सोमनाथ
इस दुनिया में बहुत से ऐसे लोग होते है जो बस बड़ी – बड़ी बाते करते है, पर जब समय आता है तो उनकी पोल खुल जाती है। ऐसे लोगो को ही कहा जाता है फिर होता ऐसा है की कोई भी उनकी बातो पर भरोसा नहीं करता।
थोड़ा चना बाजे घना के ऊपर एक कहानी है।एक गांव में एक पंडित जी रहा करते थे,गांव के मंदिर में पूजा किया करते,कभी – कभी गांव में किसी के पूजा होती तो वो लोग पंडित जी को जो भी दान के रूप में देते पंडित जी उससे ही संतुष्ट रहते,कभी किसी से कुछ मांगते नहीं थे,इस प्रकार ही वो अपना जीवन व्यापन करते।
पर एक समय ऐसा हुआ की काफी दिनों से गांव में कोई पूजा नहीं हुई,और उनके पास खाने के लिए कुछ बचा नहीं था। किसी से मांगना उन्हें उचित नहीं लगता था इसलिए उन्हें 2 दिन तक भूखा रहना पड़ा।
अब उनकी स्थिति दयनीय होती जा रही थी,तीसरे दिन जब वो गांव के मंदिर में पूजा करने गए तो पूजा के बाद उन्होंने भगवान से प्रार्थना करने लगे,भगवान भी उनकी प्रार्थना से प्रसन्न हो गए और पंडित जी के सामने प्रकट हो के बोले – मैं आपके द्वारा की गई प्रार्थना से बहुत प्रसन्न हूं।
मैं जानता हूं की आपके पास खाने तक के लिए कुछ नहीं है इसलिए मैं ये 2 शंख अपने साथ लाया हूं आपको जो पसंद हो वो ले लो,ये शंख आपके सारे दुःख दूर कर देगा।
भगवान ने दोनों शंख पंडित जी के सामने रखा,उनमे से एक छोटा था और एक बड़ा।बड़ा वाला शंख देखने में बहुत सुंदर लग रहा था,पर पंडित जी ने कहा आप मुझे ये छोटा वाला शंख दे दीजिये।
इससे मैं आसानी से कही भी ले जा सकता हूं और मुझे ज्यादा की इच्छा भी नहीं है।भगवान ने कहा आप एक अच्छे व्यक्ति है,मैं तो 2 शंख बस आपकी परीक्षा के लिए लाया था फिर शंख देते हुए कहा की आप इससे जो भी मांगोगे वो आपको मिल जायेगा।
पंडित जी अपने घर आ गए और अपनी जरूरत के हिसाब से जो भी शंख से मांगते वह उन्हें मिल जाता इस प्रकार उनका जीवन ख़ुशी पूर्वक बीतने लगा।
पंडित जी के घर के पास ही एक लोभी व्यक्ति रहता था,उसने पंडित जी को देखा की अब तो न कोई पूजा होती है न पंडित जी किसी से कुछ मांगते है फिर भी इनके पास ये वस्तुए कहा से आ रही है।
ये जानने के लिए वो पंडित जी के घर गया और ये सब चीजे कहा से आ रही है पंडित जी से पूछा, साफ दिल वाले पंडित जी ने उसे सब कुछ बता दिया।
अगले ही दिन वो व्यक्ति भी मंदिर में गया और वह जा के भगवान के सामने प्रार्थना करने लगा पर भगवान नहीं आये,दूसरे दिन भी उसने ऐसा किया फिर भी भगवान नहीं आये,कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा फिर एक दिन भगवान प्रकट हुए और उससे प्रार्थना का कारण पूछा।
उसने कहा,भगवान मैं बहुत गरीब इंसान हूं,जैसे आपने पंडित जी की मदद की मेरी भी मदद कीजिये।भगवान ने उसके भी सामने 2 शंख रखे और उस व्यक्ति ने बड़े वाले शंख जो की सुन्दर दिख रहा था उसे ले लिया, फिर भगवान वहां से चले गए।
वह व्यक्ति बहुत खुश हुआ,और शंख ले के अपने घर आ गया,घर पहुंच के साफ – सुथरे जगह पे शंख को रखा और हाँथ जोड़ कर शंख से बोला। हे शंख देवता मुझे एक हजार रूपये दे दो,शंख ने जवाब दिया एक हजार क्या लोगो दो हजार लो।
यह सुन कर उस व्यक्ति के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा,उसने शंख से कहा आप बहुत अच्छे है,ठीक है मुझे दो हजार दे दो।फिर शंख ने कहा दो हजार से क्या होगा तुम चार हजार लो।वह व्यक्ति ख़ुशी से झूमने लगा,और बोला ठीक है चार हजार दे दो।
फिर शंख ने कहा चार क्यों,आठ हजार ले लो।अब वो व्यक्ति परेशान होने लगा और बोला ठीक है आठ हजार दे दो।फिर शंख ने कहा आठ क्यों सोलह हजार ले लो।
व्यक्ति चिढ़ते हुए बोला,आप बस देने की बात करते है और देते कुछ नहीं,आपको जितना देना है दे दो। शंख ने जवाब दिया,तुमने सही किया मैं बस बात करता हूं, देता कुछ नहीं,मुझसे कुछ पाने की उम्मीद तुम्हारे लिए बेकार है।
*सारांश – इसी तरह बहुत से लोग ऐसे होते है जो बस बात ही करते है पर कुछ करते नहीं। उन्हें ही कहा जाता है ( Thotha chana baje Ghana )एक कहावत है की गरजने वाले बादल बरसते नहीं..!!*
जय जगन्नाथ 🙏
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