Monday, 6 June 2022

मौसम की भविष्यवाणी इस वर्ष खेल राजनीति युद्ध अंतरिक्ष विज्ञान सहित महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार सहित सभी विषयों पर हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र की भविष्यवाणियां ईश्वर की कृपा और घनघोर परिश्रम लगन अनुसंधान के कारण 100 में 100% सत्य सिद्ध हुए इसके पहले भी लगातार 45 वर्ष से इस केंद्र की भविष्यवाणियों के सत्य होने का प्रतिशत 99% औसत रहा है जो अपने आप में एक ईश्वरीय चमत्कार है*

*मौसम की भविष्यवाणी इस वर्ष खेल राजनीति युद्ध अंतरिक्ष विज्ञान सहित महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार सहित सभी विषयों पर हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र की भविष्यवाणियां ईश्वर की कृपा और घनघोर परिश्रम लगन अनुसंधान के कारण 100 में 100% सत्य सिद्ध हुए इसके पहले भी लगातार 45 वर्ष से इस केंद्र की भविष्यवाणियों के सत्य होने का प्रतिशत 99% औसत रहा है जो अपने आप में एक ईश्वरीय चमत्कार है*

हमारे केंद्र ने बार-बार जनवरी में ही यह चेतावनी दिया था कि इस वर्ष की गर्मी सभी कीर्तिमान और ज्ञात प्रतिमाओं को तोड़कर एक नया विश्व कीर्तिमान बनाएगी और लगातार इतनी दीर्घ गर्मी कभी किसी ने देखा नहीं होगा और लगातार रोज लोगों से सावधान रहने को कहा जाता रहा मार्च-अप्रैल मई के बाद जून भी आग की भट्टी की तरह जल रहा है

*10 मई को हम लोगों ने अपनी विज्ञप्ति में कहा था कि 10 मई से 10 जून तक गर्मी का वह भयंकर कल्पना से परे और सभी कीर्तिमान को तोड़ने वाला गर्मी का दौर शुरू होगा जिसकी किसी ने कल्पना नहीं किया था और ठीक हो रही एक एक अक्षर हुआ सबसे बड़ी बात इस वर्ष लगातार मार्च से ही पुरवा हवा का चलना रहा जो कभी दक्षिण तो कभी उत्तर पूर्व की दिशा लेकर चलती रहे जिससे स्थितियां विकट से विकट और भयानक से भयानक होती गई हालत ये हो गई कि ऐसी चलाने पर कूलर जैसी ठंड भी नहीं लग रही है कूलर चलाने पर पंखे जैसी और पंखा चलाने पर आग निकल रहे हैं*

*अब आगे क्या होगा भीषण गर्मी से जल रहे लोगों का यही स्वाभाविक प्रश्न है मैं अपने केंद्र के माध्यम से पूरी तरह स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि अभी 7 जून है और 10 जून तक आप सभी लोग कीर्तिमान बनाने वाले महाप्रलयंकारी गर्मी उमस और पसीना से छूट पाने की कोई आशा न रखें बल्कि खुद को तैयार रखें इससे इस प्रलयंकारी बिकट गर्मी उमस और पसीने से लड़ने में आपको मदद मिलेगी इतना जरूर है कि 10 जून तक 1 दिन का मौसम अच्छा मिलने वाला है जो कभी भी मिल सकता है*


और आप यह मत सोचिए कि यह महा भयंकर प्रलयंकारी रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाने वाली गर्मी केवल जौनपुर उत्तर प्रदेश या भारत में ही पड़ रही है गर्मी की यही विकट अवस्था संपूर्ण दक्षिण पूर्व एशिया म्यांमार बांग्लादेश नेपाल भूटान पाकिस्तान अफगानिस्तान इराक ईरान अरब देश दुबई कतर संपूर्ण उत्तरी अफ्रीका का पूरा भाग सहारा रेगिस्तान दक्षिणी चीन मंगोलिया रूस का दक्षिणी भाग यूरोप का 60% दक्षिणी हिस्सा मेक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका का आधा भाग उत्तरी अमेरिका से सटा हुआ दक्षिणी अमेरिकी भाग भी इस प्रलयंकारी गर्मी में जल रहे हैं और इसी श्रेणी में आस्ट्रेलिया का उत्तरी भाग भी है पाकिस्तान में आने का स्थानों पर तापमान 52 से 53 डिग्री चल रहा है जबकि भारत में अधिकतम तापमान 50 से लेकर 51 डिग्री चला गया है मेक्सिको अमेरिका के तापमान 55 डिग्री सेंटीग्रेड से लेकर 56 डिग्री चल रहा है तो सहारा रेगिस्तान में भी 55 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान चल रहा है इस प्रकार धरती का आधा से अधिक भाग गर्म हो चुका है और यही कारण है कि भयंकर आंधी तूफान चक्रवात भी नहीं बन पा रहे हैं

