*ज्ञानवापी मस्जिद की जगह अगर मंदिर निर्माण होता है तो सनातनीयों को मेरी तरफ से मुबारकबाद* *फरहत अली खान*
भारत देश सनातन धर्म का प्रतीक है ! यहां पर जो भी मुगल शासक रहे, अगर उन्होंने मंदिर , मस्जिद य जो भी महल बनवाएं और वह अवि विवादित थे ! तो उनकी सराहना करना चाहिए ! लेकिन अगर किसी भी मंदिर को तोड़कर के मस्जिद बनाई गई है , तो हम उनके घृणित कृत्य की भरथना और निंदा करते हैं ! अदालत के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए अगर अदालत यह तय करती है कि वहां पर किसी समय में मंदिर था ! तब यह फैसला स्वागत योग्य होगा साथ में हम मुस्लिम समाज से अपील करेंगे अगर गलती उस समय के शासकों से हुई है तब हमें भी उस गलती को स्वीकार करना चाहिए !
ना की टकराव की राजनीति ! देश सभी के सार्थक और समझदार प्रयासों से चलेगा ना की किसी भी धर्म के राजनेता या राजनीतिक दल के भड़काने, भटकाने या बहकाने से !
माननीय न्यायालय मंदिर के हक में फैसला देता है तो यह स्वागत योग्य और सनातनीयों को एक निष्पक्ष और सेकुलर मुसलमान की बहुत-बहुत बधाई !
किसी भी कोम और संप्रदाय को अपने धर्म के प्रति जागरूक होने की सख्त आवश्यकता है !
सही धर्म के अनुयायियों की पहचान है कि , अगर कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार करें !
फरहत अली खान
राष्ट्रीय अध्यक्ष
मुस्लिम महासंघ
No comments:
Post a Comment