Monday, 6 June 2022

कल विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन योग गुरु डॉक्टर जितेंद्र प्रताप सिंह एवं कथा मर्मज्ञ राकेश जी के संयुक्त आयोजन में अंबर होटल के निकट उनके आवास पर आयोजित किया गया जिसमें नगर की महान और दिग्गज हस्तियां उद्योगपति अशोक सिंह तिलकधारी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य वीरेंद्र सिंह परिहार बीआरपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ सुभाष सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि मध्यस्थता अधिकारी एवं निदेशक डॉ दिलीप कुमार सिंह डॉ अजय दुबे नित्यानंद पांडे दारा सिंह उपस्थित रहे

कल विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन योग गुरु डॉक्टर जितेंद्र प्रताप सिंह एवं कथा मर्मज्ञ राकेश जी के संयुक्त आयोजन में अंबर होटल के निकट उनके आवास पर आयोजित किया गया जिसमें नगर की महान और दिग्गज हस्तियां उद्योगपति अशोक सिंह तिलकधारी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य वीरेंद्र सिंह परिहार बीआरपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ सुभाष सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि मध्यस्थता अधिकारी एवं निदेशक डॉ दिलीप कुमार सिंह डॉ अजय दुबे नित्यानंद पांडे दारा सिंह उपस्थित रहे

अशोक सिंह उद्योगपति द्वारा पर्यावरण की चर्चा करते हुए कहा गया कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है और साथ ही लगाए गए पौधों के सूख जाने पर अधिकारियों का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें बहुत सारे काम होते हैं जिसमें उन्हें अपनी नौकरी भी बचाने पड़ती हैं उन्होंने एक बड़े पर्यावरण के सम्मेलन करने पर अपनी भरपूर मदद करने की घोषणा किया

डॉक्टर सुभाष सिंह प्रधानाचार्य बीआरपी इंटर कॉलेज में सनातन धर्म का उदाहरण देते हुए कहा कि प्राचीन काल में और आज भी सनातन धर्म प्रकृत के साथ मजबूत संबंध बनाकर चलता है और हरियाली है तो हम सभी हैं और पर्यावरण अगर प्रदूषित हो गया तो सब कुछ दूषित हो जाएगा

कथावाचक और गीता के विद्वान राकेश जी ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण ईश्वर के ही अंश है और उसकी सुरक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है हरे भरे वातावरण और शांत वातावरण से योग और ध्यान भी लगता है और ईश्वर से निकटता भी बढ़ती है

इसी क्रम में मुख्य वक्ता डॉ दिलीप कुमार सिंह ने सतयुग त्रेता द्वापर और कलयुग में प्रकृति और पर्यावरण में संबंध स्थापित करते हुए कहा कि सतयुग में 95% त्रेता में 90% द्वापर में 85% और कलयुग के प्रारंभ में 80% धरती हरियाली वृक्षों पादपों से आज शादी थी और परम शुद्ध जल और वायु मिलता था यहां तक की अभी इस 40 वर्ष पहले लोग सिंचाई के लिए जा रहे हैं नाली के पानी को जी भर कर पीते थे और कुएं और हैंडपंप के पानी से मन तृप्त हो जाता था आज कंक्रीट और सीमेंट के जाल में और जंगल में असली जंगल हरियाली लुप्त हो गए हैं

 और भयंकर पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है उन्होंने आंकड़ों और कागजों की बाजीगरी पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि 100 पौधे ही लगाए जाएं लेकिन सभी सुरक्षित रहें इसके अलावा जब तक धरती पर हरियाली स्वच्छ जल और वायु नहीं होगी तब तक लोग ईश्वरी सत्ता से और अपनी अंतरात्मा से दूर रहेंगे उन्होंने सनातन धर्म के व्रत पर्व त्योहारों का उदाहरण देते हुए कहा कि सारे व्रत त्यौहार उत्सव प्रकृति और पर्यावरण पर ही बनाए गए हैं और हमारे यहां पूजा-पाठ विवाह मांगलिक कार्यों में लगभग सभी वृक्षों जड़ी बूटियों को अनिवार्य बनाया गया वरना अब तक मिट चुकी होती आज अगर जो टी सी तिल सावां कोदो देसी घी जैसी चीजें बचे हैं तो वह हमारे इसी पूजा पाठ व्रत अनुष्ठान और मांगलिक कार्यों में इसकी अनिवार्यता के कारण ही बचे हैं पर्यावरण में प्रदूषण जलवायु ध्वनि मृदा के साथ-साथ मानसिक प्रदूषण के द्वारा भी होता है

इसी क्रम में टीडी कॉलेज के प्रधानाचार्य वीरेंद्र प्रताप सिंह परिहार आर्यन पांडे नित्यानंद पांडे और अन्य विद्वान वक्ताओं ने भी इस कार्यक्रम को बड़ी ही विद्वत्ता के साथ संबोधित किया और कहा कि जितनी जल्दी हम अपने प्राचीन संस्कृत के नजदीक चले जाएंगे और वह सभ्यता अपना लेंगे उतने ही जल्दी देश का कल्याण होगा वरना लोग नाक और मुंह पर मास्क के साथ पीठ पर गैस का सिलेंडर ला देते हुए नजर आएंगे एक कूलर खरीद कर सुबह-शाम पानी भरने से अच्छा है कि एक पेड़ लगाकर 5 वर्ष की सेवा करके जीवन भर शुद्ध हवा पानी छाया ऑक्सीजन प्राप्त करो और मुफ्त में लकड़ी और फल फूल भी

कार्यक्रम का अत्यंत सुंदर और शानदार संचालन योग गुरु जितेंद्र प्रताप सिंह के द्वारा किया गया

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