Tuesday, 4 November 2025

अगर कोई गांधीवादी बनता है और उनका सच्चा अनुयाई है तो उनके किए गए कार्यों का अनुसरण भी करना चाहिए उसे तीन बंदर पालना चाहिए चरखा खरीद कर सूत कट कर वहीं खड़ी पहनना चाहिए

अगर कोई गांधीवादी बनता है और उनका सच्चा अनुयाई है तो उनके किए गए कार्यों का अनुसरण भी करना चाहिए उसे तीन बंदर पालना चाहिए चरखा खरीद कर सूत कट कर वहीं खड़ी पहनना चाहिए 

कस्तूरबा की तरह उसे भी अपनी पत्नी कोब्रह्मचर्य ‌ पालन करने का उपदेश देना चाहिए और खुद भी ब्रह्मचर्य का प्रयोग बिल्कुल वैसे ही करना चाहिए जैसे गांधी किया करते थे 

सोंटी ‌ और लंगोटी धारण करके चलना चाहिए और कम से कम बग्घी पर घूमना चाहिए ‌ गाय की जगह बकरी पालन चाहिए और देश को फिर से 565 टुकड़ों में बांटना चाहिए जिसमें मुसलमान को अलग से देकर बच्चे भारत में फिर से मुसलमान को रखना चाहिए  ‌ उसे भी शत्रु देश की सेवा में कुछ दिन अर्जेंट मेजर रहना चाहिए और हब्सी महिलाओं के पास जाना चाहिए और यह सुनना चाहिए की पत्नी और पिता में किसको वरीयता दिया जाए और हर आंदोलन को समय से पहले समाप्त भी कर देना चाहिए बाकी ‌ अनगिनत कम गांधी जी के हमें याद नहीं आ रहे हैं बाकी लोग उसको लिख दीजिएगा की क्या-क्या किया करते थे

युद्ध के मैदान में उसे चरखा बकरी और सत्य अहिंसा के साथ जाना चाहिए और वही सत्याग्रह और अनशन करना चाहिए समझ में नहीं आता कि खुद गांधी के द्वारा दिए गए सच को जानकर भी लोग अनजान क्यों बने हुए हैं और उनका जबरदस्ती महिमा मंडन क्यों किया जा रहा है

और अपने बच्चों को भी वैसे ही बनना चाहिए क्या पूरी दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति है जो ऐसा कर सकता है अगर नहीं कर सकता है तो यह माना जाएगा कि वह गांधी को नहीं गांधी छाप नोटों को और उनके द्वारा प्राप्त की गई सुविधाओं को अर्जित करना चाहता है ‌ चलते-चलते कट्टर श्री राम भक्त और शिव के उपासक गोधरा के मोदी द्वारा साबरमती के गांधी की परिक्रमा और महिमा मंडल और भगवान श्री कृष्ण से उनकी तुलना मेरी समझ के पूरी तरह बाहर है ‌ कोई गांधीवादी अगर इसे समझा सकता है तो हमें समझा दें डॉ दिलीप कुमार सिंह

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