Wednesday, 25 May 2022

राजा जौनपुर के महल की गरिमा को तार तार कर रहे है बैंड बाजा व बराती✍

शमशी अज़ीज़
राजा जौनपुर के महल की गरिमा को तार तार कर रहे है बैंड बाजा व बराती✍
जौनपुर  ---------        उत्तर प्रदेश
जौनपुर शिराज़े-ए-हिन्द के नाम से प्रसिद्ध है ये नगरी मुगलों, नवाबो व राजाओं के महल,  किला, मस्जिद व हवेली के नाम से प्रचलित है जिसमे आलीशान मीनारे, विशाल दरवाजे, नक्काशी दार खिड़कियां, व अद्धभुत चित्रकारियां है जो अत्यधिक लुभावन है जिससे जौनपुर की सुंदरता में चाँद चाँद लगाती है इस कारण इतिहास की हर किताबो में जौनपुर की विशेषता अवश्य दिखती है जिसमे विशेषकर राजा साहब का महल है जिसका निर्माण 200 वर्ष पूर्व किया गया था इस महल में वर्षों से परम्परागत कार्य होते आये है जिसमे एक है  विजय दशमी के पर्व पर शस्त्र पूजन कर घोड़े और बल्लम के साथ शाही सवारी का निकलना इस दृश्य को देखने के लिये व आदर सम्मान बढ़ाने के लिये प्रजा की भांति नगर वासी खड़े रहते है इस महल (हवेली)की एक विशेषता ये भी है कि इस महल में वर्षो से देश के सर्वोच्च नेता व महंत लोग अपनी गोपनीय बैठक कर विश्राम किया करते थे जिनमे सर्वोच्च स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी, आरएसएस संघ के प्रमुख माधवराव सदाशिव गोलवलकर, नाना जी देशमुख, भाऊराव देवरस, तेगू गोपालन आदि का आगमन सदा देखा गया है पर वर्तमान समय मे इस महल के 12 वे राजा अपनी गद्दी पर विराजमान होते हुए भी इस महल की गरिमा को बचाये रखने में असमर्थ है वैसे तो मुगलों की इमारतों के साथ साथ इस महल को भी पर्यटक स्थलों के 8 पायदानों में से एक माना जा रहा था पर आज सब कुछ पलट सा गया है आज राजमहल का प्रकाश का कम होना इस धरोहर की कहानी में सेंध लगा रहा है कहने का तात्पर्य ये है राजमहल राजाओं का महल न हो कर वैवाहिक महल के नाम से जाना जाने लगा है जिससे इस महल की धरोहर व इसकी गरिमा विलुप्त होने के कगार पर है इस महल में आज राजाओं के ठाट बाट के बजाय गाना बजाना, धूम धड़ाका व शोर शराबे का स्थान बनता जा रहा है यदि समय रहते हुए प्रशासन ऐसे महलों के प्राचीन धरोहर को संज्ञान में न लेते हुए अमुक दर्शक बनी रही तो पर्यटकों की आवागमन पर भारी कमी देखी जा सकती है यधपि प्रशासन राजमहल के प्रत्येक कार्यक्रमो को गहनता से अध्ययन करे तभी इस महल की सुंदरता व इसकी नक्काशी को बचाया जा सकता है अन्यथा ये पूँजीपतियो के सामूहिक कार्यक्रमो का गढ़ बन जायेगा।
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संवाददाता         लखनऊ लाइव

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