इस मजहब को समझ पाना कठिन ही नहीं लगभग असंभव है नकाब हिजाब बुर्का हलाला हल जकात नमाज जैसी अनगिनत चीज केवल धोखा है और गैर मजहभी लोगों को धोखा देने और भ्रमित करने के लिए बनाई गई है। असल में इन सब का प्रयोग केवल मजहब की पूरी दुनिया में उन्नति और अन्य गैर मजहब को मिटाने के लिए किया जाता है बाकी उनका कोई अर्थ नहीं है
एक व्याख्या आपको बताते हैं जकात हर मुसलमान के लिए अनिवार्य किया गया है जिसे हिंदी में दान और अंग्रेजी में गिफ्ट कहते हैं और इसे अच्छे कामों के लिए किया जाता है ऐसा बताया जाता है और हर मुसलमान अपनी कमाई का ढाई प्रतिशत भाग जकात में देता है यह तो ऊपरी बात है
जबकि असल में यह सारा का सारा जकात आतंकवादी फौज तैयार करने में गैर मजहब को पूरी तरह नष्ट बर्बाद करने में पूरी दुनिया में अनगिनत हिंसा लूट बलात्कार और कतले आम के लिए प्रयोग किया जाता है जैसा की अभी हाल में डॉक्टर लोगों का गैंग अल हिलाल विश्वविद्यालय में पकड़ा गया है और जितने भी स्कूल कॉलेज मदरसा या अन्य धार्मिक चीज इस मजहब में खुलती हैं उन सब का यही एक लक्ष्य होता है ऊपर से कुछ है जो हाथी का दांत है नीचे से कुछ है और असली लक्ष्य को समझ पाना बहुत ही कठिन है।
कमल की बातें है कि वजह जो हो मोदी जैसे कट्टर धार्मिक शिव भक्त भी अवैध मदरसा और वक्फ बोर्ड को संशोधित करके संवैधानिक दर्जा दे दिए हैं और कांग्रेस द्वारा मदरसों को जारी किया गया वेतन न केवल जारी रखे हैं बल्कि उनका वेतन बढ़ा भी दिए हैं कोई पूछने वाला नहीं है कि आखिर मदरसों को सरकारी पैसा और सरकारी वेतन तथा सरकारी सुविधा क्यों दी जा रही हैं आपको समझ में आ रहा है तो बताएं यह खेल कितना गहरा लंबा और कठिन है समझ लीजिए हां हर एक मजहबी जानता है कि उसका हर एक काम एक गैर मजहब को मिटाकर अपने मजहब को पूरे संसार में फैलाना है
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