Sunday, 24 April 2022

मुन्नी की तरह बदनाम चीफ जस्टिस रमन्नान्ना* _पूरी क्राइम शीट खुलेगी... सारे आरोप बताएंगे !_

*मुन्नी की तरह बदनाम चीफ जस्टिस रमन्नान्ना* 

 _पूरी क्राइम शीट खुलेगी... सारे आरोप बताएंगे !_  

-चीफ जस्टिस (सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश) बहुत होशियार है.... वो जानता है कि जहांगीरपुरी में एमसीडी की कार्रवाई को रोका नहीं जा सकता क्योंकि ये पूरी दुनिया देख रही है कि जिहादी कबाड़ी पूरी सड़क पर कबाड़ बिखेर कर कब्जा किए हुए हुए थे... टू साइड रोड में वन साइड रोड ही चालू थी... सबको परेशानी हो रही थी लेकिन जिहादी का दिल कहां मानता है अगर वो बाकी दुनिया को तकलीफ ना दे तो वही जहांगीरपुरी में हो रहा था

-चीफ जस्टिस बहुत चतुर है ये चीफ नक्सली जानता है कि अतिक्रमण को हटाने से कोई रोक नहीं सकता है लेकिन बुलडोजर को कुछ दिनों के लिए ब्रेक तो लगाया ही जा सकता है... इसीलिए उसने दोनों पक्षों की बात सुनकर दो हफ्ते के बाद सुनवाई की बात की... यानी स्टे लगाने में सिर्फ 5 मिनट का वक्त और आगे की सुनवाई के लिए 2 हफ्ते की देरी... मतलब साफ है सिर्फ और सिर्फ बांग्लादेशियों का हौसला बुलंद करने के लिए ही चीफ जस्टिस ने जहांगीरपुरी में बुलडोजर पर ब्रेक लगवा दिया 

-इस चीफ जस्टिस का इतिहास देखें तो आपको ये पता लगेगा कि ये वही चीफ जस्टिस है जिसने सुप्रीम कोर्ट में जज रहते हुए 370 को हटाने वाली याचिका का खारिज कर दिया था । मतलब आप सोचिए इसने उस याचिका पर सुनवाई भी नहीं की... कोई मेंशन ही नहीं लिया बल्कि सीधे सीधे याचिका को ही खारिज कर दिया... यानी ये चीफ जस्टिस दरअसल अनुच्छेद 370 को लगाए रखने का समर्थक... यानी नक्सलियों और पाकिस्तानियों का यार है... मतलब गद्दार है !

-5 अगस्त 2019 को कश्मीर के अंदर से 370 को हटा दिया गया था इसके बाद कश्मीर में अशांति थी.... पाकिस्तान व्हाट्सएप ग्रुप्स बनाकर कश्मीर में लोगों को भड़का रहा था... तब सरकार ने जम्मू और कश्मीर के अंदर इंटरनेट को बंद कर दिया था... लेकिन पाकिस्तान समर्थक टुकड़े टुकड़े गैंग के वकील अदालत में आए और याचिका दायर कर दी कि जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट बहाल किया जाए... तब भी इसी चीफ जस्टिस ने कहा कि इंटरनेट तो इंसान का मूल अधिकार है जीवन के अधिकार से जुड़ा हुआ है और इंटरनेट बहाल करवा दिया... जिसके बाद आतंकियों और पाकिस्तानियों को घाटी में अशांति फैलाने में मदद मिलती रही 
 -सोचिए आप कैसे कैसे लोग... नक्सली, पाकिस्तानी... हिंदुओं के टैक्सों पर पल रहे हैं... देश के बड़े बड़े संस्थानों पर कब्जा करके बैठे हैं... माने सरकार तो भले ही हमारी हो लेकिन सिस्टम नक्सलियों का है... कम्युनिस्टों का है... 

-ये शख्स रहने वाला है आंध्र प्रदेश का और इसने करियर की शुरुआत पत्रकारिता में इनाडु से की थी... कोई भी पत्रकार कभी निष्पक्ष नहीं हो सकता है... ये तो मैं दावे से कह सकता हूं ! और बाद में ये वकालत के पेशे में आ गया 

-आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने 2021 में इससे पहले चीफ जस्टिस रहे... चीफ जस्टिस रहे बोबडे को 8 पन्नों का खुला पत्र लिखा था और उस पत्र में ये साफ लिखा था कि इस रमन्ना को चीफ जस्टिस नहीं बनने देना चाहिए क्योंकि आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के अंदर ये रोस्टर लगवाते हैं... दखलअंदाजी करते हैं और इस तरह से दखलअंदाजी करते हैं कि जिससे उनकी विरोधी चंद्रबाबू नायडू को राजनीतिक फायदा हो.... ये बहुत बडा आरोप था.... लेकिन वही समरथ को नहीं दोष गुसाईं... ये बच गया 

-इतना ही नहीं इसकी दो बेटियों पर अमरावती के अंदर जमीन घोटाले का भी आरोप लगा हुआ है लेकिन इसके बाद भी ये चीफ जस्टिस की कुर्सी पर जमा हुआ है इसको तो खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए था... लेकिन ये नक्सलियों का खास आदमी है... यहां कम्युनिस्ट एजेंडा लागू करने और बांग्लादेशियों की सुरक्षा का जिम्मा लेने आया है तो इस्तीफा काहे को देगा
भारत माता की जय

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