*11 जून से मौसम में होगा सुधार जौनपुर और आसपास ही नहीं संपूर्ण भारत और विश्व के उपर्युक्त भागों में एक 11 जून से मौसम में धीरे-धीरे सुधार होगा जौनपुर और आसपास का तापमान 47 डिग्री से गिरकर 40 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास आ जाएगा जो बहुत बड़ी राहत होगी और उमस पसीना से भी काफी राहत मिलेगी ईश्वर कृपा करें कि एक zola राधिका दिया जाए तो लोगों को काफी रात मिले और उसकी आने की पूरी संभावना भी है*

बचे हुए इन 4 दिनों में बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है इसी के साथ मैं फिर से इस बात को दोहरा रहा हूं जैसा कि हर वर्ष और सरकारी और प्राइवेट विभागों के तथाकथित महान वैज्ञानिक जो लाखों रुपए का वेतन पाते हैं जनता को भ्रमित कर रहे हैं कि मानसून समय से पहले आएगा बहुत तेजी से आगे बढ़ेगा ऐसा कुछ नहीं होगा

*इस वर्ष कब मानसून प्रारंभ में बहुत ही कमजोर अनिश्चित अनियमित और विलंबित होगा इतना ही नहीं प्रणाम में वर्षा की मात्रा भी अपेक्षा से बहुत कम होगी जिसको यह लोग देख नहीं पाया और अब पछता रहे हैं अरबों खरबों रुपयों के उपकरण हजारों लाखों लोगों की फौज और लाखों रुपयों का वेतन पाना व्यर्थ है क्योंकि यह लोग आंधी तूफानों में समुद्रों में रेगिस्तान और पर्वतों पर जलती हुई धूप और आंधियों में अपने यंत्र ले जाकर परिश्रम नहीं करना चाहते हैं और हर सरकारी विभाग संस्थान की तरह इसमें भी अधिकतर हरामखोर हो गए हैं इसीलिए सही जानकारी देने की जगह गलत जानकारी ही देते हैं जबकि सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों अधिकारियों को घनघोर परिश्रम करके सही आंकड़े निकालकर जन सेवा करनी चाहिए*


और एक बात यह भी याद रखें कि गर्मी की यह मात्रा उमस और पसीना हर वर्ष बढ़ता जाएगा मानव सभ्यता ने प्रकृति और पर्यावरण तथा ईश्वरी शक्तियों के साथ जो खिलवाड़ किया है उसकी महा भयंकर कीमत उसे महाविनाश के रूप में चुकानी ही पड़ेगी अगर प्रत्येक घर एक कूलर की जगह एक छायादार घने वृक्ष होता तो आज यह नौबत कदापि नहीं आती बाकी आज के युग में किसी को कुछ कहने पर खतरा ही है

जौनपुर और आसपास 17 जून से 21 जून तक मानसून आने की प्रबल संभावना है और आकर रहेगा प्रारंभ में कमजोर रहेगा बाद में जोर पकड़ लेगा घनघोर प्रलयंकारी वर्षा के बावजूद भी देश का एक चौथाई भाग सूखे से और तीन चौथाई भाग बाढ़ जल प्लावन और भूस्खलन से ग्रस्त रहेगा और वर्षा के बीच बीच में सूखा पड़ना तय है इसलिए एक बार फिर से हमारा केंद्र कहा है कि धान के साथ-साथ मिली जुली फसलों को अवश्य लगाएं और आने वाले समय का लाभ उठाएं

अभी 11 जून तक जौनपुर और आसपास का मौसम इसी तरह घनघोर पसीना उमस के साथ-साथ 45 से 47 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान वाला रहेगा और उत्तर प्रदेश और भारत के अनेक राज्यों में तापमान 46 से 50 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहेगा और इसमें राहत 11 जून से ही मिलने प्रारंभ होगी इसी बीच आर्द्रता लगातार न्यूनतम 7% से लेकर 50% के बीच रहेगी दृश्यता 7 किलोमीटर से 11 किलोमीटर के बीच रहेगी और पराबैंगनी किरणों का स्तर बेहद घातक 10 से 12 के बीच चला जाता रहेगा वातावरण अत्यधिक प्रदूषित रहेगा और हवा की गुणवत्ता काफी खराब रहेगी जो 25 से बढ़कर 200 से 350 तक पहुंच जाएगी और वायुदाब भी 997 से 999 मिली बार के बीच रहेगा यह सभी आंकड़े 10 जून तक के हैं

*डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी बाल गोपाल शिवानी ज्योतिष मौसम विज्ञान अनुसंधान केंद्र मोबाइल नंबर 94 1562 3583 साथ में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के सुरेश कुमार वर्मा इसरो के राजकुमार मौर्य डॉ श्वेता डॉ मानवेंद्र पद्मासिंह कन्हैया लाल पांडे एवं मनीष पांडे ज्योतिष एवं कर्मकांडी विद्वान एसके उपाध्याय और के भारतीय कहावतें और पंचांग तथा देसी मौसम के विद्वान*

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