Thursday, 18 December 2025

हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर ‌ के द्वारा 16 दिसंबर से 25 दिसंबर तक घनघोर कोहरा भयंकर गलन और धूप न होने की जो भविष्यवाणी की गई थी वह पूरी तरह सही होती दिखाई दे रही है

 हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर ‌ के द्वारा 16 दिसंबर से 25 दिसंबर तक घनघोर कोहरा भयंकर गलन और धूप न होने की जो भविष्यवाणी की गई थी वह पूरी तरह सही होती दिखाई दे रही है
आज का अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहा अगले एक हफ्तों तक तापमान लगभग इसी प्रकार का रहेगा इसमें एक या दो डिग्री सेल्सियस का अंतर हो सकता है 

भयंकर घना कोहरा जौनपुर जौनपुर के सभी पड़ोसी जनपदों और पूर्वांचल में फैल जाएगा जिसका स्रोत भूमध्य सागर हिंदूकुश और समुद्र की नमी है जो काबुल लाहौर से होकर बंगाल ‌और ढाका तक मैदानी क्षेत्रों में भयानक रूप में फैल गई हैं ‌ यह एन केन प्रकारेण लंबा चलेगा और मकर संक्रांति तक रह सकता है।

कल के मौसम के बारे में अनुमान है कि न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रहेगा वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 से 400 के बीच रहेगा ‌‌ जो बेहद भयानक और खतरनाक हैऔर अल्ट्रावायलेट किरणों की तीव्रता एक से कर के बीच रहेगी एक सप्ताह तक मौसम में कोई परिवर्तन होने की संभावना नहीं है न तो वर्षा की ही कोई संभावना है । ‌ इस बार दिल्ली जौनपुर आसपास ‌ देश के अनेक भागों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 तक पहुंच जाने की आशा है जो बेहद खतरनाक है

यह ठंड और कोहरा धीरे-धीरे दक्षिण भारत की ओर फैल जाएगा जिसका प्रभाव महाराष्ट्र से लेकर उड़ीसा और केरल से कर्नाटक रहेगा शुद्ध रूप से केरल और तमिलनाडु पुडुचेरी लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार ही भयानक ठंड से बचे रहेंगे और यहां कोहरा भी काम होगा ।

हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड नेपाल भूटान सिक्किम अरुणाचल प्रदेश के उत्तरी भागों में हिमपात बढ़ता चला जाएगा उसी के अनुक्रम में ठंड भी बढ़ती जाएगी उत्तर ध्रुव की हवाएं धीरे-धीरे इस ठंड को और बढ़ा देंगे और अमेरिका यूरोप उत्तरी एशिया के साथ हिमालय के उत्तर के सभी क्षेत्र बर्फ से ढक जाएंगे ‌।

फरवरी तक महा भयंकर ठंड का प्रचंड तांडव चलेगा सारे विज्ञान और टेक्नोलॉजी प्रकृति के आगे बुरी तरह फैल सिद्ध होंगे अपनी सुरक्षा ही बचाव है अनेक भयंकर रोग और बीमारियां सर्दी खांसी जुकाम बुखार भयानक ठंड गंदगी और स्वच्छ ना रहने के कारण पैदा होंगे डा दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर
[12/18, 6:26 PM] Dileep Singh Rajput Jounpur: इस देश में सारे राजनीतिक दल और नेता काम नहीं केवल विवाद पैदा करते हैं ‌ और अपने साथ पीढ़ियां सुधार कर अपनी झोली भरते हैंअब जी राम जी को लेकर विवाद पैदा हुआ है योजना और काम को लेकर नहीं नाम को लेकर झगड़ा है इसके पहले भी तमाम जवाहर और इंदिरा के नाम की योजनाएं बदलकर नरेगा और मनरेगा की गई है वैसे भी श्रीराम गांधी से बहुत बड़े हैं और गांधी जी श्री राम के भक्त थे ही तो इसमें आपत्ति करने वालों को क्या कहा जा सकता है केवल यही केवल किसी भी हाल में श्री राम श्री कृष्णा गौतम बुद्ध नानक रविदास जैसे लोगों का नाम बर्दाश्त नहीं कर सकते गांधी एक मुस्लिम परस्त थे जो हमेशा मुसलमान का हित चाहते थे अखंड भारत सनातन धर्म को उन्होंने अकेले ही जितना बर्बाद किया उतना सारे लोग मिलकर नहीं कर पाए ऐसे में इस योजना का विरोध करने वाले क्या है आसानी से समझा जा सकता है कुछ दिन बाद यही लोग कहेंगे कि जी राम जी को हटाकर अल्लाह जी अल्लाह मियां योजना रखना चाहिए
[12/18, 6:32 PM] Dileep Singh Rajput Jounpur: इस देश में सारे राजनीतिक दल और नेता काम नहीं केवल विवाद पैदा करते हैं ‌ और अपने साथ पीढ़ियां सुधार कर अपनी झोली भरते हैंअब जी राम जी को लेकर विवाद पैदा हुआ है योजना और काम को लेकर नहीं नाम को लेकर झगड़ा है इसके पहले भी तमाम जवाहर और इंदिरा के नाम की योजनाएं बदलकर नरेगा और मनरेगा की गई है वैसे भी श्रीराम गांधी से बहुत बड़े हैं और गांधी जी श्री राम के भक्त थे ही तो इसमें आपत्ति करने वालों को क्या कहा जा सकता है 

केवल यही केवल किसी भी हाल में श्री राम श्री कृष्णा गौतम बुद्ध नानक रविदास जैसे लोगों का नाम बर्दाश्त नहीं कर सकते गांधी एक मुस्लिम परस्त थे जो हमेशा मुसलमान का हित चाहते थे अखंड भारत सनातन धर्म को उन्होंने अकेले ही जितना बर्बाद किया उतना सारे लोग मिलकर नहीं कर पाए ऐसे में इस योजना का विरोध करने वाले क्या है आसानी से समझा जा सकता है कुछ दिन बाद यही लोग कहेंगे कि जी राम जी को हटाकर अल्लाह जी अल्लाह मियां योजना रखना चाहिए

‌‌ एक बात और बता देना चाहता हूं कि गांधी पता नहीं क्यों नेहरू को सबसे अधिक चाहते थे लेकिन नेहरू गांधी की किसी भी चीज में विश्वास नहीं रखते थे ना उन्होंने बकरी पालन ना सुनती और लंगोटी पहनना चरखा चलाया ना धर्म परिवर्तन को रोका वे गांधी को केवल उसी तरह एक माध्यम मानते थे जैसे अन्ना हजारे के द्वारा केजरीवाल मुख्यमंत्री बन गए गांधी जी राम राज्य स्वदेशी आदि थे और नेहरू को इस नाम से ही नफरत और चिढ़ थी यही हाल कांग्रेस इंदिरा वगैरा का भी था फिर इतना शोर शराबा करने का क्या कारण है 

क्या ‌ गांधी की बात मानकर मुसलमान ने अलग पाकिस्तान की मांग छोड़ी और क्या जिन्होंने गांधी की बात मानकर अखंड भारत को रखना स्वीकार किया सारे गद्दार देशद्रोही और इससे जुड़े हुए विपक्ष के नेता विदेशी हाथों में खेल कर भारत को और सनातन धर्म को मिटा देना चाहते हैंडॉ दिलीप कुमार सिंह

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