक प्रपोजल रखा किस किस तरह से हम बचपन से ही बच्चों को इस्लामिक शिक्षा दे सकते हैं क्योंकि डॉक्टर आफिया सिद्दीकी का एकेडमिक रिकॉर्ड बेहद शानदार था इसीलिए पाकिस्तान सरकार ने इसे बोर्ड ऑफ इस्लामिक एजुकेशन का चेयरमैन बना दिया फिर धीरे-धीरे यह इतनी कट्टर हो गई कि अपने पति को तलाक देकर खालिद शेख मुहम्मद के भतीजे जो खूंखार आतंकी था से दूसरा निकाह कर लिया वही खालिद शेख मोहम्मद जो 9/11 का मास्टरमाइंड था।
फिर डॉक्टर आफिया सिद्धकी अपने दूसरे पति के साथ मिलकर अमेरिका में एक बड़ी घटना की प्लानिंग बनाई, चूंकि ये अमेरिका की नागरिक थी इसीलिए यह बेरोकटोक अमेरिका जा सकती थी यह अमेरिका गई और एक खतरनाक आतंकी नदीम के नाम का इसमें पोस्ट ऑफिस बॉक्स खरीदा और उस नदीम को अमेरिका लाने के लिए डॉक्यूमेंट तैयार करवाने लगी,इसे पता नहीं था कि एफबीआई इसके ऊपर नजर रख रही है फिर जब इसने अमेरिका में खतरनाक आतंकी हमला करने का पूरा प्लान बना लिया तब नदीम को लाने के लिए यह पाकिस्तान आई उस वक्त पाकिस्तान में मुशर्रफ का शासन था मुशर्रफ ने अमेरिका से डील किया जिसके तहत खूंखार आतंकियों को मुशर्रफ पाकिस्तान को सौंप देंगे बदले में मुशर्रफ को 50 मिलियन डॉलर मिलने थे फिर डॉक्टर आफिया सिद्दीकी को लगा कि यह पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं है तब ये अफगानिस्तान के गजनी चली गई और तालिबान के साथ मिलकर आतंकी घटनाओं को प्लानिंग करने लगी और आतंकियों को न्यूक्लियर बम बनाने की ट्रेनिंग में जुट गई क्योंकि डॉक्टर आफिया सिद्दीकी ने अमेरिका की न्यूक्लियर विभाग में बड़े पद पर काम किया था इसीलिए उसे न्यूक्लियर बम बनाने की पूरी जानकारी थी,
आफिया सिद्दीकी चाहती थी इस्लामिक आतंकवादियों के पास न्यूक्लियर बम हो ताकि वह इजराइल भारत और अमेरिका जैसे देशों पर परमाणु बम से हमला कर सकें एफ़बीआई इसे हर तरह से रडार पर रखी थी एक दिन जब एफ़बीआई ने गजनी में छापा मारकर इसे गिरफ्तार किया और जब पूछताछ चल रही थी तब यह मौका देखकर एक अमेरिकी सैनिक का ऑटोमैटिक राइफल लेकर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी हालांकि चौकस अमेरिकी सैनिकों ने इसे 3 गोली मारी जो इसे पेट में लगी, चूंकि अमेरिकी सैनिक फुल बॉडी आर्मर पूरा बॉडी गैयर पहने थे इसीलिए गोली लगने के बावजूद भी कोई अमेरिकी सैनिक घायल नहीं हुआ। इसे अमेरिका लाया गया इसके ऊपर मुकदमा चला अमेरिका की लोअर कोर्ट ने इसे मौत की सजा दी, फिर टेक्सास की कोर्ट ने इसे 50 साल की सजा दिया बाद में अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने इसे बिना पैरोल 86 साल की सजा दिया।
आज यह अमेरिका के टेक्सास में बंद है जेल में इसके ऊपर हमला भी हुआ जिसमें इसके आगे के सभी दांत टूट गए पाकिस्तान सरकार ने इसका मुकदमा लड़ने के लिए अमेरिका की सबसे विख्यात लॉ फर्म को रखा और उसे 20 मिलियन डॉलर का भुगतान किया लेकिन डॉक्टर आफिया सिद्दीकी के खिलाफ इतने सारे सबूत थे इसके पूर्व पति और वर्तमान पति का बयान इसके सगे चाचा का बयान अमेरिका की इसके घर से बरामद चीजें दुनिया भर के सुबूत इसके खिलाफ थे।
लेकिन आज अमेरिका के कुछ मुस्लिम सांसद और ब्रिटेन के मुस्लिम सांसद तथा पाकिस्तान के कुछ मुस्लिम सांसद इसकी रिहाई के लिए अभियान चला रहे हैं।
कुछ साल पहले आतंकियों ने एक मॉल में कई लोगों को बंधक बना लिया उनकी मांग थी कि डॉक्टर आफिया सिद्दीकी को रिहा किया जाए हालांकि अमेरिकी स्नाइपर ने उन आतंकियों को मार दिया
अभी कुछ दिन पहले इसकी बड़ी बहन जो खुद हावर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी है उससे मिलाने के लिए अमेरिका ब्रिटेन पाकिस्तान और सऊदी अरब के मुस्लिम नेताओं ने काफी कोशिश किया और अंत में अमेरिका सरकार ने उसकी बहन से मिलने की इजाजत दिया हालांकि कुछ शर्त रखी गई जैसे वह आफिया सिद्दीकी को उसके बच्चों की फोटो नहीं दिखाएंगे और दोनों के बीच में एक मोटा शीशा होगा और 20 मिनट तक दोनों इंटरकॉम पर एक दूसरे से बात कर सकती हैं।
लेकिन आश्चर्य की बात है, इतने सारे सुबूत के बाद भी अमेरिका के मुस्लिम सांसद ओमार इल्हान और पाकिस्तान के कई सांसद पाकिस्तान सरकार और इसकी बहन तथा पूरी पाकिस्तान की मीडिया ऐसी निर्दोष बता रही है जबकि खुद परवेज मुशर्रफ के दौरान इसे आतंकी घोषित किया गया था।
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