Sunday, 8 May 2022

घरों में पहले कपड़े खूंटे में टंगने लायक होते थे। कमोबेश एक जोड़ी साफ एक जोड़ी गंदे जो आपस में अदलते बदलते रहते। गंदे कपड़े नहाते समय कपड़े रीन से रगराते और फिर छत पे धूप खाते। शर्ट और पैंट अमूमन बाहर जाने के वक्त पहने जाते। घर आते ही उन्हें उतार लोग बनियान और लंगोट या पायजामे में आ

घरों में पहले कपड़े खूंटे में टंगने लायक होते थे। कमोबेश एक जोड़ी साफ एक जोड़ी गंदे जो आपस में अदलते बदलते रहते। गंदे कपड़े नहाते समय कपड़े रीन से रगराते और फिर छत पे धूप खाते। शर्ट और पैंट अमूमन बाहर जाने के वक्त पहने जाते। घर आते ही उन्हें उतार लोग बनियान और लंगोट या पायजामे में आ जाते। ठंड में एकाध स्वेटर वगैरह होते जो साल के दस महीने टीवी के नीचे रखी संदूक में फेनाइल के गोलियों के बीच रहते। किसी किसी दिवाली में नए कपड़े लिए जाते और पुराने या तो पोछा बनते या उन्हें बेच चम्मच कटोरी ली जाती। समय के साथ पर कपीटा कपड़े पर कपीटा सैलरी से कई ज्यादा तेजी से बढ़े। घर में वाशिंग मशीन आई और लोगों में आलस। शॉपिंग मॉल और क्रेडिट कार्ड भी। खूंटे कपड़ों के बोझ से गिरने लगे तो पहले अलना फिर कपड़ों की अलमारी वार्डरोब ली जाने लगी। टीवी दुबली हुई तो वो संदूक के बदले टीवी टेबल पे रखी जाने लगी और लोग चौकी के नीचे स्टोरेज ठुकवाने लगे। कपड़ों के नए वर्गीकरण होने लगे। सोने वाले कपड़े। बैठने वाले कपड़े। गुसलखाने वाले कपड़े। रसोई वाले कपड़े। इस्त्री को जाने वाले और इस्त्री से आने वाले कपड़े। दौड़ने वाले कपड़े। दुकान से दूध सब्जी लाने वाले कपड़े। चलने वाले कपड़े। कपड़े खरीदने मॉल जाने वाले कपड़े। दूसरों की बर्थडे पार्टी वाले कपड़े। अपनी बर्थडे पार्टी वाले कपड़े। शादी वाले कपड़े। मंदिर जाने वाले कपड़े। ऑफिस के कपड़े। शहर से ऑफिस के काम से बाहर जाने वाले कपड़े और घूमने जाने वाले कपड़े। कपड़ों के आपसी संबंध भी बनने लगे। इस शर्ट के साथ ये पैंट। इस सारी के साथ ये ब्लाउज। कलर स्कीम और मैचिंग की तो बात न करो। लाल हरे और नीले जो प्राइमरी रंग कहलाते हैं उन्हें किसी भी अनुपात में मिला दो एक नए रंग का नाम सुनने को मिलेगा। डीप ब्लू लाइट ब्लू स्काई ब्लू वाटर ब्लू बॉटल ब्लू ग्रेप ब्लू ब्रिंजल ब्लू। कभी अपने सारे कपड़ों का नेट क्षेत्रफल निकालिए और देखिए कितने बीघे में है?

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