सदाशिव अमरापुरकर भारतीय सिनेमा के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे, जिन्होंने अपनी अद्वितीय अभिनय शैली और विलक्षण भूमिकाओं के लिए पहचान बनाई। उनका जन्म 11 मई 1950 को अहमदनगर, महाराष्ट्र में हुआ था। अमरापुरकर ने अपने करियर की शुरुआत मराठी थिएटर से की, जहां उनके अभिनय की गहराई और प्रभावशाली प्रदर्शन ने उन्हें फिल्मों में अभिनय के अवसर दिलाए। हिंदी सिनेमा में उनकी पहली प्रमुख भूमिका 1983 में रिलीज हुई फिल्म 'अर्ध सत्य' में थी, जिसमें उन्होंने एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई। इस भूमिका के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।
सदाशिव अमरापुरकर ने अपने करियर में कई यादगार और प्रभावशाली भूमिकाएं निभाईं, लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा पहचान 1991 की फिल्म 'सड़क' में निभाए गए नेगेटिव किरदार 'महारानी' के लिए मिली। इस किरदार के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट विलेन अवार्ड से नवाजा गया। उन्होंने 'कुली नंबर 1', 'हम साथ साथ हैं', 'हीना', और 'जख्मी औरत' जैसी कई अन्य प्रमुख फिल्मों में भी काम किया। उनकी अद्वितीय अभिनय शैली और किरदारों में गहराई लाने की क्षमता ने उन्हें दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाया। 3 नवंबर 2014 को मुंबई में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी फिल्मों और अद्वितीय अभिनय के जरिए वह आज भी याद किए जाते हैं।
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