प्रबल चक्रवात मोंथा और उसका भारत पर प्रभाव डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक
हमारे केंद्र के द्वारा बहुत पहले जुलाई माह में यह भविष्यवाणी की गई थी कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह या नवंबर के प्रथम सप्ताह में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में एक प्रबल चक्रवार्ती उत्पन्न होगा और ठीक ऐसा ही हुआ एक तीसरे दर्जे का विनाशकारी प्रबल तूफान बंगाल की खाड़ी में और उसकी एक शाखा अरब सागर में इस समय उत्पन्न होकर बहुत तेजी से पूर्वी और पश्चिमी तट पर बढ़ रहे हैं जो आज शाम तक प्रचंड बाग से भारत के तमिलनाडु आंध्र प्रदेश कर्नाटक और मुंबई तथा गुजरात में टकरा जाएगी बंगाल की खाड़ी के तूफान का प्रभाव अधिक तथा अत्यंत विनाशकारी होगा जो 100 से 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ेगा इसके बाद इसकी गति घट कर 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की बीच रह जाएगी
यह चक्रवात उत्तरी तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश एवं उड़ीसा के कुछ भागों में घनघोर वर्षा करेगा और धीरे-धीरे दक्षिण भारत में आगे बढ़कर चक्र की तरह घूमता हुआ केरल कर्नाटक अरब सागर में जाकर दूसरी चक्रवाती शाखा से मिल जाएगा
उधर बंगाल की खाड़ी का उठा हुआ चक्रवात आगे बढ़ता हुआ महाराष्ट्र और गुजरात पर प्रहार करेगा लेकिन यह कमजोर है और पहले दर्जे का चक्रवात है इसकी गति 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और तट से टकराने के बाद घटकर 40 से 60 किलोमीटर हो जाएगी इसके द्वारा गुजरात महाराष्ट्र में भीषण वर्षा होगी बंगाल की खाड़ी में मिलकर यह चक्रवात घूमता हुआ उड़ीसा आंध्र प्रदेश पुडुचेरी अंडमान तमिलनाडु केरल कर्नाटक गोवा मुंबई गुजरात के सूरत इसके बाद मध्य प्रदेश से घूमता हुआ उत्तर प्रदेश में प्रवेश करते हुए बनारस और जौनपुर को केंद्र बनाकर नेपाल में आगे बढ़कर तिब्बत में समाप्त हो जाएगा जबकि बंगाल की खाड़ी का चक्रवात आगे बढ़ते हुए पूर्वोत्तर भारत बंगाल बांग्लादेश छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश सहित अन्य जगहों पर भीषण और भयानक वर्षा करेगा
पश्चिम उत्तर भारत और जम्मू कश्मीर को छोड़कर दोनों चक्रवातों का प्रभाव संपूर्ण भारत में होगा 27 अक्टूबर से लेकर 1 नवंबर तक इसका प्रभाव दिखाई देगा और संपूर्ण दक्षिण भारत में चार-पांच दिनों तक 40 से 50 किलोमीटर की तेज हवाएं झंझ झकोर घन गर्जन वज्रपात वारिदमाला आंख को चकाचौंध कर देने वाली विद्युत बहुत भयानक दृश्य उत्पन्न करेगी 2 नवंबर तक संपूर्ण भारत से तीसरे दर्जे के चक्रवात का असर समाप्त हो जाएगा
जौनपुर और पूर्वांचल की क्या स्थिति रहेगी इस प्रबल चक्रवात का प्रभाव जौनपुर पूर्वांचल और दो तिहाई उत्तर प्रदेश पर पड़ेगा लेकिन जौनपुर वाराणसी पूर्वांचल इसके केंद्र में आ रहा है इसलिए घने बादलों के साथ हल्की वर्षा होगी कल मौसम थोड़ा शांत रहेगा धीरे-धीरे हवा का बैग बदलेगा और बढ़ते हुए 29 30 और 31 अक्टूबर को यह काफी डरावना हो सकता है और इन तिथियां पर झंझा झकोर घन गर्जन वज्रपात वारिदमाला आंख को चकाचौंध कर देने वाली विद्युत का डरावना दृश्य एक-दो दिन रहेगा साधारण से मध्य कहीं-कहीं भारी वर्षा और कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा भी इस तूफानी प्रभाव के कारण होने की प्रबल आशा बना रहे हैं इन तिथियां में एक या दो दिन का अंतर हो सकता है और इसी के साथ दोबारा उत्पन्न हुई गर्मी उमस और प्रदूषण तथा हवा के जहर का असर भी समाप्त हो जाएगा यह एक प्राकृतिक उपचार जहर और प्रदूषण खत्म करने का है जिसे संपूर्ण सरकारी तंत्र खरबोंरुपए खर्च करके भी नहीं कर पाएगा
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