*गुस्सा आए तो रूकना सीखे और* गलती हो जाए तो झुकना सीखे प्यार और *
सम्मान दो ऐसे तोहफे है,अगर देने लग जाए तो बेजुबान पशु पक्षी भी झुक जाते है ठंडा तवा रोटी नहीं बना* सकता,बुझी मोमबत्ती रोशनी नहीं दे सकती और नकारात्मक आदमी कभी हौसला नहीं दे सकता इनसे जितना दूर रहे,उतना अच्छा होगा किसी भी बात का घमंड मत करे,क्योंकि हम जानते हैं कि एक रात जिंदगी में ऐसी भी होगी,जिसके बाद कोई सवेरा नहीं होगा इसलिए "मैं" की मटकी को फोड़े, हदय मक्खन- मक्खन हो जायेगा क्युकि "मैं" से मुक्त होना ही मोक्ष है जीभ और शब्द सबके पास होते है,*मगर जो अपने लिए जीते है वो सब बोल देते है और जो अपनों के लिए* जीते है वो सह लेते है"जीवन" के प्रति जिस व्यक्ति की कम से कम आपत्तियां हैं,वह व्यक्ति संसार में औरों की अपेक्षा अधिक सुखी है यह बात सदैव स्मरण रहनी चाहिए कि अधिक महत्वाकांक्षाएं समस्याओं को जन्म देती है "कभी-कभी हम अपने बहुत करीबी लोगों को समझ नहीं पाते है *क्यों कि आँख के एकदम पास रखकर किताब को पढ़ना बड़ा कठिन होता है* श्री कृष्ण ने कहा है कि मैं ना किसी का भाग्य बनाता हूं और ना ही मैं किसी के कर्मों का फल देता हूं, यह एक व्यक्ति या एक जीव का अपने कर्म है जो उसके भाग्य का निर्माण करता है जैसै हैं वैसे ही रहिये क्योंकि,मूल प्रति की कीमत छाया प्रति से अधिक होती है
*चौहान ग्रुप मुंबई*
*तहसीलदार चौहान*
*कांदीवली ईस्ट*🙏
Very nice 👍
ReplyDelete